Sansar डेली करंट अफेयर्स, 27 March 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 27 March 2020


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.

Topic : District mineral foundation (DMF) funds

संदर्भ

सरकार ने कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों के लिए पैकेज का एलान किया है. 1.70 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज से इस वर्ग की मदद सरकार करेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस पैकेज का एलान किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते लॉकडाउन से कोई भूखा नहीं रहेगा. सरकार इसका इंतजाम करेगी. सरकार गरीब लोगों के खाते में सीधे पैसे डालेगी.

जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) का पैसा मेडिकल, जांच, स्क्रीनिंग दवा आदि के लिए इस्तेमाल करने के लिए राज्य सरकारों को कहा जाएगा. इससे हर जिले में कोरोना से संबंधित जांच काम में मदद मिलेगी. यह फंड राज्य सरकारों के पास उपबल्ध होता है.

जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) क्या हैं?

ये लाभरहित न्यास हैं  जो 2015 के खान एवं खनिज संशोधन अधिनियम के द्वारा गठित हुए हैं. इनका उद्देश्य खनन से दुष्प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हितों की रक्षा करना और उन्हें लाभ पहुँचाना है. DMF सम्बंधित राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन आता है.

DMF के उच्च प्राथमिकता वाले विषय

प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अनुसार DMF का प्रयोग जिन उच्च प्राथमिकता वाले मामलों में होना चाहिए, वे हैं – पेयजल, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण, शिक्षा, आजीविका एवं कौशल विकास, वृद्ध एवं दिव्यांग कल्याण, स्वच्छता.

DMFT क्या है?

DMFT की स्थापना छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में की गई है. इसमें एक प्रशासी परिषद् और एक प्रबंधन समिति होती है जिनको अलग-अलग उत्तरदायित्व सौंपा गया है. इस परिसर और समिति के गठन के पीछे यह भावना थी कि निर्णय लेते समय संतुलन हो सके. परिषद् और समिति दोनों का प्रमुख जिला कलेक्टर होता है. इसमें कुछ अन्य सदस्य भी होते हैं जो या तो अधिकारी होते हैं या चुने हुए प्रतिनिधि. इसमें खनन से दुष्प्रभावित लोगों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता है.


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : New measures under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana

संदर्भ

वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की इससे गरीबों को ‘कोरोना वायरस’ के खिलाफ लड़ाई लड़ने में काफी मदद मिलेगी.

मुख्य तथ्य

  • कोविड-19’ से लड़ने वाले प्रत्‍येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा
  • 80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह5 किलो गेहूं या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी  
  • 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे.
  • मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है, 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे.
  • 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्‍यांगजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
  • सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना’ के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रुपये डालेगी, 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे.
  • केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को ‘भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष’ का उपयोग करनेके आदेश दिए हैं.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय किये हैं: 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज

सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना

  • सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्‍वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे. .
  • कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
  • सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मि‍यों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा.

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना

  • भारत सरकार अगले तीन महीनों के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्‍ट नहीं होने देगी.
  • 80 करोड़ व्यक्तियों, अर्थात, भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा.
  • इनमें से प्रत्येक व्‍यक्ति को अगले तीन महीनों के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्‍न दिया जाएगा.
  • यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा.

दालें

  • उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्‍येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी.
  • ये दालें भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत

किसानों को लाभ

  • 2020-21 में देय2,000 रुपये की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही ‘पीएम किसान योजना’ के तहत खाते में डाल दी जाएंगी.
  • इसमें 7 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा.

 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद राशि का हस्तांतरण

गरीबों की मदद

  • कुल 40 करोड़ पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.

गैस सिलेंडर

  • पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे.

संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मदद

  • 100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्‍ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है.
  • इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है.
  • इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा.

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक)विधवाओं और दिव्यांगजनों  के लिए सहायता

  • ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं औरदिव्यांग श्रेणी के लोग हैं, जो कोविड-19 की वजह से उत्‍पन्‍न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं.
  • सरकार अगले तीन महीनों के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें 1,000 रुपये देगी.

मनरेगा

  • ‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्‍येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा.
  • इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे.

पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य उपाय

संगठित क्षेत्र

  • कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्‍यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिकइनमें से जो भी कम हो, प्राप्‍त करने की अनुमति दी जाएगी.
  • ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष

  • ‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है.
  • कोष में लगभग 5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं.
  • राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलोंसे बचाने के लिए आवश्‍यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें.

जिला खनिज कोष

  • राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगा, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओंका इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to Health.

Topic : South Korean model to control COVID 19 spread

संदर्भ

कोरियाई मॉडल, “ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट” कोरोनोवायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय परिणाम दिखा रहा है.

पृष्ठभूमि

कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए हमें दक्षिण कोरिया से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. दक्षिण कोरिया में अभी तक कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जो भी उपाय अपनाए गए हैं, उनमें लॉकडाउन शामिल नहीं है. बिना लॉकडाउन के ही दक्षिण कोरिया इस महामारी से लड़ने में और देशों से कहीं आगे है. आइए जानते हैं  दक्षिण कोरिया ऐसा क्या कर रहा है जिससे भारत को सीख लेनी चाहिए.

कोरिया द्वारा क्या उपाय अपनाए गये हैं?

  • दक्षिण कोरिया में हर रोज करीब 20 हजार लोगों का परीक्षण किया जा रहा है. टेस्ट किए जाने का ये आंकड़ा बाकी दुनिया के किसी भी दूसरे देश से बहुत अधिक है. भारत में यह आंकड़ा बेहद कम है. यहां प्रति दस लाख व्यक्तियों पर महज18 लोगों का ही टेस्ट हो पा रहा है.
  • सख्त क्वारंटीन पॉलिसी बनाई गई है.वायरस से संक्रमित सभी लोगों की निगरानी की जा रही है ताकि वह किसी स्वस्थ्य व्यक्ति के संपर्क में ना आएं. दक्षिण कोरिया में टेस्ट के लिए बनाए गए ये लैब्स 24×7 काम कर रहे हैं. और अन्य देशों की तुलना में जल्द से जल्द परिणाम भी सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं इस महामारी को देखते हुए कई लैब तैयार किए गए हैं.
  • दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 96 पब्लिक और प्राइवेट लैब का निर्माण किया है. हालांकि भारत में इससे ज्यादा लैब हैं लेकिन यहां की जनसंख्यादक्षिण कोरिया से कहीं ज्यादा है. ऐसे में गिनती के लैब इस महामारी के परीक्षण के लिए काफी नहीं हैं.
  • अन्य देशों की तुलना में दक्षिण कोरिया ने टेस्ट का तरीका जल्दी खोज लिया और उन्होंने पूरे देश में प्रयोगशालाओं का एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया जो महज 17 दिनों के भीतर ही सकारात्मक परिणाम लेकर आया. चूंकिदक्षिण कोरिया इससे पहले मर्स का प्रकोप झेल चुका था इसलिए बीती बातों से सबक लेते हुए दक्षिण कोरिया अन्य देशों के मुकाबले कहीं आगे नजर आया.
  • दक्षिण कोरिया में डॉक्टरों की पाली (shift) काम करती है.
  • हर किसी को क्वॉरन्टीन नहीं कर सकते हैं और ना ही हर किसी का इलाज कर सकते हैं.जिन लोगों में संक्रमण के बेहद मामूली लक्षण हैं उन्हें घर पर रहना चाहिए और वहीं इलाज लेना चाहिए. लेकिन दक्षिण कोरिया में हर एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है. भारत में ऐसा कर पाना संभव मालूम नहीं पड़ता है.
  • कई शहरों में सार्वजनिक निगरानी के लिए बड़ा सिस्टम तैयार किया गया है.पांच करोड़ की आबादी वाले इस देश में हर छोटी से छोटी कोशिश को भी तवज्जो दी जा रही है.
  • भारत की तरह ही दक्षिण कोरिया में भी स्कूल बंद हैं. कर्मचारी घर से काम करते हैं. लोगों से कहा गया है कि वे किसी समारोह और आयोजन का हिस्सा ना बनें लेकिन लॉकडाउन नहीं किया गया है.
  • सड़कों पर ज्यादातर लोग मास्क पहने दिखाई देते हैं. हर बड़ी इमारत के बाहर थर्मल ट्रेसिंग की व्यवस्था की गई है.देश की जनता ने सरकार के फैसलों का स्वागत किया है और उनकी मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : What is a Schedule H1 Drug?

संदर्भ

सरकार ने मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अनुसूची-एच 1 के तहत अधिसूचित कर दिया है.

पृष्ठभूमि

सरकार ने आम लोगों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में न करने की चेतावनी दी है. हाल ही में एक रिपोर्ट में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन को कोविड 19 के इलाज में कारगर बताया गया था, जिसके बाद से इस दवाई की ब्रिकी काफी बढ़ गई थी. तेजी से बढ़ती बीमारी SARS-CoV2 (कोविड19) पर इस दवा को काफी असरदार माना जा रहा था, लेकिन जल्दबाजी में इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए भारत ने इसके निर्यात पर भी बैन लगा दिया है.

अनुसूची H1 क्या है?

अनुसूची H1 के तहत सूचीबद्ध दवाओं को निम्नलिखित शर्तों के तहत बेचा जाना आवश्यक है

  • H1 दवाओं की आपूर्ति को एक अलग रजिस्टर में पंजीकृत किया जाना आवश्यक है. रजिस्टर में प्रिस्क्राइबर, मरीज का नाम और पता होना चाहिए. और यह विवरण आपूर्तिकर्ता द्वारा न्यूनतम तीन वर्षों के लिए रखा जाना चाहिए.
  • अनुसूची एच 1 के तहत सूचीबद्ध दवा को लाल रंग में “Rx” के रूप में लेबल किया जाना चाहिए.

एच-1 सूची में शामिल कुछ दवाएं

डोरीपेनम, पेंटाजोसिन, हाइड्रोक्लोराइड, माक्सिफ्लोक्सारिन, ट्रोमाडोल, जोलपीडेम, बालोफ्लोक्सारिन, अल्प्राजोलम, कफ सीरप कोरेक्स सहित एंटीबायोटिक, हार्ट, किडनी और टीबी से संबंधित दवाएं जिनसे नशा आता हो.

एच-1 अनुसूची में शामिल दवाओं के लेवलिंग अलग

ड्रग कंट्रोल अफसर डीसी उप्पल ने बताया कि एच-1 अनुसूची में शामिल दवाओं की लेवलिंग अन्य दवाओं से अलग होगी. इसके अलावा शराब और सिगरेट की तरह इनके पैकेट पर भी चेतावनी लिखी होगी. लाल रंग का प्रयोग ज्यादा होगा और दवाओं के सावधानी से प्रयोग की बात भी दवा के रैपर पर लिखी होगी.


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