Sansar डेली करंट अफेयर्स, 19 October 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 19 October 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Indian Council of Forestry Research and Education (ICFRE)

संदर्भ

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् (Indian Council of Forestry Research and Education- ICFRE), देहरादून ने हाल ही में नई दिल्ली में नवोदय विद्यालय समिति (Navodaya Vidyalaya Samiti) और केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.

समझौते के महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का मुख्य उद्देश्य नवोदय विद्यालय समिति और KVS के छात्रों के मध्य वन और पर्यावरण के विषय में जागरूकता में वृद्धि करना है. इसके लिए “प्रकृति कार्यक्रम” की शुरूआत की गई है जिससे संतुलित वातावरण बनाया रखा जा सके और कौशल प्राप्त करने के प्रति छात्रों में रूचि बढ़ाई जा सके.
  • इसका एक अन्य उद्देश्य विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को व्यावहारिक कौशल सिखाने हेतु एक मंच प्रदान करना है जिससे ये छात्र अपने संसाधनों का न्यायसंगत प्रयोग कर सकें और वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए युवाओं का एक समूह निर्मित किया जा सके.
  • इस समझौते के माध्यम से नवोदय विद्यालय समिति और KVS के छात्रों / अध्यापकों को पर्यावरण, वन, पर्यावरण संबंधी सेवाओं और वानिकी अनुसंधान के सामयिक क्षेत्रों के विषय में व्याख्यानों तथा ICFRE संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा संवाद सत्रों के माध्यम से जानकारी दी जाएगी.
  • इस MoU पर 10 वर्ष की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं और ऐसी आशा की जाती है कि इस समझौते से पर्यावरण के राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों के बारे में देश के युवा को संवेदनशील बनाने में मदद मिलेगी जिससे वे अधिक जिम्मेदार एवं सजग नागरिक बन सकेंगे.

भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् (ICFRE)

  • भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, भारत की वानिकी अनुसंधान तंत्र के अंतर्गत एक शीर्षस्थ संस्था है.
  • यह परिषद् विश्व चिंताओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता का संरक्षण, क्षेत्रों को रेगिस्तान बनने से को रोकना आदि पर कार्य करती है.
  • ICFRE द्वारा सामयिक अनुसंधान प्राकृतिक संसाधन प्रबंध से संबंधित चुनौतियों का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिए, वन प्रबंधकों एवं शोधार्थियों की क्षमता में लोगों के विश्वास को बढ़ाता है.

नवोदय विद्यालय समिति (NVS)

  • नवोदय विद्यालय समिति मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत स्थापित एक स्वायत्त संगठन है.
  • इस संगठन की स्थापना का लक्ष्य प्रतिभाशाली बच्चों, मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आये बच्चों, को आधुनिक गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic :  Currency monitoring list

संदर्भ

अमरीकी कोष विभाग ने कहा है कि अमेरिका भारत को अपनी मुद्रा निगरानी सूची (Currency monitoring list) से हटा सकता है.

भूमिका

अमेरिका उन देशों को “मुद्रा निगरानी सूची” में रखता है, जिनकी विदेशी विनिमय दर (foreign exchange rate) पर उसे शंका होती है. संयुक्त राज्य अमेरिका के कोष विभाग ने वर्ष 2017 के प्रारम्भ में भारत की विदेशी मुद्रा नीति पर शंका करते हुए भारत को निगरानी सूची में डाल दिया था. अमेरिका ने केवल भारत को ही नहीं अपितु चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड को भी मुद्रा निगरानी सूची में डाला था.

हाल में हुए कुछ मौद्रिक परिवर्तन

  • वर्ष 2018 जून तक भारत की विदेशी मुद्रा के क्रय में कमी आई है. यह सकल घरेलू उत्पाद के 0.2% के बराबर है जबकि गत वर्ष सितंबर महीने तक यह आँकड़ा 2% से अधिक था.
  • इस वर्ष के प्रारम्भ के 6 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगभग 7% कमजोर हुआ है.
  • भारत की लचर आर्थिक अवस्था को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने अपनी पूँजी वापस ले ली है.
  • जून 2017-18 के बीच भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा (trade deficit) 23 बिलियन डॉलर था.
  • सकल घरेलू उत्पाद पर भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit – CAD) सकल घरेलू उत्पाद का 1.9% हो गया.

किसी देश को “मुद्रा मैनिपुलेटर” का टैग कब मिलता है?

अमरीकी कोष विभाग किसी देश को “मुद्रा मैनिपुलेटर” घोषित करने के लिये तीन मानदंडों का प्रयोग करता है :-

  • अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष 20 अरब डॉलर हो,
  • वर्तमान GDP का 3% चालू खाता अधिशेष हो और
  • एक वर्ष में देश से सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक विदेशी मुद्रा खरीदी गई हो.

GS Paper 3 Source: Times of India

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Topic : China’s artificial moon project

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संदर्भ

चीन कृत्रिम चंद्रमा निर्मित करने के लिए एक उपग्रह प्रक्षेपित करने की तैयारी में है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह उपग्रह धरती पर लगभग 80 किलोमीटर के व्यास में रोशनी फैलाएगा. विशेष बात यह कि यह कृत्रिम चंद्रमा वास्तविक चंद्रमा की अपेक्षा आठ गुना अधिक चमकीला होगा. अभी तक प्रकाशक उपग्रह के रूप में प्रचारित किए जा रहे इस उपग्रह को चेंगदू शहर के दक्षिण-पश्चिम इलाके के ऊपर 2020 तक स्थापित किया जाएगा.

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • पहला प्रक्षेपण प्रायोगिक तौर पर किया जाएगा परन्तु 2020 में भेजे जाने वाले उपग्रह वास्तविक होंगे जिनका प्रयोग बड़े पैमाने पर नागरिकों के लिए एवं वाणिज्यिक उद्देश्यों से किया जायेगा.
  • सूर्य से मिलने वाली रोशनी को परावर्तित कर यह उपग्रह शहरी इलाकों से स्ट्रीट लाइट की आवश्यकताओं को समाप्त कर देगा. रोशनी का यह माध्यम आपदा या संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए काफी मददगार साबित होगा.
  • इस कृत्रिम चंद्रमा को परंपरागत स्ट्रीट लाइटों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है और बताया जा रहा है कि चंद्रमा के पूरक के रूप में कार्य करने वाले इस कृत्रिम उपग्रह के 2020 में अनावृत होते ही चीन के चेंगदू शहर की रातें और अधिक रोशन हो जाएँगी.
  • कृत्रिम चंद्रमा के प्रकाश को 10 से 80 किमी के दायरे में नियंत्रित भी किया जा सकेगा.
  • ऐसा अनुमान है कि इस कृत्रिम चंद्रमा से वार्षिक रूप से 1.2 अरब युआन (लगभग 17 करोड़ डॉलर) की बचत होगी.

भूमिका

विदित हो कि चीन पहला देश नहीं है जो सूरज के प्रकाश को पृथ्वी पर परावर्तित करने के प्रयास में जुटा है. 1990 में रूसी वैज्ञानिकों ने भी एक विशाल दर्पण के सहयोग से अंतरिक्ष से आने वाली रोशनी को परावर्तित करने का प्रयास किया था. इस प्रोजेक्ट को ज्नाम्या या बानेर का नाम दिया गया था.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Bihar’s ‘Shahi Litchi’ Gets GI tag

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संदर्भ

बिहार की शाही लीची को GI टैग (Geographical Indicator) प्राप्त हो गया है. GI टैग प्राप्त हो जाने से यह लीची देश-विदेश में खास ब्रांड बन गई है. ज्ञातव्य है कि बिहार की देश के लीची उत्पादन में कुल 40% की हिस्सेदारी है. आँकड़ों के मुताबिक बिहार में 32,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लीची की खेती की जाती है.

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • बिहार राज्य के खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो कतरनी चावल, जरदालू आम और मगही पान को पहले से ही GI tag प्राप्त है.
  • बिहार की शाही लीची अपने मीठे स्वाद और विशेष सुगंध के लिए प्रसिद्ध है.
  • इन फलों के वृक्ष बिहार के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और बेगूसराय जिलों में उगाये जाते हैं.
  • हाल ही ही में महाराष्ट्र के रत्नागिरि, सिंधु दुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिलों में उपजने वाले अलफांसों अर्थात् हापुस आम को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indicator – GI) के लिए पंजीकृत किया गया है.
  • भारत में जीआई टैग सबसे पहले दार्जिलिंग चाय को मिला था. इसे 2004 में जीआई टैग मिला था.

टैग मिलने के बाद क्या फायदे होंगे?

  • शाही लीची को GI टैग मिलने से बाजार में इसकी माँग में बढ़ोतरी होगी.
  • नकली और खराब गुणवत्ता वाली लीची के माँग में कमी आएगी.
  • इस फल को GI टैग मिल जाने से हजारों लीची उत्पादक आर्थिक रूप से और भी अधिक सक्षम होंगे. उन्हें बाजारों तक पहुँच प्राप्त करने में आसानी होगी.
  • इसके अतिरिक्त उन्हें विदेशों में बेहतर मूल्य प्राप्त होगा.

GI Tag

  • GI का full-form है – Geographical Indicator
  • भौगोलिक संकेतक के रूप में GI tag किसी उत्पाद को दिया जाने वाला एक विशेष टैग है.
  • नाम से स्पष्ट है कि यह टैग केवल उन उत्पादों को दिया जाता है जो किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित किये गए हों.
  • यदि आपको कुछ उदाहरण दूँ तो शायद आप इसे और अच्छे से समझोगे….जैसे – बनारसी साड़ी, कांचीपुरम की साड़ी, मालदा आम, मुजफ्फरपुर की लीची, बीकानेरी भुजिया, कोल्हापुरी चप्पल, अलीगढ़ का ताला आदि.
  • इस tag के कारण उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिल जाता है.
  • यह टैग ग्राहकों को उस उत्पाद की प्रामाणिकता के विषय में आश्वस्त करता है.
  • WTO समझौते के तहत अनुच्छेद 22 (1) के तहत GI को परिभाषित किया जाता है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : National Disaster Management Authority (NDMA)

संदर्भ

हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की छठी बैठक की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. प्रधानमंत्री ने आपदा के समय प्रभावी प्रबंधन और प्रतिक्रिया के लिए NDMA की गतिविधियों की समीक्षा की.

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने NDMA जैसी विभिन्न एजेंसियों के बीच संयुक्त अभ्यास किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे आपदा राहत प्रबंधन में अलग-अलग एजेंसियों के मध्य समन्वय में सुधार लाया जा सके.
  • उन्होंने प्राधिकरण की ओर से जिन परियोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं, उनकी भी समीक्षा की.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.)

  • National Disaster Management Authority (NDMA) भारत में आपदा प्रबंधन के लिये एक सर्वोच्च निकाय है, जिसका गठन ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ के तहत किया गया था.
  • यह प्राधिकरण आपदा प्रबंधन हेतु नीतियों, योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों का निर्माण करता है एवं आपदाओं के दौरान प्रभावी ढंग से आपदा प्रबंधन करता है.
  • भारत के प्रधानमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होते हैं.
  • उद्देश्य : इस संस्था का उद्देश्य एक समग्र, प्रो-एक्टिव, प्रौद्योगिकी-प्रेरित टिकाऊ विकास रणनीति के माध्यम से एक सुरक्षित और आपदा-प्रबंधन में सक्षम भारत का निर्माण करना है, जिसमें सभी हितधारकों को सम्मिलित किया गया है. यह आपदा की रोकथाम एवं शमन की संस्कृति का सृजन करने में सहयोग करता है.

भूमिका

दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07) के दस्तावेज़ में पहली बार, आपदा प्रबंधन पर एक विस्तृत अध्याय निर्गत किया गया था. कालांतर में 23 दिसंबर, 2005 को भारत सरकार द्वारा ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ को अधिनियमित किया गया, जिसके अंतर्गत ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (एन.डी.एम.ए.) एवं ‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल’ (National Disaster Response Force) का गठन किया गया.


Prelims Vishesh

Dharma Guardian 2018 :-

  • “धर्म गार्डियन 2018” भारतीय और जापानी सेनाओं के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास का नाम है.
  • इसका आयोजन नवम्बर, 2018 को मिजोरम के वैरेंगते में किया जाएगा.
  • यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 1 नवम्बर, 2018 से प्रारम्भ होगा और 2 सप्ताह तक चलेगा.
  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के अंतर्गत जंगली क्षेत्र में युद्ध का अभ्यास किया जाएगा.

NCR RASTA and Yatri RASTA :-

  • उत्तर मध्य रेलवे द्वारा दो मोबाइल apps का शुभारम्भ किया गया है.
  • इन दो apps के नाम हैं – i) NCR RASTA’ (रेलवे ऐसेट्स समराइज़्ड ट्रैकिंग एप्लिकेशन) और ii) ‘यात्री RASTA’ (रेलवे अप्प्रोच टू स्टेशन ट्रैकिंग एप्लिकेशन)
  • ‘NCR RASTA’ ऐप रेलवे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समर्पित है. इस app के प्रयोग से वे रेल-परिसंपत्तियों के सटीक मानचित्रण को देख सकेंगे. यह रेलवे कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति के आ जाने पर Google नेविगेशन का उपयोग करके वांछित परिसम्पत्ति तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा.
  • ‘यात्री RASTA’ ऐप आम जनता को समर्पित है जिससे सरलता से रेलवे स्टेशनों का पता लगाया जा सकेगा.

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