Sansar डेली करंट अफेयर्स, 20 February 2019

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 20 February 2019


GS Paper 1 Source: PIB

pib_logo

Topic : Guru Ravidas

संदर्भ

19 फरवरी को 642 वीं संत रविदास जयंती मनाई गई.

इस दिन किया जाता है?

यह दिवस हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. पवित्र नदी में स्नान संत रविदास जयंती पर उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. उसके बाद अपने गुरु के जीवन से जुड़ी महान् घटनाओं को याद कर उनसे प्रेरणा लेते हैं. संत रविदास के जीवन के कई ऐसे प्रेरक प्रसंग है जिनसे हम सुखी जीवन के सूत्र सीख सकते हैं. ये दिन उनके अनुयाइयों के लिए वार्षिक उत्सव की तरह होता है. उनके जन्म स्थान पर लाखों भक्त पहुंचते हैं और वहां बड़ा कार्यक्रम होता है. जहां संत रविदास जी के दोहे गाए जाते हैं और भजन-कीर्तन भी होता है.

संत रविदास कौन थे?

गुरू रविदास (रैदास) जी का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1433 को हुआ  था. गुरु रविदास जी का जन्म काशी में हुआ था. उनका जन्म चर्मकार कुल में हुआ था. उनके पिता जी का नाम संतोख दास और माता का नाम कलसा देवी था. गुरु रविदास साधु संतो के साथ रहकर पर्याप्त ज्ञान प्राप्त किया. हिन्दी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल, भक्तिकाल के नाम से प्रख्यात है. इस काल में अनेक संत एवं भक्त कवि हुए जिन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त अनेक कुरूतियों को समाप्त करने का प्रयास किया. इन महान् संतों कवियों की श्रेणी में रविदास उर्फ़ रैदास जी का प्रमुख स्थान रहा है उन्होंने जाति, वर्ग एवं धर्म के मध्य की दूरियों को मिटाने और उन्हें कम करने का भरसक प्रयत्न किया. रविदास जी भक्त और साधक और कवि थे उनके पदों में प्रभु भक्ति भावना, ध्यान साधना तथा आत्म निवेदन की भावना प्रमुख रूप में देखी जा सकती है. रैदास जी ने भक्ति के मार्ग को अपनाया था सत्संग द्वारा इन्होने अपने विचारों को जनता के मध्य पहुँचाया तथा अपने ज्ञान तथा उच्च विचारों से समाज को लाभान्वित किया.


GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : Company under Department of Space

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक नई कंपनी की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी है, ताकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के केंद्रों तथा अंतरिक्ष विभाग की संबद्ध इकाइयों द्वारा संचालित अनुसंधान एवं विकास कार्य का वाणिज्यिक लाभ प्राप्त किया जा सके.

प्रमुख विशेषताएं

निम्नलिखित क्षेत्रों में इसरो के कार्यक्रमों के वाणिज्यिक लाभ के लिए अवसर उपलब्ध हैं –

  • उद्योग के लिए लघु उपग्रह प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करना, जिसमें नई कंपनी अंतरिक्ष विभाग/ इसरो से लाइसेंस तथा उद्योगों के लिए उप-लाइसेंस प्राप्त करेगी.
  • निजी क्षेत्र के सहयोग से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV) का निर्माण.
  • उद्योग के माध्यम से पोलर एसएलवी का उत्पादन.
  • प्रक्षेपण तथा इस्तेमाल सहित अंतरिक्ष – आधारित उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन तथा विपणन.
  • इसरो केंद्रों तथा अंतरिक्ष विभाग की संबद्ध इकाइयों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण.
  • भारत एवं विदेश, दोनों में कुछ अन्य प्रौद्योगिकियों एवं उत्पादों का विपणन, और
  • कोई अन्य विषय, जिसे भारत सरकार उपयुक्त मानती है.

महत्ता

कैबिनेट के इस फैसले से निश्चित रूप से निजी क्षेत्र को लांचरों और उपग्रहों के उत्पादन में अधिक प्रोत्साहन मिलेगा. हाल के वर्षों में, इसरो उपग्रह प्रक्षेपकों के निर्माण में निजी क्षेत्र से सहायता प्राप्त कर रहा है ताकि वह अनुसंधान एवं विकास कार्य पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सके.


GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : Banning of Unregulated Deposit Schemes Ordinance, 2019

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजना अध्यादेश, 2019 पर प्रतिबंध की घोषणा को अपनी मंजूरी दे दी है.

भूमिका

लोकसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया गया था. लेकिन यह राज्य सभा में पारित नहीं कराया जा सका.

लाभ

  • प्रस्तावित अध्यादेश से देश में लालची संचालकों द्वारा अवैध रूप से धनराशि जमा कराने से जुड़ी त्रासदी से जल्द से जल्द निपटा जा सकेगा.
  • अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अध्‍यादेश 2019 को देश में अवैध रूप से धनराशि जमा कराने वाली योजनाओं पर नकेल कसने के लिए केन्‍द्र की ओर से सख्‍त काननू लाने के इरादे से लागू किया गया है.
  • अभी तक गैर बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों को आम जनता से विभिन्‍न जमा योजनाओं के अंतर्गत पैसा जुटाने की सारी गति‍विधियां केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों की ओर से बनाए गए विभिन्‍न कानूनों के तहत करने की अनुमति मिली हुई है जिनमें कोई एकरूपता नहीं है .जिसका लाभ फरेबी पोंजी कंपनियों लोगों को उनके जमा पर ज्‍यादा ब्‍याज देने का लालच देकर ठग रही हैं.
  • ऐसे में नए अध्‍यादेश के माध्यम से ऐसी कंपनियों पर प्रतिबंध की प्रभावी व्‍यवस्‍था की गयी है.  इसके जरिए ऐसी योजना पर तुरंत रोक लगाने और इसके लिए आपराधिक दंड का प्रावधान किया गया है.
  • इसमें जमाकर्ताओं के लिए फरेबी कंपनियों की परिसंपत्तियां कुड़की कर जमाकर्ताओं को उनका पैसा तुरंत वापस दिलाने की  व्‍यवस्‍था भी है.
  • ऐसे संचालक फिलहाल नियामक संबंधी कमियों तथा सख्त प्रशासनिक उपायों के अभाव का फायदा लेते हुए गरीब और सीधे-साधे लोगों की कड़ी मेहनत से अर्जित धनराशि की ठगी कर लेते हैं.
  • कुल मिलाकर, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने तथा अवैध तरीके से जमाराशि जुटाने के मामले में दंड तथा धन वापसी के लिए पर्याप्त प्रावधान होने से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी.

GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : National Policy on Electronics 2019

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज इले‍क्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्‍तावित राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स नीति 2019 (एनपीई 2019) को अपनी स्‍वीकृति दे दी.

उद्देश्य

इस नीति में चिपसेटों सहित महत्त्वपूर्ण घटकों को देश में विकसित करने की क्षमताओं को प्रोत्‍साहित कर और विश्‍व स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धा करने हेतु उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बना कर भारत को ‘इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सिस्‍टम डिजाइन एंड मैन्‍युफैक्‍चरिंग (ईएसडीएम)’ के एक वैश्विक केन्‍द्र के रूप में स्‍थापित करने की परिकल्‍पना की गई है.

एनपीई 2019 के मुख्य तत्त्व

  • वैश्विक स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धी ईएसडीएम सेक्‍टर के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा: ईएसडीएम की समूची मूल्‍य श्रृंखला (वैल्‍यू चेन) में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • प्रमुख इलेक्‍ट्रॉनिक कलपुर्जो के विनिर्माण के लिए प्रोत्‍साहन एवं सहायता दी जाएगी.

पृष्‍ठभूमि

राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स नीति 2012 (एनपीई 2012) के तत्‍वावधान में विभिन्‍न योजनाओं/कार्यक्रमों के कार्यान्‍वयन से एक प्रतिस्‍पर्धी भारतीय ईएसडीएम वैल्‍यू चेन से जुड़ी नींव सफलतापूर्वक मजबूत हो गई है. एनपीई 2019 में इस नींव को और मजबूत करने का प्रस्‍ताव किया गया है, ताकि देश में ईएसडीएम उद्योग के विकास की गति तेज की जा सके. राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स नीति 2019 (एनपीई 2019) ने राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स नीति 2012 (एनपीई 2012) का स्‍थान लिया है.

कार्यान्‍वयन

रणनीति एवं लक्ष्‍य कार्यान्‍वयन रणनीति: इस नीति से इसमें परिकल्पित रोडमैप के अनुसार ही देश में ईएसडीएम सेक्‍टर के विकास के लिए अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं एवं उपायों को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्‍त होगा.

लक्ष्‍य

वर्ष 2025 तक 400 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 26,00,000 करोड़ रुपये) का कारोबार हासिल करने हेतु आर्थिक विकास के लिए ईएसडीएम की समूची वैल्‍यू चेन में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना.

प्रभाव

  • एनपीई 2019 को कार्यान्वित करने पर संबंधित मंत्रालयों/विभागों के परामर्श से देश में ईएसडीएम सेक्‍टर के विकास के लिए अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं इत्‍यादि को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्‍त होगा.
  • इससे भारत में निवेश एवं प्रौद्योगिकी का प्रवाह सुनिश्चित होगा, जिससे देश में ही निर्मित इलेक्‍ट्रॉनिक उत्‍पादों के ज्‍यादा मूल्‍य वर्धन और देश में इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स हार्डवेयर के अधिक उत्‍पादन के साथ-साथ उनके निर्यात का मार्ग भी प्रशस्‍त होगा. इसके अलावा बड़ी संख्‍या में रोजगार अवसर भी सृजित होंगे.

GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : Muslim Women (Protection of Rights on Marriage), Second Ordinance, 2019

संदर्भ

कैबिनेट ने मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण), द्वितीय अध्यादेश, 2019 जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

ये प्रस्ताव निम्नलिखित हैं –

  • संविधान की धारा 123 के खंड (1) के अंतर्गत एक अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव, जिसका नाम मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण), द्वितीय अध्यादेश, 2019 है.
  • मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकार का संरक्षण) विधेयक, 2018 जो राज्यसभा में लंबित है, में आवश्यक आधिकारिक संशोधन करना जिससे कि उपरोक्त अध्यादेश के स्थान पर प्रारूपण एवं अनुवर्ती प्रकृति के ऐसे संशोधनों को रखा जा सके, जिसे आवश्यक माना जा सकता है.

प्रस्तावित अध्यादेश के लाभ

  • प्रस्तावित अध्यादेश विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा एवं उन्हें उनके पतियों द्वारा तत्कालिक एवं अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के प्रचलन के द्वारा तलाक दिए जाने को रोकेगा.
  • यह तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ की प्रथा को निरुत्साहित करेगा. प्रस्तावित अध्यादेश का प्रख्यापन आजीविका भत्ता, तीन तलाक यानी ‘तलाक-ए-बिद्दत‘ के पीड़ितों के नाबालिग बच्चों का संरक्षण का अधिकार प्रदान करेगा.

अध्यादेश के प्रावधान

  • तिहरी तलाक एक संज्ञेय अपराध होगा जिसके लिए अधिकतम तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना हो सकता है.
  • तीन तलाक को तभी अपराध माना जाएगा जब औरत या उसका कोई खूनी रिश्तेदार पुलिस में शिकायत दर्ज करेगा.
  • इस मामले में समझौता तभी होगा जब औरत इसके लिए मजिस्ट्रेट के सामने राजी होगी.
  • मजिस्ट्रेट जमानत तभी देगा जब पत्नी इसके लिए सहमति दे देगी.
  • बच्चों का संरक्षण औरत के पास रहेगा.
  • औरत मजिस्ट्रेट द्वारा तय किये गये संधारण (maintenance) खर्च माता को देय होगा.
  • यह कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं है.

तीन तलाक क्या है?

  • इस्लाम में तलाक के तीन प्रकार हैं– अहसान, हसन और तलाके बिद्दत (Teen Talaq)
  • इनमें से अहसान और हसन तलाक वापस ली जा सकती है, परन्तु तलाके बिद्दा वापस नहीं होती है.
  • ज्ञातव्य है कि तलाके बिद्दा 20 से अधिक मुसलमानी देशों, पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित, में प्रतिबंधित हो चुका है.

तिहरी तलाक क्या है?

तिहरी तलाक अर्थात् तलाके बिद्दत में पुरुष एक बार में तीन बार तलाक शब्द बोलता है. वह फ़ोन पर भी ऐसा कर सकता है अथवा इसके लिए SMS भी कर सकता है. इसके लिए वह तलाकनामा भी दे सकता है. ऐसी तलाक तुरंत और अटूट रूप से लागू हो जाती है भले पुरुष बाद में समझौता करना भी चाहे.

भारत के पहले तीन तलाक पर 22 अन्य देश प्रतिबंध लगा चुके हैं जिनमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान बांग्लादेश और श्रीलंका शामिल हैं.


GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : India to participate in PISA 2021

संदर्भ

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) द्वारा 2021 में आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मूल्यांकन कार्यक्रम (PISA) में भारत की भागीदारी के लिए ओईसीडी के साथ समझौते की वास्तविक स्वीकृति प्रदान की है. इस समझौते पर हस्ताक्षर 28 जनवरी 2019 को हुआ था.

लाभ

  • पीसा में भागीदारी से जानकारी प्राप्त करके, स्कूल प्रणाली को योग्यता-आधारित परीक्षा में तब्दील करने में मदद मिलेगी और रट्टा मारकर सीखने की प्रथा से दूरी बनाने में मदद मिलेगी.
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) इस प्रक्रिया और गतिविधियों में हिस्सा लेगा जो कि वास्तविक परीक्षण है.

मुख्य विशेषताएँ

  • इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के स्कूल भाग लेंगे.
  • पीसा में 80 से ज्यादा देशों ने हिस्सेदारी की है, जिनमें 44 मध्यम आय वाले देश हैं, जिनमें ब्राजील, चीन, थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम जैसे देश सम्मिलित हैं.

GS Paper 2 Source: PIB

pib_logo

Topic : National Rural Economic Transformation Project

संदर्भ

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विश्व बैंक से ऋण सहायता (आईबीआरडी क्रेडिट) के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत “राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना”  नामक एक बाहरी सहायता प्राप्त योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है.

लाभ

एनआरईटीपी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता एवं परियोजना द्वारा सुगम कराये जाने वाले उच्च स्तरीय उपायों से आजीविका संवर्धन एवं वित्तीय सुविधा में बढ़ोतरी होगी तथा डिजिटल वित एवं आजीविका युक्तियों से संबंधित पहलों को प्रोत्साहन मिलेगा.

मुख्य विशेषताएँ

  • डीएवाई-एनआरएलएम निर्धनों में से सबसे निर्धन एवं सबसे निर्बल समुदायों को लक्षित करने एवं उनके वित्तीय समावेशन पर विशेष बल देता है.
  • एनआरईटीपी के अंतर्गत वित्तीय समावेशन के वैकल्पिक माध्यमों का मार्गदर्शन करने, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रृंखला सृजित करने, आजीविका संवर्धन में नवोन्मेषी मॉडलों को प्रस्तुत करने एवं डिजिटल वित की सुविधा एवं आजीविका युक्तियों से संबंधित पहलों को बढ़ावा देने के लिए नवोन्मेषी परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी.
  • डीएवाई-एनआरएलएम पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) एवं समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) के बीच परामर्श के लिए आपसी रूप से लाभदायक कामकाजी संबंध और औपचारिक मंच उपलब्ध कराता है.
  • एनआरएलएम ने युक्तियों के विभिन्न क्षेत्रों में, जहां एनआरएलएम संस्थान और पीआरआई एक साथ मिल कर काम करेंगे, परस्पर समन्वय को सुगम बनाने के लिए गतिविधि मानचित्र भी विकसित किया है जिसे सभी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों को प्रसारित कर दिया गया है.

GS Paper 3 Source: PIB

pib_logo

Topic : Rozgar Yukta Gaon (RYG)

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने निम्‍नलिखित की मंजूरी दे दी है:

  • वर्तमान योजनाओं एमपीडीए, खादी अनुदान, आईएसईसी और ग्रामोद्योग अनुदान को जारी रखने के लिए सभी को वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए 2800 करोड़ रुपये की कुल लागत से ‘खादी और ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत’ सम्मिलित कर लिया जाएगा.
  • खादी क्षेत्र में उद्यम आधारित कार्य शुरू करने और वर्तमान तथा अगले वित्‍त वर्ष (2018-19 और 2019-20) में हजारों नए कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा के लिए नये संघटक ‘रोजगार युक्‍त गांव’ को लाना.

रोजगार युक्‍त गांव (RYG) के उद्देश्‍य

  • 3 साझेदारों – केआरडीपी सहायता प्राप्‍त खादी संस्‍थान, कारीगरों और व्‍यवसायी सहयोगियों के बीच साझेदारी के जरिए ‘सब्सिडी वाले मॉडल’ के स्‍थान पर उद्यम संचालित बिजनस मॉडल’ शुरू करना.
  • खादी कारीगरों को 10,000 चरखे, 2,000 करघे और 100 ताना-बाना इकाइयां प्रदान करके इसे 50 गांवों में शुरू करना जिससे प्रति गांव 250 कारीगरों को सीधे रोजगार मिल सके.
  • प्रति गाँव निवेश की कुल पूंजी सब्सिडी के रूप में 72 लाख रु. और बिजनस साझेदार से कार्यशील पूंजी के रूप में 64 करोड़ रुपये होनी चाहिए. ग्रामोद्योग सामान के अंतर्गत कृषि आधारित और खाद्य प्रसंस्‍कृत (शहद, ताड़ का गुड़ आदि), हस्‍त निर्मित कागज और चमड़ा, मिट्टी के बर्तन और उत्‍पाद नवोन्‍मेष के माध्यम से स्‍वास्‍थ्‍य तथा कॉस्‍मेटिक्‍स क्षेत्र, डिजाइन विकास और उत्‍पाद विविधता पर विशेष ध्‍यान देना.

GS Paper 3 Source: PIB

pib_logo

Topic : Grid Connected Rooftop Solar Programme

संदर्भ

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर (आरटीएस) परियोजनाओं से 40,000 मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करने के लिए ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दूसरे चरण को स्वीकृति दे दी है.

रूफटॉप सोलर कार्यक्रम

  • इस कार्यक्रम को 11,814 करोड़ रुपये की कुल केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता के साथ कार्यान्वित किया जाएगा.
  • कार्यक्रम के दूसरे चरण में आवासीय क्षेत्र के लिए केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता (सीएफए) का पुनर्गठन किया गया है.
  • इसके तहत 3 किलोवाट तक की क्षमता वाली आरटीएस प्रणालियों के लिए 40 प्रतिशत सीएफए और 3 किलोवाट से ज्‍यादा एवं 10 किलोवाट तक की क्षमता वाली आरटीएस प्रणालियों के लिए 20 प्रतिशत सीएफए उपलब्‍ध कराई जाएगी.
  • ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों/आवासीय कल्‍याण संघों (जीएचएस/आरएडब्‍ल्‍यू) के मामले में साझा सुविधाओं को विद्युत आपूर्ति हेतु आरटीएस संयंत्रों के लिए सीएफए को 20 प्रतिशत तक सीमित रखा जाएगा. हालांकि, जीएचएस/आरएडब्‍ल्‍यू के लिए सीएफए हेतु मान्‍य क्षमता प्रति मकान 10 किलोवाट तक ही सीमित होगी.
  • इसके अंतर्गत अधिकतम कुल क्षमता 500 केडब्‍ल्‍यूपी तक होगी, जिसमें जीएचएस/आरएडब्‍ल्‍यू के अंतर्गत व्‍यक्तिगत मकानों में लगाए गए आरटीएस की क्षमता भी शामिल होगी.
  • आवासीय श्रेणी के तहत सीएफए 4000 मेगावाट की क्षमता के लिए मुहैया कराई जाएगी और यह मानक (बेंचमार्क) लागत या निविदा लागत, इनमें से जो भी कम हो, के आधार पर उपलब्‍ध कराई जाएगी.
  • केन्‍द्रीय वित्‍तीय सहायता अन्‍य श्रेणियों यथा संस्‍थागत, शैक्षणिक, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक, औ़द्योगिक इत्‍यादि के लिए उपलब्‍ध नहीं होगी.
  • कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत वितरण कंपनियों (डिस्‍कॉम) की ज्‍यादा सहभागिता पर फोकस किया जाएगा.

कार्यक्रम के लाभ

  • इस कार्यक्रम का कार्बन डाई ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में बचत की दृष्टि से व्‍यापक पर्यावरणीय प्रभाव पड़ेगा.
  • प्रति मेगावाट 1.5 मिलियन यूनिटों के औसत ऊर्जा उत्‍पादन को ध्‍यान में रखते हुए यह उम्‍मीद की जा रही है कि वर्ष 2022 तक कार्यक्रम के चरण-2 के तहत 38 गीगावाट (जीडब्‍ल्‍यू) की क्षमता वाले सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्‍थापना से प्रति वर्ष कार्बन डाई ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन में लगभग 45.6 टन की कमी होगी.
  • इस कार्यक्रम में रोजगार सृजन की संभावनाएं भी निहित हैं.
  • इस कार्यक्रम के द्वारा स्‍व-रोजगार को बढ़ावा मिलने के अलावा वर्ष 2022 तक योजना के चरण-2 के अंतर्गत 38 जीडब्‍ल्‍यू की क्षमता वृद्धि हेतु कुशल एवं अकुशल कामगारों के लिए 9.39 लाख रोजगारों के समतुल्‍य रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है.

GS Paper 3 Source: PIB

pib_logo

Topic : Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डल समिति ने किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्‍य से किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (कुसुम) का शुभारंभ करने की मंजूरी दी.

कुसुम योजना के तीन घटक हैं :

  • KUSUM योजना के अनुसार बंजर भूमियों पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली में से surplus अंश को किसान ग्रिडों को आपूर्ति कर सकेंगे जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा.
  • इसके लिए, बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को किसानों से पाँच वर्षों तक बिजली खरीदने के लिए 50 पैसे प्रति इकाई की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
  • सरकार किसानों को खेतों के लिए 5 लाख ऑफ़-ग्रिड (ग्रिड रहित) सौर पम्प खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. केंद्र और राज्य प्रत्येक सौर पम्प पर 30% सब्सिडी प्रदान करेंगे. अन्य 30% ऋण के माध्यम से प्राप्त होगा, जबकि 10% लागत किसान द्वारा वहन की जायेगी.
  • 7,250 MW क्षमता के ग्रिड से सम्बद्ध (ग्रिड-कनेक्टेड) खेतों के पम्पों का सौरकरण (Solarisation) किया जाएगा.
  • सरकारी विभागों के ग्रिड से सम्बद्ध जल पम्पों का सौरकरण किया जाएगा.

अपेक्षित लाभ

  • यह कृषि क्षेत्र को डीजल-रहित बनाने में सहायता करेगा. यह क्षेत्रक लगभग 10 लाख डीजल चालित पम्पों का उपयोग करता है.
  • यह कृषि क्षेत्र में सब्सिडी का बोझ कम कर DISCOMs की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में सहायता करेगी.
  • विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा.
  • ऑफ-ग्रिड और ग्रिड कनेक्टेड, दोनों प्रकार के सौर जल पम्पों द्वारा सुनिश्चित जल स्रोतों के प्रावधान के माध्यम से किसानों को जल-सुरक्षा.
  • नवीकरणीय खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राज्यों का समर्थन करना.
  • छतों के ऊपर और बड़े पार्कों के बीच इंटरमीडिइट रेंज में सौर ऊर्जा उत्पादन की रीक्तियों को भरना.
  • ऑफ-ग्रिड व्यवस्था के माध्यम से पारेषण क्षति (transmission loss) को कम करना.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA

[vc_message message_box_color=”purple” icon_fontawesome=”fa fa-file-pdf-o”]January, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadnew_gif_blinking[/vc_message]

 

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]