Sansar डेली करंट अफेयर्स, 26 May 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 26 May 2021


GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Important Geophysical phenomena such as earthquakes, Tsunami, Volcanic activity, cyclone etc.

Topic : Supermoon

संदर्भ

26 मई को ‘पूर्ण चंद्र ग्रहण’ (Total lunar eclipse) तथा ‘सुपर मून’ (Supermoon), दो खगोलीय घटनाएँ घटित होंगी. ज्ञातव्य है, कि सुपरमून और पूर्ण चंद्रग्रहण की घटनाएं लगभग छह वर्षों के एक साथ हो रही हैं.

सुपर मून

  1. सुपर मून एक दुर्लभ अन्तरिक्षीय घटना है जिसमें एक साथ अत्यंत बड़ा चंद्रमा, एक नीला चंद्रमा और पूर्ण चन्द्र ग्रहण शामिल होते हैं.
  2. सुपर मून तब होता है जब पूर्णिमा का चाँद अपने परिक्रमा पथ में पृथ्वी के सबसे निकट होता है.
  3. सुपर मून के समय चाँद 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखता है.
  4. पूर्ण चंद्रग्रहण के समय चाँद को रक्त चन्द्र (blood moon) भी कहते हैं क्योंकि उस समय उसकी सतह लाल दिखाई देती है.
  5. 2-3 साल में कई बार ऐसा होता है कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा हो जाती है. ऐसी स्थिति में दूसरी पूर्णिमा के चाँद को ब्लू मून कहा जाता है. यह एक विरल घटना होती है, इसलिए “once in a blue moon” मुहावरा बना है जिसका अर्थ हुआ किसी घटना का कभी-कभार ही होना.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges therein.

Topic : Hate Speech

संदर्भ

चूंकि, भारतीय दंड संहिता (IPC) में “घृणापूर्ण भाषण’ (Hate Speech)” को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, अतः ‘आपराधिक कानून सुधार समिति’ (Committee for Reforms in Criminal Laws) द्वारा पहली बार इस तरह के भाषणों को परिभाषित करने का प्रयास किया जा रहा है.

इस समिति द्वारा शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है.

मुख्य अवलोकन

हेट स्पीच” बनाम “फ्री स्पीच’: फ्री स्पीच में सरकारी नीतियों पर टिप्पणी करने, पक्ष लेने या आलोचना करने का अधिकार शामिल है; तथा हेट स्पीच में “किसी लक्षित समुदाय या समूह के विरुद्ध घृणा का सृजन या प्रचार करना शामिल है.

हेट स्पीच’ के अपराधीकरण का उद्देश्य: किसी व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करना तथा जाति, पंथ, धर्म, लिंग, लैंगिक पहचान आदि की उपेक्षा करते हुए विभिन्‍न वर्गों और समूहों के मध्य राजनीतिक एवं सामाजिक समानता सुनिश्चित करना.

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि गरिमा” समाज के सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति के बुनियादी अधिकारों को संदर्भित करती है, जो समाज में अच्छी स्थिति में है. साथ ही, किसी व्यक्ति के रूप में सम्मान या प्रतिष्ठा के किसी विशेष स्तर को संदर्भित नहीं करती है”, जैसा कि मानहानि के मामले में व्यक्तिपरक होती है.

घृणापूर्ण भाषण की पहचान करने के लिए परीक्षण

  • सर्वोच्च न्यायालय ने तीन भिन्न-भिन्न तत्त्वों को स्पष्ट किया है, जिनका विधायिका और न्यायालय द्वारा डेट स्पीच को परिभाषित करने व पहचानने के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
  • भारत में किसी भी कानून में हेट स्पीच को परिभाषित नहीं किया गया है| हालांकि, हेट स्पीच से भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं यथा 155A, 295 आदि (सामान्यतः व्यक्तियों के एक समूह के विरुद्ध घृणा को उकसाने जैसे कृत्यों के विरुद्ध दंड) के तहत निपटा जाता है.

घृणा स्पीच का निर्धारण करने वाले तीन विशिष्ट तत्त्व

सामग्री-आधारित तत्त्व :-

इसमें सामान्यतः विशेष रूप से किसी समुदाय हेतु घृणास्पद और समाज के लिए निष्यक्ष रूप से अपकारक माने जाने वाले शब्दों एवं वाक्यांशों का प्रत्यक्ष उपयोग शामिल है. इसमें कुछ प्रतीकों और आइकोनोग्राफी (दृश्य कला में प्रतीकों का प्रयोग) का उपयोग भी सम्मिलित हो सकता है.

आशय-आधारित तत्त्व :-

इस श्रेणी में किसी भी वैध सन्देश को सम्प्रेषित किये बिना किसी विशेष वर्ग या समूह के विरुद्ध केवल घृणा, हिंसा या आक्रोश को बढ़ावा देने के लिए वक्ता को शामिल किया गया है.

क्षति-आधारित तत्त्व (या प्रभाव-आधारित तत्त्व) :-

‘हेट स्पीच’ के परिणामों को संदर्भित करता है, अर्थात्, पीड़ित को नुकसान जो हिंसक हो सकता है या जैसे आत्म-सम्मान की हानि आर्थिक या सामाजिक अधीनता, शारीरिक व मानसिक तनाव, पीड़ित को दबाना और राजनीतिक क्षेत्र से प्रभावी अपवर्जन आदि.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Development processes and the development industry the role of NGOs, SHGs, various groups and associations, donors, charities, institutional and other stakeholders.

Topic : One Stop Centre scheme

संदर्भ

केंद्र सरकार द्वारा ‘लिंग आधारित हिंसा’ से पीड़ित भारतीय महिलाओं को सहायता प्रदान करने हेतु 9 देशों में स्थित 10 मिशनों में वन स्टॉप सेंटर’ (One Stop Centres– OSCs) स्थापित किए जाएगें.

‘वन स्टॉप सेंटर’ स्थापित किए जाने वाले मिशन, सऊदी अरब के जेद्दा और रियाद, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान, और यूएई में स्थित हैं.

वन स्टॉप सेंटर (OSC) क्या है?

  • यह योजना राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन नामक बहु-आयामी योजना के अन्दर आनेवाली एक उप-योजना है.
  • यह योजना 1/7/2015 से राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है.
  • इस योजना का प्रचलित नामसखी  है.
  • यह एक केंद्र संपोषित योजना है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है.
  • ये केंद्र देश भर में स्थापित किये जा रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत ऐसे केंद्र खोले जाते हैं जो एक ही छत के नीचे हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निजी और सार्वजनिक दोनों स्थलों में चरणबद्ध रीति से समेकित सहयोग और सहायता प्रदान की जाती है.
  • यह एक केंद्र संपोषित योजना है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा निर्भया कोष से चलाये जाते हैं.
  • दी जाने वाली सहायताएँ कुछ इस प्रकार हैं – प्रथम सूचना प्रतिवेदन (FIR) दायर करने में सहायता, विडियो कांफ्रेंस की सुविधा, चिकित्सकीय सुविधा, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता, कम-से-कम पाँच दिन का आश्रय आदि.

सुरक्षा की आवश्यकता क्यों?

  • लिंग पर आधारित हिंसा स्वास्थ्य, मानवाधिकार और विकास से सम्बंधित एक वैश्विक समस्या है जो विश्व के किसी भी कोने, वर्ग, संस्कृति, आयु, प्रजाति और धर्म में देखी जाती है.
  • लिंग पर आधारित हिंसा की परिभाषा संयुक्त राष्ट्र हिंसा उन्मूलन घोषणा, 1993 के अनुच्छेद 1 में दी गई है. इस परिभाषा के अनुसार, ऐसा कोई भी कार्य लैंगिक हिंसा कहलाएगी जिससे स्त्रियों को शारीरिक, यौन-सम्बंधित अथवा मानसिक चोट पहुँचता है. ऐसे कार्यों की धमकी देना, दबाव डालना अथवा स्वतंत्रता से निरंकुशतापूर्वक वंचित करना भी लिंग-आधारित हिंसा कहलायेगा चाहे यह सब निजी जीवन में गठित हो अथवा सार्वजनिक जीवन में.
  • भारत में लिंग पर आधारित हिंसा के कई रूप हैं. अधिकतर यह घरेलू मारपीट अथवा यौन उत्पीड़न के रूप में देखा जाता है. परन्तु इसके कई अन्य प्रकार भी हैं, जैसे – दहेज, सम्मान के लिए हत्या, एसिड फेकना, डायन हत्या, बाल यौन उत्पीड़न, वाणिज्यिक यौन शोषण के लिए तस्करी, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, सती आदि.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : UK ‘Uygur tribunal’ aims to smear China

संदर्भ

चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर और अन्य तुर्की मुस्लिम जनसंख्या के नरसंहार किए जाने संबंधी आरोपों की जाँच करने के लिए ब्रिटेन में एक जन-न्यायाधिकरण (People’s Tribunal) गठित करने की योजना की चीन द्वारा निंदा की गई है.

संबंधित प्रकरण

शिनजियांग प्रांत, चीन की प्रमुख विदेश नीति के लिए एक सिरदर्द बन गया है. शिनजियांग में लाखों की संख्या में उइगर, कज़ाखों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को पुनर्शिक्षित (re-education) शिविरों में कैद करने का आरोप लगाया जाता है.

  1. इन शिविरों में इन समुदायों को अपनी पारंपरिक संस्कृति को छोड़ने तथा चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और उसके नेता शी जिनपिंग के प्रति निष्ठा की शपथ लेने के लिए विवश किया जाता है.
  2. इस क्षेत्र की महिलाओं ने भी गवाही दी है, कि उन्हें गर्भनिरोधक तरीकों से गुजरने के लिए विवश किया गया है और बताया है, कि कैद में बंद माता-पिताओं से उनके बच्चों को से लिया जाता है.
  3. बलात श्रम कराए जाने संबंधी दावों के मद्देनजर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने शिनजियांग के प्रमुख कपास उद्योग के साथ संबंध तोड़ लिए हैं.

इन आरोपों पर चीन की प्रतिक्रिया

चीन का मत है कि वह शिनजियांग क्षेत्र में चीनी शासन के विरुद्ध वर्षों से भड़क रही हिंसक घटनाओं के  बाद जिहादी प्रचार से प्रभावित लोगों को कट्टरपंथी बनने से रोकने के लिए केवल नौकरी-प्रशिक्षण और परामर्श प्रदान कर रहा है.

ट्रिब्यूनल तथा इसके निहितार्थ

  1. इस ट्रिब्यूनल को सरकारी समर्थन प्राप्त नहीं है.
  2. इसकी अध्यक्षता प्रमुख वकील जेफ्री नाइस (Geoffrey Nice) द्वारा की जाएगी. यह, सर्बिया के पूर्व राष्ट्रपति स्लोबोडन मिलोसेविक (Slobodan Milosevic) के खिलाफ अभियोजन का नेतृत्व कर चुके हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के साथ काम करते हैं.
  3. हालांकि, ट्रिब्यूनल का निर्णय किसी भी सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होगा, फिर भी इसके आयोजकों को आशा ,है कि सार्वजनिक रूप से सबूत देने से, शिनजियांग में किए जा रहे कथित दुर्व्यवहार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई करने को विवश होना पड़ेगा.

उइगर कौन हैं?

  1. उइगर मुसलमानों की एक नस्ल है जो बहुत करके चीन के Xinjiang प्रांत में रहती है.
  2. उइगर लोगउस प्रांत की जनसंख्या के 45% हैं.
  3. विदित हो कि तिब्बत की भांति Xinjiang भी चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र घोषित है.

उइगरों के विद्रोह का कारण

  • कई दशकों से Xinjiang प्रांत में चीन की मूल हान (Han) नस्ल के लोग बसाए जा रहे हैं. आज की तिथि में यहाँ 80 लाख हान रहते हैं जबकि 1949 में इस प्रांत में 220,000 हान रहा करते थे.
  • हान लोग अधिकांश नई नौकरियों को हड़प लेते हैं और उइगर बेरोजगार रह जाते हैं.
  • उइगरों की शिकायत है कि सैनिक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं जबकि सरकार यह दिखाती है कि उसने सभी को समान अधिकार दिए हुए हैं और विभिन्न समुदायों में समरसता है.

Prelims Vishesh

SeHAT OPD portal :-

  • रक्षा मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘सर्विसेज़ ई-हेल्थ असिस्टेन्स एवं टेली-कंसल्टेशन (Services e-Health Assistance & Tele-consultation, SeHAT) ओपीडी पोर्टल शुरू किया है.
  • यह पोर्टल सेवारत सशस्त्र बलों के कार्मिकों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवारों को टेली-मेडिसिन सेवाएँ प्रदान करेगा. इसका परीक्षण अगस्त 2020 में प्रारम्भ किया गया था.
  • इस पोर्टल से अस्पतालों का भार कम करने में सहायता मिलेगी और मरीज आसान और प्रभावी तरीके से संपर्क रहित परामर्श प्राप्त कर सकेंगे.

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