Sansar Daily Current Affairs, 28 September 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Centre of Excellence for Data Analytics (CEDA)
संदर्भ
राष्ट्रीय इन्फोमेटिक्स सेंटर (NIC) तथा NIC सर्विसेज इंकॉर्पोरेटेड (NICSI) ने संयुक्त रूप से डाटा विश्लेषण के लिए एक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान की स्थापना की है जिसका नाम है – Centre of Excellence for Data Analytics (CEDA)
CEDA के उद्देश्य
- केंद्र सरकार इस संस्थान के माध्यम से सरकारी विभागों द्वारा संग्रह किये जा रहे डाटा में छुपी सम्भावनाओं को सामने लाने में सहायता करना चाहती है. विदित हो कि प्रशासन की प्रक्रिया में विभिन्न विभाग भाँति-भाँति के आँकड़े जमा करते हैं. इन आँकड़ों की व्याख्या कर अपने प्रशासन में सुधार ला सकते हैं.
- CEDA का एक उद्देश्य यह भी है कि सरकारी तन्त्र उन्नत एनालिटिक्स तथा मशीन के ज्ञान की क्षमताओं को तेजी से अपनाए.
CEDA के कार्य
- यह सरकारी विभागों को सभी स्तर पर उत्तम डाटा विश्लेषण की सेवाएँ प्रदान करेगा. इसके लिए वह उचित साधनों और तकनीकों का चयन करेगा तथा उपयुक्त विशेषता वाले लोगों की तैनाती करेगा.
- साथ ही यह संस्थान अग्रलिखित सेवाएँ भी मुहैया कराएगा – अपने कारोबार की आवश्यकताओं को समझना, विश्लेषण सम्बन्धी आवश्यकताओं को परिभाषित करना, विश्लेषण के लिए आवश्यक डाटा समुच्चयों (data sets) का निर्धारण करना, प्रासंगिक डाटा स्रोतों (सरकारी और बाहरी दोनों) की उपलब्धता निर्धारित करना तथा अपेक्षित डाटा विश्लेषण सोल्यूशंस तैयार करना
- CEDA सभी विभागों में जमा आँकड़ों को एक स्थान पर लाएगा और एक समेकित एनालिटिक्स तैयार करेगा जो पूरे प्रशासन से सम्बंधित होगा और जिसके माध्यम से समेकित नीतियों का निर्माण किया जा सकेगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Section 497 of IPC
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक निर्णय के द्वारा भारतीय दंड संहिता के धारा 497 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है और उससे सम्बंधित दंड के प्रावधान को निरस्त कर दिया है.
सर्वोच्च न्यायालय की महत्त्वपूर्ण टिप्पणियाँ
- व्यभिचार असंतुष्ट विवाह का कारण नहीं है, यह उसका परिणाम हो सकता है.
- व्यभिचार से सम्बन्धित आपराधिक कानून किसी व्यक्ति से वफादारी की आशा करता है जो उस व्यक्ति की निजता में हस्तक्षेप है.
- Adultery (व्यभिचार) विवाह को खत्म करने जैसे नागरिक विषयों का आधार हो सकता है पर यह एक अपराध नहीं है.
- यह कानून स्त्री के साथ-भेदभाव करता है इसलिए यह संवैधानिक नहीं है.
- व्यभिचार तभी एक अपराध हो सकता है जब इसके कारण आत्महत्या होना सिद्ध हो जाए.
धारा 497 क्या है?
- भारतीय दंड संहिता के धारा 497 में यह प्रावधान है कि यदि कोई पुरुष किसी पर स्त्री के साथ उसके पति के सहमति बिना यौनाचार करता है तो यह व्यभिचार कहलायेगा जिसके लिए 5 वर्ष की साधारण अथवा सश्रम के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
- इस धारा के अनुसार व्यभिचार करने वाले पुरुष की पत्नी को यह अधिकार नहीं है कि इस विषय में शिकायत दर्ज कर सके.
व्यभिचार के विषय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किये गये पुराने फैसले
व्यभिचार का कानून सर्वोच्च न्यायालय में पहले तीन बार आ चुका है –
- 1954 में – उस समय सर्वोच्च न्यायालय ने यह मानने से इनकार कर दिया था कि धारा 497 समानता के अधिकार का हनन करता है.
- 1985 में – सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि पत्नी को व्यभिचार के बारे में शिकायत करने का अधिकार देना आवश्यक नहीं है.
- 1988 में – सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि व्यभिचार का कानून एक ढाल है, तलवार नहीं.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : AGMARK online system
संदर्भ
कृषि उत्पादनों के लिए गुणवत्ता अभिप्रमाणन चिह्न – AGMARK – के हेतु दिए गये आवेदनों के निष्पादन के लिए सरकार ने एक ऑनलाइन मंच का अनावरण किया है.
मुख्य तथ्य
- यह ऑनलाइन मंच पूरे देश के लिए होगा.
- यह मंच 24×7 उपलब्ध रहेगा.
- इससे आवेदन की प्रक्रिया सरल, त्वरित और पारदर्शी हो जाएगी.
- यह पोर्टल अग्रलिखित कार्यों के ऑनलाइन निष्पादन में सहायक होगा – प्राधिकृत करने का प्रमाणपत्र (घरेलू) निर्गत करना, प्रयोगशालाओं की अनुमति (घरेलू) देना, मुद्रक प्रेस की अनुमति देना तथा प्रयोगशाला के विषय में सूचना प्रबंधन प्रणाली से सम्बन्धित सेवाएँ उपलब्ध कराना.
महत्त्व
इस ऑनलाइन प्रणाली AGMARK देने की प्रक्रिया सरल, विश्वसनीय एवं सस्ती हो जायेगी. इसमें आवेदकों से आवश्यक शुल्क ऑनलाइन ही प्राप्त किये जायेंगे. शुल्क का भुगतान bharatkosh.gov.in वेबसाइट के माध्यम से डिजिटल मोड में प्राप्त किया जायेगा.
AGMARK क्या है?
- AGMARK एक अभिप्रमाणन चिह्न है. यह चिह्न भारत सरकार की एजेंसी विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय (Directorate of Marketing and Inspection) के द्वारा अनुमोदित मानकों के आधार पर एकरूपता लाने के लिए दिया जाता है.
- एगमार्क एक कानूनी व्यवस्था है जो कृषि उत्पादन (ग्रेडिंग एंड मार्किंग) अधिनियम, 1937 और उसमें 1986 में किये गये संशोधनों के परिप्रेक्ष्य में लागू किया जाता है.
- वर्तमान में AGMARK 205 अलग-अलग वस्तुओं के लिए दिया जाता है. इनमें मुख्य हैं – अनाज, दालें, वनस्पति तेल, सत्व तेल, फल और सब्जियाँ और सेवइयाँ जैसे अर्ध-प्रसंस्कृत उत्पाद.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : WAYU- Air Pollution Mitigation Device
संदर्भ
हाल ही में नई दिल्ली में ट्रैफिक पड़ावों के आस-पास वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक उपकरण का अनावरण किया गया है. इस उपकरण का नाम WAYU (Wind Augmentation Purifying Unit) है.
WAYU क्या है?
- WAYU का निर्माण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा वित्त सम्पोषित प्रौद्योगिकी विकास परियोजना के एक अंग के रूप में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिसर – राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान (CSIR-NEERI) के द्वारा किया गया है.
- यह उपकरण 500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में वायु को शुद्ध करने की क्षमता रखता है. यदि इस उपकरण को लगातार दस घंटे चलाया जाये तो इसमें मात्र आधी यूनिट बिजली खर्च होती है. इस प्रकार, इसके संधारण की लागत एक महीने में मात्र 1500 रु. होती है.
यह कैसे काम करता है?
- यह उपकरण दो प्रकार से काम करता है. एक ओर यह वायु बनाकर छोड़ता है जिससे वायु के प्रदूषक तत्त्व विरल हो जाते हैं, तो दूसरी ओर यह प्रदूषक तत्त्वों को सक्रिय होकर दूर भी करता है.
- इस उपकरण में दूषित कणों को दूर करने के लिए छलनी लगी रहती है. साथ ही इसमें सक्रिय कार्बन (कोयले का चूर्ण) और पराबैंगनी लैंप लगे होते हैं जो VOCs तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को दूर भगाते हैं.
- इसमें एक पंखा और एक छलनी होती है जो प्रदूषणकारी कणों को चूस कर के हटा देते हैं. इसमें दो पराबैंगनी लैंप होते हैं और आधा किलो सक्रिय कोयले का चूर्ण होता है जिसपर एक विशेष रसायन टाइटेनियम डाइऑक्साइड की परत लगी रहती है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Umbrella scheme of Border Infrastructure and Management (BIM)
संदर्भ
भारत की सीमाओं के आस-पास रहने वाले लोगों की विकास से सम्बंधित विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने सीमा अवसंरचना एवं प्रबन्धन (Border Infrastructure and Management – BIM) नामक व्यापक योजना के अन्दर चल रही 60 परियोजनाओं के लिए ₹8,606 करोड़ की मंजूरी दी है.
इन परियोजनाओं के मुख्य तत्त्व
- ये परियोजनाएँ उन 17 राज्यों में चलाई जा रही हैं जो पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे हुए हैं. जिन जिलों में ये योजनाएँ चल रही हैं, उनकी संख्या 111 है. इन परियोजनाओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 km. के अन्दर रह रहे लोगों के लिए विकास से सम्बंधित कार्य किये जा रहे हैं.
- विकास के ये कार्य हैं – सड़क बनाना, विद्यालय बनाना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करना, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना, सीमा स्थित पर्यटन का विकास करना, खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देना, स्वच्छता अभियान चलाना, धरोहर स्थलों की रक्षा करना, पेय-जल की आपूर्ति करना, सामुदायिक केंद्र बनाना, कनेक्टिविटी की व्यस्था करना, नालियों का निर्माण आदि-आदि.
- इन परियोजनाओं के अन्दर उन सुदूर और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के लिए हेलिपैड भी बनाए जा रहे हैं, जहाँ अभी तक सड़क नहीं गई है. कुछ परियोजनाएँ कौशल विकास प्रशिक्षण से सम्बन्धित हैं जिनके तहत किसानों को सामान्य खेती और आर्गेनिक कृषि की आधुनिक एवं वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करना सिखाया जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की लम्बाई
भारत के साथ अन्य देशों की जो अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ हैं, उनकी लम्बाई निम्नवत् है –
- पाकिस्तान (3,323 किमी)
- चीन (3,488 किमी)
- नेपाल (1,751 किमी)
- भूटान (699 किमी)
- म्यांमार (1,643 किमी) और
- बांग्लादेश (4,096 किमी)
Prelims Vishesh
International Day for the Total Elimination of Nuclear Weapons :-
- विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 26 सितम्बर को आणविक अस्त्रों को सम्पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस बनाया जाता है.
- इस विषय में पहली घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा दिसम्बर, 2013 में की गई थी.
- उस वर्ष महासभा ने आह्वान किया था कि आणविक हथियारों को समाप्त करने के बारे में वार्तालाप आरम्भ किये जाएँ तथा यह व्यवस्था की जाए कि जिससे आणविक हथियार रखना, उनको विकसित करना, उनका निर्माण करना, उनको हस्तगत करना, उनका परीक्षण करना, उनका भंडार रखना, उनको स्थानांतरित करना, उनका उपयोग करना, उनका उपयोग करने की धमकी देना, ये सारे कार्यकलाप प्रतिबंधित हो जाएँ.
- साथ ही यह भी अनुरोध किया गया था कि आणविक अस्त्रों को नष्ट करने की भी व्यवस्था की जाए.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA