Sansar डेली करंट अफेयर्स, 28 January 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 28 January 2020


GS Paper 1 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Women related issues. Welfare schemes for the protection of vulnerable sections of the society.

Topic : National Girl Child Day (NGCD)

संदर्भ

गिरते हुए बाल लिंग अनुपात (Child Sex Ratio – CSR)  के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने तथा बालिका के पक्ष में सकारात्मक वातावरण सृजित करने के लिए 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day – NGCD) मनाया गया. ज्ञातव्य है कि यह दिवस सबसे पहले 2008 में मनाया गया था. इसी अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना की वर्षगाँठ भी मनाई गई.

उद्देश्य

  1. समाज में बालिकाओं के प्रति चेतना जाग्रत करना.
  2. बालिकाओं के लिए नए अवसरों का सृजन करना.
  3. बेटियों के प्रति सभी असमानताओं को हटाना.
  4. देश में बेटियों को सभी मानवाधिकार, आदर एवं मान मिलना सुनिश्चित करना.
  5. लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए काम करना और लोगों को इस विषय में शिक्षित करना.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP)

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) जनवरी 2015 में आरम्भ की गई थी.
  • इस योजना में केंद्र सरकार के कार्यान्वयन में तीन मंत्रालय सहयोग (tri-ministerial effort) करते हैं. ये मंत्रालय हैं – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय.
  • इस योजना का उद्देश्य लैंगिक समानता तथा लड़कियों की पढ़ाई के महत्त्व को बढ़ावा देना है.
  • योजना का लक्ष्य शिशु लिंग अनुपात में सुधार लाना है. इसके लिए सरकार की ओर से कई क्षेत्रों में सुधारात्मक प्रयास किये जाएँगे, जैसे – लोगों को यह पता लाने से रोकना कि गर्भस्त शिशु लड़की है या लड़का, बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देना तथा उनको हर प्रकार से सशक्त करना.

योजना की महत्ता और आवश्यकता 

1961 से भारत में लगातार शिशु लिंग अनुपात (child sex ratio) गिरता जा रहा है. 1991 में यह अनुपात 945 था जो घटकर 2001 में 927 हो गया और आगे चल कर 2011 में 918 हो गया. यह गिरावट खतरनाक है. लिंग अनुपात की इस गिरावट के कई मूलभूत कारण हैं, जैसे – समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव की परम्परा, लिंग के निर्धारण के लिए उपकरणों का सरलता से उपलब्ध होना, उनका सस्ता होना और उनका दुरूपयोग किया जाना.

शिशु लिंग अनुपात

शिशु लिंग अनुपात (Child Sex Ratio – CSR) 0 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रत्येक एक हजार लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या को कहते हैं. इसलिए इस अनुपात में गिरावट को स्त्रियों की अशक्तता का एक बहुत बड़ा संकेत माना जाता है. यह अनुपात इस सच्चाई को भी प्रतिबिम्बित करता है कि लिंग निर्णय के द्वारा गर्भ में ही बच्चियों के साथ भेद-भाव होता है और उनके जन्म के उपरान्त भी वे भेद-भाव की शिकार होती हैं.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges therein.

Topic : Sutlej Yamuna Link (SYL) Canal

संदर्भ

सतलज यमुना लिंक नहर (SYL canal)  विवाद में एक नया मोड़ इस प्रकार आया है कि पंजाब ने अब कहा है कि अधिकाई जल को हरियाणा के साथ बाँटा नहीं जाएगा. पंजाब ने यह भी माँग की है कि एक नया पंचाट स्थापित करने के लिए अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम में समुचित संशोधन किया जाए जिससे कि पंजाब को उचित मात्रा में जल प्राप्त हो. इस पर हरियाणा ने कहा है कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में शीघ्र ही आने वाला है क्योंकि पहले के कार्यादेश में यह उल्लेख हुआ था कि यह मामला परस्पर सहमति से सुलझाया जाना चाहिए.

Sutlej-Yamuna-Link-SYL-Canal

SYL नहर में विवाद क्या है?

  • जब 1966 में पंजाब से कटकर हरियाणा बना तो पंजाब ने रावी और व्यास नदियों का पानी हरियाणा के साथ साझा करने से मना कर दिया. उसका कहना था कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है और यदि वह ऐसा करता है तो यह नदी से सम्बंधित सिद्धांतों के विरुद्ध भी होगा.
  • फिर भी, 1976 में केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना निर्गत करके अविभाजित पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी में से 3.5 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी हरियाणा को आवंटित कर दिया.
  • कालांतर में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.बालकृष्ण एराडी की अध्यक्षता में एक पंचाट गठित (Eradi Tribunal) हुआ जिसका काम पानी की उपलभ्यता का फिर से आकलन करना और उसके बंटवारे के बारे में सुझाव देना था. इस पंचाट 1987 में अपनी अनुशंसा दी जिसके अनुसार अब पंजाब को 5 MAF और हरियाणा को 3.83 MAF देने की बात कही गई थी.
  • सतलज नदी और उसकी सहायक नदी व्यासके पानी को हरियाणा को देने के लिए एक योजना बनाई गई जिसमें सतलज को यमुना से जोड़ने के लिए एक नहर बनाई जानी थी. इसके लिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच एक त्रि-पक्षीय समझौता भी हुआ. परन्तु पंजाब में इसके विरुद्ध विरोध प्रदर्शन होने लगे और अंततः पंजाब की विधानसभा ने उस समझौते से पंजाब को अलग करने के लिए एक अधिनियम ही बना दिया जिसका नाम था – पंजाब समझौता समाप्ति अधिनियम, 2004 (The Punjab Termination of Agreements Act, 2004). इस प्रकार सतलज-यमुना लिंक योजना अवरुद्ध हो गई.

हरियाणा क्या चाहता है?

हरियाणा का कहना है कि वहाँ खेतों तक पानी पहुँचाना एक कठिन कार्य है अतः SYL नहर के माध्यम से उसे रावी और व्यास नदियों का पानी मिलना ही चाहिए. वस्तुतः दक्षिणी हरियाणा में पानी भूतल के 1,700 फीट नीचे चला गया है और पेयजल की भी क समस्या खड़ी हो गई है. हरियाणा का दावा है कि केन्द्रीय खाद्य योजना के लिए उसका योगदान बहुत बड़ा है, परन्तु उसे पंचाट द्वारा अनुशंसित पानी की मात्रा नहीं दी जा रही है.


GS Paper 2 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Issues related to Health.

Topic : What is a vaccine-derived poliovirus?

संदर्भ

पिछले एक वर्ष से पोलियो कुछ देशों में फिर से प्रकट हुआ है, जैसे – फ़िलीपीन्स, मलेशिया, घाना, म्यांमार, चीन, कैमरून, इंडोनेशिया और ईरान. इनमें से अधिकांश मामले पोलियो के टीके से हुए संक्रमण के कारण हुए हैं. उल्लेखनीय है कि ये देश पहले पोलियो के वायरस को अपने यहाँ से मिटा चुके थे.

टीके से होने वाला पोलियो वायरस क्या है?

यह एक प्रकार का दुर्बल पोलियो वायरस है जिसका उपयोग मौखिक पोलियो टीके (oral polio vaccine – OPV) में हुआ था और जिसने समय के साथ अपने-आप में बदलाव लाया है और जो अब प्राकृतिक रूप से होने वाले वायरस के समान व्यवहार कर रहा है.

इसका अर्थ यह है कि जिस व्यक्ति को पोलियो का टीका नहीं पड़ा है और जो संक्रमित व्यक्ति की विष्ठा अथवा छींक के सम्पर्क में आया है उसको पोलियो बहुत सरलता से संक्रमित कर सकता है. इस वायरस से व्यक्ति को पक्षाघात भी हो सकता है.

टीके से होने वाला पोलियो वायरस कैसे फैलता है?

  1. किसी भी मौखिक पोलियो टीके (OPV) में वायरस का एक दुर्बल प्रकार डाला हुआ होता है जो शरीर में प्रतिरोध की क्षमता को बढ़ाता है. यदि किसी बच्चे को OPV दिया जाता है तो यह दुर्बल वायरस तेजी से उसकी आंत में थोड़े समय के लिए कई गुना बढ़ जाता है और इस प्रकार उसके शरीर में प्रतिरोधकता विकसित हो जाती है.
  2. कुछ समय के पश्चात् टीके में डाला हुआ वायरस शरीर से निकल जाता है. जहाँ पर्याप्त स्वच्छता नहीं हो वहाँ शरीर से निकला हुआ यह वायरस आस-पास के समुदाय में फ़ैल सकता है और अंततः मृत हो जाता है.
  3. इस प्रक्रिया का एक लाभ भी है कि इससे कई बच्चों का अप्रत्यक्ष रूप से टीकाकरण हो जाता है.

समस्या क्या है?

टीके से होने वाले पोलियो वायरस अपने-आप में कोई समस्या नहीं है. यह तभी होता है जब किसी समुदाय का टीकाकरण पूरी तरह से नहीं हुआ हो और कुछ ऐसे लोग बच गये हों जिनको प्राकृतिक रूप से अथवा टीकाकरण के चलते पोलियो हो सकता है. यदि किसी जनसंख्या का पूरी तरह से टीकाकरण हो जाए तो उसको टीकाकरण से होने वाले अथवा सामान्य पोलियो वायरस से सुरक्षा मिल जायेगी.

पोलियो क्या है?

  • बहुतृषा, जिसे अक्सर पोलियो या ‘पोलियोमेलाइटिस’ भी कहा जाता है, एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है जो आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे संक्रमित विष्ठा या खाने के माध्यम से फैलता है.
  • यह एक उग्र स्वरूप का बच्चों में होनेवाला रोग है, जिसमें मेरुरज्जु (spinal cord) के अष्टश्रृंग (anterior horn) तथा उसके अंदर स्थित धूसर वस्तु में अपभ्रंशन (degenaration) हो जाता है और इसके कारण चालकपक्षाघात (motor paralysis) हो जाता है.
  • इस रोग का औपसर्गिक कारण एक प्रकार का विषाणु (virus) होता है, जो कफ, मल, मूत्र, दूषित जल तथा खाद्य पदार्थों में विद्यमान रहता है; मक्खियों एवं वायु द्वारा एक स्थान में दूसरे स्थान पर प्रसारित होता है तथा दो से पाँच वर्ष की उम्र के बालकों को ही आक्रांत करता है.
  • लड़कियों से अधिक यह लड़कों में हुआ करता है तथा वसंत एवं ग्रीष्मऋतु में इसकी बहुलता हो जाती है.
  • जिन बालकों को कम अवस्था में ही टाँसिल का शल्यकर्म कराना पड़ जाता है उन्हें यह रोग होने की संभावना और अधिक होती है.

इनएक्टिवेटेड पोलियो टीका (IPV) क्या है?

  • इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन या आईपीवी इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है. इसमें वायरस के एक निष्क्रिय (मृत) रूप का उपयोग किया जाता है जिसमें पोलियो का कारण बनने की क्षमता नहीं होती है.
  • IPV मुख्य रूप से उन देशों में उपयोग किया जाता है जहां पर पोलियो वायरस पहले ही समाप्त हो चुका है.
  • चूँकि ओपीवी एक जीवित पोलियो वायरस से बना होता है इसलिए जीवित वायरस के टीके से पोलियो के खिलाफ सुरक्षा अत्यधिक प्रभावी होने के बावजूद प्रति वर्ष पोलियो के कुछ मामलों का कारण पोलियो ड्राप या ओरल पोलियो वैक्सीन होते थे.
  • अमेरिका में सन 2000 में निष्क्रिय पोलियो टीके (आईपीवी) का उपयोग शुरू हो गया. भारत ने नवंबर 2015 से ओरल पोलियो वैक्सीन या पोलियो ड्राप (ओपीवी) के साथ अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इंजेक्शन योग्य पोलियो टीका या इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) को भी पेश किया है.

GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : NISHTHA– National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement

संदर्भ

NISHTHA क्या है?

  • NISHTHA योजना का पूरा नाम है – “विद्यालय प्रधानों एवं शिक्षकों की समग्र प्रगति हेतु राष्ट्रीय पहल / National Initiative for School Heads’ and Teachers’ Holistic Advancement.
  • यह पूरे विश्व में शिक्षकों के प्रशिक्षण का एक विशालतम कार्यक्रम है.
  • इसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर ज्ञानार्जन में सुधार लाना है.
  • यह कार्यक्रम छात्रों में आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने और संपोषित करने के लिए शिक्षकों को प्रेरित करेगा.
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी राज्यों और संघीय क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाये जाएँगे. राज्य और संघीय क्षेत्र चाहें तो इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अपने-अपने क्षेत्र के सन्दर्भ में संशोधित कर सकते हैं और अपने-अपने प्रशिक्षकों और सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं.
  • इस समेकित कार्यक्रम में कई गतिविधियाँ शामिल होंगी, जैसे – शैक्षणिक खेल और पहेली, सामाजिक-भावनात्मक ज्ञानार्जन, प्रेरणादाई संवाद, दल निर्माण, विद्यालय-आधारित मूल्यांकन की तैयारी, फीडबैक की सतत व्यवस्था, ऑनलाइन अनुश्रवण, प्रशिक्षण की आवश्यकता और प्रभाव का प्रशिक्षण से पहले और बाद में विश्लेषण.

यह कार्यक्रम आवश्यक क्यों?

समय की माँग है कि आज हमारे शिक्षक इन प्रावधानों की जानकारी रखें – लैंगिक समानता , दिव्यांग अधिकार अधिनियम और यौन अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO).

NISHTHA कार्यक्रम सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को ऐसा प्रशिक्षण देना चाहता है जिससे कि वे छात्रों की आवश्यकताओं के प्रति ध्यान दें और उन्हें उचित मंत्रणा दें. साथ ही वे ऐसा वातावरण बनाएँ कि बच्चे हँसते-हँसते ज्ञान अर्जित करें और निःशक्त बच्चों की आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखें.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : US imposes new ‘birth tourism’ visa rules for pregnant women

संदर्भ

विदेश से गर्भवती महिलाएँ आकर अमेरिका में बच्चा जन्म दें, इसको रोकने के लिए अमेरिका के विदेश विभाग ने नए नियम बनाये हैं. ऐसी घटनाएँ घटती रहती हैं और इनको जन्म पर्यटन  (birth tourism) कहा जाता है.

वर्तमान परिदृश्य

अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा के वर्तमान नियमों के अन्दर कोई विदेशी गर्भवती महिला अमेरिका की यात्रा कर सकती है और वहाँ बच्चे को जन्म भी दे सकती है, परन्तु यदि ऐसा विश्वास करने का कारण हो कि वह महिला वीजा में दी गई समय-सीमा के आगे भी अमेरिका में रहना चाहती है और उसकी योजना है कि उसके बच्चे के जन्म का खर्चा अमेरिका के करदाता दें तो उसकी यात्रा को सीमित किया जा सकता है.

नया नियम क्या है?

  • यह नया नियम उन यात्रियों के लिए है जो B वीजा चाह रहे हैं.
  • अब अमेरिका की पर्यटक वीजा के लिए आवेदन करने वाली गर्भवती महिला को यह सिद्ध करना होगा कि वह अमेरिका में बच्चा पैदा करने के लिए नहीं, अपितु किसी दूसरे विशेष कारण के लिए आ रही है.
  • नए नियम के अंतर्गत कांसुलेट के अधिकारी ऐसे किसी व्यक्ति को वीजा देने से मना कर सकते हैं जिसकी अमेरिका की यात्रा का प्रधान कारण वहाँ जा कर बच्चा पैदा करना है.

नई नीति की आवश्यकता क्यों?

अमेरिका में पैदा होने वाले लगभग सभी बच्चों को स्वतः वहाँ की नागरिकता मिल जाती है. अमेरिका के राष्ट्रपति इस कानून के विरोधी रहे हैं. उनके प्रशासन का कहना है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नई पर्यटन नीति आवश्यक है.

जन्म पर्यटन से कितने बच्चे पैदा होते हैं?

प्रत्येक वर्ष अमेरिका में आने वाले लोगों को कितने बच्चे होते हैं इसका कोई अभिलेख नहीं है. परन्तु कुछ समूहों ने अनुमान लगा रखे हैं. इन अनुमानों के अनुसार, अमेरिका में 2017 में 10,000 बच्चे विदेशों में रहने वालों को हुए. इसके आगे का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है जैसा कि अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं बचाव केन्द्रों का कहना है. यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि 2007 में ऐसे बच्चों की संख्या 7,800 रही थी.


Prelims Vishesh

Padma Awards :-

पद्म पुरस्कार तीन प्रकार के होते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री. यह पुरस्कार भी 1954 से ही चालू है. इनमें पद्म विभूषण सबसे बड़ा पुरस्कार है तथा उसके पश्चात् और पद्म भूषण और पद्मश्री का स्थान है. जिन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं, वे हैं – कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेलकूद, सिविल सेवा, आदि. सामान्यतया ये पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं, परन्तु कोई ऐसा मामला है जिसमें किसी व्यक्ति ने बहुत ही उत्कृष्ट कार्य किया हो तो सरकार चाहे तो उसको ये पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है. पद्म पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर होती है.

India’s first underwater metro :-

  • कलकत्ता में देश की पहली पानी के अन्दर से गुजरने वाली मेट्रो की परियोजना अब पूरी होने को है. यद्यपि खर्च अनुमान से दुगुना हो गया है.
  • यह मेट्रो हुगली नदी के अन्दर से जायेगी.

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