Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 December 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 23 December 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Population and associated issues, poverty and developmental issues, urbanization, their problems and their remedies.

Topic : Anti-Human Trafficking

संदर्भ

गृह मंत्रालय ने राज्य स्तर पर मानव दुर्व्यापार को रोकने हेतु और इसका सामना करने के लिए संस्थागत तंत्र को रेखांकित किया है. मानव दुर्व्यपार में शोषण के उद्देश्य से धमकी या बल प्रयोग या अन्य प्रकार के अवपीड़न, छल के माध्यम से भर्ती, परिवहन, स्थानांतरण, व्यक्तियों को शरण देना आदि सम्मिलित है. शोषण में वेश्यावृत्ति या लैंगिक शोषण के अन्य रूप, बलात्‌ श्रम या सेवा, दासता या दासता के समान प्रथा, दासत्व या अंगों का जबरदस्ती निकाला जाना शामिल हो सकते हैं. विदित हो कि भारत में एक वर्ष में लगभग 16 मिलियन महिलाओं का लैंगिक प्रयोजन हेतु दुर्व्यापार किया जाता है.

मानव दुर्व्यापार से निपटने के लिए तंत्र

संस्थागत तंत्र (Institutional mechanism)

  • गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्य सरकारों को मानव दुर्व्यापार-रोधी इकाई (Anti Human Trafficking Units: AHTUs) स्थापित करने के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान किया है.
  • AHTUs एकीकृत कार्य बल (integrated task forces) हैं. इनका उद्देश्य मानव दुर्व्यापार को रोकने और उससे निपटने के लिए राज्य की पुलिस, महिला और बाल कल्याण विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रशिक्षित संवेदनशील अधिकारियों के एक समूह को शामिल करना है.
  • ज्ञातव्य है कि जब केंद्र सरकार ने इन इकाइयों में भौतिक अवसंरचना स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, तो यह राज्यों का दायित्व हो जाता है कि उनके द्वारा इन इकाइयों का प्रबंधन करने के लिए उपयुक्त श्रमबल की प्रतिनियुक्ति की जाए.
  • MHA ने राज्यों के 10,000 पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क स्थापित करने के लिए सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को निर्मया फंड के तहत 100 करोड़ रुपये भी निर्गत किए हैं.
  • ये महिला सहायता डेस्क मानव दुर्व्यापार संबंधी सभी मामलों को दर्ज एवं उनकी निगरानी करेंगे. राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा राज्य-स्तरीय, जिला-स्तरीय और पुलिस स्टेशन-स्तर की मानव दुर्व्यापार रोधी इकाइयों को अधिसूचित (गठित) किया जाएगा.

संवैधानिक और विधायी प्रावधान (Constitutional & legislative provisions)

  • अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 {Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 (ITPA)} वाणिज्यिक लैंगिक शोषण के लिए दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए प्रमुख विधान है.
  • दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, 2013 (Criminal Law (amendment) Act 2013) में बच्चों की तस्करी सहित मानव दुर्व्यापार का प्रतिकार करने हेतु व्यापक प्रावधान किए गए हैं.
  • लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 {Protection of Children from Sexual offences (POCSO) Act, 2012}
  • अन्य विशिष्ट विधान जैसे कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 (Prohibition of Child Marriage Act, 2006), बन्धित श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम, 1976 (Bonded Labour System (Abolition) Act, 1776) आदि अधिनियमित किए गए हैं.

अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय (International Conventions)

  • भारत ने अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Convention on Transnational Organised Crime) की अभिपुष्टि की है.
  • इसके प्रोटोकॉल के अधीन व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के दुर्व्यापार की रोकथाम, शमन एवं दंड संबंधी प्रावधान किए गए हैं.
  • भारत ने वेश्यावृत्ति के लिए महिलाओं और बच्चों के दुर्व्यापार को रोकने और उसका प्रतिकार करने पर सार्क अभिसमय (SAARC Convention on Preventing and Combating Trafficking in Women and Children for Prostitution) की अभिपुष्टि की है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

हम पाते हैं कि इस बिल में तस्करी एवं पुनर्वास के लिये एक उपयुक्त परिभाषा का अभाव है. यह मजदूरी के लिये की गई तस्करी को ज्यादा महत्त्व नहीं देता. बिल में मानव अंगों के निष्कासन एवं जबरन विवाह जैसे मुद्दों का भी जिक्र नहीं किया गया है. इसके क्रियान्वयन के लिये आवश्यक श्रम शक्ति एवं संसाधनों के स्रोतों की भी इसमें चर्चा नहीं है. विशेष जाँच एजेंसी एवं राज्य इकाइयों के मध्य के संबंध को भी स्पष्ट नहीं किया गया है. इस बिल में समुदाय आधारित पुनर्वास के लिये कोई स्थान नहीं है. मानव तस्करी जैसे वैश्विक मुद्दे से निपटने के लिये इन सभी कमियों को दूर किये जाने की आवश्यकता है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

  • अनुच्छेद-23: संविधान का यह अनुच्छेद मानव दुर्व्यापार, बेगार तथा ऐसे ही अन्य प्रकार की बंधुआ मज़दूरी की प्रथा का उन्मूलन करता है.
  • यह अधिकार नागरिक और गैर-नागरिक दोनों के लिये उपलब्ध है. इसके अलावा यह व्यक्ति को न केवल राज्य के विरुद्ध बल्कि व्यक्तियों के विरुद्ध भी सुरक्षा प्रदान करता है.
  • संविधान में वर्णित ‘मानव दुर्व्यापार’ शब्द में पुरुष, महिला एवं बच्चों का वस्तु की भाँति क्रय-विक्रय करना, वेश्यावृत्ति, देवदासी, दासप्रथा आदि को शामिल किया गया है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Dispute related to three capitals of Andhra Pradesh

संदर्भ

हाल ही में, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को प्रदेश की तीनों राजधानियों के विचार पर जनमत संग्रह कराने की चुनौती दी है.

andhra capitals

तीन राजधानियाँ

31 जुलाई को राज्य सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास अधिनियम, 2020 और आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (निरसन) अधिनियम, 2020 को अधिसूचित किए गए थे.

यह अधिनियम आंध्रप्रदेश राज्य के लिए तीन राजधानियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं :-

  1. अमरावती- विधायी राजधानी.
  2. विशाखापत्तनम- कार्यकारी राजधानी.
  3. कुर्नूल – न्यायिक राजधानी.

तीन राजधानियों की जरूरत

  1. राज्य सरकार राज्य के अन्य हिस्सों की उपेक्षा करते हुए एक विशाल राजधानी शहर बनाने के विरुद्ध है. प्रदेश की तीन राजधानियाँ होने से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का समान रूप से विकास सुनिश्चित होगा.
  2. आंध्र प्रदेश की राजधानी के लिए उपयुक्त स्थान का सुझाव देने के लिए गठित सभी प्रमुख समितियों की सिफारिशों में ‘विकेंद्रीकरण’ केंद्रीय विषय रहा है. इन समितियों में जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण समिति, के शिवरामकृष्णन समिति, तथा जी एन राव समिति आदि सम्मिलित हैं.

इस विचार को लागू करने में समस्या

  1. समन्वय और क्रियान्वयन संबधी आशंका: भिन्न-भिन्न शहरों में स्थित विधायिका तथा कार्यपालिका का मध्य समन्वय स्थापित करना, कहने के लिए सरल परन्तु करने के लिए बहुत ही कठिन साबित होगा, तथा, इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा इस संदर्भ में किसी योजना का विवरण नहीं दिया गया है, इससे अधिकारी तथा आम नागरिक सभी, इसके कार्यान्वयन को लेकर आशंकित हैं.
  2. परिवहन लागत और समय: कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम, न्यायिक राजधानी कुर्नूल से 700 किमी तथा विधायी राजधानी अमरावती से 400 किमी की दूरी पर स्थित है. अमरावती तथा कुर्नूल के मध्य 370 किमी की दूरी है. तीन राजधानियां होने से यात्रा में लगने वाला समय तथा लागत काफी महंगी साबित होगी.

एक से अधिक राजधानी वाले भारतीय राज्य

  1. महाराष्ट्र: की दो राजधानियाँ हैं- मुंबई तथा नागपुर (राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र).
  2. हिमाचल प्रदेश: की शिमला और धर्मशाला (शीतकालीन) दो राजधानियाँ हैं.
  3. पूर्व राज्य जम्मू और कश्मीर की श्रीनगर तथा जम्मू (शीतकालीन) दो राजधानियाँ थी.

इतिहास

राजधानी बदलने का किस्‍सा आंध्र प्रदेश में बहुत पुराना है. आंध्र प्रदेश को सीमाएं बदलने के साथ ही हर बार इस प्रदेश को राजधानी के लिए समझौता करना पड़ा. सबसे पहले 1953 में आंध्र अलग हुआ जो मद्रास (वर्तमान में जिसे चेन्‍नई के नाम से जानते हैं) तमिलनाडु में चला गया था और तमिलनाडु की राजधानी बन गया इसलिए आंध्रप्रदेश को नयी राजधानी बनानी पड़ी. 1956 में आंध्र प्रदेश गठित होने के साथ ही कुर्नूल, हैदराबाद में मिल गया जिससे एक बार फिर प्रदेश को राजधानी के रूप में कुर्नूल खोना पड़ा. इसी तरह 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर हैदराबाद तेलंगाना की सीमा में आ गया.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests

Topic : Morocco-Israel Deal

संदर्भ

  • मोरक्को ने इजरायल के साथ संबंधों को आंशिक रूप से सामान्य करने की घोषणा की थी, जिसका भारत द्वारा स्वागत किया गया है.
  • उल्लेखनीय है कि इस समझौते में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा पश्चिमी सहारा पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता दी गई है.

पृष्ठभूमि

पश्चिमी सहारा क्षेत्र मोरक्को और अल्जीरिया समर्थित पोलिसारियो फ्रंट के बीच विवादित क्षेत्र है. यह एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है. यह क्षेत्र एक स्पेनिश उपनिवेश है. इस पर मोरक्को ने वर्ष 1975 में कब्ज़ा किया था. 1975 के बाद से, यह क्षेत्र को मोरक्को और सहरावी लोगों के विवादित विषय रहा.

अगस्त 2020 से इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने वाला मोरक्को चौथा देश है. हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और सूडान ने इजरायल के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इज़राइल-मोरक्को संबंध

मोरक्को ने इज़राइल के साथ आधिकारिक रूप से इसे पुनः प्रारम्भ कर दिया है. दोनों देश अब क्षेत्रीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग का विस्तार करेंगे. दोनों देशों ने तेल अवीव और रबात में संपर्क कार्यालयों को फिर से खोलने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ये कार्यालय 2000 में बंद कर दिए गए थे. मोरक्को इजरायल के लिए और इज़राइल से सीधी उड़ान को अनुमति भी प्रदान करेगा.

पश्चिमी सहारा पर मोरक्को का दावा

इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के पश्चात् भी, अमेरिका पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे को मान्यता देगा. यह दावा इस सौदे का हिस्सा है.

पश्चिमी सहारा संघर्ष क्या है?

पश्चिमी सहारा संघर्ष पोलीसारियो फ्रंट और मोरक्को साम्राज्य के बीच का संघर्ष है. पोलिसारियो फ्रंट एक सहरावी विद्रोही राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन है जिसका उद्देश्य पश्चिमी सहारा में मोरक्को की उपस्थिति को समाप्त करना है.

1975-76 में स्पेन के उपनिवेश की समाप्ति के बाद, वहां तीन क्षेत्र अस्तित्व में थे: मॉरिटानिया, मोरक्को और पोलिसारियो फ्रंट. 1976 में पोलारियो फ्रंट ने सहरावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (SADR) की घोषणा की. ज्ञातव्य है कि पश्चिमी सहारा में SADR को अफ्रीकी संघ, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और यूरोपीय संघ से मान्यता प्राप्त है. हालांकि, पश्चिमी सहारा क्षेत्र के बारे में पोलिसारियो फ्रंट और मोरक्को के बीच कोई जनमत संग्रह नहीं कराया गया है.

ट्रम्प प्रशासन ने इजरायल – मोरक्को सौदे के एक हिस्से के रूप में विवादित पश्चिमी सहारा क्षेत्र पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की है.

मोरक्को और इजरायल के सामान्य संबंधों का भारत के लिए महत्त्व

  • वर्तमान समय में भारत के सभी अरब देशों के साथ संबंध बेहतर स्थिति में हैं. दूसरी ओर इज़राइल के साथ भी हमारे संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं.
  • इज़राइल हमारे लिए रक्षा, कृषि और जल संरक्षण के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण सहयोगी है. तो दूसरी ओर अरब देश भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपना विशेष महत्व रखते हैं.
  • ऐसे में इज़राइल के इस्लामिक देशों के साथ सम्बन्धों का सामान्यीकरण भारत के लिए कूटनीतिक रूप से काफी महत्व रखता है.
  • इसके अलावा मोरक्को ओआईसी (Organisation of Islamic Cooperation) का भी सदस्य है और ऐसे में भारत भविष्‍य में ओआईसी में कश्‍मीर के मुद्दे को हमेशा के लिए खत्‍म कर सकता है.

मोरक्को के बारे में

  • मोरक्को, उत्तरी अफ्रीका में स्थित एक इस्लामिक देश है.
  • मोरक्को की राजधानी रबात है और और कासाब्लांका यहाँ का प्रमुख आर्थिक केन्द्र है.
  • मोरक्को का तटीय क्षेत्र अटलांटिक महासागर और भूमध्य सागर दोनों के साथ मिलता है.
  • 1956 में अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले यह फ्रांस का उपनिवेश था.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.

Topic : Economic Diplomacy Website

संदर्भ

विदेश मंत्री ने इकोनॉमिक डिप्लोमेसी (Economic Diplomacy) वेबसाइट का शुभारंभ किया.

वेबसाइट का उद्देश्य

  • इस वेबसाइट का उद्देश्य प्रमुख आर्थिक संकेतकों, केंद्र और राज्य सरकार के नीतिगत अद्यतनीकरण तथा साथ ही साथ नवीनतम व्यापारिक सूचनाओं व व्यापार डेटा पर महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए एक एकल-बिंदु स्रोत (one-stop source) उपलब्ध करवाना है.
  • यह वेबसाइट भारतीय निर्यात बढ़ाने व रोज़गार अवसरों का अन्वेषण करने हेतु भारतीय नागरिकों के व्यवसायों और राज्यों के व्यापार को विश्व के साथ संबद्ध करेगी.
  • साथ ही, विदेशी उद्योगों व व्यवसायों को भारत की ओर आकर्षित करेगी.
  • वेबसाइट इच्छुक निवेशकों को संबंधित सरकारी एजेंसियों से संपर्क स्थापित करने में सहायता करेगी, जैसे –
  1. भारत से कृषि निर्यात के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
  2. भारत के साथ व्यापार के लिए इंडिया ट्रेड पोर्टल.
  3. भारत में किए जाने वाले निवेश के लिए इन्वेस्ट इंडिया (Invest India)

आर्थिक कूटनीति में देश के आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक साधनों के साथ राजनयिक कौशल का उपयोग करना भी सम्मिलित है. आर्थिक कूटनीति का प्रयोजन व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना, बहुपक्षीय व्यापार वार्ताओं में उद्देश्यों की प्राप्ति करना, उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और आर्थिक कार्रवाई के माध्यम से राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करना है. विदेशी निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाने, द्विपक्षीय व्यापार, पर्यटन, योग और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा आदि को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक कूटनीति प्रभाग को विदेश मंत्रालय की आर्थिक शाखा के रूप में स्थापित किया गया है.


Prelims Vishesh

The government has recognized yoga as a competitive sport :-

  • केंद्र सरकार ने योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में बढ़ावा देने का निर्णय किया है.
  • वर्ष 2019 में राष्ट्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा संवर्धन एवं विकास बोर्ड द्वारा योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दिए जाने की सिफारिश की गयी थी.
  • योगासन प्रतियोगिताओं के लिए नियमों, विनियमों और सिलेबस युक्त एक संपूर्ण दस्तावेज तैयार किया गया है और तकनीकी समिति ने विस्तृत शोध के बाद आसनों की एक सूची तैयार की है.
  • निहितार्थ: योगासन खेल में राज्य और राष्ट्रीय और विश्व चैंपियनशिप 2021 में प्रस्तावित हैं.फरवरी 2021 में एक पायलट स्तर पर राष्ट्रीय व्यक्तिगत योगासन खेल चैम्पियनशिप (वर्चुअल मोड) प्रस्तावित किया गया है.

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