Sansar डेली करंट अफेयर्स, 26 August 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 26 August 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Oxytocin ban

संदर्भ

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों कहा कि निजी दवा कम्पनियों को ऑक्सीटोसिन नामक उपयोगी गर्भ औषधि को बनाने और बेचने से रोकने के विषय में निर्णय लेने के पहले और अधिक चिंतन-मनन की आवश्यकता होगी.

इस निर्देश को देखते हुए सरकार ने इस सम्बन्ध में अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया रोक दी है.

मामला क्या है?

केंद्र सरकार ने अप्रैल 27, 2018 को एक अधिसूचना निकालकर ऑक्सीटोसिन को प्रतिबंधित कर किया था और उत्पादन के लिए मात्र एक सरकारी कम्पनी कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को अनुमति दी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में केंद्र सरकार के उस निर्णय को निरस्त कर दिया जिसके द्वारा निजी प्रतिष्ठानों द्वारा ऑक्सीटोसिन बनाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. विदित हो कि इस दवा का प्रयोग प्रसव पीड़ा लाने और रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. न्यायालय का कहना है कि सरकार का निर्णय निरंकुश एवं अतार्किक है क्योंकि इसका प्रयोग मात्र पशुओं का दूध बढ़ाने के लिए ही नहीं होता है, इसके अन्य उपयोग भी हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय के इस निर्णय के विरुद्ध केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर रखी है.

ऑक्सीटोसिन के निर्माण को केएपीएल तक सीमित रखना अनुचित क्यों?

स्वयं केएपीएल ने कहा है कि वह ऑक्सीटोसिन का उतनी मात्रा उत्पादन नहीं कर सकता है जितना कि इसकी आवश्यकता है. उसका कहना है कि पर्याप्त मात्रा में इस औषधि के उत्पादन में उसे तीन-चार वर्ष लग जाएँगे. इसलिए यदि इसके उत्पादन का भार केवल उसी पर दे दिया जाएगा तो अनेक गर्भवती महिलाओं के जीवन पर खतरा आ जाएगा.

ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) क्या है?

  • ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) एक हार्मोन (hormone) है जिसका मनुष्य तथा पशु के व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है. इस हार्मोन की प्रेम में भी भूमिका होती है. साथ ही स्त्रियों के प्रजनन से सम्बंधित जैविक कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस हार्मोन को आलिंगन हार्मोन (hug hormone), आलिंगन रसायन (cuddle chemical), नैतिक अणु (moral molecule), आनंद हार्मोन (bliss hormone) भी कहा जाता है.
  • ऑक्सीटोसिन मस्तिष्क की हाइपोथेलेमस में बनने वाला एक हार्मोन होता है. यह हार्मोन मस्तिष्क के नीचले हिस्से में स्थित पीयूष ग्रन्थि (pituitary gland) में पहुँचकर फिर वहाँ से निस्सृत होता है.
  • ऑक्सीटोसिन हार्मोन के साथ-साथ एक मस्तिष्क स्नायु-सम्प्रेषक (neurotransmitter) के रूप में भी काम करता है.
  • पीयूष ग्रन्थि से निस्सृत ऑक्सीटोसिन स्त्री प्रजनन से जुड़े दो कार्यों को नियंत्रित करता है – प्रसूति, स्तनपान.

ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) का प्रयोग

ऑक्सीटोसिन औषधि मानवीय हार्मोन का एक कृत्रिम रूप है जो महिलाओं के लिए जीवन-रक्षक होता है. चिकित्सक इसका प्रयोग गर्भवती महिलाओं में प्रसूति को सरल बनाने के लिए तथा बाद में होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए करते हैं. मातृ-स्वास्थ्य में इस औषधि की भूमिका इतनी महत्त्वपूर्ण है लो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रसवोपरान्त रक्त स्राव के उपचार के लिए इसकी अनुशंसा करता है.

प्रतिबंध (Ban) क्यों?

  • गो पालन में इस औषधि का बहुत दुरूपयोग होता आया है. गोपालक इसे बिना सोचे-समझे दूध बढ़ाने के लिए इस औषधि का प्रयोग करते हैं.
  • दुधारू पशुओं में इस हार्मोन के प्रयोग के चलते बाँझपन आ जाता है.
  • ऑक्सीटोसिन से थनैला (mastitis) नामक रोग हो जाता है जिसमें पशु के थन में पीड़ादायक जलन हो जाती है.

क्या किया जाना चाहिए?

यह सत्य है कि ऑक्सीटोसिन के बहुत सारे दुष्प्रभाव हैं. परन्तु भारतीय महिलाओं के लिए यह बड़े काम की चीज है क्योंकि प्रत्येक वर्ष 45,000 स्त्रियाँ प्रसव से जुड़े कारणों से मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं. अतः सरकार द्वारा लागू होने वाले प्रतिबंध को हटाने अथवा सीमित करने के लिए कई स्रोतों से आवाज उठ रही है.

ऑक्सीटोसिन का विकल्प

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विवादित ऑक्सीटोसिन दवा का एक सुरक्षित एवं कारगर विकल्प प्रस्तुत किया है. इस दवा का नाम कार्बेटोसिन (Carbetocin) है. इसकी विशेषता है कि इसे रेफ्रीजरेटर में रखने की आवश्कयता नहीं है जबकि ऑक्सीटोसिन को 2–8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना पड़ता है, अन्यथा इसकी शक्ति कम हो जाती है. दूसरी ओर, कार्बेटोसिन यदि 30 डिग्री सेल्सियस पर तथा 75% सापेक्षिक आर्द्रता के अंदर रखा जाए तब भी यह तीन वर्षों तक कारगर रह जाता है.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : World Youth Conference on Kindness

संदर्भ

नई दिल्ली में पहला विश्व युवा करुणा सम्मेलनआयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन UNESCO महात्मा गाँधी शान्ति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.

  • इस सम्मेलन में 27 देशों के युवा नेता प्रतिभागिता कर रहे हैं.
  • इसकी थीम है – “वसुधैव कुटुम्बकम् : समसामयिक विश्व में गांधी की प्रासंगिकता : महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती का समारोह”.
  • इस सम्मेलन का लक्ष्य है – विश्व-भर के युवाओं में सहानुभूति, करुणा, सचेतनता एवं आलोचनात्मक जिज्ञासा के गुण उत्पन्न करना.
  • युवाओं को अपने-आप को बदलने और अपने समुदायों के साथ दीर्घकालिक शान्ति बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित, सशक्त आर योग्य बनाना.

विश्व युवा करुणा सम्मेलन के उद्देश्य

  • क्षमता संवर्धन के लिए गहन कार्यशालाओं को आयोजित किया जाएगा जिनके माध्यम से युवाओं को सामाजिक एवं भावनात्मक ज्ञानार्जन का कौशल सिखाया जाएगा तथा साथ ही उनमें सहानुभूति, करुणा, सचेतनता एवं आलोचनात्मक जिज्ञासा के गुण उत्पन्न पैदा किये जाएँगे.
  • दया और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए शान्ति स्थापित करने के विषय में युवाओं और विशेषज्ञों के बीच समस्याओं और समाधानों के बारे में वैचारिक आदान-प्रदान की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.
  • इस मंच पर दयालुता के उन प्रेरक कृत्यों की चर्चा होगी जो विश्व में परिवर्तन ला रहे हैं.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : National Agricultural Cooperative Federation of India Ltd. (NAFED)

संदर्भ

पिछले दिनों भारत सरकार ने यह निर्णय लिया कि वह NAFED में संरक्षित बफर भंडार से प्याज की दैनिक आपूर्ति में पर्याप्त वृद्धि करेगी.

NAFED क्या है?

  • NAFED का पूरा नाम है – National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd.
  • इसकी स्थापना 1958 में बहु-राज्यीय सहकारी संस्था अधिनियम के अंतर्गत हुई थी.
  • NAFED का लक्ष्य है कृषि उत्पादों के सहकारी विपणन को बढ़ावा देना जिससे किसानों को लाभ पहुँच सके.

उद्देश्य

  1. कृषि, बागबानी और वन के उत्पादों के विपणन, प्रसंस्करण और भंडारण की व्यवस्था करना.
  2. कृषि मशीनों, औजारों और अन्य निवेशों का वितरण करना.
  3. एक से अधिक राज्यों के बीच आयात-निर्यात से सम्बंधित व्यापार हाथ में लेना.

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NAFED में एक सामान्य निकाय होता है जिसके सदस्य मुख्य रूप से खेतिहर किसान ही होते हैं और वे ही आवश्यक निर्णय लेते हैं.


GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Biotechnology related issues.

Topic : Fortified rice

संदर्भ

कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए नीति आयोग ने खाद्य एवं जनवितरण विभाग को कहा है कि वह पूरे भारत में चावल संवर्धन प्रायोगिक योजना (Rice Fortification Pilot Scheme) को लागू करने के लिए एक कार्ययोजना बनाए.

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संवर्धित चावल क्या है?

  • संवर्धित चावल में विटामिन और खनिज तत्त्व अतिरिक्त रूप से डाले जायेंगे.
  • संवर्धन प्रक्रिया में चावल के भीतर अतिरिक्त विटामिन और खनिज तत्व डाल दिए जाते हैं. इससे उसकी पोषकता बढ़ जाती है.
  • संवर्धित चावल में जो पोषक तत्त्व डाले जाते हैं – Vitamin A, Vitamin B1, Vitamin B12, Folic Acid, Iron और Zinc.
  • विदित हो कि मिल से निकलने वाले चावल में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का अभाव होता है और वह मात्र कार्बो-हाइड्रेट के एक स्रोत का ही काम करता है.
  • ज्ञातव्य है कि चावल देश ही नहीं, संसार का सबसे अधिक उपयोग में लाये जाने वाला अनाज है. अनुमान है कि प्रतिदिन 2 मिलियन लोग चावल खाते हैं और यही एशिया और अफ्रिका के निवासियों का मुख्य भोजन है.
  • चावल की पौष्टिकता बढ़ाने से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आएगा क्योंकि उन्हें कार्बो-हाइड्रेट के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्त्व चावल से ही एक साथ मिल जाएँगे.

भारत में अनाज संवर्धन

भारत में अनाजों के संवर्धन के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकारण (FSSAI) ने एक फार्मूला तैयार किया है जिसका नाम खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य संवर्धन) नियमावली, 2016 है. इस नियामावली में खाद्य संवर्धन के मानक निर्धारित किये गये हैं और संवर्धित भोज्य पदार्थों के उत्पादन, निर्माण, वितरण, विक्रय एवं उपभोग को बढ़ावा देने के उपाय बताये गये हैं.

संवर्धन के लाभ

  • बीच-बीच में रह कर पूरक पोषाहार लेने की तुलना में संवर्धित खाद्य पदार्थ को नियमित रूप से और बार-बार खाने से शरीर में पोषक तत्त्वों का संधारण अधिक कारगर रूप से होता है.
  • अलग-अलग मौसम में खाद्य आपूर्ति घट जाने से अथवा बुरी गुणवत्ता वाला भोजन लेने से शरीर में कई प्रकार की कमियाँ आ जाती हैं. इनके जोखिम को कम करने के लिए संवर्धित खाद्य पदार्थ बेहतर साधन सिद्ध होते हैं.
  • संवर्धित खाद्य लेने से स्तन्य दूध में विटामिनों की मात्रा बहुत अच्छे ढंग से बढ़ जाती है और इस प्रकार जच्चे और बच्चे को ऊपर से पोषाहार देने की आवश्यकता घट जाती है.
  • यदि व्यापक व्यवहार में आने वाले और व्यापक रूप से सुलभ होने वाले खाद्य पदार्थों को संवर्धित किया जाए तो दरिद्र और धनिक दोनों प्रकार के लोगों में से अधिकांश की पोषणगत अवस्था सुधर सकती है.
  • अन्य उपायों की तुलना में संवर्धन में लागत बहुधा कम आती है, विशेषकर तब जब तकनीक पहले से विद्यमान है और खाद्य वितरण की प्रणाली बढ़िया है.

GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Conservation related topics.

Topic : Composite Water Management Index (CWMI)

संदर्भ

पिछले दिनों नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (2017-18) पर अपना प्रतिवेदन प्रकाशित किया है.

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक क्या है?

  • समग्र जल प्रबंधन सूचकांक को नीति आयोग ने विकसित किया है.
  • इसमें भूजल, जल निकायों की पुनर्स्थापना, सिंचाई, खेती के तरीके, पेयजल, नीति और प्रबंधन (बॉक्स-1) के विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं.

उद्देश्य

  • लोगों और सरकारों को देश में व्याप्त जल संकट की वास्तविकता से अवगत करना.
  • जल संकट से निपटने के लिए राज्यों में कारगर जल प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करना.
  • राज्यों और सम्बंधित केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों को ऐसी उपयोगी सूचनाएं देना जिनके आधार पर वे जल स्रोतों के बेहतर प्रबंधन हेतु समुचित रणनीतीयाँ गढ़ सकें और उन्हें लागू कर सकें.

सूचकांक के अनुसार राज्यों का प्रदर्शन

  • गुजरात को सूचकांक में पहला स्थान मिला है.
  • गुजरात के बाद क्रमशः आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान आता है.
  • पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में हिमाचल प्रदेश को पहला स्थान मिला है और फिर क्रमशः उत्तराखंड, त्रिपुरा और असम के नाम आते हैं.
  • इस बार पहली बार संघीय क्षेत्रों के भी आँकड़े आये थे जिनके अनुसार पुडुचेरी शीर्षस्थ स्थान पर है.
  • जिन राज्यों ने जल प्रबंधन में सबसे कम प्रगति की है, वे हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, दिल्ली, राजस्थान, नागालैंड और मेघालय. उल्लेखनीय है कि इन राज्यों में देश की लगभग आधी जनसंख्या बसती है और इन्हीं राज्यों से देश का 40% कृषि उत्पादन और 35% आर्थिक उत्पादन आता है.
  • जहाँ तक 2016-17 के स्तर से आगे क्रमबद्ध बदलाव का प्रश्न है, साधारण राज्यों में हरियाणा पहले स्थान पर है तो वहीं पूर्वोत्तर-हिमालयी राज्यों के बीच उत्तराखंड शीर्षस्थ स्थान पर है.
  • 80% राज्यों ने जल प्रबंधन के संदर्भ में विगत तीन वर्षों में औसतन +5.2 अंकों की बढ़ोतरी की है.

Prelims Vishesh

Baltic Nations :-

  • पिछले दिनों भारत के उपराष्ट्रपति ने तीन बाल्टिक देशों की यात्रा पूरी की.
  • ज्ञातव्य है कि यूरोप में स्थित लिथुएनिया, लेतविया और एस्टोनिया को बाल्टिक देश कहा जाता है क्योंकि ये तीनों बाल्टिक सागर के किनारे-किनारे अवस्थित हैं.
  • ये देश यूरोपीय संघ, नाटो, यूरो जोन और OECD के सदस्य हैं.
  • इन देशों की अर्थव्यवस्था ऊँची आय वाली है और इनका स्थान मानव विकास सूचकांक के हिसाब से बहुत ऊँचा है.

‘San-Sadhan’ Hackathon:

दिव्यान्गों के लिए सहज-सुलभ, उपयोग में सरलता से आने वाले और स्मार्ट शौचालयों के निर्माण के लिए जनशक्ति मंत्रालय एवं दिव्यांग सशक्तीकरण विभाग ने संयुक्त रूप से एक योजना बनाई है जिसे “San-Sadhan Hackathon” नाम दिया गया है.

Time’s list of 100 greatest places in the world :

TIME पत्रिका ने विश्व के 100 महान् स्थलों की एक सूची निकाली है जिनमें भारत की एकता प्रतिमा (गुजरात) और सोहो हाउस (मुंबई) का भी नाम आता है.

Adratiklit boulahfa :-

  • उत्तरी अफ्रीका में स्टेगोसोरस (stegosaurus) की एक नई प्रजाति मिली है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह डायनासोरों के एक समूह का सबसे पुराना (168 बिलियन वर्ष) सदस्य है. इसे Adratiklit boulahfa का नाम दिया गया है.
  • विदित हो कि Adratiklit boulahfa कवचधारी और शाकाहारी पशु होते थे जो पृथ्वी में उस समय विद्यमान थे जब सभी महादेश एक स्थान पर थे और उनका विभाजन नहीं हुआ था.

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