Sansar डेली करंट अफेयर्स, 24 April 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 24 April 2019


GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Arab League

संदर्भ

अरब लीग ने फिलिस्तीन के लिए 100 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है.

पृष्ठभूमि

इस वर्ष के शुरू में इजराइल ने फिलिस्तीन के लिए कर हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी. इसके लिए इजराइल की संसद ने जुलाई, 2018 में कानून पारित किया था. इजराइल का आरोप था कि इसके द्वारा दी जाने वाली धनराशि आतंकवादियों तथा उनके परिवारों को प्रदान की जा रही थी. इजराइल फिलिस्तीन अथॉरिटी के स्थान पर कर एकत्रित करता है, पर इस बार इजराइल ने फरवरी में फिलिस्तीन को एकत्रित 138 मिलियन डॉलर कर देने से मना कर दिया था.

अरब लीग क्या है?

  • अरब लीग (Arab League) अरब देशों का एकक्षेत्रीय संगठन है जिसके सदस्य उत्तरी अफ्रीका और हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका और अरेबिया में अवस्थित अरबी देश हैं.
  • इसकी स्थापना 1945 के 22 मार्च कोकाहिरा में हुई थी. उस समय इसके ये छः सदस्य थे – मिस्र, इराक, जॉर्डन, लेबनन, सऊदी अरबिया और सीरिया. आज के दिन इस लीग में 22 सदस्य हो गये हैं, परन्तु गृह युद्ध के कारण सीरिया इस लीग से नवम्बर, 2011 से निलम्बित चल रहा है.
  • अरब लीग का मुख्य लक्ष्य हैं – सदस्य देशों के बीच नजदीकी रिश्ते कायम करना, आपसी सहयोग का समन्वयन करना, प्रत्येक देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को सुरक्षित करना, अरबी देशों के हितों पर विचार करना आदि.

GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Investor Education and Protection Fund (IEPF) Authority

आईईपीएफ प्राधिकरण को एक बड़ी कामयाबी मिली है, जिसके तहत वह द पीयरलेस जनरल फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड को विवश कर लगभग 1514 करोड़ रुपये की जमा राशि आईईपीएफ में हस्तांतरित कराने में समर्थ साबित हुआ है.

पृष्ठभूमि

जमाकर्ताओं की यह राशि पिछले 15 वर्षों से कंपनी में अटकी हुई थी. यह मामला हाल ही में प्राधिकरण के संज्ञान में आया था और इस प्राधिकरण के अत्यंत सक्रिय कदमों की बदौलत छोटी सी अवधि में ही यह धनराशि आईईपीएफ में हस्तांतरित कर दी गई है. कंपनी ने यह धनराशि लगभग 1.49 करोड़ जमा प्रमाणपत्र (डिपॉजिट सर्टिफिकेट) जारी कर इकट्ठी की थी और इसमें एक करोड़ से भी ज्यादा व्यक्तिगत निवेशक शामिल थे.

इस प्राधिकरण ने उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने अदा न की गई लाभांश राशि आईईपीएफ को हस्तांतरित तो कर दी है, लेकिन वे कंपनी अधिनियम की धारा 124(6) के अनुसार शेयरों को हस्तांतरित करने में विफल रही हैं. कुछ अन्य मामलों में कंपनियां अपनी-अपनी बैलेंस शीट में बगैर दावे वाली राशियां एवं अदा न की गई रकम दर्शा तो रही हैं, लेकिन उन्होंने सात वर्षों की लंबी अवधि गुजर जाने के बाद भी इस तरह की धनराशियां आईईपीएफ को हस्तांतरित नहीं की हैं.

आईईपीएफ प्राधिकरण क्या है?

  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन आईईपीएफ प्राधिकरण की स्थापना की गई है.
  • इस प्राधिकरण को निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है और इसके पीछे मुख्य उद्देश्य निवेशक शिक्षा, जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देना है.
  • यह प्राधिकरण निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न अन्य माध्यमों जैसे कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया, सामुदायिक रेडियो इत्यादि के जरिए अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न तरह के कदम उठाता है.

आगे की राह

आईईपीएफ प्राधिकरण एक ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की तैयारी में है, जिससे कि उन जमा राशियों के बारे में सीधे रिटेल अथवा छोटे निवेशकों से आरम्भिक सूचनाएं प्राप्त की जा सकें, जो या तो परिपक्व (मैच्योर) हो चुकी हैं अथवा पुनर्भुगतान या ब्याज की अदायगी के लिए अब भी विभिन्न निकायों के यहां अटकी पड़ी हैं. ऑनलाइन रिपोर्ट में केवल आवश्यक सूचनाएँ दर्ज की जाएंगी. यह प्राधिकरण इस तरह की सभी कंपनियों और अन्य निकायों द्वारा कंपनी अधिनियम के प्रावधानों अथवा अन्य संबंधित सहायक कानूनी प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठा सकता है.


GS Paper  3 Source: Down to Earth

down to earth

Topic : New physics needed to explain Universe’s expansion rate: NASA

नासा के वैज्ञानिकों की खोज के मुताबिक ब्रह्मांड का विस्तार अनुमान से करीब 9 फीसदी ज्यादा तेज गति से हो रहा है. नासा के वैज्ञानिकों ने हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी के जरिए आकलन के बाद यह दावा किया है. ब्रह्मांड के फैलाव को हबल कांस्टेंट के जरिए मापा जाता है. बहरहाल, नासा के वैज्ञानिकों की खोज के मुताबिक ब्रह्मांड का विस्तार अनुमान से करीब 9 फीसदी ज्यादा तेज गति से हो रहा है.

चुनौतियाँ

  • यह बात भी कही जा रही है कि अभी हमारे ब्रह्मांड संबंधी ज्ञान में कुछ कमियां है जिसके कारण हम यह ठीक से बता पाने में असक्षम हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांत महाविस्फोट (बिग-बैंग) के बाद असल में क्या घटित हुआ था.
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मांड के तेज गति से विस्तार की कहानी तब सामने आई जब पर्यवेक्षण में यह ज्ञात हुआ कि अंतरिक्ष में तारों का समूह (गैलेक्सी) अपनी जगह से काफी दूर घूम रहा है. ब्रह्मांड का विस्तार आकाशगंगाओं के दूर जाने के कारण होता है. इस फैलाव की गति को हबल कोस्टेन्ट के जरिए ज्ञात किया जाता है.

आगे की राह

आज के समय में ब्रह्मांड कितना तेजी से विस्तारित हो रहा है यह एक माप और आकलन का विषय है. दूसरा विषय शुरुआती ब्रह्मांड के लिए भौतिकी के अनुमान पर आधारित है, जिसमें यह पता किया जाना है कि ब्रह्मांड को कितना तेज विस्तारित होना चाहिए. यदि दोनों के माप और आकलन में फर्क है तो हम जरूर कुछ बहुत ही अहम ऐसा नहीं पकड़ रहे हैं जो ब्रह्मांड की गुत्थी को समझा सके.

हमारे सबसे पड़ोसी आकाशगंगा में तारों के समूह को नई विकसित तकनीकी के जरिए देखा गया है. इसके माध्यम से नए तारों के समूह को भी भविष्य में देखा और परखा जाएगा. इससे ब्रह्मांड के विस्तारित होने की सही दर के और पुख्ता सबूत मिल सकेंगे. निष्कर्ष अभी यही है कि ब्रह्मांड तेजी से फैल रहा है लेकिन इसकी असल दर क्या है यह अभी गुत्थी है.


GS Paper  3 Source: Times of India

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Topic : BepiColombo

पिछले पांच महीनों में अंतरिक्ष में किए गए परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद, ESA-JAXA बेपिकोलोंबो मिशन ने अपना पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब संचालन के लिए तैयार है.

पृष्ठभूमि

यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेंसी (European Space Agency’s – ESA) ने हाल ही में बुध ग्रह के लिए अपना पहला अभियान आरम्भ किया. इस अभियान यान का नाम BepiColombo है.

  • इसके अंतर्गत फ्रेंच गुआना के Kourou स्थित यूरोपीय अन्तरिक्ष अड्डे से 20 अक्टूबर, 2018 को ESA के रॉकेट Ariane 5 के माध्यम से 4 टन का एक अन्तरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा गया था.
  • पृथ्वी की कक्षा में पहुँचने के बाद यह अन्तरिक्ष यान बुध ग्रह तक की अपनी 5 बिलियन किलोमीटर की यात्रा पर निकल जाएगा और वहाँ 2025 तक पहुँच जाएगा.

bepicolombo

बेपिकोलोंबो मिशन क्या है?

  • BepiColombo यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेंसी और जापान एयरोस्पेस अन्वेषण एजेंसी (JAXA) का एक संयुक्त अभियान है जिसका नेतृत्व ESA कर रहा है.
  • बेपीकोलोंबो बुध के लिए यूरोप का पहला मिशन है. यह 2018 में स्थापित किया गया था और 2025 में बुध पर पहुंचने पर, यह 350 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान का अनुभव करेगा.
  • इस अभियान में ये दो अन्तरिक्ष यान प्रयोग में लाये जाएँगे – MPO (Mercury Planetary Orbiter) और MMO (Mercury’s magnetosphere).
  • इनमें MPO बुध ग्रह की सतह और अंदरूनी बनावट का अध्ययन करेगा तो दूसरी ओर MMO उस ग्रह की चुम्बकीय मंडल का विश्लेषण करेगा.
  • पृथ्वी और शुक्र से कई गुरुत्वाकर्षण सहायता का उपयोग करते हुए अंतरिक्ष यान बुध के चारों ओर कक्षा में जाने के लिए लगभग सात साल लगेंगे.

मुख्य तथ्य

  • नासा (द नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने खुलासा किया है कि सौर मंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध का एक बहुत बड़ा ठोस अन्तर्भाग है.
  • बुध के ठोस अन्तर्भाग के निष्कर्ष एजीयू (अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन) जर्नल जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुए हैं. 2015 में क्रैश लैंडिंग से पहले बुध के आसपास अंतिम यात्रा नासा के ‘मेसेंजर’ द्वारा की गई थी, अंतरिक्ष यान ने 2011 से 2015 के लिए बुध की परिक्रमा की थी और यह बुध के लिए उसका दूसरा मिशन था.
  • नासा की जानकारी के अनुसार, बुध और पृथ्वी दोनों के पास धात्विक अन्तर्भाग हैं और पृथ्वी की तरह, बुध का बाहरी अन्तर्भाग तरल धातु का है.
  • लेकिन ऐसे संकेत हैं कि बुध का अंतरतम अन्तर्भाग,  जो बुध की मात्रा का लगभग 85% है, ठोस है और यह पृथ्वी के आंतरिक अन्तर्भाग के आकार के लगभग समान है.

चुनौतियाँ

बुध ग्रह पर अन्तरिक्ष यान भेजने में एक बड़ी समस्या यह आती है कि वह सूर्य से इतना निकट है कि वहाँ का गरम वातावरण किसी अंतिरक्ष यान को नुकसान पहुँचा सकता है. इसी कारण अभी तक इस ग्रह पर बहुत कम काम हुआ है. ज्ञातव्य है कि NASA के दो अन्तरिक्ष यान बुध की यात्रा कर चुके हैं. NASA के दोनों अन्तरिक्ष यान बुध पर उतरे नहीं थे अपितु बगल से गुजर गए थे.


Prelims Vishesh

Iran, Pakistan Agree To Set Up Joint Border ‘Reaction Force’ :-

  • आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे ईरान और पाकिस्तान, बॉर्डर रिएक्शन फोर्स बनाने का निर्णय लिया है.
  • विदित हो कि दोनों देशों की सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है. इससे निपटने के लिए इस तरह की एक रिएक्शन फोर्स का होना अनिवार्य है.

Indonesia releases special stamp on Ramayana theme :-

  • भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने पर इंडोनेशिया ने रामायण की थीम पर बने विशेष डाक टिकट जारी किए. इन्हें इंडोनेशिया के शिल्पकार पद्मश्री बपक न्योमन नौरता ने डिजाइन किया है.
  • डाकटिकट में सीता को बचाने के लिए लड़ते जटायु को दिखाया गया
  • इन विशेष डाक टिकटों को जकार्ता के फिलाटेली संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा

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[vc_row][vc_column][vc_message message_box_color=”orange” icon_fontawesome=”fa fa-file-pdf-o”]March, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadnew_gif_blinking[/vc_message][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text]
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