Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 November 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 23 November 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : Smart Safety Surveillance, or 3S, programme

संदर्भ

केंद्र सरकार 3S परियोजना का दायरा बढ़ाने की योजना बना रही है. यह इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि विक्रय के पश्चात् सभी प्राथमिकता वाली दवाइयों और टीकों पर नज़र रखी जा सके और यह पक्का किया जा सके कि सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम के अन्दर वितरित होने वाले टीके सुरक्षित हैं.

3S परियोजना क्या है?

  • 3S का पूरा नाम है – Smart Safety Surveillance.
  • इस परियोजना का सुझाव विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह देखकर दिया था कि भारत में टीकों की निरापदता के विषय में अधिक आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
  • 3S परियोजना के अंग के रूप में भारत हाल ही में आये रोटा वायरस टीकों का मूल्यांकन कर रहा है. साथ ही यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) जैसे हितधारकों के साथ सहयोग करते हुए निगरानी की व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहा है.

3S परियोजना का माहात्म्य

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि भारत में जो नये चिकित्सा उत्पाद बाजार में आते हैं उनकी चिकित्सकीय जाँच ठीक से नहीं होती क्योंकि बहुत कम लोगों का ही परीक्षण किया जाता है.
  • भारत में टीकाकरण में बहुत अधिक लोगों को लक्षित किया जाता है. ऐसी स्थिति में यह परमावश्यक है कि बाजार में आने वाले टीकों पर नजर रखी जाए. दवाइयाँ और टीके निरापद हों इसके लिए कार्रवाई के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सभी देशों को 3S परियोजना अपनाने को कहता रहा है. विकासशील देशों में दवाइयों के ऊपर होने वाली निगरानी की प्रणालियों को सुदृढ़ करने में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है.

रोटा वायरस क्या है?

रोटा वायरस एक ऐसा वायरस है जिससे पाँच वर्ष से नीचे के बच्चों में भयंकर अतिसार हो जाता है और मृत्यु भी हो जाती है. देश में प्रत्येक वर्ष 10% बच्चों की मृत्यु का कारण यही वायरस है.

रोटा वायरस संक्रमण के लक्षण

  1. इसमें बच्चे को ज्वर, मिचली और उलटी होती है जिसके पश्चात् पेट में पीड़ा के साथ-साथ पतला मल होता है.
  2. बच्चे को खाँसी और नजला भी हो सकता है.
  3. कभी-कभार अतिसार इतना भयंकर हो जाता है कि शरीर का पानी तेजी से समाप्त होने लगता है.
  4. अन्य वायरसों के समान रोटा वायरस के भी संक्रमण के समय कम अथवा शून्य लक्षण प्रकट होते हैं, विशेषकर वयस्कों में.

फैलाव

रोटा वायरस का फैलाव निम्न प्रकार से होता है –

  • उलटी या मल से.
  • संक्रमित हाथों, सतहों और वस्तुओं को छूने से.
  • साँस के माध्यम से.

इससे होने वाला अतिसार बहुत तेजी से संक्रमित होता है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections

Topic : Arundhati Swarna Yojana

संदर्भ

असम सरकार ने अरुंधती स्वर्ण योजना नामक एक योजना घोषित की है.

योजना के मुख्य तत्त्व

  • इस योजना में सरकार हर उस वयस्क वधु को 10 ग्राम सोने का का उपहार देगी जिसने कम से कम दसवीं उत्तीर्ण कर ली हो और अपने विवाह को पंजीकृत कर लिया है.
  • सरकार इस योजना के लिए वधु को सोना न देकर उसके बदले 30,000 रु. नकद देगी जिससे कि लाभार्थी वधु 10 ग्राम सोना खरीद सके.

अर्हताएँ

  • लड़की के परिवार की वार्षिक आय पाँच लाख रुपये से कम होना चाहिए.
  • लड़की की आयु कम से कम 18 और उसके पति की आयु कम से कम 21 होना आवश्यक है.
  • लड़की-लड़के का विवाह विशेष विवाह (असम) नियमावली, 1954 के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए.
  • जैसा कि ऊपर लिखा जा चुका है वधु की पढ़ाई कम से कम दसवीं तक होना चाहिए, परन्तु जनजातियों और चाय बगान में काम करने वालों के लिए इस विषय में छूट मिलेगी अर्थात् इन समुदायों की लड़की की पढ़ाई दसवीं से कम भी हो सकती है.
  • अरुंधती स्वर्ण योजना के लिए अर्हता प्राप्त वर-वधु को विवाह की तिथि के पहले आवेदन कर देना होगा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Salient features of the Representation of People’s Act.

Topic : MLA’s citizenship revoked for hiding foreign visits

संदर्भ

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने तेलंगाना के विधायक रमेश चेन्नमनेनी की नागरिकता इस आधार पर समाप्त कर दी है कि 2008 में नागरिकता के लिए आवेदन देते समय उन्होंने गलत तथ्य प्रस्तुत किये थे.

मामला क्या है?

रमेश 1993 से जर्मनी में रह रहे थे. उन्होंने मार्च 31, 2008 को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दिया था और उन्हें यह नागरिकता फ़रवरी 4, 2009 को मिल गई थी.

भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन देते समय विधायक के पास जर्मनी की नागरिकता थी और वे कभी भी भारत में 12 महीने से अधिक नहीं रहे थे जोकि विदेशी अधिनियम के अंतर्गत किसी विदेशी को नागरिकता देने के लिए आवश्यक होता है.

नागरिकता अधिनियम 1995 इस बारे में क्या कहता है?

नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुभाग 5(1)(f) और 10(2) नागरिकता देने और उसे रद्द करने से सम्बंधित हैं.

अधिनियम के अनुभाग 5(1)(f) में भारतीय नागरिकता के लिए विदेशियों के लिए कई अर्हता निर्धारित हैं. उनमें से एक अर्हता यह है कि आवेदन देने के तुरंत पहले आवेदक को एक वर्ष तक भारत में रहना आवश्यक है.

अधिनियम का अनुभाग 10(2) कहता है कि केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी को दी गई भारतीय नागरिकता को वापस ले सकती है यदि उसे लगे कि आवेदक ने कोई बड़ी बात छिपा दी है अथवा गलत और जाली तथ्य प्रस्तुत किये हैं.

इसके अतिरिक्त अधिनियम के अनुभाग 10(3) में वर्णन है कि सरकार किसी की नागरिकता तभी रद्द कर सकती है जब उसे लगे कि लोकहित में उस व्यक्ति का भारत का नागरिक बने रहना क्षतिकारक है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : K12 Education Transformation Framework

संदर्भ

माइक्रोसॉफ्ट ने निश्चय किया है कि वह अपने K12 शिक्षा रूपांतरण ढाँचे (K12 Education Transformation Framework) को और भी व्यापक रूप से भारत में लागू करेगा.

K12 ढाँचे की मुख्य विशेषताएँ

  1. विद्यालयों के व्यापक डिजिटल रूपांतरण के लिए यह ढाँचा एक सर्वथा सम्पूर्ण तन्त्र उपलब्ध कराता है.
  2. यह ढाँचा एक ऐसा लचीला मंच है जो नवीनतम शोध के साथ-साथ सैंकड़ों शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और नीति-निर्माताओं के योगदान पर आधारित है.
  3. इस ढाँचे के मुख्य चार स्तम्भ हैं – नेतृत्व एवं नीति, आधुनिक शिक्षण एवं ज्ञानार्जन, उत्तम बौद्धिक परिवेश एवं तकनीकी ब्लूप्रिंट.

पृष्ठभूमि

अपनी ज्ञानार्जन रणनीतियों को माइक्रोसॉफ्ट की भागीदारी के साथ तैयार करने के लिए 50 से अधिक देशों के अग्रणी शिक्षाविद माइक्रोसॉफ्ट K12 शिक्षा रूपांतरण ढाँचे को अपना चुके हैं.


GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : IP related issues.

Topic : Patent Prosecution Highway Programme

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दे दिया है जिसके अनुसार भारतीय पेटेंट, रूपांकन एवं व्यापार चिन्ह महानियंत्रक (Controller General of Patents, Designs & Trade Marks, India – CGPDTM) के अधीनस्थ भारतीय पेटेंट कार्यालय (IPO) अन्य देशों या क्षेत्रों के पेटेंट कार्यालयों के साथ पेटेंट प्रोसेक्यूशन हाईवे (PPH) कार्यक्रम को अंगीकार करने वाला है.

आरम्भ में भारतीय पेटेंट कार्यालय जापान पेटेंट कार्यालय के साथ प्रायोगिक स्तर पर मात्र तीन वर्षों के लिए PPH करेगा.

अर्हता

इस प्रायोगिक कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय पेटेंट कार्यालय केवल कुछ विशेष तकनीकी क्षेत्रों से ही सम्बंधित आवेदन लेगा, जैसे – विद्युत, इलेक्ट्रोनिक्स, कंप्यूटर साइंस, सूचना प्रौद्योगिकी, भौतिकी, सिविल यांत्रिकी, मैकेनिकल यांत्रिकी, कपड़ा निर्माण, स्वचालित वाहन और धातु शास्त्र. वहीं दूसरी ओर, जापानी पेटेंट ऑफिस सभी तकनीकी क्षेत्रों से सम्बंधित आवेदन प्राप्त करेगा.

PPH क्या है?

पेटेंट प्रोसेक्यूशन हाईवे (PPH) कुछ ऐसी पहलें हैं जो कतिपय पेटेंट कार्यालयों के बीच सूचना के आदान-प्रदान के माध्यम से पेटेंट से सम्बंधित प्रोसेक्यूशन प्रक्रियाओं में तेजी लाती हैं.

यह कैसे काम करता है?

इस प्रणाली में कोई भी पेटेंट का आवेदक अपने पेटेंट आवेदन को तेजी से आगे बढ़ाने की माँग यह दिखलाते हुए कर सकता है कि उसके उत्पाद अथवा प्रक्रिया को जापान में पहले ही पेटेंट मिल चुका है.

PPH से भारतीय पेटेंट ऑफिस को होने वाले लाभ

  1. पेटेंट आवेदनों के निपटारे में लगने वाले समय में कटौती.
  2. लम्बित पेटेंट आवेदनों की संख्या में कटौती.
  3. पेटेंट आवेदनों की खोज एवं परीक्षण की गुणवत्ता में सुधार.
  4. भारत के MSMEs और स्टार्ट-अप कम्पनियों के आविष्कारकों को जापान में अपने पेटेंट आवेदनों के परीक्षण को तेज करने का अवसर.

Prelims Vishesh

Prithvi-II missile :-

  • पिछले दिनों ओडिशा के चांदीपुर से सतह-से-सतह प्रहार करने वाली 350 किलोमीटर रेंज की पृथ्वी 2 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.
  • तरल प्रणोदन जुड़वाँ इंजनों से युक्त यह मिसाइल 500 से लेकर 1,000 किलो तक पारम्परिक एवं आणविक विस्फोटक का वहन कर सकती है.
  • इसे DRDO ने देश में ही बनाया है.

Bacteriophages :

  • कुछ वायरस ऐसे होते हैं जो बैक्टीरिया को समाप्त कर देते हैं. इन्हें बैक्टेरियोफेजेज़ वायरस कहते हैं.
  • जहाँ कहीं भी बैक्टीरिया होते हैं वहाँ ये वायरस पाए जाते हैं.
  • इनमें RNA अथवा DNA जीनोम के चारों ओर एक प्रोटीन कैप्सूल होता है.
  • वैज्ञानिकों का विचार है कि जिन बैक्टीरियों ने कई दवाओं के विरुद्ध प्रतिरोध विकसित कर लिया है उनके विनाश के लिए ये वायरस काम आ सकते हैं.

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