Sansar Daily Current Affairs, 25 July 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Committee to check mob lynching
- आजकल भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं. इसको ध्यान में रखकर भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा होंगे.
- यह समिति इस विषय में विचार करके अपनी अनुशंसा सरकार को 4 सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करेगी.
- यह देखने में आया है कि बच्चों के अपहरण के विषय में असत्य अफवाह सोशल मीडिया में फैलाए जा रहे हैं तथा गौ-हत्या के विरुद्ध लोग हिंसा पर उतारू हो रहे हैं. इन कारणों से भीड़ द्वारा हत्याएँ की जा रही हैं.
- विदित हो कि पुलिस और विधि व्यवस्था राज्य के विषय हैं इसलिए यह राज्य सरकारों का कर्त्तव्य है कि वे इस प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण रखें.
- केंद्र सरकार इस विषय में चिंतित है और समूह द्वारा हत्या की घटना की निंदा करती है.
- ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों को मिल-जुलकर काम करने की आवश्यकता है.
Anti-Lynching Law की आवश्यकता
वर्तमान में भीड़ द्वारा हत्या के विषय में कोई कानून नहीं है. भारतीय दंड संहिता में गैरकानूनी जमावड़े, दंगे और हत्या के बारे में प्रावधान तो हैं पर यदि लोगों का एक समूह मिलकर हत्या करता है तो इसको संज्ञान में लेने का कोई प्रावधान नहीं है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Prevention of Corruption (Amendment) Bill, 2018
हाल ही में लोक सभा ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2018 को पारित कर दिया है जिसके अनुसार घूस देने वाले और लेने वाले दोनों के लिए निर्धारित दंड को बढ़ा दिया गया है.
विधयेक के मुख्य तत्त्व
घूस लेने के दंड में वृद्धि – पहले घूस लेने के लिए छ: महीने का दंड था जो अधिकतम 3 वर्ष तक का हो सकता था परन्तु अब न्यूनतम दंड 3 वर्ष का होगा जो अधिकतम 7 वर्ष का (जुर्माना सहित) होगा.
अनुचित लाभ की परिभाषा में सुधार – पुराने क़ानून में अनुचित लाभ की जो परिभाषा थी उसको विस्तारित करते हुए ऐसे सभी लाभ शामिल किये जायेंगे जो कानूनी भुगतान के अतिरिक्त हैं.
उपहार का अपराधीकरण – विधेयक के अनुसार अनुचित लाभ/गलत उद्देश्य के लिए लिया गया उपहार अब भ्रष्टाचार माना जायेगा.
घूस देने वाले अपराधी माने जायेंगे – पहली बार घूस देने को घूस लेने के बराबर अपराध माना जाएगा यह कार्य दोनों पक्षों की सहमति से हुआ हो. परन्तु यदि घूस जबरदस्ती ली गई हो तो घूस देने वाला सात दिन के भीतर इसकी सूचना देकर अपराधमुक्त हो सकता है.
निगमों में घूसखोरी को अपराध बनाया गया है – यदि संगठन के हित को साधने के लिए कोई कर्मचारी अथवा एजेंट अपने वरिष्ठों की सहमति से घूस देता है तो इस अपराध के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी पकड़े जायेंगे.
तत्काल जब्ती – विधेयक द्वारा कानून लागू करने वाली एजेंसी को यह शक्ति दी गई है कि वह धन लौंडरिंग निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) के प्रावधानों के तहत किसी सरकारी कर्मचारी की अवैध सम्पत्ति को तत्काल जब्त कर सकती है.
समय पर निबटारा – विधेयक के अनुसार न्यायालय छानबीन और सुनवाई का काम दो वर्ष के भीतर अथवा अधिकतम चार वर्ष के भीतर पूरा कर लेगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Negotiable Instruments (Amendment) Bill, 2017
- हाल ही में लोकसभा ने परक्राम्य लिखत (संशोधन) विधेयक, 2017 को पारित कर दिया है.
- विधेयक का उद्देश्य न्यायालयों में विचाराधीन चेक वापसी के मामलों की संख्या घटाना है.
विधयेक के मुख्य तत्त्व
अंतरिम क्षतिपूर्ति : विधेयक में मूल अधिनियम अर्थात् Negotiable Instruments Act, 1881 में एक नया अनुभाग 143 A जोड़ा है जिसमें यह प्रावधान है कि न्यायालय चेक लिखने वाले को यह आदेश दे सकता है कि वह शिकायतकर्ता को तत्काल अंतरिम क्षतिपूर्ति दे. यह क्षतिपूर्ति चेक की राशि से 20% से ज्यादा की नहीं होगी और उसका भुगतान न्यायालय के आदेश के 60 दिनों के भीतर करना आवश्यक होगा.
अपील के लिए पैसा जमा करना : विधेयक एक नया अनुभाग 148 A ला रहा है जिसके अनुसार यदि चेक वापसी का दोषी अपील में जाए तो अपीलीय न्यायालय उसे 20% क्षतिपूर्ति की राशि उस न्यायालय में जमा करने को कहेगा. यह राशि उस 20% राशि से अलग होगी जो उस व्यक्ति ने नीचले न्यायालय में क्षतिपूर्ति के रूप में दिया है.
अंतरिम क्षतिपूर्ति लौटना : यदि चेक लिखने वाला निचले न्यायालय अथवा अपीलीय न्यायालय में जीत जाता है तो न्यायालय शिकायतकर्ता को कहेगा कि उसे दी गई क्षतिपूर्ति वह ब्याज सहित 60 दिनों के भीतर लौटा दे.
परक्राम्य लिखत (negotiable instrument) क्या होता है?
परक्राम्य लिखत वैधानिक दस्तावेजों को कहते हैं, जैसे – चेक, वचनपत्र (promissory notes), हुंडी (bill of exchange) इत्यादि जिसमें दस्तावेज देने वाला यह लिखकर देता है कि भविष्य में अमुक व्यक्ति इस लिखत के आधार पर उसमें दर्शायी गई राशि प्राप्त करेगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Girinka Program
- हाल ही में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी रवांडा गए थे जहाँ उन्होंने रवांडा सरकार के गिरिनका कार्यक्रम (Girinka Program) के तहत कुछ गाँवों में 200 गाएँ उपहार में दीं.
- विदित हो कि Girinka Program रवांडा के राष्ट्रपति Paul Kagame के द्वारा शुरू किया गया था.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि देश में बाल कुपोषण की ऊँची दर को नियंत्रित किया जाए और गरीबी निवारण की गति बढ़ाई जाए.
- इस कार्यक्रम का एक अन्य उद्देश्य मवेशीपालन और खेती को एक-दूसरे से जोड़ना भी था.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत किसी क्षेत्र में जो सबसे गरीब निवासी हैं उनको सरकार गाय देती है और उस गाय से उत्पन्न होने वाली पहली बछिया वे अपने पड़ोसियों को दे देते हैं.
- इस प्रकार पड़ोसियों से उनका अच्छा नाता बनता है.
- इस कार्यक्रम के कारण रवांडा में कृषि उत्पादन बढ़ा है, विशेषकर दूध का उत्पादन और दूध और दूध की वस्तुओं का उत्पादन बढ़ गया है.
- परिणामस्वरूप एक ओर जहाँ कुपोषण घटा है वहीं दूसरी ओर किसान की आय भी बढ़ी है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : World’s fastest man-made spinning object
- वैज्ञानिकों ने हाल ही में मनुष्य द्वारा निर्मित सबसे तेज रोटर (rotor) बनाया है.
- ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस रोटर से Quantum mechanics के अध्ययन में सहायता मिलेगी.
यह कैसे बना?
- वैज्ञानिकों ने सिलिका से एक सूक्ष्म डम्बल बनाया और उसे लेज़र के द्वारा एक शक्तिशाली निर्वात (vacuum) में डाल दिया.
- डम्बल में प्रक्षेपित लेज़र सीधी रेखा में अथवा वृत्त के रूप में काम करता है.
- जब वह सीधी रेखा में जाता है तो डम्बल काँपने लगता है और जब यह वृत्ताकार जाता है तो डम्बल घूमने लगता है.
- यह डम्बल घूमता है तो वह rotor का काम करता है और जब वह कम्पनशील स्थिति में होता है तो वह एक ऐसा उपकरण बन जाता है जिससे सूक्ष्म बल और torque (ऐसी इकाई जिससे उस शक्ति को नापा जाता है जिससे कोई वस्तु घूमने लगती है) का आकलन किया जाता है.
- डम्बल प्रत्येक मिनट में 60 करोड़ से अधिक बार घूम जाता है.
- अतः हम कह सकते हैं कि तेज गति वाले dental drill की तुलना में इस डम्बल की गति एक लाख गुणा अधिक होती है.
संभावित अनुप्रयोग
इस रोटर से वैज्ञानिक लोग क्वांटम मैकेनिक्स तथा निर्वात के गुणों का अध्ययन करने में समर्थ हो जायेंगे जोकि आधुनिक भौतिकी का एक अत्यावश्यक लक्ष्य माना जाता है.
Prelims Vishesh
ईरान भारत का नंबर 2 तेल निर्यातक बन गया
- अप्रैल और जून के बीच भारतीय राज्य रिफाइनरियों के लिए ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक बन गया है.
- भारत अब चीन के बाद ईरान का शीर्ष तेल ग्राहक है.
जनजातीय एटलस
- ओडिशा सरकार ने ‘जनजातीय एटलस’ का अनावरण किया है जिसमें राज्य में बसने वाले आदिवासी समुदायों का जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक विवरण संकलित होगा.
- यह एटलस जनजातीय आबादी पर व्यापक डेटा प्रदान करने में मदद करेगा.
- ऐसा दावा किया जाता है कि देश में इस तरह का पहला जनजातीय एटलस बनाया गया है.
- विदित हो कि जनगणना 2011 के अनुसार, मध्य प्रदेश के बाद ओडिशा राज्य देश का दूसरा सबसे अधिक जनजातीय आबादी वाला राज्य है.
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