Sansar डेली करंट अफेयर्स, 27 August 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 27 August 2018


GS Paper 1 Source: The Hindu

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Topic : Bombay Natural History Society (BNHS)

संदर्भ

भारत के प्रमुख पक्षी अनुसंधान संस्थानों में से एक बम्बई प्राकृतिक इतिहास सोसाइटी (Bombay Natural History Society – BNHS) ने चिल्का झील के निकट स्थित आद्रभूमि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के परिसर में अपने पहले क्षेत्रीय केंद्र का संचालन आरम्भ किया है.

मुख्य तथ्य

ओडिशा में खुलने वाली इस शाखा की सहायता से BNHS जाड़े में चिल्का झील में जमावड़ा लगाने वाले विदेशी पक्षियों के वायुमार्ग की पहचान करेगा. साथ ही यहाँ से BNHS को  इनके नमूनों का संग्रह, पक्षी गणना से सम्बंधित प्रशिक्षण, पक्षी परिव्रजन, एटलस पुस्तकों का प्रकाशन, पक्षियों में होने वाले विभिन्न रोगों का परीक्षण तथा नलबन पक्षी अभयारण्य में पक्षियों की गणना के अतिरिक्त उनकी दशा की समीक्षा करने में सहायता मिलेगी.

चिल्का झील के बारे में

  • चिल्का झील भारत का सबसे बड़ा और तटीय लगून और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लैगून है.
  • इससे बड़ा लैगून न्यू कैलेडोनिया, स्कॉटलैंड में है.
  • भारतीय महाद्वीप में सबसे अधिक जलमुरगाबी (जलपक्षी) जाड़ों में चिल्का झील में ही आते हैं.
  • अपने समृद्ध जैव-विविधता और पारिस्थितिकीय महत्ता के कारण चिल्का झील को को भारत की पहली “रामसर साइट” के रूप में घोषित किया गया था.
  • इस लैगून के बीच में स्थित नलबन द्वीप को वन्य जीवन (सुरक्षा अधिनियम) के अधीन एक पक्षी अभयारण्य अधिसूचित किया गया है.
  • भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की राष्ट्रीय आद्रभूमि, मैनग्रोव एवं प्रवाल भित्ति समिति ने इस लैगून को संरक्षण तथा प्रबंधन की दृष्टि से सर्वप्रमुख स्थल के रूप में चयन किया है.
  • चिल्का लैगून भारत के पूर्वी समुद्री तट पर ओडिशा राज्य के पुरी, खुर्दा और गंजाम जिलों में पड़ता है.
  • राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 (NH5) के माध्यम से यहाँ से चेन्नई और कोलकाता जाना सुगम है.

BNHS के बारे में

  • इसकी स्थापना 15 सितम्बर, 1883 में हुई थी.
  • यह भारत के सबसे बड़े गैर सरकारी संगठनों में से एक है जो संरक्षण तथा जैव विविधता पर अनुसंधान किया करता है.
  • यह संस्था भारत में BirdLife International का भागीदार है.
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इसे एक वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान संगठन घोषित किया है.
  • वृहदाकार हॉर्नबिल (great hornbill) BNHS का logo है.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Strategic Partnership (SP) model

संदर्भ

रक्षा अधिग्रहण परिषद् (Defence Acquisition Council – DAC) ने हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भारतीय नौसेना के लिए 111 यूटिलिटी हेलीकाप्टर के क्रय को मंजूरी दी है जिसमें, 21,000 रु. का खर्च आयेगा.

यह रक्षा मंत्रालय की प्रतिष्ठित रणनीतिक भागीदारी मॉडल/Strategic Partnership (SP) Model के अंतर्गत पहली परियोजना होगी. इसका उद्देश्य सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सुदृढ़ करना है.

Strategic Partnership (SP) Model का उद्देश्य

रणनीतिक भागीदारी मॉडल के उद्देश्य हैं –

  • प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना
  • कार्यकुशलता में वृद्धि करना
  • तकनीक के अधिक त्वरित और अधिक महत्त्वपूर्ण प्रयोग को सुनिश्चित करना.
  • विभिन्न स्तरीय औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को सुनिश्चित करना.
  • एक से अधिक क्षेत्रों में कौशल के विकास को सुनिश्चित करना.
  • नवाचार को आगे बढ़ाना
  • वैश्विक मूल्य श्रृंखला (value chain) में भागीदारी को संभव बनाना.
  • निर्यात को बढ़ावा देना.

इस मॉडल के तहत सरकार की योजना निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना और इन चार मुख्य क्षेत्रों में स्वदेशी विशेषज्ञता का सृजन करना है –

  1. लड़ाकू विमान
  2. हेलीकाप्टर
  3. पनडुब्बी
  4. बख्तरबंद वाहन और मुख्य युद्ध में प्रयोग होने वाले टैंक

प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक-एक कंपनी को उसकी क्षमता के आधार पर चुना जायेगा. चारों कंपनियों को फिर एक-एक विदेशी मौलिक उपकरण निर्माता से जोड़ दिया जायेगा जिससे कि वे भारत में महत्त्वपूर्ण तकनीकी स्थानान्तरण के माध्यम से आवश्यक मंच तैयार कर सकें. इन विदेशी कंपनियों का क्रय की परिक्रिया के माध्यम से चयन होगा.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : G20 Digital Economy Ministerial Meeting

संदर्भ

G-20 2018 की डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रिस्तरीय बैठक अर्जेंटीना के साल्टा नगर में आयोजित किया जा रहा है. इस बैठक की अध्यक्षता अर्जेंटीना करेगा. इसकी theme है – न्यायपूर्ण और सतत विकास के लिए सर्वसहमति तैयार करना/Building consensus for fair and sustainable development.

बैठक के एजेंडा में ये प्रमुख विषय रखे गये हैं –

  • कार्य का भविष्य (the future of work)
  • विकास के लिए आधारभूत संरचना (infrastructure for development)
  • सतत भोजन का भविष्य (sustainable food future)

डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यदल (Digital Economy Task Force)

डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यदल (DETF) की स्थापना G20 की 2017 की बैठक में हुई थी जो जर्मनी में आयोजित की गई थी. ज्ञातव्य है कि इसकी स्थापना के विषय में निर्णय G-20 ने चीन के Hangzhou में सम्पन्न बैठक में लिया था.

G-20 की 2015 की बैठक तुर्की के अंटाल्या नगर में हुई थी जिसमें आधुनिक युग को डिजिटल परिवर्तन के युग के रूप में मान्यता दी गई थी.

डिजिटल अर्थव्यवस्था क्या है?

डिजिटल अर्थव्यवस्था का अभिप्राय इन गतिविधियों से है –

  • उत्पादन में ज्ञान एवं सूचना को कारक के रूप में प्रयोग करना.
  • सूचना तंत्रों को कार्रवाई के मंच के रूप में प्रयोग करना.
  • सूचना एवं संचार तकनीक क्षेत्र की सहायता से आर्थिक वृद्धि प्राप्त करना.

G20 के बारे में

G-20 यूरोपीय संघ तथा 19 अन्य देशों का एक संगठन है. ये 19 देश हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका.

G-20 के कार्यों को दो भागों में बाँटा जा सकता है –

  • वित्तीय भाग (Finance Track) – वित्तीय भाग के अन्दर G 20 देश समूहों के वित्तीय मंत्री, केंद्रीय बैंक गवर्नर तथा उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं. यह बैठकें वर्ष भर में कई बार होती हैं.
  • शेरपा भाग (Sherpa Track) – शेरपा भाग में G-20 के सम्बंधित मंत्रियों के अतिरिक्त एक शेरपा अथवा दूत भी सम्मिलित होता है. शेरपा का काम है G20 की प्रगति के अनुसार अपने मंत्री और देश प्रमुख अथवा सरकार को कार्योन्मुख करना.

G-20 व्युत्पत्ति

1999 में सात देशों के समूह G-7 के वित्त मंत्रियों तथा केन्द्रीय बैंक गवर्नरों की एक बैठक हुई थी. उस बैठक में अनुभव किया गया था कि विश्व की वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए एक बड़ा मंच होना चाहिए जिसमें विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देशों के मंत्रियों का प्रतिनिधित्व हो. इस प्रकार G-20 का निर्माण हुआ.

G-20 का विश्व पर प्रभाव

  • G-20 में शामिल देश विश्व के उन सभी महादेशों से आते हैं जहाँ मनुष्य रहते हैं.
  • विश्व के आर्थिक उत्पादन का 85% इन्हीं देशों में होता है.
  • इन देशों में विश्व की जनसंख्या का 2/3 भाग रहता है.
  • यूरोपीय संघ तथा 19 अन्य देशों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75% हिस्सा है.
  • G 20 कि बैठक में नीति निर्माण के लिए मुख्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी बुलाया जाता है. साथ ही अध्यक्ष के विवेकानुसार कुछ G20 के बाहर के देश भी आमंत्रित किये जाते हैं.
  • इसके अतिरिक्त सिविल सोसाइटी के अलग-अलग क्षेत्रों के समूहों को नीति-निर्धारण की प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Indian Ocean Conference 2018

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संदर्भ

तीसरा हिन्द महासागर सम्मेलन (Indian Ocean Conference) वियतनाम की राजधानी हनोई में आयोजित हो रहा है. इस वर्ष इस सम्मेलन में बेहतर सहयोग, रणनीतिक साझेदारी और प्रशासनिक स्थापत्य (governance architectures) पर बल दिया जायेगा.

इस सम्मलेन के माध्यम से हिन्द महासागर के आस-पास के देशों को एक-दूसरे के निकट आने तथा क्षेत्र के आर्थिक एवं रणनीतिक महत्त्व के बारे में  विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा.

इस वर्ष के सम्मलेन की theme है – “क्षेत्रीय स्थापत्य का निर्माण”/ “Building Regional Architectures”.

हिन्द महासागर सम्मलेन क्या है?

हिन्द महासागर सम्मलेन का सूत्रपात India Foundation ने सिंगापुर, श्रीलंका और बांग्लादेश के अपने भागीदारों के साथ किया था. यह एक वार्षिक आयोजन है जिसमें क्षेत्र के सभी देशों के मंत्री, अग्रणी विचारक, विद्वान्, कूटनीतिज्ञ, नौकरशाह आदि शामिल होते हैं.

2016 और 2017 में यह सम्मेलन क्रमशः सिंगापुर और श्रीलंका में आयोजित हुआ था. यह दोनों सम्मलेन भारत के विदेश मंत्रालय के तत्त्वाधान में सम्पन्न हुए थे और इनमें 35 से अधिक देशों ने भाग लिया था. इन सम्मेलनों की रिपोर्टिंग विश्व-भर की मीडिया ने की थी.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : BIS to set standards for the services sector

संदर्भ

भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards – BIS) अब उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को मापने के लिए नए मानक तैयार करने की योजना बना रहा है. जिन क्षेत्रों की सेवाओं के नए मानक तैयार होंगे उनमें दूरसंचार, विमानन, ई-वाणिज्य तथा स्वास्थ्यगत देखभाल सम्मिलत हैं.

इसके लिए इस ब्यूरो ने हाल ही में औद्योगिक निकायों की एक बैठक बुलाई है.

सेवा क्षेत्र की महत्ता और इसके लिए मानकीकरण की आवश्यकता

सेवा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है. इसमें विश्व के सबसे बड़े बाजारों में से एक बनने की अपार क्षमता है. यदि मानक निर्धारित होंगे तो इसमें और भी वृद्धि होगी.

पृष्ठभूमि

पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण हुआ था जिसमें पाया गया था कि देश में उपभोक्ता सेवा से सम्बंधित मानकों के परिभाषित नहीं होने के कारण अधिकांश उपभोक्ता विक्रयोपरान्त सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं. सर्वेक्षण से पता चला था कि 43% उपभोक्ता मानते हैं कि मोबाइल फ़ोन और कंप्यूटर निर्माता सबसे खराब क्रयोपरान्त सेवा देते हैं. इनके बाद वाइट गुड फर्मों (38%) और ऑटोमोबाइल कम्पनियों (11%) का नंबर आता है. 93% उपभोक्ताओं का यह विचार था कि किसी भी शिकायत का उत्तर 72 घंटों के अन्दर-अन्दर मिल जाना चाहिए.

कई उपभोक्ताओं को यह भी शिकायत थी कि कई कंपनियों के कस्टमर सर्विस फ़ोन नंबर काम नहीं करते हैं.

BIS के बारे में

  • BIS भारत सरकार द्वारा Bureau of Indian Standards Act, 1986 के तहत कार्यादेश के माध्यम से गठित एक निकाय (statutory organization) है.
  • पहले इस निकाय का नाम भारतीय मानक संस्थान (ISI) था.
  • यह भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत काम करता है.
  • BIS का पदेन अध्यक्ष (ex-officio) उक्त मंत्रालय का मंत्री होता है.
  • इस निकाय में अन्य 25 सदस्य होते हैं जो केंद्र एवं राज्य सरकारों के उद्योग, वैज्ञानिक एवं अनुसंधान संस्थानों, उपभोक्ता संगठनों से लिए जाते हैं.
  • भारतीय मानक ब्यूरो भारत के लिए विश्व व्यापार संगठन -TBT (WTO-TBT) केंद्र के रूप में कार्य करता है.

Prelims Vishesh

Cheetah reintroduction project :-

  • मध्य प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य (Nauradehi sanctuary) को चीताओं के लिए एक उपयुक्त अभयारण्य माना गया है क्योंकि यहाँ के जंगल उतने घने नहीं है कि उनके आने-जाने में रुकावट हो.
  • साथ ही ये जिन जीवों का शिकार करते हैं वे यहाँ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसलिए पूर्व में यह योजना बनी थी कि अफ्रीका के नामीबिया से 20 चीते लाकर यहाँ रखे जाएँ पर यह योजना वर्षों से लंबित पड़ी है.
  • हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण को इस योजना को फिर से लागू करने के लिए अनुरोध किया है.

India’s first biofuel-powered plane :-

  • भारत में पहली बार Bombardier Q400 (VT-SUI)  नामक एक वायुवान जैव-ईंधन मिश्रित ईंधन से उड़ाया गया. यह वायुवान SpiceJet कम्पनी का है.
  • यह देहरादून से उड़कर दिल्ली पहुँचा.
  • इसके ईंधन में 25% जैव ईंधन है.
  • भारत से पहले मात्र अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ही ऐसी उड़ान अब तक हुई है.

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