Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 December 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 23 December 2019


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : National Population Register (NPR)

संदर्भ

बंगाल के नक़्शेकदम पर चलते हुए केरल सरकार ने अपने यहाँ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (National Population Register – NPR) के लिए जारी प्रक्रिया को स्थगित करने का फैसला लिया है.

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सौजन्य : दैनिक भास्कर

राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी क्या है?

  • यह एक पंजी है जिसमें देश के निवासियों से सम्बंधित विवरण होगा.
  • इस पंजी को नागरिकता अधिनियम 1955 तथा नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण एवं राष्ट्रीय पहचान कार्य का निर्गमन) नियमावली, 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत राष्ट्रीय, राज्य, जिला, अनुमंडल और स्थानीय (गाँव/कस्बा) के स्तर पर तैयार किया जा रहा है.
  • भारत के प्रत्येक “सामान्य निवासी” को इस पंजी में दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है.
  • यहाँ “सामान्य निवासी” से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो किसी स्थान विशेष में पिछले छह महीने या उससे अधिक से रहा हो अथवा वह व्यक्ति जो उस क्षेत्र में आगामी छह महीने अथवा अधिक रहना चाहता है.
  • राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी में जो डेटाबेस होगा उसके अन्दर जनसांख्यिक विवरणों के साथ-साथ बायोमेट्रिक विवरण भी होंगे.
  • अंत में 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को एक निवासी पहचान का रेजिडेंट आइडेंटिटी कार्ड (RIC) दिया जाएगा. यह एक स्मार्ट कार्ड होगा जिसमें लगे चिप में प्रत्येक व्यक्ति के जनसांख्यिक और बायोमेट्रिक विवरण अंकित होंगे. इस कार्ड पर UID नंबर भी छपा होगा.

राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के लाभ

  • सरकार के पास देश में रहने वाले हर निवासी की जानकारी होगी.
  • एनपीआर का उद्देश्य लोगों का बायोमीट्रिक डेटा तैयार कर सरकारी योजनाओं का लाभ असली लाभार्थियों तक पहुंचाना भी है.

जनसांख्यिकी विवरण

राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के लिए प्रत्येक निवासी का निम्नलिखित जनसांख्यिकीय विवरण लिया जाएगा, जिसे देना आवश्यक है:

  • व्यक्ति का नाम
  • घर के मुखिया से रिश्ता
  • पिता का नाम
  • माता का नाम
  • जीवनसाथी का नाम (शादीशुदा होने पर)
  • लिंग
  • जन्मतिथि
  • वैवाहिक स्थिति
  • जन्मस्थान
  • राष्ट्रीयता
  • सामान्य नागरिक का वर्तमान पता
  • वर्तमान पते पर रहने की अवधि
  • स्थायी निवास का पता
  • व्यवसाय/गतिविधि
  • शैक्षणिक योग्यता

NPR और NRC में अंतर

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. एनआरसी का मकसद देश में अवैध रूप से रह रहे बाहरी नागरिकों की पहचान करना है, वहीं जनसंख्या रजिस्टर का उद्देश्य किसी स्थान पर छह महीने या उससे ज्यादा वक्त से रह रहे निवासियों की जानकारी एकत्र करना है. अगर कोई बाहरी नागरिक भी देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा वक्त से रह रहा हो तो उसका नाम भी इसमें दर्ज होगा.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations. Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Chabahar Port

संदर्भ

ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास और प्रबंधन को लेकर 2016 में हुए समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान के अधिकारियों ने हाल ही में दूसरी बार बैठक की.

बैठक का प्रतिफल

  • इन तीनों देशों ने निर्णय किया है कि चाबहार समझौते के अन्दर निर्धारित मार्ग के अंग के रूप में नवी मुंबई, मूंदड़ा, कांडला और कोचीन के साथ-साथ मोर्मूगोवा और न्यू मंगलौर बंदरगाहों को भी खोल दिया जाएगा.
  • यह भी सहमति बनी कि आवाजाही, सड़कों, चुंगी और उपदूतावास से सम्बंधित मामलों को समरस बनाने के लिए एक नियम तय किया जाए. तब तक माल-ढुलाई के लिए TIR संधि का अनुसरण हो.

TIR संधि क्या है?

  • TIR संधि1975 में सम्पन्न एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य संधि पर हस्ताक्षर करने वाले पक्षकार देशों के बीच माल का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जाना है.
  • इस संधि ने 1959 की समविषयक संधि का स्थान लिया था. इससे भी पहले 1949 में एक TIR संधि हुई थी जो यूरोपीय देशों तक ही सीमित थी.
  • इस संधि के अंतर्गत माल के आवागमन का माध्यम सड़क के अतिरिक्त रेल, अंतर्देशीय जलमार्ग और समुद्री परिवहन भी हो सकता है बशर्ते समग्र आवाजाही का एक अंश सड़क से अवश्य हो.

TIR संधि से भारत को लाभ

  • इससे भारत को व्यापार में लाभ होता है और समय और पैसे की अच्छी-खासी बचत होती है क्योंकि सीमाओं पर होने वाली प्रक्रियाओं में एकरूपता होती है. इससे प्रशासन का खर्च और सीमा पर रुकने का समय घट जाता है.
  • इससे भारत को पूर्वी और पश्चिमी पड़ोसियों के साथ भूमिगत व्यापार की सुविधा बढ़ जाती है.
  • इस संधि से भारतीय व्यापारियों को सड़कों से माल-ढुलाई की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली का लाभ मिल जाता है जो कि अधिक तेज, विश्वसनीय और बाधा-रहित होती है.
  • यह संधि भारत को यह सुविधा प्रदान करती है कि उसका माल दो देशों के बीच की सीमा पर जांचा न जाए और उसके साथ आगे के रास्ते पर आदमी भेजने की आवश्यक न पड़े.

चाबहार बंदरगाह

  • भारत ने ही चाबहार बंदरगाह बनाया है.
  • इसका उद्देश्य है कि चारों तरफ जमीन से घिरे अफगानिस्तान को फारस की खाड़ी (Persian Gulf) तक पहुँचने के लिए एक ऐसा यातायात गलियारा मिले जो पाकिस्तान होकर नहीं गुजरे क्योंकि पाकिस्तान से इसकी अक्सर ठनी रहती है.
  • आशा है कि इस गलियारे के चालू हो जाने से अरबों रुपयों का व्यापार हो सकता है.
  • ईरान का चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी पर स्थित उस देश का एकमात्र बन्दरगाह है.
  • चाबहार के बंदरगाह से भारत को मध्य एशिया में व्यापार करने में सुविधा तो होगी ही, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारे (International North-South Transport Corridor) तक उसकी पहुँच भी हो जाएगी.
  • चाबहार बंदरगाह चालू होने के बाद भारत में लौह अयस्क, चीनी और चावल के आयात में महत्त्वपूर्ण वृद्धि होगी.
  • इसके अतिरिक्त खनिज तेल के आयात की लागत भी बहुत कुछ घट जायेगी.
  • ज्ञातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारा ईरान से लेकर रूस तक जाता है और इसमें यह एक भूमि मार्ग है जिसमें समुद्र, रेल, सड़क यातायात का सहारा लिया जायेगा.
  • विदित हो कि चीन ने खाड़ी तक अपनी पहुँच बनाने के लिए पाकिस्तान को ग्वादर नामक बंदरगाह बनाने में मदद की है जिससे उसका क्षेत्र में दबदबा हो जाए.
  • चाबहार बंदरगाह भारत को चीन के इस दबदबे का प्रतिकार करने में सक्षम बनाएगा.

GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : Future Skills

संदर्भ

देश के अग्रणी आईटी कंपनी विप्रो और नैसकॉम ने 10,000 इंजीनियरिंग छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए “फ्यूचर स्किल्स” नामक प्लेटफार्म लांच करने का निर्णय लिया है. इसके द्वारा छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स इत्यादि के बारे में छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा.

फ्यूचर स्किल्स प्लेटफार्म

यह पहल विप्रो के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम ‘टैलेंट नेक्स्ट’ का हिस्सा है, इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करके उनके गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. “फ्यूचर स्किल्स” के द्वारा छात्रों को बिग डाटा, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स के लिए तैयार किया जाएगा.

विप्रो

  • विप्रो भारत की बहुराष्ट्रीय कम्पनी है, इसकी स्थापना 29 दिसम्बर, 1945 को मोहम्मद हाशिम प्रेमजी द्वारा की गयी थी.
  • इसका मुख्यालय बंगलुरु में स्थित है.
  • शुरू में यह कंपनी वनस्पति व रिफाइंड तेल का उत्पादन करती थी. 1966 में अज़ीम प्रेमजी 21 वर्ष की आयु में विप्रो के चेयरमैन बने, उन्होंने विप्रो का कायाकल्प बड़े पैमाने पर किया.
  • अब विप्रो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है. विप्रो पर्सनल केयर उत्पाद, फर्नीचर, हेल्थकेयर तथा रौशनी से सम्बंधित उत्पादों का निर्माण करती है.
  • इसके अलावा विप्रो आईटी सेवा, आउटसोर्सिंग, कंसल्टिंग तथा डिजिटल स्ट्रेटेजी जैसी सेवायें भी प्रदान करती है.

NASSCOM क्या है?

  • NASSCOM एक लाभ-रहित उद्योग संघ है जो भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) एवं व्यापार प्रक्रिया की आउटसोर्सिंग (BPO) उद्योग से सम्बंधित सर्वोच्च निकाय है.
  • इसकी सदस्यता भारत में पंजीकृत कंपनियों के लिए खुली हुई है.
  • इसका मुख्य कार्य IT-BPM उत्पादों और सेवाओं को उपलब्ध कराना है.
  • NASSCOM का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सेवा की गुणवत्ता एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्यक ढंग से भारतीय सॉफ्टवेर और BPM उद्योग में कार्यान्वयन हो रहा है या नहीं.
  • इसकी स्थापना 1988 में हुई थी.
  • यह एक लाभ-रहित संगठन है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.

Topic : United States-Mexico-Canada Agreement (USMCA)

संदर्भ

पिछले दिनों अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौता (United States-Mexico-Canada Agreement – USMCA) जोकि NAFTA अर्थात् 1994 के उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते समझौते (North American Free Trade Agreement) पर अपनी मुहर लगा दी है.

इस समझौते में श्रम एवं पर्यावरण के विषय में अधिक कड़े नियम डाले गये हैं और अमेरिका के श्रम कार्यकर्ताओं ने इसका समर्थन किया है.

USMCA क्या है?

  • NAFTA में कार पर शून्य टैरिफ के लिए यह शर्त रखी गई थी की उसके अवयवों का 5% इन तीन देशों में ही बनाए गए हों. USMCA में इस प्रतिशत को बढ़ाकर 75% कर दिया गया है.
  • कार के कलपुर्जों का 40-45% उन श्रमिकों ने बनाया हो जो 2023 तक कम से कम 16 डॉलर प्रति घंटे की कमाई करेंगे.
  • मेक्सिको इस बात के लिए तैयार हो गया है की वह श्रमिकों को संघ प्रतिनिधित्व का अधिकार (right to union representation) देगा, बाहर से आने वाले श्रमिकों को भी श्रम सुरक्षा देगा तथा महिला श्रमिकों को भी श्रम सुरक्षा देगा तथा महिला श्रमिकों को भेदभाव से सुरक्षित रखेगा.
  • तीनों में कोई भी देश श्रम कानून का उल्लंघन करने पर एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगा सकता है.
  • ट्रम्प की यह बात मान ली गई है की कनाडा अपना दुग्ध बाजार अमेरिकी किसानों के लिए खोलेगा.
  • समझौते में स्वत्वाधिकार की अवधि लेखक की मृत्यु के पश्चात् 50 वर्ष नहीं अपितु 70 वर्ष तक जारी रहेगी, ऐसा प्रावधान किया गया है.
  • किसी दवाई को generic उत्पादन से सुरक्षा देने की कालावधि भी बढ़ा दी गई है.
  • समझौते के अनुसार संगीत और ई-पुस्तकों पर शुल्क का निषेध होगा और इन्टरनेट कंपनियों को भी अपने उपयोगकर्ताओं की सामग्री का प्रयोग करने की स्वतंत्रता दी जायेगी.
  • इस समझौते की समीक्षा प्रत्येक छठे वर्ष की जायेगी.

NAFTA क्या है?

  • NAFTA का full form है – North American Free Trade Agreement
  • यह समझौता कनाडा, मेक्सिको और अमेरिका ने किया था.
  • इस समझौते से इन देशों के बीच व्यापार बाधाएँ (trade barriers) समाप्त अथवा बहुत कम हो गयी है.
  • इस समझौते के लिए बातचीत क्रम जॉर्ज बुश के राज्यकाल में 1990 में आरम्भ किया गया था और उसे क्लिंटन के समय 1993 में अंतिम रूप दे दिया गया था. यह 1 जनवरी 1994 से प्रभाव में आया.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.

Topic : EChO Network

संदर्भ

बहुशास्त्रीय नेतृत्व (cross-disciplinary leadership) को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने Echo नेटवर्क नामक एक नेटवर्क का आरम्भ किया है. इसका उद्देश्य पर्यावरण से सम्बंधित ज्ञान में विद्यमान कमियों का पता लगाना और फिर इन विषयों पर पोस्ट-डाक्टोरल अनुसंधान हेतु प्रशिक्षण देना है और साथ ही वर्तमान में इस दिशा में किये गये सार्वजनिक एवं निजी प्रयासों पर प्रकाश डालना है.

मुख्य तत्त्व

  • यह पूरे देश के लिए बहुशास्त्रीय नेतृत्व का एक खाका उपलब्ध कराएगा जिसमें शोध और ज्ञानार्जन को बढ़ाने तथा भारतीय पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
  • इस राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से भारतीयों की एक ऐसी नई पीढ़ी पैदा की जायेगी जो औषधि विज्ञान, कृषि, पारिस्थितिकी और तकनीक की वास्तविक समस्याओं से सम्बंधित बहुशास्त्रीय अवधारणाओं को संश्लेषित करते हुए उनका समाधान खोज सके.

यह कैसे काम करता है?

  • इस नेटवर्क के माध्यम से नागरिकों उद्योग जगत, शिक्षा जगत और सरकार के लोगों के बीच आपस में चर्चा हेतु बैठकें आयोजित की जाएँगी जिनमें मानवीय एवं पर्यवराणीय पारिस्थितिकी से सम्बंधित चुनिंदे विषयों के संदर्भ में जानकारी की कमियों की पहचान की जायेगी.
  • तत्पश्चात् यह कार्यक्रम अग्रणी पोस्ट-डोक्टोरल शोधकर्ताओं को इन विषयों पर अनुसंधान करने के लिए प्रशिक्षित करेगा और इसके अंतर्गत हो रहे चालू सार्वजनिक एवं निजी प्रयासों को भी शामिल किया जाएगा.
  • उसके बाद इस नेटवर्क के अंतर्गत उन सभी विषयों पर राष्ट्रीय जागरूकता सृजित करने के लिए नागरिकों, उद्योगियों और सरकार के बीच विचार-विमर्श और सभी शैक्षणिक स्तरों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा.

आवश्यकता

यद्यपि भारत में पारिस्थितिकी और पर्यावरण पर शोध को बढ़ावा दिया जाता रहा है, परन्तु फिर भी भारत में ऐसे प्रशिक्षित वैज्ञानिकों की कमी है जिनके पास बहुशास्त्रीय कौशल्य हो और जिनकी मनोवृत्ति सहयोगात्मक हो.

चाहिए यह कि शिक्षा देने वाले और शिक्षा पाने वाले दोनों समस्याओं का पता लगाने और उनका समाधान करने में एकपक्षीय नहीं, अपितु बहुशास्त्रीय पद्धति अपनाएँ. उत्तर-प्रौद्योगिकी विश्व (post-technological world) में शिक्षा और शोध के प्रति एक पूर्णतः नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसकी उत्प्रेरणा इस नेटवर्क से संभव हो सकेगी.


Prelims Vishesh

Indian Pharmacopoeia (IP) :-

  • अफगानिस्तान के लोक स्वास्थ्य मंत्रालय के औषधीय और स्वास्थ्य सम्बंधित उत्पादों को भारतीय फार्मकोपोइया (IP) ने अपनी औपचारिक मान्यता प्रदान कर दी है.
  • ज्ञातव्य है कि IP वह औपचारिक रूप से मान्य पुस्तक है जिसमें औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 एवं उससे सम्बंधित 1945 की नियमावली के अनुसार मानक अंकित किये गये हैं.

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