Sansar डेली करंट अफेयर्स, 28 December 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 28 December 2018


GS Paper 1 Source: The Hindu

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Topic : ‘Adopt a Heritage’ project

adopt a heritage

संदर्भ

संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के साथ मिलकर “धरोहर गोद लो” परियोजना का प्रारम्भ किया है. इस परियोजना का उद्देश्य विभिन्न प्राकृतिक / सांस्कृतिक धरोहल स्थलों, स्मारकों और अन्य पर्यटन स्थलों पर विश्व स्तरीय सुविधाएँ प्रदान करना है. परियोजना में विभिन्न पर्यटन सुविधाओं के विकास का काम निजी क्षेत्र की कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और व्यक्तियों को सौंपने की योजना है. इस परियोजना का उद्देश्य सभी भागीदारों के बीच तालमेल विकसित करना है.

हाल ही में भारत सरकार ने “Resbird Technologies” नामक कम्पनी के साथ “धरोहर गोद लो” परियोजना के तहत एक समझौता किया है जिसके माध्यम से इस कम्पनी को पाँच सुविख्यात स्थलों के लिए गतिशील श्रव्य मार्गदर्शन ऐप का निर्माण करने को कहा गया है.

इसके लिए जिन पाँच विख्यात आइकोनिक स्थलों का चयन किया गया है, वे हैं – 

  1. राजस्थान – आमेर किला
  2. असम – काजीरंगा
  3. गोवा – कोलवा समुद्र तट
  4. केरल – कुमाराकोम
  5. बिहार – महाबोधि मंदिर

माहात्म्य

“धरोहर गोद लो” योजना पर्यटन मंत्रालय द्वारा “विश्व पर्यटन दिवस” अर्थात् 27 दिसम्बर, 2017 को आरम्भ की गई थी. यह परियोजना पर्यटन मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के साथ सहयोग कर तैयार की है.

यह कैसे काम करती है?

इस परियोजना के अंदर देश के धरोहर स्थलों / स्मारकों एवं अन्य पर्यटन स्थलों को निजी क्षेत्र की तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों और व्यक्तियों को वहाँ पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सौंपा जाता है. इसके लिए बोली लगाकर कंपनियों का चयन किया जाता है. बोली लगाने का काम एक समिति करती है जिसका नाम Oversight and Vision Committee है.

स्मारक मित्र

बोली में जो कंपनियाँ और व्यक्ति सफल होते हैं, उन्हें स्मारक मित्र कहा जाता है. इन लोगों का काम है पर्यटन स्थलों में बुनियादी और उन्नत सुविधाओं का प्रावधान करना. साथ ही ये इन सुविधाओं के संचालन और संधारण का भी काम देखेंगे. ये स्मारक मित्र अपनी-अपनी कम्पनी के द्वारा की जाने वाली CSR गतिविधियों से जुड़े रहेंगे. यहाँ पर CSR का अर्थ है Corporate Social Responsibility.

परियोजना का महत्त्व

“धरोहर गोद लो” परियोजना इसलिए बनाई गई है कि विभिन्न धरोहर स्थलों पर पर्यटन से जुड़ी आधारभूत संरचना को चलाने में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण और अन्य सरकारी निकायों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. परियोजना की मूल भावना यह है कि यदि निजी कंपनियों को इन स्थलों में पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्व-स्तरीय सुविधाओं का निर्माण, संचालन एवं संधारण करने दिया जाए तो आशा है कि इससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटनों को अच्छा-ख़ासा बढ़ावा मिलेगा.


GS Paper 1 Source: The Hindu

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Topic : Triple Talaq Bill 2018

संदर्भ

हाल ही में लोक सभा ने मुस्लिम महिला (विवाह सम्बंधित अधिकार सुरक्षा) विधयेक, 2018 को पारित कर दिया है. इस विधयेक को तीन तलाक विधयेक भी कहते हैं.

विधेयक द्वारा एक साथ ही तीन तलाक देने को अवैध बना दिया गया है. तीन तलाक देने की प्रथा को विधेयक में एक दंडनीय अपराध घोषित किया गया है जिसके लिए तीन वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया गया है.

मामले का इतिहास

अगस्त 22, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक करार कर दिया था. इस आदेश के अनुपालन में दिसम्बर 2017 को लोक सभा में मुस्लिम महिला सुरक्षा विधेयक, 2017 पारित किया गया था जिसके द्वारा तीन तलाक अर्थात् तलाके बिद्दा (talaq-e-bidda) को अपराध घोषित किया गया था.

लोक सभा में पारित होने के पश्चात् विधेयक राज्य सभा में लाया गया तो वहाँ यह पारित नहीं हो सका और विधयेक को संसद के शीतकालीन सत्र तक के लिए लटका दिया गया. इस पर सरकार ने एक अध्यादेश निर्गत किया. इस अध्यादेश की अब छह महीने की अवधि समाप्त हो गई है. इसलिए सरकार ने हाल ही में विधेयक को कतिपय संशोधनों के साथ पुनः लोक सभा में उपस्थापित किया और वहाँ से पारित कराया. अब यह विधेयक फिर से राज्य सभा में जाएगा और वहाँ से पारित होने के बाद ही यह अधिनियम का स्वरूप प्राप्त कर सकेगा.

इस बार जो विधेयक सरकार ने प्रस्तुत किया है उसमें पहले वाले विधेयक से कुछ अंतर हैं –

  1. पहला अंतर यह है कि पति के विरुद्ध पुलिस में मुकदमा उसकी पत्नी अथवा उसका निकट का रिश्तेदार अथवा रक्त से सम्बन्धित व्यक्ति ही दायर कर सकता है.
  2. दूसरा संशोधन यह है कि पत्नी चाहे तो पति से समझौता हो जाने के बाद वह मुक़दमे को वापस ले सकती है.
  3. तीसरा और अंतिम संशोधन यह है कि मजिस्ट्रेट पति को बेल पर मुक्त करने के बारे में जमानत पर तभी फैसला करेगा जब उसने पत्नी की सुनवाई कर ली हो.

तीन तलाक क्या है?

  • इस्लाम में तलाक के तीन प्रकार हैं – अहसान, हसन और तलाके बिद्दा (Teen Talaq)
  • इनमें से अहसान और हसन तलाक वापस ली जा सकती है, परन्तु तलाके बिद्दा वापस नहीं होती है.
  • ज्ञातव्य है कि तलाके बिद्दा 20 से अधिक मुसलमानी देशों, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित, में प्रतिबंधित हो चुका है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : National Register of Citizens (NRC)

संदर्भ

हाल ही में केंद्र सरकार ने असम में तैयार हो रही राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अद्यतन करने की समय-सीमा को छह महीने बढ़ाकर जून 30, 2019 कर दिया है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस पंजी में नागरिकों की गणना करने का काम मूल समय-सीमा अर्थात् दिसम्बर 31, 2018 तक पूरा हो जाने की संभावना नहीं है.

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि समूची राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सबसे पहले अधिसूचना दिसम्बर 6, 2013 को की गई थी जिसमें काम पूरा करने की समय-सीमा तीन वर्ष रखी गई थी. तब से यह समय-सीमा पाँच बढ़ाई जा चुकी है.

इस वर्ष जुलाई 30 में राष्ट्रीय नागरिक पंजी का प्रारूप प्रकाशित हुआ था जिसमें आवेदन करने वालों 3.29 करोड़ लोगों में से 2.9 करोड़ लोगों के ही  नाम पंजी में प्रकाशित हुए थे.

NRC की प्रक्रिया क्यों शुरू की गई?

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) वह सूची है जिसमें असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज हैं. असम देश का एकमात्र राज्य है जहाँ NRC विद्यमान है. असम में विदेशियों के निष्कासन के लिए 1979 से 1985 तक एक बड़ा आन्दोलन चला था. 1985 में सरकार और आन्दोलनकारियों के बीच एक समझौता हुआ जिसके बाद आन्दोलन समाप्त कर दिया गया. समझौते में यह आश्वासन दिया गया था कि NRC का नवीकरण किया जायेगा. इस समझौते (Assam Accord) में 24 मार्च, 1971 को विदेशियों के पहचान के लिए कट-ऑफ तिथि निर्धारित की गई थी. इस आधार पर NRC ने अपना नवीनतम प्रारूप प्रकाशित किया है जिसमें बताया गया है कि राज्य के 40 लाख लोग यह प्रमाणित नहीं कर सके कि वे इस cut-off तिथि के पहले से वहाँ रह रहे हैं.

NRC 

  • NRC को पूरे देश में पहली और आखिरी बार 1951 में तैयार किया गया था.
  • लेकिन इसके बाद इसे अपडेट नहीं किया गया था.
  • NRC में भारतीय नागरिकों का लेखा-जोखा दर्ज होता है.
  • 2005 में केंद्र, राज्य और All Assam Students Union के बीच समझौते के बाद असम के नागरिकों की दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई. ये पढ़ें >> असम समझौता
  • मौजूदा प्रकिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने करीब दो करोड़ दावों की जांच के बाद 31 दिसम्बर तक NRC को पहला ड्राफ्ट जारी करने का निर्देश दिया था.
  • कोर्ट ने जांच में करीब 38 लाख लोगों के दस्तावेज संदिग्ध पाए थे.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Children’s Science Congress

संदर्भ

26वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (National Children’s Science Congress – NCSC) आयोजन ओडिशा में हो रहा है. इस कांग्रेस की थीम  है – “Science, Technology and Innovation for a Clean, Green and Healthy Nation” अर्थात् स्वच्छ, हरित एवं स्वस्थ राष्ट्र के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार.

NCSC क्या है?

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) एक राष्ट्रीयव्यापी विज्ञान संचार कार्यक्रम है जो 1993 से चल रहा है. यह कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् (National Council for Science and Technology Communication – NCSTC) का कार्यक्रम है.

इस मंच में 10 से 17 वर्ष के बच्चे शामिल होते हैं. ये बच्चे किसी स्कूल के अथवा स्कूल में नहीं पढ़ने वाले भी हो सकते हैं. इस मंच पर आकर वे अपनी रचनात्मकता एवं नवाचार का प्रदर्शन करते हैं. ये बच्चे स्थानीय स्तर पर अनुभव की जाने वाली सामाजिक समस्याओं को वैज्ञानिक तरीके से समाधान करने में अपनी योग्यता को विशेषकर प्रदर्शित करते हैं.

NCSTC क्या है?

राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् का मुख्य काम जन-साधारण तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को पहुँचाना है. इस परिषद् के कार्यक्रमों में यह प्रयास होता है कि समाज में जानकारी से युक्त निर्णय लेने की क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए. जिन क्षेत्रों में यह परिषद् अनुसंधान को बढ़ावा देती है, वे हैं – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रसारण; वक्ताओं को प्रशिक्षण; पुस्तकों, हस्तकों, पोस्टरों, प्रदर्शनियों, फिल्मों, रेडियो कार्यक्रमों का विकास. यह परिषद् देशभर के बच्चों को विभिन्न पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि भी देती है.

इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसमें सभी राज्यों और केंद्र-शाषित क्षेत्रों के 80 सदस्य होते हैं. जिला-स्तर पर भी कई स्वैच्छिक सेवा देने वाले व्यक्ति होती हैं जो परिषद् की परियोजनाओं सुदृढ़ एवं फलदायी बनाने में अपना योगदान करते हैं.


GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : Establishment of NIMZs

संदर्भ

राष्ट्रीय निवेश एवं निर्माण क्षेत्र (National Investment & Manufacturing Zones – NIMZs) राष्ट्रीय निर्माण नीति, 2011 (National Manufacturing Policy, 2011) के महत्त्वपूर्ण साधनों में से एक हैं.

इन क्षेत्रों की स्थापना विशाल भूमिखंड को विकसित करके इस प्रकार बनाया जाता है जिससे वहाँ विश्व-स्तर की निर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपेक्षित पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थापना हो सके. वित्तीय वर्ष 2016-17 में NIMZs की स्थापना के लिए 3.35 करोड़ रू. का बजटीय प्रावधान किया गया है.

NIMZs और SEZ में अंतर

  • विशेष आर्थिक जोन (Special Economic Zones- SEZ) का मुख्य उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना है. परन्तु दूसरी ओर NIMZs राज्यों के साथ भागीदारी के माध्यम से औद्योगिक वृद्धि के सिद्धांत पर काम करते हैं और इनका मुख्य बल निर्माण में वृद्धि और आजीविका के सृजन पर होता है.
  • आकार, अवसंरचना की योजना के स्तर, नियामक प्रक्रियाओं से सम्बन्धित प्रशासनिक बनावट और बाहर निकलने की नीतियों के मामले में भी NIMZs और SEZ में अंतर है.

Prelims Vishesh

Dwijing Festival :-

  • असम राज्य की अइए नदी (River Aie) के तट पर द्विजिंग नामक वार्षिक नदी उत्सव आरम्भ हो गया है.
  • यह उत्सव असम के बोडो लैंड भूभागीय क्षेत्र जिलों (Bodoland Territorial Area Districts – BTAD) में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
  • यह एक प्रकार का ग्रामीण पर्यटन का कार्यक्रम है जहाँ पहुँचकर लोग खरीद-बिक्री करते हैं. इससे यहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था और व्यापार को संबल मिलता है.
  • इसी नदी उत्सव का एक उद्देश्य दान के द्वारा बाढ़ से पीड़ित परिवारों को सहायता पहुँचाना भी है.
  • अइए नदी भूटान के हिमालयी पर्वतों से निकलती है तथा असम के चिरांग और बोंगाईगाँव जिलों से होते हुए ब्रह्मपुत्र में जाकर मिल जाती है.

Public Enterprises Survey 2017-18 :-

  • केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रदर्शन से सम्बन्धित 2017-18 का लोक उपक्रम सर्वेक्षण हाल ही में संसद में उपस्थापित किया गया.
  • इस सर्वेक्षण के अनुसार केंद्र के जो लोक उपक्रम लाभ कमाने वालों में अग्रणी रहे, वे क्रमशः हैं – इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन, ONGC और NTPC.
  • दूसरी ओर, पिछले दो वर्षों से सबसे अधिक घाटे में रहने वाले तीन सरकारी उपक्रम क्रमशः ये रहे – BSNL, एयर इंडिया और MTNL.

Dal lake :-

  • श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील जम गई है.
  • विदित हो कि हाल ही में इस शहर में -7.6 डिग्री का तामपान मापा गया को पिछले 11 वर्षों में न्यूनतम है.
  • डल झील को कश्मीर के मुकुट का रत्न अथवा श्रीनगर का रत्न कहा जाता है.
  • यह राज्य की दूसरी बड़ी झील है जो पर्यटन एवं मनोरंजन का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है.
  • यहाँ मछलियों और जलीय पौधों का कारोबार भी होता है.
  • इसमें तैरते हुए बगीचे चलते रहते हैं जिन्हें कश्मीरी लोग राड कहते हैं.
  • यह झील तीन ओर से शंकराचार्य पहाड़ियों की तराई से घिरी हुई जबरवान पर्वत घाटी में स्थित है.
  • इस झील से चार बड़ी घाटियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनके नाम हैं – हजरतबाल, बोड डल, गागरीबल और नागिन.

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