Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 June 2021

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 23 June 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : European Union

संदर्भ

18-19 जून 2021 को यूरोपीय संघ (European Union) और भारत ने अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया. यह अभ्यास एक समुद्री डकैती विरोधी अभियान के परिदृश्य पर आधारित था. इसमें क्रॉस-डेक हेलिकॉप्टर लैंडिंग, समुद्र में जटिल सामरिक युद्धाभ्यास, लाइव फायरिंग, रात के समय संयुक्त गश्ती और सोमालिया के तट के करीब खुले समुद्र में एक नौसैनिक परेड शामिल थी.

अदन की खाड़ी

  • अदन की खाड़ी अरब सागर मे, यमन (अरब प्रायद्वीप के दक्षिणी तट) और सोमालिया (अफ्रीका का सींग) के मध्य स्थित है.
  • लाल सागर और अदन की खाड़ी को केवल 20 किलोमीटर चौड़ा बाब अल-मन्देब जलडमरूमध्य आपस में जोड़ता है.
  • यह जलमार्ग उस स्वेज नहर जलयान मार्ग का एक महत्त्वपूर्ण भाग है, जो भूमध्य सागर को अरब सागर के द्वारा हिन्द महासागर से जोड़ता है और इस खाड़ी को प्रति वर्ष लगभग 21,000 जलयान पार करते हैं.
  • इस खाड़ी में समुद्री डाकुओं द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रहीं गतिविधियों के चलते इसे ‘जलदस्यु मार्ग’ भी कहते हैं.

adan ki khadi

यूरोपियन यूनियन

यूरोपियन यूनियन यूरोपीय देशों का राजनैतिक व आर्थिक संगठन है. इसका विकास विभिन्न स्तरों पर हुआ है अर्थात यूरोपीय संघ की स्थापना किसी एक समझौते या संधि द्वारा नहीं बल्कि विभिन्न संधिओं तथा उनमे संशोधन के बाद हुई है. इसके विकास में  “पेरिस की संधि (1951)”,रोम की संधि (1957)”,”मास्त्रिच की संधि (1993)” तथा “लिस्बन की संधि (2009)” का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

ब्रिटेन के यूनियन से बाहर हो जाने के बाद इसके केवल 27 सदस्य रह गये. यूरोपियन यूनियन ने यूरोपीय देशों के राजनितिक व आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे यह संगठन विश्व की लगभग 22% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपियन यूनियन की अपनी संसद,आयोग,मंत्रिपरिषद्,न्यायालय तथा केंद्रीय बैंक है जिन्हें यूनियन के प्रमुख अंग भी कहा जाता है .

शेनजेन संधि (1985) के द्वारा यूनियन ने अपने सदस्य देशों के नागरिकों को बिना पासपोर्ट के यूरोप के किसी भी देश में भ्रमण करने का अधिकार दिया. हालाँकि यह अधिकार कुछ सदस्यों को देर से भी दिया गया जैसे रोमानिया और बुल्गारिया जो यूनियन के सदस्य 2007 में बने किन्तु 2014 तक उन्हें यह अधिकार प्राप्त नहीं था परन्तु नार्वे, स्वीडन तथा आइसलैंड को यूनियन का सदस्य न होते हुए भी यह अधिकार प्राप्त है. यूनियन में भिन्न-भिन्न संधिओं तथा संधिओं में संशोधन द्वारा विभिन्न बदलाव किये गए हैं जिसमें से मास्त्रिच की संधि प्रमुख है जिसके द्वारा यूरोपीय समुदाय (European Society) का नाम बदलकर यूरोपियन यूनियन (European Union) कर दिया गया. इसकी राजधानी ब्रुसेल्स में है.

और अधिक पढ़ें: यूरोपियन यूनियन


GS Paper 2 Source : PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : Related to health.

Topic : International Yoga Day and M-Yoga App

संदर्भ

21 जून को सातवाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. इस वर्ष की थीम आरोग्य के लिये योग रखी गई है.

विदित हो कि 21 जून का दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन “ग्रीष्मकालीन संक्रांति” (Summer Solstice) होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है. पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था.

7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने “WHO एम-योग” ऐप का भी अनावरण किया.

एम-योग ऐप

  • इस एप्लीकेशन का विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से भारत सरकार द्वारा विकसित किया गया है.
  • वर्ष 2019 में आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से मोबाइल- योग पर ध्यान केंद्रित करत हुए यह परियोजना शुरू की थी.
  • एम-योग ऐप कई भाषाओं में सामान्य योग प्रोटोकॉल पर आधारित, योग प्रशिक्षण और अभ्यास के कई वीडियो उपलब्ध कराएगा.
  • इस परियोजना में वर्ष 2030 तक सार्वभीमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों क तहत ‘स्वस्थ रहें, गतिशील रहें’ (बीएचबीएम) की अवधारणा की परिकल्पना की गयी है.

एम-योग परियोजना चार क्षत्रों पर केंद्रित है:-

(1) सामान्य तंदुरुस्ती के लिए सामान्य योग प्रोटोकॉल

(2) मानसिक स्वास्थ्य और सहनशीलता के लिए योग

(3) किशारों के लिए योग

(4) मधुमेह-पूर्व वाले लोगों के लिए योग


GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : At UNHRC, grave concerns raised over Xinjiang

संदर्भ

हाल ही में, कनाडा के नेतृत्व में 40 से अधिक देशों ने ‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्’ (UN Human Rights Council – UNHRC) में शिनजियांग, हांगकांग और तिब्बत में चीन द्वारा की जा रही कार्रवाइयों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है.

इनकी माँगे

बीजिंग, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट (Michelle Bachelet) और अन्य स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को शिनजियांग में “तत्काल, सार्थक और निर्बाध पहुंच” उपलब्ध कराए तथा ‘मनमाने ढंग से हिरासत’ में लिए गए उइगरों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को रिहा करे.

संबंधित प्रकरण

विश्वसनीय रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि शिनजियांग में एक लाख से ज्यादा लोगों को मनमाने ढंग से कब्जे में लिया गया है तथा उइगरों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को अनुचित रूप से लक्षित करते हुए व्यापक निगरानी की जा रही है, और उइगर संस्कृति तथा मौलिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया गया है.

चीन की प्रतिक्रिया

पर्याप्त सबूतों के बाद भी, चीन, उइगरों के साथ दुर्व्यवहार को मानता नहीं है, और जोर देकर, मात्र चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किए गए “व्यावसायिक प्रशिक्षण” केंद्र चलाने की बात करता है.

उइगर कौन हैं?

  1. उइगर मुसलमानों की एक नस्ल है जो बहुत करके चीन के Xinjiang प्रांत में रहती है.
  2. उइगर लोगउस प्रांत की जनसंख्या के 45% हैं.
  3. विदित हो कि तिब्बत की भांति Xinjiang भी चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र घोषित है.

उइगरों के विद्रोह का कारण

  • कई दशकों से Xinjiang प्रांत में चीन की मूल हान (Han) नस्ल के लोग बसाए जा रहे हैं. आज की तिथि में यहाँ 80 लाख हान रहते हैं जबकि 1949 में इस प्रांत में 220,000 हान रहा करते थे.
  • हान लोग अधिकांश नई नौकरियों को हड़प लेते हैं और उइगर बेरोजगार रह जाते हैं.
  • उइगरों की शिकायत है कि सैनिक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं जबकि सरकार यह दिखाती है कि उसने सभी को समान अधिकार दिए हुए हैं और विभिन्न समुदायों में समरसता है.

GS Paper 3 Source : PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : Issues of buffer stocks and food security

Topic : Food Security (Assistance To State Government Rules) 2015 amended)

संदर्भ

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का वितरण सही मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए 18 जून 2021 को एक अधिसूचना निर्गत की है.

सरकार के अनुसार, इन संशोधनों का उद्देश्य, NFSA के अंतर्गत ‘’लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ (TPDS) के संचालन में  पारदर्शिता और सुधार के जरिये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 की धारा 12 में परिकल्पित सुधार प्रक्रिया को और भी आगे बढ़ाना है.

महत्त्व

  • इस संशोधन का ध्येय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के अंतर्गत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का उचित मात्रा में वितरण सुनिश्चित करना है.
  • यह संशोधन उन राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करेगा, जो ईपीओएस (ePoS) का कुशलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं और दूसरे राज्यों को ईपीओएस संचालन की दक्षता में सुधार करने तथा बचत अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

मुख्य संशोधन

संशोधन के अनुसार, ऐसे राज्य जो अपने ईपीओएस उपकरणों को विवेकपूर्ण तरीके से संचालित कर रहे हैं और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत में वृद्धि करने में सक्षम हैं, वे अब अपनी बचत का उपयोग, इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू के क्रय, संचालन और इसके रख-रखाव करने में तथा बिक्री के लिए पॉइंट ऑफ सेल्स (ePoS) उपकरणों के साथ इनका एकीकरण करने के लिए कर सकते हैं.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013

NFSA, “पात्र परिवारों” से संबंधित व्यक्तियों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System  – TPDS) के अंतर्गत केंद्रीय निर्गम मूल्य (Central Issue Price: CIP) पर खाद्यान्न प्राप्त करने का कानूनी अधिकार देता है.

अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत कवरेज और पात्रता: TPDS के अंतर्गत 5 किलोग्राम प्रति व्‍यक्‍ति प्रति माह की एक-समान हकदारी के साथ 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी जनसंख्या को कवर किया जाएगा. हालांकि, वर्तमान अंत्‍योदय अन्‍न योजना (AAY) में सम्मिलित निर्धनतम परिवारों की 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रति माह की हकदारी सुनिश्‍चित रखी जाएगी.

टीपीडीएस के अंतर्गत राजसहायता प्राप्‍त मूल्‍य और उनमें संशोधन: इस अधिनियम के लागू होने की तारीख से 3 वर्ष के समय के लिए टीपीडीएस के अंतर्गत खाद्यान्‍न अर्थात् चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3/2/1 रूपए प्रति किलोग्राम के मूल्‍य पर उपलब्‍ध कराया जाएगा. तदुपरान्‍त इन मूल्‍यों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के साथ उचित रूप से जोड़ा जाएगा.

परिवारों की पहचान: टीपीडीएस के अंतर्गत प्रत्‍येक राज्‍य के लिए निर्धारित कवरेज के दायरे में  पात्र परिवारों की पहचान संबंधी कार्य राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों द्वारा किया जाएगा.

महिलाओं और बच्‍चों के लिए पोषण सहायता: गर्भवती महिलाएं और स्‍तनपान कराने वाली माताएं तथा 6 माह से लेकर 14 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्‍चे एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और मध्‍याह्न भोजन (एमडीएम) योजनाओं के अंतर्गत निर्धारित पौषणिक मानदण्‍डों के अनुसार भोजन के हकदार होंगे. 6 वर्ष की आयु तक के कुपोषित बच्‍चों के लिए उच्‍च स्‍तर के पोषण संबंधी मानदण्‍ड निर्धारित किए गए हैं.

महिलाओं और बच्चों को पोषण संबंधी सहायता: 6 महीने से 14 वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) और मिड-डे मील (MDM) योजनाओं के तहत निर्धारित पोषण मानदंडों के अनुसार भोजन का अधिकार होगा. 6 वर्ष की आयु तक के कुपोषित बच्चों के लिए उच्च पोषण मानदंड निर्धारित किये गए है.

मातृत्व लाभ: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 6,000 रु. का मातृत्व लाभ भी प्रदान किया जाएगा.

महिला सशक्तीकरण: राशन कार्ड जारी करने के उद्देश्य से, परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला को परिवार का मुखिया माना जाएगा.

शिकायत निवारण तंत्र: जिला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध कराया जाएगा.

खाद्यान्न की रखरखाव व परिवहन लागत तथा उचित मूल्य की दुकान (FPS) व्यापारियों का लाभ:

राज्य के भीतर खाद्यान्न के परिवहन पर खर्च, इसके रखरखाव तथा उचित मूल्य की दुकान (FPS) व्यापारियों के लाभ को इस प्रयोजन हेतु तैयार किए गए मानदंडों के अनुसार निर्धारित किया जाएगा, तथा उपरोक्त व्यय को पूरा करने के राज्यों केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी.

पारदर्शिता और जवाबदेही: पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु, पीडीएस, सामाजिक लेखापरीक्षा और सतर्कता समितियों के गठन से संबंधित रिकॉर्ड को दिखाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं.

खाद्य सुरक्षा भत्ता: उपयुक्त खाद्यान्न अथवा भोजन की आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में, लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता का प्रावधान किया गया है.

दंड अथवा जुर्माना: यदि कोई लोक सेवक या प्राधिकरण, जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा अनुशंसित राहत सहायता प्रदान करने में विफल रहता है, तो प्रावधान के अनुसार राज्य खाद्य आयोग द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा.


GS Paper 3 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : UNESCO to downgrade status of Great Barrier Reef

संदर्भ

हाल ही में, ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization- UNESCO) अर्थात यूनेस्को द्वारा ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ (Great Barrier Reef) को ‘संकटग्रस्त विश्व धरोहर स्थल’ (In Danger World Heritage Sites) सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई है.

यूनेस्को ने इस निर्णय का कारण, ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ में प्रवालों का नाटकीय रूप से क्षय होना बताया गया है.

वर्तमान में विवाद का विषय

हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया ने यूनेस्को के इस कदम का विरोध किया है, और यह निर्णय, इस अनुप्रतीकात्मक स्थल (iconic site) के संस्थिति / दर्जे को लेकर यूनेस्को और ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मध्य चल रहे विवाद का एक हिस्सा है.

  • वर्ष 2017 में यूनेस्को द्वारा पहली बार “संकटग्रस्त’ / ‘खतरे में’ दर्जे पर बहस करने के बाद, कैनबरा ने प्रवाल-भित्ति के स्वास्थ्य में सुधार हेतु 3 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (1 बिलियन पौंड; 2 बिलियन डॉलर) से अधिक व्यय करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी.
  • हालाँकि, पिछले पाँच वर्षों में रीफ (भित्ति) को कई विरंजन (Bleaching) घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसकी कारण बड़ी मात्रा में प्रवाल नष्ट हुए हैं.
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रवाल-विरंजन की इन घटनाओं का मुख्य कारण, जीवाश्म ईंधन के दहन से होने वाले वैश्विक उष्मन (ग्लोबल वार्मिंग) की वजह से समुद्र के तापमान में वृद्धि होना है.

ऑस्ट्रेलिया का कार्बन उत्सर्जन

कोयला-जनित विद्युत् पर ऑस्ट्रेलिया की निर्भरता के कारण, यह इसको विश्व में प्रति व्यक्ति सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जक देशों में सम्मिलित है. ऑस्ट्रेलिया में रूढ़िवादी सरकार द्वारा देश के जीवाश्म ईंधन उद्योगों का लगातार समर्थन किया जाता रहा है, इसके लिए सरकार, उत्सर्जन पर कड़ी कार्यवाही करने से रोजगार पर असर पड़ने का तर्क देती रही है.

संकटग्रस्त स्थल (ENDANGERED SITES) क्या होते हैं?

  • यदि विश्व धरोहर की सूची में सम्मिलित किसी स्थल पर सशस्त्र संघर्ष और युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, प्रदूषण, अवैध शिकार अथवा अनियंत्रित नगरीकरण अथवा मानव विकास से खतरा उत्पन्न होता है तो उस स्थल को संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची में डाल दिया जाता है.
  • ऐसा करने का उद्देश्य यह होता है कि पूरे विश्व में इन खतरों के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए और उनके प्रतिकार के लिए उपाय करने को प्रोत्साहन मिले. खतरों को दो भागों में बाँट सकते हैं – पहले भाग में वे खतरे हैं जो सिद्ध हो चुके हैं और दूसरे भाग में वे खतरे हैं जो संभावित हैं.

UNESCO प्रतिवर्ष संकटग्रस्त सूची के स्थलों के संरक्षण के बारे में जानकारी लेता रहता है. समीक्षोपरान्त सम्बंधित समिति अतिरिक्त कदम उठाने का अनुरोध कर सकती है. चाहे तो वह उस स्थल को सूची से इस आधार पर निकाल दे कि खतरे समाप्त हो गये हैं अथवा उसे संकटग्रस्त सूची एवं विश्व धरोहर की सूची दोनों से विलोपित भी कर सकती है.

ग्रेट बैरियर रीफ क्या है?

विशाल प्रवाल भित्ति विश्व की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति है जो ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड के समुद्री तट के निकट प्रवाल सागर में अवस्थित है. इसमें 2,900 से अधिक अलग-अलग भित्तियाँ हैं और 900 प्रवाल द्वीप हैं जो लगभग 344,400 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं.

विशाल प्रवाल भित्ति को बाह्य अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है. हम कह सकते हैं कि यह विश्व की वह सबसे बड़ी संरचना है जो जीवों द्वारा बनाई गई है. यह भित्ति करोड़ों सूक्ष्म जीवों से बनी हुई है जिन्हें प्रवाल पोलिप (coral polyps) कहते हैं.

प्रवाल भित्तियाँ क्या हैं?

  • प्रवाल भित्तियाँ महासागरों में जैव-विविधता के महत्त्वपूर्ण हॉटस्पॉट हैं. वस्तुतः प्रवाल जेलीफिश और एनिमोन की भाँतिCnidariaश्रेणी के जानवर होते हैं. इनमें व्यक्तिगत पोलिप (polyps) होते हैं जो आपस में मिलकर भित्ति का निर्माण करते हैं. प्रवाल भित्तियों में अनेक प्रकार की प्रजातियों को आश्रय मिलता है.
  • ये भित्तियाँ तटीय जैवमंडल की गुणवत्ता को बनाए रखती हैं.
  • कार्बन डाइऑक्साइड को चूना पत्थर शेल में बदलकर प्रवाल उसके स्तर को नियंत्रित करते हैं. यदि ऐसा नहीं हो तो महासागर के जल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा इतनी बढ़ जायेगी कि उससे पर्यावरण को संकट हो जाएगा.

प्रवाल श्वेतीकरण किसे कहते हैं?

  • मूलतः श्वेतीकरण तब होता है जब प्रवालों से प्राकृतिक रूप से जुड़ी जूक्सेनथेले (zooxanthellae) नामक काई बाहर आने लगती है. ऐसा जल के तापमान बढ़ने से होता है. वस्तुतः यह काई प्रवाल की ऊर्जा का 90% मुहैया करती है. इस काई में क्लोरोफील और कई अन्य रंजक होते हैं. इन तत्त्वों के कारण प्रवालों का रंग कहीं पीला तो कहीं लाल मिश्रित भूरा होता है.
  • जब प्रवाल सफ़ेद होने लगता है तो उसकी मृत्यु तो नहीं होती, परन्तु लगभग मृत ही हो जाता है. कुछ प्रवाल इस प्रकार की घटना से बच निकते हैं और जैसे ही समुद्र तल का तापमान सामान्य होता है तो यह फिर से पुराने रूप में आ जाते हैं.
  • 2016-17 में विशाल प्रवाल भित्ति के उत्तरी भागों में दोनों वर्ष अभूतवर्ष श्वेतीकरण देखा गया, जिस कारण उन्हें ऐसी क्षति पहुँची कि उसकी भरपाई होना कठिन है.

Prelims Vishesh

Places in News :-

Roimona

  • कोकराझार जिले में स्थित, रायमोना असम का छठा राष्ट्रीय उद्यान बन गया है (काजीरंगा, मानस, नामेरी, ओरंग और डिब्रू-सैखोवा अन्य पांच हैं).
  • रायमोना राष्ट्रीय उद्यान बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के भीतर स्थित है.
  • उद्यान के क्षेत्र में अधिसूचित रिपू आरक्षित वन का उत्तरी भाग शामिल है, जो भारत-भूटान सीमा तक विस्तृत मानस राष्ट्रीय उद्यान के सबसे पश्चिमी बफर का सृजन करता है.
  • रायमोना मानस बायोस्फीयर रिजर्व और चिरांग-रिपू एलीफैंट रिजर्व का एक अभिन्‍न अंग है.

Burkina Faso

  • बुर्किना फासो, अर्थात् अदूष्य लोगों (incorruptible) की भूमि, पश्चिमी अफ्रीका में एक भू-आबद्ध देश है.
  • इसकी राजधानी औगाडौगू (Ouagadougou) है.
  • वोल्टा नदी की विभिन्‍न सहायक नदियों द्वारा अपवाहित, बुर्किना फासो में सवाना घास का मैदान स्थित है और यह हरमट्टन पवनों (एक ठंडी शुष्क वायु) से प्रभावित होता है.

burkina faso

Merapi Volcano

  • मेरापी, मध्य जावा की राजधानी योग्याकार्ता के उत्तर में एक खड़ी ढाल वाला संस्तरित ज्वालामुखी (stratovolcano) है.
  • यह इंडोनेशिया के 127 ज्वालामुखियों में से सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है.

mount merapi

Tianamen Square

  • तियानमेन चौक, जिसे 4 जून की घटना के रूप में भी जाना जाता है, बीजिंग में विरोध और प्रदर्शनों की एक श्रृंखला एवं सरकार द्वारा सैन्य दमन की परिणति से संबंधित है.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi

May,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadnew_gif_blinking

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]