Sansar डेली करंट अफेयर्स, 20 February 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 20 February 2020


GS Paper 1 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Dara Shikoh

संदर्भ

हाल ही में केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI)  की एक दल का गठन किया है. इस दल में सात सदस्य हैं. मंत्रालय ने इस दल को दारा शिकोह की कब्र (dara Shikoh Grave) की तलाश करने का कार्य सौंपा है.

ASI की दल के सामने समस्या

संस्कृति मंत्रालय द्वारा गठित दल का कहना है कि ‘हुमांयू के मकबरे के परिसर में उस परिवार के कई लोगों की कब्र है. सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अधिकतर कब्रों पर कोई नाम ही अंकित नहीं है. दल ने अभी तक इसके लिए कोई कार्य प्रणाली निर्धारित नहीं की है. यह पूरी तरह निश्चित तौर पर भी नहीं कहा जा सकता कि कब्र वहीं है, लेकिन यह एक संभावना अवश्य है, जैसा कि शाहजहाँनामा में जिक्र किया गया है. वैसे किसी ने भी कब्र की निश्चित जगह का जिक्र नहीं किया है. दल के एक सदस्य का कहना है कि ‘हो सकता है कि ये कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया साबित हो. लेकिन हम पूरा प्रयास करेंगे.’

दारा शिकोह

  • दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहाँ के सबसे बड़े बेटे थे. उनका जन्म आज से करीब 405 साल पहले, 1615 ई. में हुआ था. 
  • इतिहासकार बताते हैं कि दारा शिकोह अपने समय के अनुसार काफी आजाद ख्याल के मुसलमान थे. उन्होंने हिंदु और इस्लाम की परंपराओं के बीच समानताएँ तलाशने की भी कोशिश की थी. दारा शिकोह ने भागवद् गीता और अन्य 52 उपनिषदों का पारसी भाषा में अनुवाद किया था.
  • शाहजहाँ के बीमार पड़ने पर औरंगजेब और मुराद ने दारा के काफ़ि़र (धर्मद्रोही) होने का नारा लगाया. दारा दो बार, पहले आगरे के निकट सामूगढ़ में (जून, 1658) फिर अजमेर के निकट देवराई में (मार्च, 1659) युद्ध में पराजित हुआ.
  • अंत में 10 सितंबर 1659 को दिल्ली में औरंगजेब ने उसकी हत्या करवा दी. दारा का बड़ा पुत्र औरंगजेब की क्रूरता का भाजन बना और छोटा पुत्र ग्वालियर में कैद कर दिया गया.
  • विशेषज्ञ बताते हैं कि दारा शिकोह 17वीं सदी के सबसे आजाद सोच रखने वाले महान विचारक थे. कुछ इतिहासकार ये भी कहते हैं कि अगर औरंगजेब की जगह दारा शिकोह मुगल शासक बनते, तो धार्मिक लड़ाइयों में जाने वाली हजारों जानें बच सकती थीं.
  • एक किताब द मैन हू वुड बी किंग में कहा गया है कि दारा शिकोह काफी दयालु, उदार और सबको साथ लेकर चलने वाले शख्स थे. लेकिन वे युद्ध के मैदान में ज्यादा प्रभावी नहीं थे.
  • सफ़ीनात अल औलिया और सकीनात अल औलिया उसकी सूफी संतों के जीवनचरित्र पर लिखी हुई पुस्तकें हैं.
  • रिसाला ए हकनुमा (1646) और “तारीकात ए हकीकत” में सूफीवाद का दार्शनिक विवेचन है. “अक्सीर ए आज़म” नामक उसके कवितासंग्रह से उसकी सर्वेश्वरवादी प्रवृत्ति का बोध होता है. इसके अतिरिक्त हसनात अल आरिफीन और मुकालम ए बाबालाल ओ दाराशिकोह में धर्म और वैराग्य का विवेचन हुआ है.
  • मजमा अल बहरेन में वेदान्त और सूफीवाद के शास्त्रीय शब्दों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत है. 52 उपनिषदों का अनुवाद उसने ‘“सीर-ए-अकबर” (सबसे बड़ा रहस्य) में किया है.
  • हाल में दिल्ली में हुए एक कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य समेत अन्य वक्ताओं ने दारा शिकोह को ‘सच्चा हिंदुस्तानी’ बताया था. पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दारा शिकोह के नाम से रिसर्च चेयर की स्थापना भी की गई थी.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Adjusted Gross Revenue (AGR) issue

संदर्भ

पिछले महीने दूरसंचार विभाग ने एक अधिसूचना निकाल कर कहा था कि यदि टेलिकॉम कंपनियाँ समंजित समग्र राजस्व (AGR) का बकाया निर्धारित अंतिम तिथि अर्थात् जनवरी 23 तक नहीं भी जमा करेगी तो उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए.

सर्वोच्च न्यायालय ने इस अधिसूचना पर रोष जताया है और साथ ही बकाया नहीं जमा करने के लिए टेलिकॉम कम्पनियों के विरुद्ध अवमाननावाद चलाने का आदेश दिया है. सैट साथ ही दूरसंचार विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी अधिसूचना तत्काल वापस ले ले.

मामला क्या है?

ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष अक्टूबर 24 को इन कम्पनियों से 1.47 लाख करोड़ रु. के बकाये की वसूली का आदेश बरकार रखा था और इन कम्पनियों द्वारा समंजित समग्र राजस्व (Adjusted Gross Revenue  – AGR) के निर्धारण पर की गई आपत्ति को निरस्त कर दिया था.

समंजित समग्र राजस्व क्या है?

समंजित समग्र राजस्व (AGR) वह लाइसेंस शुल्क है जो दूरसंचार संचालकों द्वारा दूरसंचार विभाग को जमा करना होता है. इसमें 3-5% स्पेक्ट्रम उपयोग का शुल्क होता है और 8% लाइसेंस का शुल्क होता है.

AGR की गणना कैसे होती है?

दूरसंचार विभाग AGR की गणना करते समय दूरसंचार कम्पनी द्वारा अर्जित पूर्ण राजस्व को आधार बनाता है. इसका तात्पर्य यह है कि इसमें दूरसंचार से पृथक स्रोतों, जैसे – जमा ब्याज और सम्पदा विक्रय, से प्राप्त आय को भी जोड़ा जाता है. दूसरी ओर, टेलिकॉम कंपनियों की माँग है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवा से जनित राजस्व को ही आधार बनाया जाए.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.

Topic : BIMSTEC

संदर्भ

BIMSTEC आपदा प्रबंधन का दूसरा अभ्यास पिछले दिनों ओडिशा के भुवनेश्वर में सम्पन्न हुआ. इस बार के अभ्यास में धरोहर ढाँचों की सुरक्षा पर विशेष बल दिया गया.

पृष्ठभूमि

BIMSTEC का पहला अभ्यास भी भारत में ही 2017 में सम्पन्न हुआ था जिसमें बंगाल की खाड़ी से सटे देशों में आपदा के प्रति तैयारी तथा इसके लिए तत्काल प्रादेशिक संसाधनों की तैनाती करने के लिए अंतर-सरकारी क्रिया-प्रतिक्रिया और संवाद पर बल दिया गया था.

BIMSTEC की स्थापना एवं स्वरूप

  • BIMSTEC का full form है – Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation.
  • यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना Bangkok Declaration के अंतर्गत जून 6, 1997 में  हुई थी.
  • इसका मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाकामें है.
  • वर्तमान में इसमें 7 देश हैं (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका)  जिनमें 5 दक्षिणी-एशियाई देश हैं और 2 दक्षिण-पूर्व एशिया के देश (म्यांमार और थाईलैंड) हैं.
  • इस प्रकार के BIMSTEC के अन्दर दक्षिण ऐसा के सभी देश आ जाते हैं, सिवाय मालदीव, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के.

BIMSTEC के उद्देश्य

  • BIMSTEC का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (बंगाल की खाड़ी से संलग्न) के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
  • आज यह संगठन 15 प्रक्षेत्रों में सहयोग का काम कर रहा है, ये प्रक्षेत्र हैं व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद निरोध, पर्यावरण, संस्कृति, लोगों का लोगों से सम्पर्क, जलवायु परिवर्तन.

BIMSTEC क्षेत्र का महत्त्व

  • बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है. इसके आस-पास स्थित 7 देशों में विश्व की 22% आबादी निवास करती है और इनका संयुक्त GDP 2. 7 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है.
  • यद्यपि इन देशों के समक्ष आर्थिक चुनौतियाँ रही हैं तथापि 2012-16 के बीच ये देश अपनी-अपनी आर्थिक वृद्धि की वार्षिक दर को 3.4% और 7.5% के बीच बनाए रखा है.
  • खाड़ी में विशाल संसाधन भी विद्यमान हैं जिनका अभी तक दोहन नहीं हुआ है.
  • विश्व व्यापार का एक चौथाई सामान प्रत्येक वर्ष खाड़ी से होकर गुजरता है.
  • बिम्‍सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और आसपास के सात देश शामिल हैं, जो एक क्षेत्रीय एकता का प्रतिनिधित्‍व करते हैं. बिम्सटेक का उद्देश्य क्षेत्रीय संसाधनों और भौगोलिक लाभ का उपयोग करके आम हित के विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग के साथ व्यापार में तेजी लाना और विकास को गति देना है.

भारतीय हित

  • इस क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी है, अतः इससे भारत के हित भी जुड़े हुए हैं. BIMSTEC न केवल दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ता है, अपितु इसके अन्दर हिमालय और बंगाल की खाड़ी जैसी पर्यावरण व्यवस्था विद्यमान है.
  • पड़ोस पहलेऔर एक्ट ईस्ट” जैसी नीतिगत पहलुओं को लागू करने में BIMSTEC एक सर्वथा उपयुक्त मंच है.
  • भारत के लगभग 300 मिलियन लोग अर्थात् यहाँ की आबादी का एक चौथाई भाग देश के उन चार तटीय राज्यों में रहते हैं जो बंगाल की खाड़ी के समीपस्थ हैं. ये राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल. इसके अतिरिक्त 45 मिलियन की आबादी वाले पूर्वोत्तर राज्य चारों ओर भूभागों से घिरे हुए हैं और इनकी समुद्र तक पहुँच नहीं है. BIMSTEC के माध्यम से इन राज्यों को बांग्लादेश, म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों से सम्पर्क करना सरल हो जाएगा और विकास की अनेक संभावनाएँ फलीभूत होंगी.
  • बंगाल की खाड़ी का सामरिक महत्त्व भी है. इससे होकर मनक्का जलडमरूमध्य पहुंचना आसान होगा. उधर देखने में आता है कि चीन हिन्द महासागर में पहुँचने के लिए बहुत जोर लगा रहा है. इस क्षेत्र में उसकी पनडुब्बियाँ और जहाज बार-बार आते हैं, जो भारत के हित में नहीं हैं. चीन की आक्रमकता को रोकने में BIMSTEC देशों की सक्रियता काम आएगी.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : Future of Earth 2020

संदर्भ

दक्षिण एशियाई फ्यूचर अर्थ प्रादेशिक कार्यालय के द्वारा 2020 का फ्यूचर ऑफ अर्थ प्रतिवेदन प्रकाशित हो गया है.

यह प्रतिवेदन इस उद्देश्य से तैयार हुआ है कि किस प्रकार कार्बन फुटप्रिंट घटाया जाए और 2050 तक वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रोक दिया जाए. ज्ञातव्य है कि 2014 से 2018 के बीच के पाँच वर्षों में धरातल और महासागरों में 1880 के बाद सबसे अधिक तापमान देखने को मिला था.

पाँच वैश्विक जोखिम

फ्यूचर ऑफ़ अर्थ प्रतिवेदन में ऐसे पाँच वैश्विक जोखिम बताये गये हैं जिनमें वैश्विक तंत्रगत संकट उत्पन्न करने की क्षमता है. ये जोखिम निम्न प्रकार से हैं –

  1. जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों कमी और उसके अनुकूलन में विफलता
  2. आत्यन्तिक जलवायु घटनाएँ
  3. जैव विविधता में बहुत बड़ी क्षति और पारिस्थितिकी का पतन
  4. खाद्य संकट
  5. जल संकट

फ्यूचर ऑफ़ अर्थ प्रतिवेदन के कुछ प्रमुख तथ्य

  • जोखिम कारकों में आपसी सम्बन्ध : आत्यन्तिक लू की लहरों के चलने से वैश्विक तापमान बढ़ जाएगा क्योंकि इससे प्रभावित पारिस्थितिकियों में जमे कार्बन की विशाल मात्रा विमुक्त होगी. साथ ही जल संकट और खाद्य वस्तुओं का अभाव भी उत्पन्न हो जाएगा.
  • जैव विविधता की क्षति और उसका दुष्प्रभाव : जैव विविधता में क्षति होने से जलवायु से सम्बंधित आपदाओं से लड़ने की हमारी प्राकृतिक एवं कृषिगत प्रणालियों की क्षमता कमजोर हो जाती है और हम पर खाद्य संकट का खतरा बढ़ जाता है.

चिंताएँ एवं चुनौतियाँ

इस विषय में पिछले दो वर्षों में जितने भी बड़े अध्ययन हुए हैं, सब यही बताते हैं कि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को घटाने के लिए समय हमारे हाथों से निकलता जा रहा है. इससे चिंतित होकर 700 शहरों, देशों और सरकारों के प्रमुख व्यक्तियों ने जलवायु संकट अथवा जलवायु आपदा के विषय में कई घोषणाएँ की हैं. फिर भी 2019 में वायुमंडल के कार्बन डाइऑक्साइड की संघनता 415 ppm से ऊपर चली गई.

मानवकृत कारण : कहा जाता है कि मनुष्यों के चलते धरती के भूस्थल का 75% पहले से अत्यंत ही बदल चुका है. साथ ही वनस्पतियों और पशुओं की एक चौथाई प्रजातियों पर खतरा हो गया है.

खाद्य उत्पादन पर दबाव : जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में क्षति तथा वैश्विक जनसंख्या में बढ़ोतरी जैसे विभिन्न कारणों के फलस्वरूप खाद्य उत्पादन पर दबाव बढ़ने की आशा है.

जलवायु परिवर्तन को अस्वीकार करना : कुछ दक्षिणपंथी नेता आर्थिक मंदी और बढ़ती हुई असमानता से ध्यान बंटाने के लिए जलवायु परिवर्तन की सच्चाई से इनकार कर देते हैं.

सोशल मीडिया पर होती अफवाहें : सोशल मीडिया सर्च इंजन और ई-कॉमर्स के अल्गोरिदम ऐसी जानकारियों को फैलाने के पक्ष में रहते हैं जिनमें तर्क के स्थान पर भावना से काम लिया जाता है और झूठे समाचारों का प्रचार किया जाता है. इससे आपदा प्रबंधन को धक्का पहुँचता है. उदाहरण के लिए कई बार अफवाह उड़ाई जाती है कि अमुक टीके से अमुक हानि हो सकती है जोकि गलत होता है.

पर्यावरणगत स्वास्थ्य और शिक्षा

पर्यावरणगत स्वास्थ्य और शिक्षा आज एक बहुत बड़ी आवश्यकता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस पर विशेष ध्यान देती है. इसके अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा के अंतिम चार वर्षों में बच्चों को इस विषय में पर्याप्त जानकारी दी जायेगी और उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा.  जब तक ऐसा नहीं होगा कोई भी सरकारी नियम या नीति काम नहीं आएगी.


GS Paper 3 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Cyber security related issues.

Topic : SyRI- an identification mechanism

संदर्भ

नीदरलैंड्स के एक न्यायालय ने पिछले दिनों एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए SyRI पर यह कहते हुए रोक लगा दी है कि यह डाटा की निजता और मानवाधिकारों का हनन करता है.

इस निर्णय का निहितार्थ

न्यायालय का यह निर्णय विश्व के अन्य भागों में प्रयोग में लाई जा रही कृत्रिम बुद्धि से समबन्धित प्रणालियों को प्रभावित करेगा. भारत में भी पहचान नागरिकता एवं निजता जैसे विषयों को लेकर गहमा-गहमी चल रही है.

SyRI क्या है?

  • इसका पूरा नाम System Risk Indicator है.
  • इसका निर्माण 2014 में नीदरलैंड्स के सामाजिक विषयों के मंत्रालय ने किया था और इसका उद्देश्य उन लोगों का पता लगाना था जो जालसाजी करने और सरकारी लाभों को प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक उद्यत रहते हैं.
  • SyRI के द्वारा सरकारी एजेंसियाँ कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से सम्बंधित 17 प्रकार के डाटा साझा करती हैं, जैसे – कर, भूमि पंजीकरण, आजीविका अभिलेख और निजी कम्पनी में वाहन पंजीकरण.
  • इंटेलिजेंस एजेंसी नामक एक कम्पनी ने एक अल्गोरीदम के माध्यम से चार शहरों से सम्बंधित डाटा का विश्लेषण किया तथा जोखिमों का आकलन भी किया. यह अध्ययन ऐसे मुहल्लों में किया गया जहाँ कम आय वाले दूसरे देशों से आये हुए लोग रहते हैं और जो सरकारी योजनाओं का सबसे अधिक लाभ लेते हैं.
  • इस कम्पनी ने जोखिम से सम्बंधित अपना प्रतिवेदन सरकार की उस शाखा को भेज दिया जो अधिकतम दो वर्षों के लिए डाटाबेस का भंडारण करती है. सरकार इस डाटा के आधार पर चाहे तो किसी भी लक्षित व्यक्ति के विषय में जाँच-पड़ताल शुरू कर सकती है.

न्यायालय के निर्णय का आधार

न्यायालय का कहना था कि जालसाजी को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीक का प्रयोग बुरी बात नहीं है. परन्तु SyRI का तरीका हस्तक्षेप करने वाला और निजिता की गारंटी का उल्लंघन करने वाला है. ज्ञातव्य है कि यूरोप का मानवाधिकार कानून और यूरोपीय संघ का सामान्य डाटा सुरक्षा विनियमन निजता की गारंटी देता है. न्यायालय ने इस तर्क को भी स्वीकार किया कि इस प्रकार जोखिम का पता लगाने की प्रक्रिया सीधे-सीधे उसे गरीबी से जोड़ देती है और यह उजागर करती है जो लोग बाहर से आये हुए हैं वे ही ज्यादा जालसाजी करते हैं. पूरी प्रक्रिया अपारदर्शी होती है जिसे प्रभावित व्यक्ति चुनौती देने में असुविधा का अनुभव करता है.

नीदरलैंड्स सरकार का तर्क

नीदरलैंड्स की सरकार का तर्क था कि अपनाई गई प्रक्रिया से गड़बड़ियों को रोका जा सकता है. इस विषय में सम्बंधित व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल कोई कारवाई नहीं होती है, मात्र जाँच-पड़ताल शुरू की जाती है. अंतिम निर्णय तो सब कुछ देख-विचार कर के ही होगा. सरकार ने यह प्रणाली कैसे निर्णय पर पहुँचती है इसके विषय में सूचना देने से इनकार कर दिया क्योंकि उसका कहना था कि इसका लाभ उठाकर पूरी प्रणाली के साथ खेल किया जा सकता है.

भारत के लिए प्रासंगिकता

स्मरण रहे कि आधार से सम्बंधित अपने निर्णय में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आधार के उपयोग के संदर्भ में सामाजिक हित और व्यक्तिगत निजता के बीच संतुलन बनाने का आदेश दिया था. परन्तु आधार से सम्बंधित फैसला किसी अल्गोरिदम के द्वारा निर्णय लेने से सम्बंधित नहीं था, यह मात्र डाटा संग्रह से जुड़ा हुआ था.


Prelims Vishesh

Punjab Kinnow :-

  • अबोहर में चल रहे कीनू ऊत्सव में पंजाब कृषि निर्यात निगम ने पंजाब कीनू के ब्रांड का अनावरण किया.
  • पंजाब कीनू को पंजाब का राजा फल माना जाता है जो कीटनाशक से मुक्त होता है.
  • पंजाबी कीनू का देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है.

ERONET :

  • पिछले दिनों भारतीय निर्वाचन आयोग को उसके एरोनेट के लिए सरकारी तंत्र में डिजिटल रूपांतरण हेतु 2019-20 का रजत पुरस्कार दिया गया है.
  • विदित हो कि एरोनेट वह डाटाबेस है जिसमें देश के सभी राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों के 91 करोड़ मतदाताओं के आँकड़े जमा हैं.
  • इसी डाटाबेस के आधार पर चुनाव के संचालन से सम्बंधित समस्त कार्रवाइयाँ होती हैं, जैसे – मतदाता पंजीकरण, मतदाता सत्यापन आदि.

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