Sansar डेली करंट अफेयर्स, 21 November 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 21 November 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Witness protection scheme

सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority – NALSA) के परामर्श से भारत सरकार द्वारा तैयार की गई साक्षी सुरक्षा योजना (प्रारूप) को लागू करने का निर्देश दिया है.

साक्षी सुरक्षा योजना के उद्देश्य

  • किसी साक्षी को बिना डरे या बदले की कार्रवाई के भय के बिना न्यायालय अथवा पुलिस के समक्ष साक्ष देने के लिए समर्थ बनाना.
  • यह सुनिश्चित करना कि आपराधिक मामलों की छानबीन, मुकदमे एवं सुनवाई के समय साक्षियों के धमकाए जाने से न्यायिक प्रभावित न हो.
  • जो व्यक्ति अपराधिक मामलों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर सकते हैं, उनको सुरक्षा दी जाए.
  • साक्षियों में यह भरोसा उत्पन्न किया जाए कि वे निर्भीक हो कर सामने आएँ और कानून के लागू होने में पुलिस और न्यायालय को सहयोग करें.
  • इस योजना का उद्देश्य साक्षियों और उनके परिवार के सदस्यों को डराये जाने, जान से मारने की धमकी देने तथा उनके सम्मान और सम्पत्ति को क्षति पहुँचाने से बचाने के लिए उपाय खोजना.

योजना की आवश्यकता

यह देखा जाता है कि गंभीर अपराधों में, विशेषकर उन अपराधों में जिनमें अपराधी शक्तिशाली, प्रभावशाली अथवा समृद्ध हैं, उनमें या तो जिनके प्रति अपराध किया गया है अथवा वे जो इसके साक्षी हैं, वे सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समुदाय से होते हैं. इसलिए इनकी सुरक्षा करना न्याय की प्रक्रिया के लिए अति आवश्यक है. यह योजना इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : International Tourism Mart

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय त्रिपुरा एवं पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन मंत्रालयों के साहचर्य में त्रिपुरा के अगरतला नगर में साँतवा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट आयोजित कर रहा है.

मुख्य तथ्य

  • भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का आयोजन होता है जिसका उद्देश्य उस क्षेत्र में पर्यटन की संभावना को भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाना है.
  • इस मार्ट में आठ पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन से जुड़े हुए व्यवसाई इकठ्ठा होते हैं.
  • इस मार्ट का आयोजन इस प्रकार होता है जिससे कि सभी क्रेता, विक्रेता, मीडिया, सरकारी एजेंसियाँ और अन्य पर्यटन से जुड़े हुए लोगों के बीच विचारों के आदान-प्रदान में सुविधा प्राप्त हो.
  • अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के लिए स्थल का चयन पूर्वोत्तर राज्यों में बारी-बारी से होता है. पहले इस प्रकार के मार्ट गुवाहाटी, तवांग, शिलोंग, गंगटोक और इम्फाल में हो चुके हैं.

भूमिका

भारत के पूर्वोत्तर में ये 8 राज्य हैं – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम. इन सभी राज्यों में पर्यटन के योग्य कई आकर्षक स्थल एवं उत्पाद उपलब्ध हैं. यहाँ का धरातल, यहाँ के पेड़ पौधे, यहाँ के पशु-पक्षी, यहाँ के त्यौहार, यहाँ की कलाएँ और यहाँ के शिल्प भाँति-भाँति के हैं. यहाँ बहुत प्रकार के समुदाय निवास करते हैं जिनकी प्राचीन परम्पराएँ और जीवन शैलियाँ देखने लायक होती हैं. इन कारणों से इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं.

मार्ट के आयोजन का महत्त्व

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट में देश-विदेश के क्रेता और मीडिया प्रतिनिधि जमा होते हैं और वे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विक्रेताओं से साक्षात रूप से (B2B) मिलते हैं. इस प्रकार यहाँ के पर्यटन व्यवसाइयों को देश के और देश के बाहर के क्रेताओं से सम्पर्क हो जाता है. परिणामतः क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : UN migration pact

ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने घोषणा की है कि वह संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आव्रजन संधि (UN Global Compact for Migration) पर हस्ताक्षर नहीं करेगी क्योंकि इसमें वर्णित नीतियाँ उचित नहीं हैं और वे ऑस्ट्रेलिया के हितों के विरुद्ध हैं.

ऑस्ट्रेलिया के तर्क

ऑस्ट्रेलिया मानता है कि उसकी आव्रजन नीति बढ़िया है और वह सुरक्षित, व्यवस्थित एवं नियमित आव्रजन को बढ़ावा देती है. इसलिए वैश्विक आव्रजन संधि को यदि ऑस्ट्रेलिया स्वीकार करता है तो इससे ऑस्ट्रेलिया में अवैध प्रवेश को प्रोत्साहन मिलने लगेगा और उसने इतनी मेहनत से मानव तस्करी के विरुद्ध लड़ाई में जो सफलता पाई है, वह धरी की धरी रह जायेगी.

भूमिका

ऑस्ट्रेलिया में आव्रजन की नीति बहुत ही कठोर है. वहाँ जो लोग नाव पर बैठकर सुदूर प्रशांत द्वीपों से ऑस्ट्रेलिया में घुसकर शरण लेना चाहते हैं, उन्हें बंदी बना लिया जाता है. इस कारण वहाँ मानव तस्करी के मामले में भारी गिरावट आई है और कई शरणार्थी पपुआ न्यू गिनी और नाउरु में बंदी पड़े हैं.

वैश्विक आव्रजन संधि क्या है?

  • इस संधि को औपचारिक रूप से विश्व के नेतागण मोरक्को में दिसम्बर, 2018 में अंगीकृत करेंगे.
  • यह संधि अंतर-सरकारी समझौता है.
  • इस समझौते में अंतर्राष्ट्रीय आव्रजन के अनेक आयामों पर सम्पूर्णता से और व्यापकता से विचार हुआ है.
  • इस संधि में 23 विषयों पर विचार किया गया है जो आव्रजन से सम्बंधित हैं. आव्रजन क्यों होता है, कौन लोग आव्रजन करते हैं, सही आव्रजन की प्रक्रिया क्या है, मानव तस्करी कैसे रोकी जाए, आव्रजन के आर्थिक लाभ क्या हैं, आव्रजकों को कैसे उनके देश लौटा दिया जाए आदि कई विषयों पर इस संधि में चर्चा हुई है.
  • यह संधि कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है.

वैश्विक संधि की आवश्यकता क्यों?

पूरे विश्व में 250 मिलियन आव्रजक हैं जो विश्व की समूची जनसंख्या का 3% होता है. परन्तु यह आव्रजक वैश्विक GDP में 10% योगदान करते हैं. आव्रजक अपने-अपने देश में विशाल धनराशि भेजते हैं जिससे उन देशों के विकास में सहायता मिलती है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Ease of Doing Business Grand Challenge

संदर्भ

भारत सरकार ने व्यवसाय आरम्भ करने में आने वाली 7 समस्याओं की सूची बनाई है और लोगों से आह्वान किया है कि वे इन समस्याओं का आधुनिकतम तकनीक के प्रयोग से निदान ढूँढें.

इस चुनौती का प्रयोजन

  • इस चुनौती का लक्ष्य युवा-भारतीयों, स्टार्ट-अपों और अन्य निजी अध्यवसाइयों को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि वे आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए व्यवसाय आरम्भ करने से सम्बंधित समस्याओं का समाधान करें. विदित हो कि सरकार के Make in India कार्यक्रम की सफलता में व्यवसाय आरम्भ करने की सरलता अत्यावश्यक है.
  • इस चुनौती का उद्देश्य व्यापार प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धि (AI), इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स, बिग डाटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन जैसी आधुनिकतम तकनीक का सहारा लेना है.
  • इस चुनौती के लिए स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल को मंच के रूप में रखा गया है.

भारत में व्यवसाय करने की सरलता

  • विश्व बैंक के 2019 का Doing Business Report (DBR, 2019) के अनुसार भारत पिछले वर्ष की तुलना में 23 स्थान आगे बढ़कर 77वें रैंक पर पहुँच गया है.
  • रिपोर्ट के अनुसार चीन, जिबूती (Djibouti) और अजरबैजान जैसी पहले की तुलना में सुधरी हुई 10 शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में भारत का नाम आया है.
  • भारत में व्यवसाय संचालन की सरलता में यह सुधार इसलिए हुआ है कि यहाँ ऐसे कई सुधार हुए हैं जिससे व्यवसायियों को आसानी से निर्माण के लिए (construction permits) अनुमति मिल जाती है. साथ ही में सरलतापूर्वक वे कर जमा कर सकते हैं और सीमा-पार व्यापार भी कर सकते हैं.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : City Gas Distribution (CGD) Projects

संदर्भ

भारत के 129 जिलों में नगर गैस वितरण परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिलान्यास करेंगे. इन परियोजनाओं के माध्यम से देश के 26 राज्यों/केंद्र-शासित क्षेत्रों में रहने वाली देश की लगभग आधी जनसंख्या को गैस की आपूर्ति की जायेगी. परियोजनाओं के लिए की गई नीलामी के 9वें चक्र में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (Petroleum and Natural Gas Regulatory Board – PNGRB) ने 65 भौगोलिक क्षेत्रों (Geographical Areas – GAs) में इन्हें संचालित करने का निर्णय लिया है.

प्राकृतिक गैस ही क्यों?

  • प्राकृतिक गैस कोयले और तरल ईंधनों की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल होता है और साथ ही यह अधिक सुरक्षित एवं अधिक सस्ता भी होता है. प्राकृतिक गैस पाइपों के माध्यम से ठीक उसी प्रकार से मुहैया कराई जाती है जैसे नलकों से पानी. इसके लिए रसोई में सिलेंडर रखने की आवश्यकता नहीं होती और इस प्रकार जगह भी बचती है.
  • प्राकृतिक गैस (जैसे CNG) पेट्रोल की तुलना में 60% और डीजल की तुलना में 45% सस्ती होती है. यदि बाजार दाम पर बिकने वाली LPG और PNG से इसकी तुलना की जाये तो प्राकृतिक गैस 40% सस्ती होती है और लगभग सब्सिडी वाले LPG के बराबर होती है.

PNGRB

  • पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) की स्थापना पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड अधिनियम, 2006 के अंतर्गत हुई है.
  • इस बोर्ड का काम उपभोक्ताओं और पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक से सम्बन्धित विशिष्ट गतिविधियों में लगे अधिष्ठानों की हितों की रक्षा करना है.
  • बोर्ड का एक लक्ष्य इन उत्पादनों से सम्बन्धित प्रतिस्पर्धात्मक बाजारों को प्रोत्साहन देना भी है.
  • यह बोर्ड पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों एवं प्राकृतिक गैस के शोधन, प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन, वितरण, विपणन एवं विक्रय को विनियमित करता है जिससे कि पूरे देश में इनकी पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
  • यह बोर्ड कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन का विनियमन नहीं करता है.

Prelims Vishesh

Russian Igla-S missile system :-

  • मानव द्वारा वहनीय वायु सुरक्षा प्रणालियों अर्थात् man-portable air defence systems (MANPADS) के लिए भारतीय सेना ने रूस की Igla-S मिसाइल प्रणाली का चयन किया है. इस पर कई बिलियन डॉलर का समझौता किया जायेगा.
  • विदित हो कि भारत को रूस ने पहले भी MANPADS दिए थे जैसे कि SA-18 मिसाइल. परन्तु Igla-S उन मिसाइलों की तुलना में अधिक श्रेष्ठ हैं.
  • इन मिसाइलों से 6 km. तक दिख जाने वाली वायुयानों, हेलीकॉप्टरों, मानवरहित वायुयानों, क्रूज मिसाइलों आदि को नष्ट किया जा सकता है.

New species of Indian horned frogs from Himalayan regions :-

  • हाल ही में वैज्ञानिकों ने पूर्वोत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्रों में चार नई सींग वाले मेढकों (horned frogs) की प्रजातियों का पता लगाया है.
  • ऐसे मेढकों के सिर में पलकों के ऊपर एक मांसल उभार होता है जो सींग जैसा दिखता है.
  • ये प्रजातियाँ मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में देखी गई हैं.

Vajra Prahar :-

  • 2018 को वज्र प्रहार सैन्य अभ्यास राजस्थान के बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आरम्भ हो गया है.
  • इस सैन्य अभ्यास में भारत और अमेरिका के विशेष सैनिक संयुक्त रूप से भाग लेते हैं.
  • ये सैन्य अभ्यास कभी भारत तो कभी अमेरिका में सपन्न होते रहते हैं.

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