Sansar डेली करंट अफेयर्स, 29 February 2020

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 29 February 2020


GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : 1000 springs initiative

संदर्भ

केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने हाल में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 1000 जल स्रोत कार्यक्रम तथा जल स्रोतों के जलविज्ञान तथा रासायनिक गुणों के साथ जीआईएस आधारित जलस्रोत (स्प्रिंग) एटलस पर ऑनलाइन पोर्टल भी अनावरण किया.

1000 जल स्रोत कार्यक्रम क्या है?

  • 1000 जल स्रोत कार्यक्रम का उद्देश्य देश के कठिन और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय सुमदाय के लिए सुरक्षित और पर्याप्त जल तक पहुंच में सुधार करना है.
  • यह प्राकृतिक जल स्रोतों के इर्द-गिर्द एकीकृत समाधान है.
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य पाइप पेय जल सप्लाई के लिए अवसंरचना का प्रावधान, सिंचाई जल का प्रावधान, सामुदायिक नेतृत्व वाले संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम तथा घर के पीछे बागानों के लिए जल का प्रावधान करना और जनजातीय लोगों के लिए सतत आजीविका अवसर का सृजन करना हैं.

जीआईएस आधारित जल स्रोत एटलस पर ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है ताकि ऑनलाइन प्लेटफार्म से सहज रूप में इन आंकड़ों को प्राप्त किया जा सके. स्प्रिंग एटलस पर 170 जल स्रोत अपलोड किए गए हैं.

कार्यक्रम की आवश्यकता

  • जल स्रोत भूजल के प्राकृतिक स्रोत हैं और भारत सहित पूरे विश्व के पर्वतीय क्षेत्रों में इनका प्रयोग किया जाता है. लेकिन मध्य और पूर्वी भारत के 75 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले क्षेत्र में जल स्रोतों को मान्यता नहीं दी गई है और उनका उपयोग कम किया गया है.
  • इस कार्यक्रम से जनजातीय क्षेत्रों में जल की प्राकृतिक कमी की समस्या से निपटने में बारहमासीजल स्रोत की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  • इस पहल के अंतर्गत ओडिशा के तीन जिलों- कालाहांडी, कंधमाल तथा गजपति- के ग्रामीण क्षेत्र से 70 जनजातीय युवाओं को बिना जूते के जलविज्ञानी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इन युवाओं को जल स्रोतों की पहचान और मैपिंग के लिए पारंपरिक और वैज्ञानिक ज्ञान तथा अपनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुनर्जीवन तथा संरक्षण कार्यक्रम को सम्मिलित करके प्रशिक्षित किया गया है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.

Topic : Cauvery Water Management Authority (CWMA)

संदर्भ

नई दिल्ली में संपन्न कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) की पाँचवीं बैठक में कर्नाटक ने मेकेडाटु बाँध परियोजना पर अनुमोदन माँगा. इस पर तमिलनाडु और पुडुचेरी ने आपत्ति जताई. इन आपत्तियों को देखते हुए CWMA ने कर्नाटक के अनुरोध पर चर्चा बंद कर दी.

मेकेडाटु बाँध परियोजना क्या है?

  • यह कर्नाटक सरकार की एक परियोजना है जो मेकेडाटु में चलाई जायेगी. यह स्थान कर्नाटक के रामनगरम जिले में कावेरी नदी के तट पर है.
  • इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य बेंगलुरु को पेयजल मुहैया करना और इस क्षेत्र के भूगर्भ जल के स्तर को ऊँचा करना है.

परियोजना से सम्बन्धित विवाद

तमिलनाडु को इस परियोजना पर आपत्ति है जिसको लेकर उसने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दी है. इस राज्य का मुख्य तर्क यह है कि यह परियोजना कावेरी नदी जल पंचाट के अंतिम निर्देश का उल्लंघन करता है और प्रस्तावित दो जलाशयों के निर्माण के कारण कृष्णराज सागर तथा कावेरी जलाशय के नीचे के निकटवर्ती नदी क्षेत्र तथा कर्णाटक और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित Billigundulu में जलप्रवाह को अवरुद्ध कर देगा.

दूसरी ओर कर्नाटक का कहना है कि यह प्रस्तावित परियोजना तमिलनाडु को दिए जाने वाले जल की निश्चित मात्रा को छोड़ने में आड़े नहीं आएगी और न ही इसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा.

कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (Cauvery Water Management Authority-CWMA)

  • तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल एवं पुडुचेरी के बीच जल के बँटवारे संबंधी विवाद को निपटाने हेतु 1 जून, 2018 को केंद्र सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) का गठन किया.
  • इस प्राधिकरण के गठन का निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी, 2018 को दिया था. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, केंद्र सरकार को 6 सप्ताह के भीतर इस प्राधिकरण का गठन करना था.

प्राधिकरण की संरचना

  • इस प्राधिकरण में 1 अध्यक्ष तथा 8 सदस्यों के अलावा एक सचिव सम्मिलित है.
  • 8 सदस्यों में से दो पूर्णकालिक और छह अंशकालिक सदस्य हैं.
  • अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.
  • प्राधिकरण के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष या आयु के 65 वर्ष पूरे होने तक निर्धारित किया गया है. अन्य सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित किया गया है और इसे पाँच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.

कावेरी नदी से सम्बंधित कुछ तथ्य

  • कावेरी नदी कर्नाटक राज्य के दक्षिण-पश्चिम में स्थित पश्चिमी घाट की पहाड़ी ब्रह्मगिरी से निकलती है.
  • वहाँ से यह नदी दक्षिण-पूर्वी दिशा पकड़कर 475 मील चलते हुए और कर्नाटक और तमिलनाडु से गुजरते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है.
  • कुड्डालोर (तमिलनाडु) के निकट बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले यह छोटी-छोटी सहायक नदियों में बँट जाती है और एक विशाल डेल्टा बनाती है जिसे “दक्षिण भारत का उपवन (Garden of Southern India)” कहलाता है.
  • कर्नाटक में इसके आरंभिक प्रवाह के दौरान कृष्णराज सागर के पास दो बड़ी-बड़ी नदियाँ आकर इससे मिलती हैं, जिनके नाम हेमवती और लक्ष्मणतीर्थ हैं.
  • इस स्थान पर एक बहुत बड़ा बाँध बना हुआ है.
  • तमिलनाडु के प्रवेश करने के बाद कावेरी नदी कई कुटिल घाटियों से होकर आगे बढ़ती जाती है और अंत में Hogenakal Falls बनाती है. यहाँ पर भी एक बाँध बनाया गया है जिसका Mettur Dam है जो बिजली और सिंचाई के लिए तैयार किया गया है.
  • कावेरी की मुख्य सहायक नदियाँ हैं – कब्बानी, अमरावती, नोयिल, भवानी.

GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : Technology missions.

Topic : Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana

संदर्भ

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 32 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इस परियोजनाओं को 17 राज्यों में फैलाया जाएगा. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 406 करोड़ रुपये की फंड की मंजूरी प्रदान की गयी है.

इससे संबंधित मुख्य तथ्य

  • केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. नई परियोजनाएं 406 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 17 राज्यों को कवर करेंगी.
  • इन परियोजनाओं के तहत लगभग पंद्रह हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
  • आधुनिक प्रसंस्करण तकनीकों से कृषि उपज को ज्यादा दिन सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय किसानों को उपभोक्ताओं से जोड़ने में खाद्य प्रसंस्करण की अहम भूमिका है.
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग अर्थव्यवस्था की दिशा में बेहतर योगदान हेतु किसानों, सरकार और बेरोजगार युवाओं के बीच कड़ी का काम कर सकता है.

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की शुरुआत अगस्‍त 2017 में की गई थी. यह योजना पूरी तरह से कृषि केंद्रित योजना है.
  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का उद्देश्‍य कृषि न्‍यूनता पूर्ण करना, प्रसंस्‍करण का आधुनिकीकरण करना और कृषि के दौरान संसाधनों के होने वाले अनावश्यक नुकसान को कम करना है.

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के कार्यान्‍वयन से उत्पादों की आपूर्ति प्रबंधन को सुधारा जा सकता है और एक आधुनिक अवसंरचना का का विकास किया जा सकता है. यह देश में न केवल खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिये एक बेहतर प्रयास होगा बल्कि यह किसानों को बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त करने मे भी सहायक होगा. साथ ही यह किसानों की आय को दुगुना करने की दिशा में भी एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.


GS Paper 3 Source: PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : Major crops cropping patterns in various parts of the country, different types of irrigation and irrigation systems storage, transport and marketing of agricultural produce and issues and related constraints; e-technology in the aid of farmers.

Topic : Farmers Producer Organisations

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में चित्रकूट में देशभर में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (Farmers Producer Organisation – FPO) का अनावरण किया.

किसान उत्पादक संगठनों का माहात्म्य

  • छोटे और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 86 प्रतिशत हैं, जिनके पास देश में 1.1 हेक्टेयर से कम औसत खेती है.
  • इन छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें प्रौद्योगिकी, बेहतर बीज, उर्वरक, कीटनाशक और समुचित वित्त की समस्याएं शामिल हैं.
  • इन किसानों को अपनी आर्थिक कमजोरी के कारण अपने उत्पादों के विपणन की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है.

लाभ

  • किसान उत्पादक संगठनों से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के सामूहीकरण में सहायता होगी, ताकि इन मुद्दों से निपटने में किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ सके.
  • इस संगठन के सदस्य संगठन के तहत अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे, ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सके और उनकी आजीविका तेजी से बढ़ सके.

किसी उत्पादक संगठन की  मूल विशेषताएँ क्या होती हैं?

  • इसका गठन खेती अथवा खेती से इतर गतिविधियों से जुड़े उत्पादकों के समूह द्वारा किया जाता है.
  • यह एक पंजीकृत निकाय और एक कानूनी इकाई होता है.
  • इस संगठन में उत्पादकगण अंशधारक होते हैं.
  • यह संगठन प्राथमिक उत्पाद से जुडी व्यावसायिक गतिविधियों का काम देखता है.
  • यह सदस्य उत्पादकों के लाभ के लिए काम करता है.
  • प्राप्त किये गये लाभ का एक अंश उत्पादकों के बीच बाँटा जाता है.
  • शेष अधिकाई अंश को इसके कोष में जोड़ दिया जाता है जिससे व्यवसाय का विस्तार किया जा सके.

GS Paper 3 Source: The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.

Topic : Ease 3.0 for tech-enabled banking

संदर्भ

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तकनीक से युक्त बैंकिंग के लिए EASE 3.0 कार्यक्रम का अनावरण किया. इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक बैंकों में जाने वाले ग्राहकों के अनुभव में परिवर्तन लाना है.

EASE 3.0 कार्यक्रम क्या है?

  • EASE का पूरा नाम Enhanced Access and Service Excellence है.
  • इसका उद्देश्य आकांक्षाशील भारत के लिए तकनीक से युक्त सरकारी बैंकों को स्मार्ट और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है.
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी –
  1. पाम बैंकिंग (Palm Banking) : इसमें बैंकों द्वारा दी गई वित्तीय सेवा को प्रारम्भ से अंत तक डिजिटल बनाया जाएगा.
  2. बैंकिंग ऑन गो : इसके अंतर्गत वैसे सभी स्थानों पर बैंक खोले जाएँगे जहाँ लोग बहुत कर के जाया करते हैं, जैसे मॉल, स्टेशन, कॉम्पलेक्स और कैंपस.

EASE 3.0 के पीछे धारणा

वित्त मंत्रालय चाहता है कि जहाँ लोग अधिक जाते हैं वैसे स्थानों में कागज़-रहित और डिजिटल बैंकिंग की सुविधा स्थापित की जाए. इसके लिए जिन थीमों का चयन किया गया है, वे हैं – उत्तरदाई बैंकिंग, सरकारी बैंकों द्वारा उद्यमी मित्र की भूमिका, ग्राहकों की बात पर ध्यान देना, ऋण सुविधा और गहन वित्तीय समावेश.

EASE कार्यक्रम का इतिहास

EASE कार्यक्रम सबसे पहली बार जनवरी 2018 में आरम्भ हुआ था. बाद में इसे EASE 1.0 का नाम दिया गया. कालांतर में EASE 2.0 कार्यक्रम आया जिसमें सरकार ने इन बातों पर ध्यान केन्द्रित किया :-

  1. सरकारी बैंकों में में तरलता बढ़ाना
  2. प्रबंधन समिति का पुनर्गठन करना
  3. एक से अधिक बैंकों का विलय करना

Prelims Vishesh

What is 2020 CD3, a mini-moon? :-

  • पिछले दिनों खगोलवेत्ताओं ने पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए एक लघु पिंड को देखा उसे 2020 CD3 का नाम दिया.
  • कहा गया कि यह एक छोटा चंद्रमा है अर्थात् पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला दूसरा चंद्रमा है.
  • वस्तुतः यह एक क्षुद्रग्रह है जिसका आकर लगभग एक कार के बराबार है.
  • चंद्रमा की भाँति यह स्थाई रूप से पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करेगा, अपितु यह चलते-चलते पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर अन्तरिक्ष में खो जाएगा.

What is Henneguya salminicola? –

  • पिछले दिनों एक ऐसे साँस लेने वाले प्राणी का पता चला जो बिना ऑक्सीजन के रह सकता है जिसका नाम Henneguya salminicola है.
  • वस्तुतः यह एक अतिसूक्षम परजीवी है जो सालमन माँसपेशी में रहता है.
  • इसमें 10 से भी कम कोष होते हैं और इसमें mitochondrial genome नहीं होता.

ICGS Varad :-

  • पिछले दिनों भारतीय तटरक्षक सेना के गश्ती जलयान – ICGS वरद – को चालू किया गया.
  • यह जलयान Larsen and Toubro द्वारा निर्मित होने वाले सैट गश्ती जलयानों की शृंखला का पाँचवाँ जलयान है जिसकी तैनाती ओडिशा के पाराद्वीप में पूर्वोत्तर क्षेत्र के तटरक्षक के नियंत्रण में संचालित होगा.
  • ICGS वरद भारत के विशिष्ट आर्थिक ज़ोन की निगरानी में लगाया जाएगा.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA

January, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Download

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]