Sansar डेली करंट अफेयर्स, 29 July 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 29 July 2019


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : National Medical Commission (NMC) Bill

संदर्भ

लोकसभा ने पिछले दिनों राष्ट्रीय चिकत्सा आयोग (NMC) विधेयक को पारित कर दिया.

राष्ट्रीय चिकत्सा आयोग विधेयक में क्या है?

  • राष्ट्रीय चिकत्सा आयोग विधेयक के माध्यम से देश में एक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाया जा रहा है. इस आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव सरकार करेगी. आयोग में पाँच चुने हुए और बारह पदेन सदस्य होंगे.
  • विधेयक में चार स्वायत्त बोर्ड के गठन का प्रावधान है. ये बोर्ड राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अन्दर काम करेंगे. इनका काम होगा स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा का संचालन करना, उनका मूल्यांकन करना, चिकित्सा संस्थानों का विप्रमाणन करना एवं चिकित्साकर्मियों का राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अंतर्गत पंजीकरण करना. इन बोर्डों के सदस्यों का चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित संधान समिति (search committee) करेगी.
  • विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के 40% तक उपलब्ध सीटों के लिए शुल्क हेतु दिशानिर्देश दे सकता है.
  • विधेयक के अनुसार सनात्कोत्तर पाठ्यक्रम में नाम लिखाने अथवा चिकित्सा कार्य आरम्भ करने के पहले एक परीक्षा होगी जिसको उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा.
  • सीटें बढ़ाने के लिए अथवा सनात्कोत्तर पाठ्यक्रम चालू करने के लिए मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थानों को नियामक की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. ऐसा प्रावधान इसलिए किया गया है कि नियामक की विवेकाधीन शक्तियों को कम करके रखा जाए.
  • विधेयक के अनुसार अब नियामक की शक्तियाँ मात्र स्थापना और मान्यता देने तक सीमित होंगी. इससे लाल फीताशाही घटेगी और चिकित्सा महाविद्यालयों की जाँच में कमी आएगी.

नए कानून की आवश्यकता क्यों?

  • भारतीय चिकित्सा परिषद् अपने दायित्वों को पूरा करने में बार-बार असमर्थ सिद्ध हो रही थी.
  • चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता आज न्यूनतम स्तर पर है. चिकित्सा शिक्षा और पाठ्यक्रमों को हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुसार एकात्म नहीं किया जा सका है जिस कारण सही प्रकार के स्वास्थ्यकर्मी चिकित्सा संस्थानों से नहीं निकल रहे हैं.
  • सामान्य प्रसव जैसे मूलभूत कार्य में भी आजकल के चिकित्सा स्नातक सक्षम नहीं हैं. अनैतिक व्यवहार के भी उदाहरण बढ़ते जा रहे हैं और इससे चिकित्सा के पेशे के प्रति जनसामान्य में सम्मान घट रहा है.
  • भारतीय चिकित्सा परिषद् में अयोग्य व्यक्ति पहुँच जाते हैं जिनको भ्रष्टाचारी सिद्ध होने पर भी हटाने की शक्ति स्वास्थ्य मंत्रालय के पास नहीं है.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : NAM

संदर्भ

पिछले दिनों निर्गुट आन्दोलन (Non-Aligned Movement – NAM) के समन्वय ब्यूरो की मंत्री-स्तर की बैठेक वेनेजुएला की राजधानी कराकस में सम्पन्न हुई.

इस बैठक की थीम थी – अंतर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान के माध्यम से शान्ति को बढ़ावा और उसका सुदृढ़ीकरण. Promotion and Consolidation of Peace through Respect for International Law.

इस बैठक में जिन विषयों पर चर्चा हुई उनमें प्रमुख थे – जलवायु परिवर्तन, डिजिटल तकनीकें और आतंकवाद.

बैठक में भारत द्वारा दिए गये सुझाव

  • निर्गुट आन्दोलन की समीक्षा होनी चाहिए और इसकी कार्यपद्धति को बदलना चाहिए.
  • निर्गुट देशों को एक नए पथ पर जाने की आवश्यकता है.

NAM क्या है?

  • निर्गुट आन्दोलन की स्थापना 1961 में तत्कालीन यूगोस्लाविया देश की राजधानी बेलग्रेड में हुई थी.
  • इसकी स्थापना की नींव 1955 में इंडोनेशिया के बांडुंग नगर में आयोजित एशिया-अफ्रीका सम्मेलन के समय पड़ी थी.
  • इसकी स्थापना में जिन देशों के प्रमुख आगे थे, वे थे – यूगोस्लाविया, भारत, मिस्र, घाना और इंडोनेशिया.
  • निर्गुट आन्दोलन में वे देश सम्मिलित हुए थे जो शीतयुद्ध के दौरान न तो अमेरिका और न ही सोवियत संघ के गुट में थे. वे स्वतंत्र या निष्पक्ष रहना चाहते थे.
  • निर्गुट आन्दोलन में सम्मिलित सभी देश विकासशील देश थे.

NAM की मुख्य नीतियाँ

निर्गुट आन्दोलन पंचशील के पाँच सिद्धांतों पर आधारित थी. अंतर्राष्ट्रीय व्यवहार को निदेशित करने वाले इन सिद्धांतों की परिकल्पना 1954 में हुई थी. पंचशील के पाँच सिद्धांत इस प्रकार थे –

  1. एक दूसरे की अखंडता और संप्रुभता का सम्मान.
  2. एक दूसरे पर आक्रमण न करना.
  3. एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना.
  4. सामान और परस्पर लाभकारी सम्बन्ध.
  5. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व

निर्गुट आन्दोलन यह मान कर चला था कि युद्ध अनिवार्य हो जाता है परन्तु उससे बचा भी जा सकता है.

पंचशील सिद्धांत के विषय में विस्तारपूर्वक पढ़ें > पंचशील सिद्धांत

NAM से भारत को क्या मिला?

  • शीतयुद्ध के दौरान भारत द्वारा उठाये गये कई विषयों के समाधान में NAM से सहायता मिली, जैसे – उपनिवेशवाद की समाप्ति, रंग-भेद का उन्मूलन, वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण, नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सूचना विषयक व्यवस्थाओं का उदय आदि.
  • भारत और 50 एवं 60 के दशक में बने नए-नए देशों को सुरक्षित करने और नव उपनिवेशवाद के चंगुल से बचने में NAM ने सहायता पहुँचाई.
  • निर्गुट आन्दोलन के कारण भारत एक सॉफ्ट-पॉवर नेता के रूप में उभरा और उसकी यह स्थिति अभी भी बनी हुई है.
  • निर्गुट देश विश्व की दो महाशक्तियों के गुटों में सम्मिलित नहीं थे. इसका फल यह हुआ कि उन्होंने दोनों गुटों से समय-समय पर आर्थिक और सैन्य सहायता प्राप्त की.

GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana or DDU-GKY

संदर्भ

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य गाँव में रहने वाले निर्धन युवाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उन्हें एक ऐसे कार्यबल में रूपांतरित करना है विश्व में कहीं भी कार्य करने में सक्षम हो.

इस योजना में 15 से 35 वर्ष की आयु के युवाओं को लक्ष्य बनाया गया है.

यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission – NRLM) का एक भाग है.

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के उद्देश्य

  • निर्धन और वंचित हासिये पर पड़े जनों को लाभ पहुँचाना.
  • लाभार्थी जनों में से 50% अजा/अजजा से, 15% अल्पसंख्यकों से और 33% स्त्रियों को लक्षित करना है.
  • प्रशिक्षण के स्थान पर आजीविका की प्रगति पर बल देना.
  • नौकरी लग जाने पर, परिव्रजन और शिक्षा नेटवर्क के लिए समर्थन देना.
  • नौकरी लगाने से सम्बंधित भागीदारियाँ बनाने में सक्रिय दृष्टिकोण रखना.
  • कम से कम 75% प्रशिक्षित व्यक्तियों को नौकरी की गारंटी देना.
  • कार्यान्वयन में संग्लन प्रतिभागियों की क्षमता को बढ़ाना.
  • प्रशिक्षण देने के लिए नए सेवा प्रदाताओं का पोषण करना और उनके कौशल्य को विकसित करना.
  • जम्मू और कश्मीर के निर्धन ग्रामीण युवाओं के लिए बनी HIMAYAT परियोजना पर पहले से अधिक बल देना.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Pradhan Mantri Laghu Vyapari Maan-dhan Yojana

संदर्भ

छोटे व्यापारियों के लिए बनाई गई  पेंशन योजना – प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना – की अधिसूचना पिछले दिनों भारत सरकार द्वारा निर्गत की गई. यह योजना अभी प्रायोगिक आधार पर चलाई जायेगी.

योजना के मुख्य तत्त्व

  • इस योजना के अंतर्गत सभी छोटे दुकानदारों, खुदरा विक्रेताओं और स्व-नियोजित व्यक्तियों को 60 वर्ष होने पर न्यूनतम 3,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जायेगी.
  • इस योजना का लाभ उठाने के लिए वे ही व्यक्ति योग्य माने जाएँगे जिनकी आयु 18 से 40 के बीच है और जिनका GST टर्न ओवर डेढ़ करोड़ रु. से कम है.
  • इस योजना में उन लोगों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा जिनको सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है, जैसे – राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना और कर्मचारी भविष्य निधि. इसके अतिरिक्त जो आयकर के दायरे में आते हैं, उनको इसका लाभ नहीं मिलेगा.
  • इस योजना के लिए लाभार्थी को प्रत्येक महीने एक विशेष राशि जमा करनी होगी और केंद्र सरकार उतनी ही राशि अपनी ओर से जमा करेगी.
  • यह योजना स्वघोषणा पर आधारित योजना है क्योंकि इसमें बैंक खाते और आधार कार्ड के अतिरिक्त कोई भी अभिलेख जमा करने की आवश्यकता नहीं है.

योजना के अंतर्गत लाभार्थी और केंद्र सरकार द्वारा दिए गये अंशदान से सम्बंधित तालिका नीचे द्रष्टव्य है –

Pradhan Mantri Laghu Vyapari Maan-dhan Yojana


GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : Global Innovation Index

संदर्भ

वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2019 प्रकाशित हो चुका है. इस वर्ष की थीम है – स्वस्थ जीवन का सृजन (Creating Healthy Lives – The Future of Medical Innovation, which aims to explore the role of medical innovation as it shapes the future of healthcare).

इस सूचकांक का प्रकाशन संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ एजेंसी WIPO कोर्नेल विश्वविद्यालय एवं ग्रेजुएट बिज़नस स्कूल INSEAD के साथ मिलकर करता है. WIPO का पूरा नाम है –  विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation).

इस सूचकांक को तैयार करने में 80 संकेतकों का प्रयोग किया जाता है, जैसे – अनुसंधान और विकास में निवेश,  अंतर्राष्ट्रीय पेटेंटों की संख्या, ट्रेडमार्क के लिए दी गये आदेवन आदि आदि…

वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2019 में भारत का प्रदर्शन

  • पिछले वर्ष इस सूचकांक भारत का स्थान 57वाँ था जो सुधरकर इस वर्ष 52वाँ हो गया है.
  • नवाचार और नई उभरती तकनीकों के सन्दर्भ में भारत अच्छा करता रहा है. इस वर्ष 2015 की तुलना में भारत ने 29 स्थानों की छलांग लगाई है. विदित हो कि 2015 में भारत का स्थान 81वाँ था जो 2016 में 66वाँ हुआ, 2017 में 60वाँ हुआ, 2018 में 57वाँ हुआ और इस वर्ष 52वाँ हो गया.
  • इस प्रकार भारत मध्य और दक्षिणी एशिया की सबसे अधिक नवाचारी अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

मुख्य निष्कर्ष

  • कुछ उच्च आय वाले देशों में सार्वजनिक अनुसंधान एवं विकास की मद पर होने वाला खर्च बहुत धीरे बढ़ रहा है या तो एकदम ही नहीं बढ़ रहा है.
  • पिछले कुछ दशकों में विज्ञान, नवाचार एवं तकनीक का वैश्विक परिदृश्य बहुत कुछ बदल चुका है. एशिया की अर्थव्यवस्थाएँ, विशेषतः मध्यम आय वाली, तेजी से वैश्विक अनुसंधान एवं विकास में अपना योगदान बढ़ा रही है. साथ ही WIPO की अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट प्रणाली के माध्यम से ये देश अतंर्राष्ट्रीय पेटेंट के मामले में भी आगे चल रहे हैं.

Prelims Vishesh

Swadesh Darshan scheme :-

  • पिछले दिनों भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत तीर्थंकर सर्किट नामक एक नया सर्किट बनाया है जिसके अन्दर जैन तीर्थस्थल आएँगे.
  • इस परियोजना में आने वाले सभी तीर्थस्थल बिहार में स्थित हैं. ये हैं – वैशाली, आरा, मसाढ़, पटना, राजगीर, पावापुर और चंपापुरी.

Cabinet approves merger / amalgamation of NIMH with ICMR- NIOH :-

पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान (National Institute of Miners’ Health – NIMH) को भंग करते हुए उसका विलय अहमदाबाद स्थित ICMR-NIOH के साथ कर दिया है.

Colistin banned in animal food industry :

  • आजकल पशुओं के उपचार में कोलिस्टीन नामक एक मूल्यवान और अत्यंत संकट के समय प्रयोग में आने वाले एंटी-बायटिक दवा का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है.
  • इसलिए पिछले दिनों एक आदेश निकालकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस दवा का प्रयोग भोज्य पशुओं, मुर्गी-बत्तक आदि, मछली-झींगों और पशु-चारा पूरक पोषाहार में प्रतिबंधित कर दिया है.

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