Sansar डेली करंट अफेयर्स, 19 May 2020

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 19 May 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Table of Contents

Topic : 4th Tranche of measures towards Government Reforms and Enablers under Aatma Nirbhar Bharat Abhiyaan

संदर्भ

भारत सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक स्थिति को देखते हुए 20 लाख करोड़ रु. की आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. उस पैकेज की तीन किस्तें जारी हो चुकी हैं, अब पुनः चौथी और पाँचवी किस्तों की घोषणा हुई है.

आर्थिक पैकेज की चौथी क़िस्त

इस चौथी क़िस्त में जिन आठ क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है, वे हैं – कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक विमानन, ऊर्जा, सामाजिक अवसंरचना, अन्तरिक्ष एवं आणविक ऊर्जा. इस पैकेज के अंतर्गत निम्नलिखित सुधार किये जा रहे हैं –

  1. निजी क्षेत्र को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ISRO की सुविधाओं और अन्य संपदाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी.
  2. निजी सार्वजनिक भागीदारी (PPP) की पद्धति से चिकित्सकीय आइसोटोप के उत्पादन के लिए अनुसंधान रिएक्टर स्थापित किये जायेंगे.
  3. PPP पद्धति से ही भोज्य पदार्थों के संरक्षण के लिए विकिरण तकनीक का प्रयोग करने के लिए सुविधाओं का सृजन किया जाएगा.
  4. निजी क्षेत्र से निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार Viability Gap Funding (VGF) की मात्रा को पूरी परियोजना की लागत के 30% तक बढ़ा देगी.
  5. नागरिक विमानन को अधिक कुशल बनाने के लिए भारतीय वायु-अन्तरिक्ष के उपयोग पर लगे प्रतिबंधों को ढीला किया जाएगा.
  6. भारत को वायुयान संधारण, मरम्मत और ओवरहॉल (Maintenance, Repair and Overhaul – MRO) का वैश्विक हब बनाया जाएगा.
  7. खनिज क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए खनिजों की खोज, खनन एवं उत्पादन की एक समेकित व्यवस्था निर्मित की जायेगी.
  8. कैप्टिव और गैर-कैप्टिव खदानों का भेद मिटा दिया जाएगा.
  9. कोयला क्षेत्र में रुपये प्रति टन के आधार पर राजस्व के बँटवारे की वर्तमान व्यवस्था को हटाकर व्यावसायिक खनन की व्यवस्था लाई जायेगी.
  10. कोल इंडिया लिमिटेड के कोयला खदानों से कोल बेड मीथेन (CBM) निकालने का अधिकार देने के लिए उनकी नीलामी की जायेगी.
  11. आटोमेटिक रूट के अंतर्गत रक्षा विनिर्माण में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी जायेगी.
  12. एक अधिसूचना निकाली जायेगी जिसमें उन हथियारों और मंचों की सूची होगी जिनका निर्यात अब प्रतिबंधित हो जाएगा.
  13. आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता और कुशलता बढ़ाने के लिए आयुध कारखाना बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा.
  14. संघीय क्षेत्रों के ऊर्जा विभागों/सुविधाओं का निजीकरण किया जाएगा.

GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : 5th Tranche of Economic stimulus announced under Aatma Nirbhar Bharat Abhiyaan

संदर्भ

भारत सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों के समाधान के लिए जो आर्थिक उत्प्रेरण घोषित कर रखे हैं उनकी पांचवीं और अंतिम क़िस्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा घोषित की गई.

आर्थिक पैकेज की पाँचवीं क़िस्त के मुख्य तत्त्व

  1. रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के अंतर्गत 40,000 करोड़ रु. की अतिरिक्त राशि दी जायेगी.
  2. उद्योग के प्रत्येक क्षेत्र में निजी कम्पनियों के प्रवेश को बढ़ावा दिया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र को केवल रणनीतिक क्षेत्रों तक सीमित किया जाएगा.
  3. रणनीतिक क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र को अनुमति दी जायेगी, परन्तु कम से कम एक उपकरण सार्वजनिक क्षेत्र में ही रहेगा.
  4. अन्य प्रक्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों का निजीकरण किया जाएगा.
  5. छोटी-मोटी तकनीकी और प्रतिक्रियात्मक भूलों से सम्बन्धित कम्पनी अधिनियम के उल्लंघनों को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा जिससे आपराधिक न्यायालयों और राष्ट्रीय कम्पनी विधि न्यायाधिकरण (National Company Law Tribunal – NCLT) पर काम का बोझ हल्का किया जा सके. ये छोटी-मोटी भूलें हो सकती हैं – नैगमिक सामाजिक दायित्व (Corporate social responsibility – CSR) के प्रतिवेदन में त्रुटि, AGM की बैठक में देरी करना आदि.
  6. महामारी से उत्पन्न संकट को दूर करने हेतु राज्य सरकारों को अधिक समर्थ बनाने के लिए उधारी की सीमा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Gross State Domestic Product – GSDP) के 3% से बढ़ा कर 5% कर दी जायेगी. परन्तु यह इस शर्त पर लागू होगी कि राज्य इन विषयों में अपेक्षित सुधार सुनिश्चित करे – राशन कहीं से भी उठाने की सुविधा, व्यवसाय करने की सुगमता, ऊर्जा वितरण और शहरी स्थानीय निकाय.
  7. ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य एवं वेलनेस केन्द्रों को चाक-चौबंद करने एवं जमीनी स्तर की स्वास्थ्य संस्थाओं में निवेश करके स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि की जायेगी.
  8. सभी जिलों में संक्रामक रोगों के लिए अस्पतालों में अलग प्रखंड बनाए जायेंगे.
  9. डिजिटल/ऑनलाइन शिक्षा के लिए PM eVidya नामक एक बहु-आयामी कार्यक्रम शीघ्र अनावृत किया जाएगा.
  10. इसी प्रकार मनोदर्पण नामक एक कार्यक्रम भी शीघ्र शुरू होगा जिसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों के मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक स्वस्ति को सम्बल प्रदान किया जाएगा.
  11. कक्षा 5 का हर बच्चा 2025 तक ज्ञानार्जन का पर्याप्त स्तर तक पहुँच जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा जिसका नाम होगा – राष्ट्रीय आधारभूत साक्षरता एवं अंकज्ञान मिशन (National Foundational Literacy and Numeracy Mission).
  12. ऋण शोधन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक लाख रु. की सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ रु. कर दिया गया है जिससे व्यवसाय की सुगमता में बढ़ोतरी हो सके. यह सीमा मुख्य रूप से MSME की सुरक्षा के लिए होती है.
  13. महामारी की स्थिति को देखते हुए ऋण शोधन की प्रक्रिया को शुरू करने का काम एक वर्ष तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
  14. केंद्र सरकार को यह शक्ति दी गई है कि वह डिफ़ॉल्ट की परिभाषा से COVID-19 से सम्बंधित ऋण को बाहर रखे.
  15. अनुमति योग्य विदेशी अधिकार क्षेत्रों में भारतीय सार्वजनिक कम्पनियों के द्वारा शेयर के प्रत्यक्ष सूचीकरण की अनुमति होगी.
  16. जो निजी कम्पनियाँ स्टॉक एक्सचेंजों में अपरावर्त्य डिबेंचर (non-convertible debentures – NCDs) को सूचीबद्ध करती हैं उनको सूचीबद्ध कम्पनियाँ नहीं माना जाएगा.

GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Governance, Constitution, Polity, Social Justice and International relations.

Topic : MoT organises webinar titled ‘Uttarakhand Simply Heaven’

संदर्भ

हाल ही में  ‘वेबिनार’ (Webinar) श्रृंखला ‘देखो अपना देश‘ (Dekho Apna Desh) के अंतर्गत 20वें वेबिनार का आयोजन किया जिसका नाम रखा गया – ‘उत्तराखंड एक स्वर्ग’ (Uttarakhand Simply Heaven).

मुख्य तथ्य

  • इस वेबिनार के अंतर्गत ‘उत्तराखंड’ के दो क्षेत्रों केदारखंड (गढ़वाल क्षेत्र) और मनु खंड (कुमाऊँ क्षेत्र) में पर्यटन में क्या-क्या संभावनाएँ हो सकती हैं, इस पर चर्चा की गई.
  • इस कार्यक्रम में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को विशेष रूप से दर्शाया गया.
  • इस वेबिनार में देश के महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यानों जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी टाइगर रिज़र्वनंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान आदि के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया.

 ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला क्या है?

  • इस वेबिनार श्रृंखला की शुरुआत भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 14 अप्रैल, 2020 को की गई.
  • “देखो अपना देश” वेबिनर का एकमात्र उद्देश्य लोगों को भारत के गंतव्य स्थलों की जानकारी प्रदान करना है.
  • ‘देखो अपना देश’ श्रृंखला सत्रों के संचालन का जिम्मा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस विभाग लेता है.
  • विदित हो कि इस वेबिनार श्रृंखला के आने वाले सत्र का शीर्षक ‘फोटोवाल्किंग भोपाल’ (Photowalking Bhopal) है.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

रामगंगा नदी के इससे होते हुए बहने की वजह से, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को पहले “रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान” कहा जाता था. यह उत्तराखंड में स्थित भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है.

राजाजी टाइगर रिज़र्व

  • राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के देहरादून से 23 किमी की दूरी पर स्थित है. यह देहरादून (उत्तराखंड) के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है. 1983 से पहले इस क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य थे- राजाजी,मोतीचूर और चिल्ला.
  • 1983 में इन तीनों को मिला दिया गया. महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इसका नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया.

नंदा देवी उद्यान

  • नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान अर्थात् नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य एक विश्व धरोहर का नाम है. यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य में नन्दा देवी पर्वत के आस-पास का इलाका है, जिसे नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है.
  • नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत नंदा देवी के 7,817 मीटर शिखर क्षेत्र में विस्तृत है.
  • फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में अल्पाइन फूलों तथा सुंदर घास के मैदान पाए जाते हैं.
  • दोनों उद्यानों में वनस्पतियों और जीवों की उच्च विविधता और घनत्व पाया जाता है, जिनमें हिम तेंदुए, हिमालयी कस्तूरी मृग तथा पौधों की प्रजातियों सहित अनेक संकटापन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges therein. 

Topic : J&K defines rules for domicile certificates

संदर्भ

हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में अधिवास प्रमाणपत्र (Domicile Certificates) जारी करने संबंधी नियम अधिसूचित किये हैं. 

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि अब प्रदेश में ‘जम्मू-कश्मीर ग्रांट ऑफ डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसीजर) रूल्स 2020’ {J&K Grant of Domicile Certificate (Procedure) Rules 2020} के आधार पर ही अधिवास प्रमाणपत्र जारी किये जाएंगे.
  • नियमों के अंतर्गत, अधिवास प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिये अधिकतम 15 दिवसों की अवधि निर्धारित की गई है, जिसके बाद यदि प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाता है तो आवेदक को इस संबंध में अपीलीय प्राधिकरण से संपर्क करने के अधिकार प्रदान किये गए हैं.
  • इस संदर्भ में अपीलीय प्राधिकरण का निर्णय प्रमाणपत्र निर्गत करने वाले प्राधिकरण के लिये बाध्यकारी होगा और अपीलीय प्राधिकरण के आदेशों को सात दिवसों के अन्दर लागू करना अनिवार्य होगा.
  • अपीलीय अधिकारी का निर्णय बाध्यकारी होगा और उसके निर्णय को सात दिनों के भीतर लागू करना होगा. अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता है तो उसे अपने वेतन से 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा. अपीलीय अधिकारी के पास संशोधन का भी अधिकार होगा. वह किसी आवेदन का स्वतः संज्ञान लेकर रिकॉर्ड की जांच कर सकता है और प्रक्रिया की जांच करके आदेश जारी कर सकता है.
  • साथ ही अपीलीय प्राधिकरण के पास पुनरीक्षण करने शक्तियाँ (Revisional Powers) होंगी.
  • अपीलीय प्राधिकरण या तो स्वतः संज्ञान लेकर अथवा किसी व्यक्ति द्वारा किये गए आवेदन के माध्यम से किसी भी कार्यवाही की वैधता की जाँच कर सकते हैं और संदर्भ में उचित आदेश पारित कर सकते हैं.
  • नियमों में एक प्रावधान है कि अधिवास प्रमाणपत्र देने के लिये आवेदन भौतिक अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा किये जा सकते हैं. वहीं सक्षम प्राधिकारी भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से अधिवास प्रमाणपत्र भी जारी कर सकते हैं.
  • हालाँकि, जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी जिनके लिये स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (Permanent Resident Certificate-PRC) 31 अक्टूबर, 2019 से पूर्व निर्गत किये गए थे, वे केवल स्थायी निवासी प्रमाणपत्र के आधार पर अधिवास प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे और उन्हें इस संबंध में किसी विशेष प्रलेख की जरूरत नहीं होगी.
  • राज्य प्रशासन द्वारा जारी उक्त नियमों के माध्यम से अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने के लिये एक सरल समयबद्ध और पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने में सहायता मिलेगी.

अधिवास प्रमाणपत्र संबंधी योग्यता

  • विदित हो कि इसी साल अप्रैल महीने में केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के लिये नए अधिवास नियम और प्रदेश में रोज़गार के लिये पात्रता से संबंधित अधिसूचना निर्गत की थी.
  • डोमिसाइल नियम के अंतर्गत 15 वर्ष से इस क्षेत्र में रह रहे लोगों और उनके बच्चों अथवा सात वर्ष तक यहाँ के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर चुके और 10वीं या 12वीं की परीक्षा दे चुके व्यक्तियों को स्थानीय निवासी माना जाएगा.
  • ध्यातव्य है कि 5 अगस्त से पूर्व, जब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A प्रचलन में थे, तब जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य में सभी नौकरियाँ विशेष रूप से राज्य के स्थायी निवासियों के लिये आरक्षित थीं.

पृष्ठभूमि

पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किए जाने से पहले जम्मू कश्मीर की सभी सरकारी नौकरियां राज्य के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित होती थीं. अनुच्छेद 370 के तहत, जम्मू कश्मीर में अलग संविधान होता था, जबकि 35ए के तहत राज्य से बाहर के लोगों पर यहां संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध था और सरकारी नौकरियां स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित होती थी. 35ए के तहत जम्मू कश्मीर सरकार को राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार था. इस अनुच्छेद के तहत स्थायी निवासियों को सरकारी नौकरियों और अचल संपत्ति के स्वामित्व में विशेषाधिकार देने की राज्य सरकार को अनुमति थी. संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत समाप्त किया गया अनुच्छेद 35ए भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के आदेश के जरिए शामिल किया गया है.


GS Paper 3 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology;indigenization of technology and developing new technology.

Topic : ARI develop novel process for synthesis of Quantum Dots used in photographing cellular organelles

संदर्भ

हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology) के तहत स्वायत्त संस्थान, ‘अगरकर अनुसंधान संस्थान’ (Agharkar Research Institute- ARI), पुणे के शोधकर्त्ताओं ने क्वांटम कुशल तथा जैव-अनुकूल क्वांटम डॉट्स (Quantum Dots- QDs) के संश्लेषण के लिये एक नई प्रक्रिया की खोज की है.

मुख्य तथ्य

  • शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित इस नई प्रक्रिया को ‘एडवांसेज इन कोलॉइड एंड इंटरफेस साइंस’ (Advances in Colloid and Interface Science) नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
  • इस प्रक्रिया का उपयोग विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) में दृश्य तरंगदैर्ध्य (Wavelength) का प्रयोग करते हुए कोशिकांगों (Cellular Organelles) तथा उनमें होने वाली गतिविधियों की चित्र लेने में किया जाता है.
  • प्रक्रिया में एक निरंतर प्रवाह सम्मिलित है तथा एक सक्रिय माइक्रोरिएक्टर के सहयोग से इस प्रवाह की निरंतरता को बनाए रखा जाता है.
  • आज के समय में जैव-प्रतिबिंबन (Bio Imaging) अनुप्रयोगों जैसे-कोशिकीय अंगों का दृश्य, कोशिकीय प्रक्रियाओं पर नज़र रखना इत्यादि पारंपरिक फ्लूरोफोर/फ्लोरोफोरे (Fluorophore) पर निर्भर है. विदित हो कि फ्लूरोफोर/फ्लोरोफोरे प्रतिदीप्त रासायनिक यौगिक होते हैं जिनके उत्तेजित होने पर पुनः प्रकाश उत्सर्जित किया जा सकता है.
  • क्वांटम दक्षता, प्रकाश और रासायनिक स्थिरता के संदर्भ में पारंपरिक फ्लोरोफोरे की तुलना में क्वांटम डॉट्स के विशेष लाभ हैं. साथ ही एक सरफेस कोटिंग से इनकी विषाक्तता से भी लड़ा जा सकता है.

क्वांटम डॉट्स (QDs)

  • क्वांटम डॉट्स मानव निर्मित नैनोस्केल क्रिस्टल हैं, जो इलेक्ट्रॉनों का एक जगह से दूसरे जगह पर संचरण करते हैं.
  • क्वांटम डॉट्स कृत्रिम नैनो संरचनाएँ हैं.
  • जब पराबैंगनी किरणें इन अर्द्धचालक नैनो-कणों से टकराती हैं, तो ये विभिन्न रंगों के प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं.
  • एकल अणु के स्तर पर ये कोशिकीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करने में सक्षम हैं तथा कैंसर जैसे रोगों के निदान और उपचार में सहायक हो सकते हैं.

संश्लेषित क्वांटम डॉट्स की विषेशता

  • संश्लेषित क्वांटम डॉट्स पर सिलिकॉन की कोटिंग कर के उन्हें जैव-अनुकूल बनाया जाता है. 
  • संश्लेषित क्वांटम डॉट्स द्वारा क्वांटम दक्षता और फोटोस्टेबिलिटी क्षमता को भी बढ़ाया गया है. साथ ही मल्टीस्पेक्ट्रल बायोइमेजिंग के लिये इनका प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है. 

क्वांटम डॉट्स के अनुप्रयोग में कठनाइयाँ

  • क्वांटम डॉट्स के संश्लेषण के दौरान इसके कुछ जरूरी/महत्त्वपूर्ण गुणों को फिर से प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.
  • वाणिज्य की दृष्टि से पारंपरिक फ्लोरोफोरे की तुलना में इसका प्रयोग उतना संभव नहीं है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Development, Bio diversity, Environment, Security and Disaster Management.

Topic : Objections to Etalin Hydroelectric Project

संदर्भ

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में प्रस्तावित 3097 मेगावाट की एटालिन जलविद्युत परियोजना के कारण जैव विविधता पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर पर्यावरणविद इस परियोजना को रद्द करने की माँग कर रहे हैं.  

पृष्ठभूमि

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में लगभग 2.7 लाख पेड़ों का अस्तित्व खतरे में है. दिबांग नदी पर प्रस्तावित 3097 मेगावाट की एटालिन जलविद्युत परियोजना के कारण इन पेड़ों को काटा जा सकता है. हालांकि, पर्यावरण मंत्रालय की वन सलाहकार समिति से अभी इस प्रस्तावित परियोजना को स्वीकृति मिलना शेष है. फिर भी यह कई कारणों से अतीव महत्वपूर्ण है.

ज्ञातव्य है कि हाल ही में पर्यावरणवेत्ताओं ने वन सलाहकार समिति (Forest Advisory Committee-FAC) के अध्यक्ष और सदस्यों को एक पत्र के जरिये अवगत कराया था कि किस कारण एटालिन जलविद्युत परियोजना को रद्द किया जाना चाहिये.

पर्यावरणवेत्ताओं के तर्क

  • एटालिन जलविद्युत परियोजनाको स्वीकृति देते समय वन संरक्षण और संबंधित कानूनी सिद्धांतों की अनदेखी की गई है. किसी भी परियोजना को स्वीकृति देने से पर्यावरण/वन/वन्यजीवों/मनुष्यों पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिसकी क्षतिपूर्ति करना असंभव है.
  • पर्यावरणवेत्ताओं ने वन सलाहकार समिति पर आरोप लगाया कि वह लगातार वन, वन्यजीवों और जैव विविधता हॉटस्पॉट में दुर्लभ पुष्प और जीव-जंतु प्रजातियों की अनदेखी कर रहा है.
  • हाल ही में वन सलाहकार समिति (Forest Advisory Committee- FAC) ने इन क्षेत्रों में लगभग 270,000 पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी जिसका पर्यावरणविद विरोध करते दिख रहे हैं.
  • FAC उप समिति का तर्क है कि भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) द्वारा किये गए अध्ययन के आधार पर उपयोगकर्त्ता एजेंसी (निजी फर्म) को वन्यजीव संरक्षण योजना का वित्तीय परिव्यय को वन विभाग में जमा करने पर ही परियोजना को अनुमति प्रदान की जा सकती है.

एटालिन जलविद्युत परियोजना के विरोध के कारण

  • यदि यह परियोजना लागू हो जाती है तो कुल 18 गाँवों के निवासी प्रभावित हो जायेंगे.
  • इसके अंतर्गत लगभग 2,70,000 पेड़ों की कटाई करनी पड़ेगी जिसके फलस्वरूप विश्व स्तर पर लुप्तप्राय 6 स्तनधारी प्रजातियों के अस्तित्त्व के लिये खतरा उत्पन्न हो सकता है.
  • इस क्षेत्र में पक्षियों की 680 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो भारत में पाई जाने वाली कुल पक्षियों की प्रजातियों (Avian Species) का लगभग 56% हैं.
  • स्थानीय निवासियों का कहना है कि दिबांग क्षेत्र में प्रस्तावित ‘दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना’ और ‘एटलिन जल विद्युत परियोजना’ दोनों एक साथ एक बहुत बड़े क्षेत्र को जलमग्न कर देगीं.
  • पर्यावरणविदों एवं स्थानीय निवासियों के अनुसार इस परियोजना के कारण विकृत पारिस्थितिकी को कृत्रिम वृक्षारोपण के सहयोग से यथास्थिति में नहीं लाया जा सकता है.
  • अरुणाचल प्रदेश के इडू मिश्मी समुदाय (Idu Mishmi Community) के लोग चारागाह भूमि, वनों और वन्यजीवों को होने वाली क्षति को लेकर चिंतित हैं.

वन परामर्शदात्री समिति (Forest Advisory Committee) 

  • वन परामर्शदात्री समिति औद्योगिक गतिविधियों के लिये वनों में पेड़ों की कटाई की अनुमति पर निर्णय लेती है.
  • FAC केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change-MOEF&CC) के अधीन कार्यरत है, जिसमें केंद्र के वानिकी विभाग के स्वतंत्र विशेषज्ञ और अधिकारी सम्मिलित होते हैं.

प्रतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation)

प्रतिपूरक वनीकरण का मतलब आधुनिकीकरण तथा विकास हेतु काटे गए जंगलों के स्थान पर नए जंगलों को लगाने से है अर्थात् उद्योगों द्वारा वनों की क्षतिपूर्ति के लिए वैकल्पिक भूमि का अधिग्रहण किया जाता है.


Prelims Vishesh

Boko Haram :-

  • पूर्वोत्तर नाइजीरिया में उत्पन्न और पड़ोसी देशों – नाइजर, चाड और कैमरून में फैला हुआबोको हराम एक हिसंक सुन्नी इस्लामी गुट है जो 2000 के आरम्भ से उन क्षेत्रों में इस्लामी कानून को लागू करने के लिए हिंसक उत्पाद मचाता आया है.
  • इस गुट का औपचारिक नामJama’a Ahl as-Sunna Li-da’wa wa-al Jihad है.

Archaeological Survey of India :

  • भारतीय पुरातत्व सर्वे भारत सरकार की एक एजेंसी है जो संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी हुई है.
  • सका काम पुरातात्विक अनुसंधान करना तथा सांस्कृतिक स्मारकों का संरक्षण करना है.
  • इसकी स्थापना अलेक्सेंडर कनिंघम द्वारा 1861 में की गई थी और वे ही इसके पहले महानिदेशक भी थे.

Dibang Multipurpose Project (MPP) :-

 

  • 2880 MW की दिबांग बहु-उद्देश्यीय परियोजना अरुणाचल प्रदेश में स्थित निचली दिबांग घाटी में बहने वाली दिबांग नदी पर बनी हुई है.
  • यह एक पनबिजली परियोजना है जो बाढ़ के नियंत्रण में भी काम आएगी.
  • यह भारत की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना है. इसमें 278 मीटर ऊँचा बाँध बनाया गया है जो भारत का सबसे ऊँचा बाँध होगा.

INTERNATIONAL DAY OF FAMILIES 2020 :-

  • प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया गया.
  • इसकी थीम थी – “विकास में परिवार : कोपेनहेगन और बीजिंग +25” / “Families in Development: Copenhagen & Beijing+25.”
  • यह दिवस परिवारों से जुड़े विषयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनसे सम्बंधित सामाजिक-आर्थिक एवं जनसांख्यिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने के लिए मनाया जाता है.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA

April, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Download

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]