Sansar डेली करंट अफेयर्स, 21 November 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 21 November 2019

GS Paper 1 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Rani Lakshmibai

संदर्भ

विगत 19 नवम्बर को रानी लक्ष्मीबाई की 191वीं जयंती मनाई गई.

रानी लक्ष्मीबाई कौन थी?

  • रानी लक्ष्मीबाई का मूल नाम मणिकर्णिका ताम्बे था.
  • उनका जन्म नवम्बर 19, 1828 में हुआ था.
  • उनका विवाह झाँसी के महाराजा गंगाधर नेवलकर के साथ 1842 में हुआ था.

अंग्रेजों से रानी लक्ष्मीबाई की लड़ाई

रानी लक्ष्मीबाई के दामोदर राव नामक एक बेटा हुआ था जो चार महीने में ही चल बसा. इस उनके पति ने अपने एक भतीजे आनंद राव को गोद ले लिया. महाराजा की मृत्यु के एक दिन पहले इस बच्चे का नामकरण दामोदार राव कर दिया गया था. लॉर्ड डलहौजी ने इस दत्तक पुत्र को उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता देने से मना कर दिया और हड़प नीति का प्रयोग करते हुए झाँसी राज को ब्रिटिश भारत में समाहित कर लिया.

रानी ने लॉर्ड डलहौजी के निर्णय को चुनौती दी. फलतः दोनों पक्षों में युद्ध शुरू हो गया. झाँसी को अंग्रेजों ने दो सप्ताह घेरे रखा. उस समय रानी ने युद्ध में कठोर संघर्ष किया. अंततः ग्वालियर के फूलबाग़ के निकट कोटा की सराय में जून, 1858 को किप्त्न हैनेज-नीत आठवें हुसार की सैन्य टुकड़ी से लड़ते हुए वे वीर गति को प्राप्त हुईं.

हड़प नीति क्या थी?

  • 1848 से 1856 तक भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी था. इसने हड़प नीति नामक एक नीति बनाई और उसे तत्परता से लागू भी किया.
  • हड़प नीति के अनुसार यदि ईस्ट इंडिया कम्पनी के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष नियंत्रण वाले किसी रजवाड़े के शासक को कानूनी रूप से वैध पुरुष उत्तराधिकारी नहीं हो तो उस रजवाड़े का कम्पनी में विलय हो जाएगा.
  • इस नीति के अनुसार, कोई भी भारतीय शासक अपने दत्तक पुत्र को उत्तराधिकारी घोषित नहीं कर सकता था. इस प्रकार हड़प नीति किसी भी पुत्रहीन भारतीय शासक को किसी बच्चे को गोद लेकर उसे अपना उत्तराधिकारी बनाने से रोकता था.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : Plague

संदर्भ

पिछले दिनों बीजिंग में न्यूमोनिक हैजे का शिकार हुए. ज्ञातव्य है कि हैजे का यह प्रकार इस रोग का सबसे मारक प्रकार होता है.

हैजा क्या होता है?

  • हैजा Yersinia pestis नामक बैक्टीरिया से फैलने वाला रोग है. यह बैक्टीरिया पशुओं में, विशेषकर चूहों में पाया जाता है.
  • यह संक्रमित पशुओं और पिस्सुओं (fleas) के माध्यम से फैलकर मनुष्य तक पहुँच जाता है.
  • पाँचवीं से लेकर पन्द्रहवीं शताब्दी तक हैजे को काली मृत्यु (black death) कहा जाता था क्योंकि उस समय इसकी महामारी से यूरोप में लाखों जन प्राण गँवा बैठते थे.

लक्षण

हैजा के लक्षण संक्रमण के कुछ घंटों या संक्रमण के पांच दिन बाद तक सामने आ सकते हैं. उल्टी के साथ गंभीर पतले दस्त होती है और रोगी का शरीर ठंडा पड़ने लगता है. हृदय गति बढ़ जाती है. पेशाब आना कम हो जाता है. व्यक्ति थकान महसूस करता है.

प्रकार

  1. ब्यूबोनिक हैजा : इसमें व्यक्ति की लसिका प्रणाली संक्रमित हो जाती है और लसिका ग्रन्थियों में जलन हो जाता है. उपचार नहीं हो तो ब्यूबोनिक हैजा या तो न्यूमोनिक हैजे अथवा सेप्टीसेमिक हैजे में बदल जाता है. इसमें ज्वर, कँपकँपी, दुर्बलता और शिरोवेदना होती है.
  2. न्यूमोनिक हैजा : विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सभी हैजों में यह सबसे मारक हैजा होता है क्योंकि इससे मनुष्य दो से तीन में चल बसता है. यह फेफड़ों पर आक्रमण करता है. यह एकमात्र ऐसा हैजा है जो मनुष्य से मनुष्य तक फ़ैल जाता है. इस हैजे में छाती में पीड़ा, ज्वर और खाँसी होती है. वस्तुतः खाँसी से यह हैजा फैलता है.
  3. सेप्टीसेमिक हैजा : यह हैजा तब होता है जब बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाता है और वहीं अपनी संख्या बढ़ाने लगता है. यदि हैजे के ऊपर लिखे गये दो प्रकार बिना उपचार के रह जाते हैं तो वे सेप्टीसेमिक हैजा में बदल जाते हैं. इसमें रोगी की त्वचा काली पड़ने लगती है.

उपचार

अगर इसका पता शुरूआत में चल जाता है, तो इससे बचा जा सकता है. यदि हैजे का सही समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो पानी की कमी के कारण मरीज की मौत हो सकती है. इसकी दवा बनाने वाली कंपनी का दावा है कि भारत में हर साल 30 फीसदी आबादी यानि 37.5 करोड़ लोगों पर इस बीमारी का खतरा बना रहता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Mizoram revokes Forest Rights Act

संदर्भ

पिछले दिनों मिज़ोरम सरकार ने एक संकल्प पारित कर अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारम्परिक वनवासी (वनाधिकार मान्यता) अधिनियम, 2006 (FRA) को निष्प्रभावी कर दिया.

संविधान का अनुच्छेद 371(G)

1986 के 53वें संशोधन अधिनियम के द्वारा प्रविष्ट यह अनुच्छेद संसद को इन विषयों पर कानून बनाने से रोकता है – मिजो लोगों का धर्म अथवा सामाजिक प्रथाएँ, मिजो पारम्परिक कानून और प्रक्रिया और मिजो पारम्परिक कानून के अनुसार किये गये दीवानी एवं फौजदारी न्याय-निर्णय. इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार बिना राज्य विधान सभा की सहमति के भूमि के स्वामित्व और हस्तांतरण के बारे में कार्रवाई नहीं कर सकती है.

इसी प्रावधान के अंतर्गत राज्य सरकार ने FRA को निष्प्रभावी करने का वर्तमान निर्णय लिया है.

वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006

यह वनों पर अधिकार-आधारित, लोकतांत्रिक और विकेंद्रीकृत नियंत्रण प्रदान करता है. FRA के अंतर्गत मान्यता प्राप्त अधिकार हैं :

व्यक्तिगत वन अधिकार (IFR) :- यह कानूनी रूप से वनभूमि का स्वामित्व धारण करने का अधिकार है जिस पर वनवासी समुदाय 13 दिसम्बर, 2005 के पहले से निवास और कृषि कर रहे हैं.

सामुदायिक अधिकार (CRs), लघु वन उत्पाद (Minor Forest Produce) :- इन्हें गैर-काष्ठ वन उत्पाद (non-timber forest produce : NTFP) भी कहा जाता है. CRs में चराई, ईंधन की लकड़ी, जल निकायों से मछली और अन्य उत्पाद एकत्रित करने के साथ ही पारम्परिक ज्ञान से सम्बंधित बौद्धिक सम्पदा और जैव विविधता अधिकार आदि सम्मिलित हैं.

सामुदायिक वन संसाधन (CFR) अधिकार : धारा 3(1)(i) के अंतर्गत वनों पर सामुदायिक शासन के लिए सामुदायिक वन संसाधनों की सुरक्षा, पुनरुद्धार, संधारणीय उपयोग हेतु वन संसाधनों के संरक्षण या प्रबंधन सम्बन्धी प्रावधान किये गये हैं.

अधिकारों के लिए अर्हता

  • वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अनुसार इसमें वर्णित अधिकार केवल उन्हीं लोगों के लिए हैं जो मुख्य रूप से जंगलों में रहते हैं और जो जंगल और जंगल की भूमि पर अपनी रोजी-रोटी के लिए निर्भर होते हैं.
  • इसके अतिरिक्त, इन अधिकारों का उपभोग करने के लिए आवश्यक है कि वह व्यक्ति अनुसूचित जनजाति का हो अथवा जंगल में कम-से-कम 75 वर्षों से रह रहा हो.
  • अधिनियम में यह प्रावधान है कि किस व्यक्ति को किस संसाधन का अधिकार मिलेगा, इसका निर्णय ग्राम-सभा के द्वारा पारित अनुशंसा के अनुसार किया जाएगा. ग्राम सभा की अनुशंसा को बाद में जिला-स्तर पर अनुमोदित किया जाएगा.

GS Paper 2 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : West Bank and issues associated

संदर्भ

अमेरिका ने पिछले दिनों कहा कि पश्चिमी बैंक (West Bank) में बसाई गईं इजराइली बस्तियाँ अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं हैं.

विदित हो कि अधिकांश देश मानते हैं कि पश्चिमी बैंक में इजराइल द्वारा बसाई गई बस्तियाँ गैर-कानूनी हैं. अमेरिका का भी इस विषय में रुख पूर्व के एक समान नहीं रहा है.

पश्चिमी बैंक क्या है?

यह एक चारों ओर से जमीन से घिरा भूभाग है जिसके पूर्व में जॉर्डन तथा दक्षिण, पश्चिम और उत्तर में ग्रीन लाइन और इजराइल हैं. इसके दक्षिण-पूर्व में मृत सागर है.

विवाद क्या है?

पश्चिमी बैंक वह भूभाग है जिसे 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के पश्चात् जॉर्डन ने अपने कब्जे में कर लिया था. परन्तु 1967 के छह-दिवसीय युद्ध में इजराइल ने इसे वापस हथिया लिया और तब से इस पर उसी का नियंत्रण है (उल्लेखनीय है कि इस युद्ध में इजराइल अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ युद्ध कर के विजय हुआ था और उसने मिश्र से सिनाई प्रायद्वीप और गाजा पट्टी, जॉर्डन से पश्चिमी बैंक और पूर्वी जेरुसलम तथा सरिया से गोलन हाइट्स छीन लिया था ). इजराइल ने वहाँ 130 औपचारिक बस्तियाँ बना दी हैं तथा पिछले 20-25 वर्षों में उतनी ही छोटी-छोटी अनौपचारिक बस्तियाँ वहन बस चुकी हैं.

अब पश्चिमी बैंक में 26 लाख फिलिस्तीनियों के अलावा 4 लाख इजराइली भी रहने लगे हैं जिनका दावा है कि बाइबिल ने उन्हें इस भूमि पर जन्मनाधिकार दिया है.

वेस्ट बैंक पर इजराइल का आधिपत्य अवैध है?

संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सभी का मत है कि इजराइल के द्वारा वेस्ट बैंक में बस्तियाँ बसाना चौथी जेनेवा संधि का उल्लंघन है. ज्ञातव्य है कि 1949 की यह संधि कहती है कि किसी भूभाग को आधिपत्य में लेने वाला देश कभी भी वहाँ अपने लोगों को नहीं बसाएगा. इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की 1998 में स्थापना करने वाला रोम स्टैच्यूट (Rome Statute) भी यह कहता है कि इस प्रकार का जन स्थानान्तरण एक युद्ध अपराध है.  

GS Paper 2 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Uighur detention camps

संदर्भ

पिछले कई महीनों से विश्व के कई देश इस बात को लेकर सशंक हैं कि चीन अपनी उइगर आबादी के साथ क्या कर रहा है.

चीन पर क्या आरोप है?

सुनने में आता है कि उइगर लोगों को “शेष देश के साथ समरस” बना रहा है. इसके लिए कहा जाता है कि दस लाख उइगरों, कज्जाखों और दूसरे मुसलमानों को पकड़ कर बंदी शिवरों में डाल दिया गया है जहाँ उनको अपनी पहचान छोड़ने और हान चीनियों के प्रभुत्व वाले साम्यवादी देश चीन में बेहतर ढंग से घुलने-मिलने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

पर चीन का कहना है कि ये सारे आरोप असत्य हैं. वस्तुतः वह उनको “अतिवादी” विचारों से मुक्त किया जा रहा है और व्यावसायिक कौशल सिखाया जा रहा है.

उइगर (Uighurs) कौन हैं?

  1. उइगर मुसलमानों की एक नस्ल है जो बहुत करके चीन के Xinjiang प्रांत में रहती है.
  2. उइगर लोगउस प्रांत की जनसंख्या के 45% हैं.
  3. विदित हो कि तिब्बत की भांति Xinjiang भी चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र घोषित है.

उइगरों के विद्रोह का कारण

  • कई दशकों से Xinjiang प्रांत में चीन की मूल हान (Han) नस्ल के लोग बसाए जा रहे हैं. आज की तिथि में यहाँ 80 लाख हान रहते हैं जबकि 1949 में इस प्रांत में 220,000 हान रहा करते थे.
  • हान लोग अधिकांश नई नौकरियों को हड़प लेते हैं और उइगर बेरोजगार रह जाते हैं.
  • उइगरों की शिकायत है कि सैनिक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं जबकि सरकार यह दिखाती है कि उसने सभी को समान अधिकार दिए हुए हैं और विभिन्न समुदायों में समरसता है.

चीन की चिंता

  • चीन का सोचना है कि उइगरों का अपने पड़ोसी देशों से सांस्कृतिक नाता है और वे पाकिस्तान जैसे देशों में रहने वाले लोगों के समर्थन से Xinjiang प्रांत को चीन से अलग कर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं.
  • विदित हो Xinjiang प्रांत की सीमाएँ मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान से मिलती है.

Prelims Vishesh

Indian Performing Right Society (IPRS) :-

  • 1969 में स्थापित एवं 2017 में कॉपीराईट सोसाइटी के रूप में फिर से पंजीकृत इंडियन परफोर्मिंग राईट सोसाइटी (IPRS) कलाकारों का एक प्रतिनिधि निकाय है जो कलाकारों के लिए रॉयल्टी जमा करता है.
  • ज्ञातव्य है कि कॉपीराइट एक्ट, 1957 में 2012 में हुए एक संशोधन के अनुसार कलाकारों को 50% रॉयल्टी उस हर मौके पर मिलेगी जब उनकी रचना का किसी भी रूप में कोई उपयोग करे चाहे उस समय कॉपीराईट प्रोडक्शन हाउस अथवा म्यूजिक ब्रांड के पास ही क्यों न हो.
  • उल्लेखनीय है कि कलाकारों में संगीतकार, गीतकार, प्रकाशक आदि सभी आते हैं.

Idris Elba :-

  • पिछले दिनों बर्रे (wasp) की एक प्रजाति को इदरिस एल्बा नाम दिया गया.
  • यह बर्रा मैक्सिको में गोभी जैसी सब्जियों को मुख्य रूप से हानि पहुँचाने वाले बग्राडा कीट के अंडों में परजीवी के रूप में रह रहा था.
  • यह बर्रा स्टिंक बग के अंडों से बच्चों को निकलने से रोकने में काम आ सकता है.

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