Sansar डेली करंट अफेयर्स, 20 November 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 20 November 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.

Topic : Equal representation to all States in Rajya Sabha sought

संदर्भ

राज्य सभा के 250वें सत्र के अवसर पर राज्यसभा के सदस्यों ने दो सुझाव दिए हैं. पहला, छोटे-बड़े सभी राज्यों को राज्य सभा में समान सीट दिए जाएँ. दूसरा, सभा में किसी भी दल का आकार कुछ भी हो सभी सदस्यों को बोलने का समान समय दिया जाए.

राज्य सभा से सम्बंधित मुख्य तथ्य

भारत में संघीय संसद की व्यवस्था (Federal Parliament System) की गई है. संसद के दो सदन हैं – लोक सभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha). राज्यसभा संसद का उच्च और द्वितीय सदन है. भारत में संघात्मक शासन की व्यवस्था है, अतः संघों की इकाइयों के प्रतिनिधित्व के लिए संसद में एक सदन का होना आवश्यक है. इसी कारण, भारत में द्विसदनात्मक प्रणाली अपनाई गई है. जैसा कि राज्यसभा के नाम से ही स्पष्ट है कि यह संघ के राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है और इसके सदस्य विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं. यह एक स्थाई सदन है और कभी भंग नहीं होता, किन्तु इसके 1/3 सदस्य प्रति दो वर्ष के बाद स्थान खाली कर देते हैं, जिनकी पूर्ति नए सदस्यों से होती है.

राज्यसभा में अधिक-से-अधिक 250 सदस्य हो सकते हैं. इनमें अधिक-से-अधिक 238 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से निर्वाचित और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं. ये 12 सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला सामजिक सेवा इत्यादि का विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रहता है. राज्यों के प्रतिनिधि-सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रीति से होता है. राज्यों के प्रतिनिधि अपने राज्यों की विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा निर्वाचित होते हैं. यह निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्दति (proportional representation procedure) से तथा एकल संक्रमणीय मत विधि (single transferable vote method) के अनुसार होता है. संघीय क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन संसद द्वारा बानाए गए कानून के अनुसार होता है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में सीनेट (Senate) के सदस्यों का प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है लेकिन भारत में राज्यसभा के गठन के विषय में संविधान-निर्माताओं ने एक ओर दक्षिण अफ्रीका की अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली और दूसरी ओर आयरलैंड की मनोनयन प्रणाली को अपनाया है. जहाँ अमेरिका की सीनेट में प्रत्येक राज्य बराबर संख्या में अपने प्रतिनिधियों को चुनकर भेजता है, वहां भारत के प्रत्येक राज्य को विभिन्न संख्या में राज्यसभा में अपने प्रतिनिधियों को भेजने का अधिकार है. विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों की संख्या उस राज्य की जनसंख्या के आधार पर निश्चित की गई है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.

Topic : Gram Sabha

संदर्भ

हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के अनुभाग 31 में संशोधन करते हुए ग्राम सभा को ग्राम पंचायत के स्थानीय क्षेत्र के अन्दर शराब पर प्रतिबन्ध लगाने की शक्ति देने का निर्णय किया है.

प्रस्ताव दिया जा रहा है कि ग्राम सभा के 1/10 सदस्य बैठक कर मद्य प्रतिबंध का संकल्प पारित कर सकती है.

ग्राम सभा क्या है?

  • ग्राम सभा शब्द की परिभाषा संविधान के अनुच्छेद 243(ख) में दी गई.
  • ग्राम सभा में किसी ग्राम के वे सभी व्यक्ति सदस्य होते हैं जिनकी आयु 18 वर्ष या अधिक होती है.
  • यह एक स्थायी निकाय है.
  • ग्राम सभा पंचायती राज प्रणाली का प्राथमिक और सर्वाधिक बड़ा निकाय है.
  • ग्राम सभा जो भी निर्णय लेती है उसको निरस्त करने का अधिकार उसे ही होता है.

शक्तियाँ और कार्य

  • पंचायत के विकास कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने में सहायता करना.
  • विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के लिए लाभार्थियों का चयन करना. यदि ग्राम सभा समुचित समय के अन्दर इन लाभार्थियों की पहचान नहीं कर पाती है तो यह काम ग्राम पंचायत करेगी.
  • सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए जनसाधारण से नकद अथवा वस्तु के रूप में तथा स्वैच्छिक मजदूरी के रूप में समर्थन प्राप्त करना.
  • लोगों की शिक्षा और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों में सहयोग करना.
  • गाँवों के समाज के सभी तबकों के बीच एकता और समरसता को बढ़ावा देना.
  • मुखिया, उपमुखिया और ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों से किसी विशेष गतिविधि, योजना, आय और व्यय के विषय में स्पष्टीकरण माँगना.
  • निगरानी समिति के प्रतिवेदन पर चर्चा करना और उचित कार्रवाई का सुझाव देना.
  • ग्राम सभा के संज्ञान में लाये गये अन्य विषयों पर कार्रवाई करना.
  • कर लगाने, किराया और शुल्क लगाने तथा इनकी दरों में वृद्धि करने पर विचार करना.
  • वैसे अन्य सभी मामलों पर विचार करना जो निर्णय के लिए ग्राम पंचायत उसे भेजे.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY)

संदर्भ

एक सर्वेक्षण से पता चला है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की पहुँच अर्हता प्राप्त लाभार्थियों में से 1/3 से कम लोगों तक हो सकी है.

मुख्य चिंताएँ

  • इस योजना का लाभ 49% उन माताओं तक नहीं पहुंचा जिन्होंने अपनी पहली सन्तान को जन्म दिया होगा. शोधकर्ताओं का कहना है कि 2017 में ऐसी माओं की संख्या 123 लाख रही होगी.
  • केवल 66% गर्भवती महिलाएँ और 69% दूध पिलाने वाली माएँ इस योजना को जानती हैं. मात्र 8% गर्भवती महिलाओं को तथा 23% दूध पिलाने वाली माताओं को कुछ लाभ मिला.

कार्यान्वयन में आने वाली अड़चनें

  • इस योजना के लिए विहित आवेदन प्रपत्र 23 पृष्ठों का है. इसके साथ कई प्रलेख जमा करने पड़ते हैं, जैसे – माता-सन्तान सुरक्षा कार्ड, आधार कार्ड, पति का आधार कार्ड, और बैंक का पासबुक. इसके अलावे बैंक खातों को आधार से जोड़ना भी होता है.
  • पति का आधार कार्ड माँगने का फल यह होता है कि वैसी महिलाएँ इस योजना के अन्दर नहीं आ पातीं जिनके पति नहीं हैं, जो अपने मायके में रहती हैं और जो बिना विवाह किसी पुरुष के साथ रहती हैं.
  • नई-नई विवाहित महिला के आधार कार्ड में उसके मायके का पता होता है. इसलिए ऐसी महिलाएँ योजना का लाभ नहीं उठा पातीं अथवा इसको पाने के लिए उन्हें दर-बदर भटकना पड़ना है.

PMMVY क्या है?

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ की योजना है जिसका आरम्भ 2010 में इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से (IGMSY) हुआ था. इस योजना के अंतर्गत पहले बच्चे के जन्म के लिए 19 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद राशि दी जाती है.इस राशि से बच्चा होने और उसकी देखभाल करने के कारण दिहाड़ी की क्षति का सामना करने वाली महिला को आंशिक क्षतिपूर्ति दी जाती है और साथ ही इससे सुरक्षित प्रसव और उत्तम पोषण का प्रबंध किया जाता है.

  • अपवाद :जो महिलाएँ केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करती हैं अथवा जिन्हें इसी प्रकार का लाभ पहले से मिल रहा है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
  • वित्त पोषण :यह एक केंद्र संपोषित योजना है जिसमें केंद्र और राज्य की लागत 60:40 होती है. पूर्वोत्तर राज्यों में और तीन हिमालयवर्ती राज्यों में यह अनुपात 90:10 है. जिन केंद्र शाषित क्षेत्रों में विधान सभा नहीं है वहाँ इस योजना के लिए केन्द्रीय योगदान 100% होता है.

प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का महत्त्व

आज भी महिलाओं में कुपोषण की समस्या है. भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला में रक्ताल्पता की शिकायत है. कुपोषित महिला से जन्मे बच्चे का भार भी कम होता है. जब बच्चा पेट में है, उसी समय से पोषाहार मिले तो इसका लाभ बच्चे को जीवन-भर के लिए मिल जाता है. यह योजना इसी समस्या को केंद्र में रखकर पोषाहार पर विशेष बल देती है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Kimberley Process

संदर्भ

किम्बरले प्रक्रिया की सर्वसाधारण बैठक नवम्बर, 2019 नई दिल्ली में होने जा रही है.

किम्बरले प्रक्रिया क्या है?

किम्बरले प्रक्रिया उस अंतर्राष्ट्रीय अभिप्रमाणन योजना को कहते हैं जो बिना तराशे हीरों के व्यापार को नियंत्रित करती है. इसका उद्देश्य विप्लव के लिए हीरों (विप्लव हीरे) की आवाजाही को रोकना तथा बिना तराशे हीरों के वैध व्यापार की रक्षा करना है.

KPCS उन नियमों को बनाता है जिनसे बिना तराशे हीरों का व्यापार चलता है. सच पूछा जाए तो किम्बरले प्रक्रिया कोई अंतर्राष्ट्रीय संगठन नहीं है क्योंकि इसके पास न ही कोई स्थायी कार्यालय हैं अथवा न ही स्थायी कर्मचारी हैं. यह संगठन प्रतिभागियों के द्वारा दिए गये अनुदान तथा उद्योग जगत एवं सिविल सोसाइटी के पर्यवेक्षकों के सहयोग से चलता है. देखा जाए तो KP कानूनी दृष्टि से एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि उसका कार्यान्वयन इसके प्रतिभागी देशों की राष्ट्रीय विधायिकाओं के द्वारा होता है.

विप्लव हीरे क्या होते हैं?

“विप्लव हीरे” (conflict diamonds) बिना तराशे उन हीरों को कहा जाता है जिसका उपयोग विप्लवी आन्दोलनकारी अथवा उनके सहयोगी वैध सरकारों को क्षति पहुँचाने के लिए धनराशि जुटाने में करते हैं. विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) के कई संकल्पों में विप्लव हीरों का वर्णन हुआ है.

किम्बरले प्रक्रिया का स्वरूप

किम्बरले प्रक्रिया उन सभी देशों के लिए खुली हुई है जो इसकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इच्छुक और समर्थ हैं. KP में यूरोपीय संघ समेत 82 देशों के 55 प्रतिभागी होते हैं. पूरे विश्व में जितना बिना तराशा हीरा होता है उसमें से लगभग 99.8% उन्हीं देशों में होते हैं जहाँ से KP के सदस्य आते हैं.

इसके अतिरिक्त, KP में एक विश्व हीरा परिषद् भी होती है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय हीरा उद्योग जगत तथा पार्टनरशिप-अफ्रीका कनाडा जैसे सिविल सोसाइटी संगठनों का भी प्रतिनिधित्व होता है.

KPCS के अन्दर बिना तराशे हीरों का व्यापार कैसे होता है?

इस योजना के अनुसार यदि बिना तराशे हुए हीरे निर्यात अथवा आयात के समय पानी के जहाज किसी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करते हैं तो यह अनिवार्य होगा कि जिस कंटेनर में ये हीरे रखे जाएँ वे ऐसे हों कि उनके साथ छेड़-छाड़ न हो सके. साथ ही ऐसे हर जहाज के पास किम्बरले प्रक्रिया प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. ऐसे जहाज उसी देश को भेजे जाएँगे जो KPCS का सदस्य है. बिना अभिप्रमाणन के कोई भी जहाज दूसरे प्रतिभागी देश में हीरों को लेकर प्रवेश नहीं कर सकता है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : IMD World Talent Ranking- 2019

संदर्भ

2019 की विश्व प्रतिभा रैंकिंग का प्रकाशन हो गया है. इसे स्विट्ज़रलैंड में स्थित IMD नामक एक व्यावसायिक शिक्षा स्कूल ने निर्गत किया है. IMD का पूरा नाम है – International Institute for Management Development. इस रैंकिंग में तीन मुख्य श्रेणियाँ हैं – निवेश एवं विकास, अपील, तैयारी.

वैश्विक प्रदर्शन  

  • रैंकिंग तालिका के शीर्षस्थ स्थानों पर यूरोप की छोटी और मध्यम आकार की अर्थव्यवस्थाएँ बनी हुई हैं. इन सभी देशों में शिक्षा में ढेर सारा निवेश किया गया है और वहाँ जीवन की गुणवत्ता अधिक अच्छी है.
  • पहले स्थान पर स्विट्ज़रलैंड और दूसरे पर डेनमार्क है. ये दोनों अपने स्थानों पर पिछले सात वर्षों से लगातार हैं. इनके बाद क्रमशः स्वीडेन, ऑस्ट्रिया और लक्जमबर्ग का नाम आता है.

भारत का प्रदर्शन

  • भारत की रैंकिंग 53 से घटकर 59 पर आ गई है.
  • ऐसा इसलिए हुआ है कि यहाँ जीवन की गुणवत्ता अच्छी नहीं है और शिक्षा पर खर्चा कम किया गया है.
  • BRICS देशों में भी भारत चीन (42), रूस (47) और दक्षिण अफ्रीका (50) से पीछे है.
  • जीवन की निम्न गुणवत्ता, प्रतिभा पलायन (brain drain) तथा प्रतिभाओं को आकर्षित करने और रोक रखने पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण भारत उन एशियाई देशों में है जहाँ की रैंकिंग सबसे अधिक तेजी से घटी है.
  • इस गिरावट के अन्य कारण हैं – प्रति छात्र शिक्षा पर होने वाला कम व्यय, स्वास्थ्य प्रणाली का कारगर न होना तथा श्रम बल में महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होना.

Prelims Vishesh

Target Olympic Podium Scheme (TOPS) :-

  • आगामी ओलिंपिक खेलों में भारत अच्छा करे इसके लिए प्रतिभाओं का पता लगाने और उनका पोषण करने के लिए खेलकूद मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेलकूद विकास निधि (National Sports Development Fund – NSDF) से TOPS नामक एक योजना चलाई है जिसका पूरा रूप है – टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम.
  • इस योजना के लिए भारतीय खेलकूद प्राधिकार (SAI) तथा ओलिंपिक कोषांग मिशन (MOC) के सदस्य नाभिक एजेंसियां होंगे. ये ही निधि का वितिरण करेंगे और लाभार्थियों तथा सम्बंधित संस्थानों को एथलीटों के लिए सीधे भुगतान करेंगे.

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