Contents
Sansar Daily Current Affairs, 21 July 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Rani-ki-Vav
- भारतीय रिज़र्व बैंक 100 रु. का हल्के बैंगनी रंग का नया नोट निर्गत करने जा रहा है.
- इस नोट पर रानी की वाव नामक 11वीं शताब्दी की ईमारत का चित्र छपा होगा.
- इस चित्र के माध्यम से भारत की समृद्ध एवं विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला जायेगा.
- रानी की वाव एक 900 वर्ष पुराना स्थापत्य है जो गुजरात के पाटन में सरस्वती नदी के तट पर स्थित है.
- यह ढेर सारे पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह UNESCO का विश्व धरोहर स्थल भी है जिसे 2016 में सबसे साफ़-सुथरे सुप्रसिद्ध स्थल का पुरष्कार दिया जाता है.
- यह वाव (सीढ़ीदार कुआँ) सोलंकी वंश की रानी उदयमती द्वारा 11वीं शताब्दी में अपने दिवंगत पीटीआई भीमदेव – 1 के स्मारक के रूप में बनाई गई थी.
- रानी की वाव जटिल मरू-जर्जर स्थापत्य शैली में बनाई गई है.
- इसकी बनावट धरती की सतह के नीचे उल्टे मंदिर जैसी है.
- इसमें बुद्ध सहित विष्णु के दस अवतारों के साथ-साथ साधुओं, ब्राह्मणों और अप्सराओं का चित्रण मिलता है.
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Israel Adopts Jewish Nation-State Law
- इजरायल के संसद ने एक कानून पारित किया है जिसमें इजरायल को यहूदियों का राष्ट्र घोषित किया गया है.
- ज्ञातव्य है कि इजरायल में कोई संविधान नहीं होता है और समय-समय पर आधारभूत कानून पारित होते हैं जो संविधान के रूप में मान्य होते हैं.
- वहाँ संसद द्वारा आधारभूत कानून बनाए जाते हैं जिनसे यह देश संचालित होता है.
- विचाराधीन कानून भी उसी प्रकार का एक चौदहवाँ आधारभूत कानून है.
- इस राष्ट्रीयता कानून के मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं –
- इसमें बताया गया है कि इजरायल यहूदियों की ऐतिहासिक मातृभूमि है तथा वहाँ उन्हें ही आत्म-निर्णय का अधिकार है.
- इस कानून के अनुसार हिब्रू देश की राष्ट्रीय भाषा होगी.
- अरबी भाषा अब एक सरकारी भाषा नहीं होगी अपितु इसे मात्र विशेष दर्जा दिया जायेगा.
- इस कानून में इजरायल के झंडे, राष्ट्रीय प्रतीक एवं राष्ट्रगान भी निर्धारित कर दिए गये हैं.
यह कानून क्यों बना?
इजरायल को यहूदी राष्ट्र घोषित करने का प्रश्न सदैव चर्चा में रहा है परन्तु इसे कानून का रूप अभी तक नहीं दिया जा सका था, परन्तु कुछ इजरायली यहूदी राजनीतिज्ञों का विचार है कि इजरायल का निर्माण ही यहूदियों को उनकी पुरानी मातृभूमि प्रदान करने के लिए हुआ था. इस भावना को सुदृढ़ बनाने के लिए इस देश को यहूदी राष्ट्र घोषित करना आवश्यक है. इजरायल में रहने वाले अरब अपनी जनसंख्या तेजी से बढ़ा रहे हैं जिससे भविष्य में यहूदियों का बहुमत प्रभावित हो सकता है. इस कारण भी यह कदम उठाना आवश्यक माना गया.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Global Slavery Index 2018
- ऑस्ट्रेलिया में स्थित Walk Free Foundation नामक मानवाधिकार संगठन ने 2018 के लिए वैश्विक दासता सूचकांक निर्गत कर दिया है.
- इस सूचकांक से सम्बंधित रिपोर्ट बनाने के लिए 48 देशों में 54 सर्वेक्षण किये गये और 71,158 व्यक्तियों से पूछताछ की गई.
- आधुनिक परिप्रेक्ष्य में दासता के अन्दर अग्रलिखित प्रथाएँ आती हैं – बेगार (forced labour), बंधुआ मजदूरी, जबरदस्ती की शादी, गुलामी और मानव तस्करी.
- इन प्रथाओं में जो सामान्य लक्षण है, वह है कि इन सभी में कोई व्यक्ति काम करने के लिए इसलिए विवश हो जाता है कि उसे धमकी मिलती है, मारा-पीटा जाता है, जबरदस्ती की जाती है, ठगा जाता है और शक्ति का दुरूपयोग किया जाता है.
- सूचकांक की मुख्य बातें –
- उत्तर कोरिया इस सूचकांक में शीर्ष पर और जापान सबसे निचले पायदान पर है.
- जहाँ उत्तर कोरिया में एक हजार में 104.6 व्यक्ति दासता से पीड़ित हैं, वहीं जापान में 1000 में 0.3 व्यक्ति दासता के शिकार हैं.
- पूरे विश्व में दासता से पीड़ित लोगों में 71% लोग स्त्रियाँ और बच्चियाँ ही हैं.
- सभी प्रकार की आधुनिक दासता के घटनाओं में पुरुषों से अधिक स्त्रियाँ ही पीड़ित पाई गई हैं.
- आधुनिक दासता से पीड़ित व्यक्तियों के 60% इन 10 देशों में ही पाए गये – भारत, चीन, पाकिस्तान, उत्तरी कोरिया, नाइजीरिया, ईरान, इंडोनेशिया, कांगो, रूस और फिलीपींस.
- 170 देशों में भारत को इस सूचकांक में 53वाँ स्थान मिला है लेकिन पीड़ितों के कुल संख्या के हिसाब से भारत पहले नंबर पर है.
रिपोर्ट के अनुसार 2016 में प्रत्येक दिन भारत में 80 लाख लोग आधुनिक दासता से गुजर रहे थे. यद्यपि भारत सरकार ऐसे दावों को यह कह कर नकारती है कि इसके लिए जो कसौटियाँ बनाई गई हैं वे बहुत ही व्यापक हैं और सुपरिभाषित नहीं हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Solar parks in India
- भारत की सौर पार्क योजना के तहत सबसे अधिक अनुमोदित सौर ऊर्जा क्षमता वाले राज्यों की सूची में गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश शीर्षस्थ घोषित किये गये हैं.
- गुजरात में तीन सौर पार्क हैं जिनकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता 6,200 MW है.
- राजस्थान में ऐसे छ: पार्क हैं जो 4,331 MW ऊर्जा उत्पादन की क्षमता रखते हैं.
- वहीं आंध्रप्रदेश के चार सौर पार्क हैं जो 4,160 MW बिजली उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं.
- सौर पार्क योजना नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and renewable Energy – MNRE) की योजना है जिसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों में 500 MW से अधिक उत्पादन क्षमता वाली सौर परियोजनाओं वाले कई सौर पार्कों का निर्माण किया जाना है.
- इस योजना के लिए भारत सरकार राज्यों को धन मुहैया कराती है. यह धन भूमि आवंटन, बिजली संचार, सड़क निर्माण, पानी के प्रबंध आदि के लिए खर्च होगा.
- सौर पार्क राज्यों के सहयोग से बनेंगे और भारत सरकार की तरफ से भारतीय सौर ऊर्जा निगम (Solar Energy Corporation of India – SECI) कार्यान्वयन एजेंसी होगी.
योजना से लाभ
- इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
- सौर ऊर्जा से अधिक उत्पादन से पर्यावरण का प्रदूषण बहुत कम हो जायेगा.
- सौर पार्क बनने से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध बंजर भूमियों का सदुपयोग हो सकेगा और आसपास के क्षेत्रों के विकास में सहायता मिलेगी.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : India to expand polar research to Arctic
- अन्टार्कटिका में अपना पहला अभियान भेजने के 30 वर्षों के बाद भारत सरकार आर्कटिक क्षेत्र में एक वैज्ञानिक अभियान भेजने पर विचार कर रही है.
- ज्ञातव्य है कि भारत के द्वारा अंटार्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान 1998 से किया जा रहा है.
- इसके लिए राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्र अनुसंधान केंद्र (National Centre for Antarctic and Ocean Research – NCAOR) का नाम बदलकर राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्र अनुसंधान केंद्र (National Centre for Polar and Ocean Research – NCPOR) किया जा रहा है.
- विदित हो कि भारत ने आर्कटिक के अध्ययन के लिए नार्वे के पास एक निरीक्षण स्टेशन बना रखा है. IndARC नामक यह भूमिगत स्टेशन नार्वे और उत्तरी ध्रूव के बीच Kongsfjorden fjord में स्थित है.
- परन्तु वास्तविक आर्कटिक क्षेत्र में भारत के द्वारा अभी तक कोई अभियान दल नहीं भेजा गया है.
- नए प्रस्ताव के अनुसार आर्कटिक वृत्त में नए निरीक्षण केंद्र स्थापित करने होंगे. इसके लिए भारत उस क्षेत्र के प्रमुख देशों – कनाडा और रुस – के साथ वार्ता कर रहा है.
भारत आर्कटिक पर ध्यान क्यों दे रहा है?
आर्कटिक में समुद्री बर्फ तेजी पिघल रहा है. इसका अर्थ यह हुआ कि यहाँ ऐसे बहुत से क्षेत्र प्रकट होंगे जो निकट भविष्य में हिम रहित हो जायेंगे. ज्ञातव्य है कि ऐसे स्थलों में खनिज तेल के भंडारों के होने की संभावना है. उस दशा में वहाँ तक पहुँचने के लिए समुद्री मार्ग से जाना सालों भर आसान हो जायेगा. इसलिए भारत इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करना चाहता है.
आर्कटिक क्षेत्र में संसाधनों के प्रबंधन पर विचार के लिए विभिन्न देशों का एक मंच है जिसका नाम आर्कटिक परिषद् (Arctic Council) है. भारत पहले से ही इस परिषद् में निरीक्षक के रूप में चयनित है.
Click here to read all Sansar Daily Current Affairs >> Sansar DCA
9 Comments on “Sansar डेली करंट अफेयर्स, 21 July 2018”
Sir Global Slavery index….167 countries
thankyou sir
etna valuable
Thanku Sir………
Nyc
Thank you
thank you sir………..its so helpful for everybody who want to build up their current for upsc………thatk you sir……………inaaya parveen khan from bikaner,rajasthan
Thanks sir G…..
Best sir
thanku sir g…………………….