Sansar डेली करंट अफेयर्स, 19 July 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 19 July 2019


GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Seva Bhoj Yojna

संदर्भ

केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पिछले साल ‘सेवा भोज’ नामक एक योजना की शुरूआत की थी.

  • सरकार ने दातव्य धार्मिक संस्थानों द्वारा मुफ्त में दिए जाने वाल प्रसाद / लंगर / भंडारा आदि भोजन कार्यक्रमों में प्रयुक्त होने वालीखाद्य सामग्रियों पर से CGST (केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर) एवं  IGST (समेकित वस्तु एवं सेवा कर) हटाने का निर्णय लिया था.
  • ये खाद्य सामग्रियाँ हैं – घी, खाने का तेल, आटा, मैदा, रवा/सूजी, चावल, दाल, चीनी और गुड़.
  • इस योजना का उद्देश्य है उन दातव्य संस्थानों का आर्थिक बोझ हल्का किया जाना जो बिना किसी भेद-भाव के लोगों को मुफ्त में भोजन का वितरण करते हैं.
  • दातव्य संस्थानों में आने वाली संस्थाएँ हैं – मन्दिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च, धार्मिक आश्रम, दरगाह, मठ.

वे ही संस्थाएँ इस योजना का लाभ उठा सकेंगी जो निम्नलिखित मापदंडों को पूरा करती हैं –

  • जहाँ हर महीने कम से कम 5000 लोगों को मुफ्त भोजन दिया जाता है.
  • जो संस्थान इस योजना के तहत आवेदन करने की तिथि से पाँच वर्ष पहले अस्तित्व में आई हुई हो.
  • इन संस्थाओं को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है.

GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : National Investigation Agency (Amendment) Bill 2019

संदर्भ

पिछले दिनों लोकसभा ने राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर दिया है.

विधेयक की मुख्य विशेषताएँ

विधेयक में अपराधों की एक अनुसूची दी गई है और कहा गया है कि इन अपराधों की जाँच एक राष्ट्र-स्तरीय एजेंसी करेगी. इन अपराधों में वैसे अपराध भी सम्मिलित हैं जो आणविक ऊर्जा अधिनियम, 1962 तथा गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 में वर्णित हैं.

  • इसमें इन अनुसूचित अपराधों पर विचार करने के लिएविशेष न्यायालयों के सृजन का प्रावधान है.
  • विधेयक के अनुसार NIA के पास अब अग्रलिखित अतिरिक्त अपराधों के अन्वेषण की शक्ति होगी – i) मानव तस्करी ii) जाली नोट से सम्बंधित अपराध iii) निषिद्ध हथियारों का निर्माण और विक्रय iv) साइबर आतंकवाद तथा v) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 से सम्बंधित अपराध.
  • अधिकारक्षेत्र :-NIA के अधिकारियों के पास भारत-भर में जाँच से सम्बंधित वही शक्तियां होती हैं जो किसी पुलिस अधिकारी की होती है. इसके अतिरिक्त, अब NIA के भारत के बाहर किये गये अनुसूचित अपराधों की भी जाँच कर सकेंगे. यद्यपि यह जाँच अंतर्राष्ट्रीय संधियों और सम्बंधित देश के घरेलू कानूनों के अधीन ही की जायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार NIA को निर्देश देकर जाँच करने कह सकती है मानो अपराध भारत में घटित हुआ है.
  • ऐसे मामलेनई दिल्ली स्थित विशेष न्यायालय के अधिकार-क्षेत्र में आएँगे.
  • विधेयक के अनुसार केंद्र सरकार अनुसूचित अपराधों पर विचार करने के लिए सेशन न्यायालयों को विशेष न्यायालय नामित कर सकती है. इसके लिए उसे पहले सम्बंधितउच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श लेना होगा.
  • यदि एक ही क्षेत्र में एक से अधिक विशेष न्यायालय गठित होते हैं तोवरिष्ठतम न्यायाधीश के द्वारा मामलों को न्यायालयों के बीच बाँट दिया जाएगा.
  • राज्य सरकारें भी सेशन न्यायालय को अनुसूचित अपराधों पर विचार करने के लिए विशेष न्यायालय घोषित कर सकती हैं.
  • राष्ट्रीय अन्वेषण संशोधन विधेयक, 2019 उपबंध करता है किअधिनियम की धारा 1 की उपधारा 2 में नया खंड ऐसे व्यक्तियों पर अधिनियम के उपबंध लागू करने के लिये है जो भारत के बाहर भारतीय नागरिकों के विरूद्ध या भारत के हितों को प्रभावित करने वाला कोई अनुसूचित अपराध करते हैं.
  • अधिनियम की धारा 3 की उपधारा 2का संशोधन करके एनआईए के अधिकारियों की वैसी शक्तियाँ, कर्तव्य, विशेषाधिकार और दायित्व प्रदान करने की बात कही गई है जो अपराधों के अन्वेषण के संबंध में पुलिस अधिकारियों द्वारा न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी प्रयोग की जाती रही है.

GS Paper  3 Source: Down to Earth

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Topic : Thirty Meter Telescope

संदर्भ

अमेरिका के हवाई राज्य में स्थित मौना केया (Mauna Kea) नामक स्थान पर 30 मीटर की दूरबीन (Thirty Meter Telescope – TMT) के अधिष्ठापन का काम आरम्भ हो गया है.

Thirty-Meter-Telescope

पृष्ठभूमि

इस विशाल दूरबीन का रूपांकन और निर्माण 2009 में ही पूरा हो गया था. किन्तु हवाई द्वीप के मूल निवासियों ने इसके कार्यान्वयन में कानूनी अड़चन पैदा कर दी थी क्योंकि उनके लिए मौना केया का बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक माहात्म्य है.

TMT क्या है?

  • TMT एक प्रस्तावित खगोलीय वेधशाला है जिसकी दूरबीन अत्यंत लम्बी है.
  • यह एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है जिसके लिए धनराशि का प्रबंध कनाडा, चीन, भारत, जापान और अमेरिका के वैज्ञानिक संगठन कर रहे हैं.
  • TMT नियर-अल्ट्रावायलेट से लेकर मिड-इन्फ्रारेड किरणों के माध्यम से निरीक्षण करने के लिए सक्षम बनाया गया है. इसमें छवि को धुंधली होने से बचाने के लिए आवश्यक उपकरण लगे हुए हैं.

संभावनाएँ

  • TMT वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड में स्थित हमारे यहाँ से दूरस्थ और कम दिखाई पड़ने वाले पिंडों का अध्ययन करने में समर्थ बनाएगा.
  • यह ब्रह्मांड के क्रमागत विकास के प्रारम्भिक चरणों के विषय में जानकारी देगा.
  • साथ ही यह सौरमंडल के ऐसे ग्रहों और अन्य पिंडों से सम्बन्धित सूक्ष्म विवरण मुहैया कर सकता है.
  • इसके अतिरिक्त अन्य तारों की परिक्रमा करने वाले ग्रहों का भी यह पता लगा सकता है.

GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : Sagarmala

संदर्भ

पिछले दिनों भारत सरकार ने यह जानकारी दी कि सागरमाला नामक महत्त्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में 10,000 नौकरियों का सृजन हुआ.

सागरमाला क्या है?

  • सागरमाला परियोजना के अंतर्गत भारत की तटरेखा पर बंदरगाहों की एक शृंखला निर्मित करने का कार्य होना है.
  • इस परियोजना का उद्देश्य भारत की 7,500 किलोमीटर की तटरेखा के किनारे-किनारे बंदरगाह बनाकर इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है.
  • इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य भारत के तटीय क्षेत्रों को देश के मुख्य आर्थिक केन्द्रों से रेल, अंतरदेशीय जलमार्ग और सड़कों के माध्यम से जोड़ना है.
  • इस परियोजना के लिए भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय को नाभिक मंत्रालय (nodal ministry) बनाया गया है.
  • सागरमाला परियोजना के अंतर्गत राज्य सरकारों को अपनी-अपनी सागरमाला समितियाँ गठित करनी हैं जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री अथवा बंदरगाह के प्रभारी मंत्री होंगे.
  • केंद्र के स्तर पर सागरमाला विकास कम्पनी (SDC) स्थापित की जायेगी जो सागरमाला की विविध परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक्विटी समर्थन मुहैया करेगी.

सागरमाला के तीन स्तम्भ

  • समुचित नीति बनाकर और सांस्थिक व्यवस्था करके बंदरगाहों पर आधारित विकास में सहयोग करना और इस संदर्भ में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों के बीच परस्पर सहयोग सुनिश्चित करना जिससे कि समेकित विकास हो सके.
  • बंदरगाहों से जुड़ी अवसंरचनाओं का संवर्धन करना, उनका आधुनिकीकरण करना तथा नए बंदरगाह बनाना.
  • भारत के भीतरी भागों से बंदरगाहों तक और बंदरगाहों से भीतरी भागों तक आवागमन को कुशल बनाना.

परियोजना का महत्त्व

भारत हिन्द महासागर के कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों के निकट स्थित है और इसकी तटरेखा की लम्बाई 7,500 किमी. से अधिक है. परन्तु क्षमता में कमी और आधुनिक सुविधाओं के अभाव के कारण भारत के बंदरगाहों से देश के अन्दर और देश के बाहार जहाज द्वारा माल भेजने में अत्यधिक समय लग जाता है. इस कारण विश्व-व्यापार में भारत का अंश थोड़ा ही रह जाता है.

नदियों में अंतर्देशीय जलमार्गों के निर्माण से घरेलू माल-ढुलाई की लागत घट सकती है.

अनुमान है कि सागरमाला परियोजना के चलते 2025 तक भारत का व्यापार निर्यात 110 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है और साथ ही इसके फलस्वरूप 10 मिलियन नई नौकरियाँ और 4 मिलियन प्रत्येक आजीविकाएं सृजित हो सकती हैं.


GS Paper  3 Source: Indian Express

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Topic : Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation (SATAT) Initiative

संदर्भ

भारत सरकार का कहना है कि सतत योजना के माध्यम से मिट्टी भराई, पराली जलाने आदि से उत्पन्न होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान हो सकता है एवं साथ ही तेल और गैस के आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है. जून 2019 तक संदमित जैव-गैस के उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए 344 संयंत्रों के निर्माण में तेल विपणन कम्पनियों और गैस विपणन कम्पनियों ने अभिरुचि दिखलाई है.

सतत योजना का उद्देश्य

‘सतत’ एक पहल है जिसका उद्देश्‍य विकास से जुड़े एक ठोस प्रयास के रूप में किफायती परिवहन या आवाजाही के लिए टिकाऊ विकल्‍प मुहैया कराना है जिससे वाहनों का इस्‍तेमाल करने वालों के साथ-साथ किसान एवं उद्यमी भी लाभान्वित होंगे.

यह योजना कैसे क्रियान्वित की जा रही है?

इस योजना के जरिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में क्षमतावान उद्यमियों को कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इन प्लांट्स में तैयार होने वाली संदमित जैव-गैस (compressed bio-gas – CBG) को सरकार खरीदेगी और उसका इस्तेमाल वाहनों के ईंधन के तौर पर करेगी. इस योजना के माध्यम से सरकार सस्ता वाहन ईंधन तो मुहैया कराएगी ही साथ ही साथ इसके जरिये कृषि अवषेशों का सही इस्तेमाल होगा और पशु मल तथा शहरी कचरे का प्रयोग भी संभव हो सकेगा. इससे किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक और स्रोत मिलेगा.

योजना के लाभ

  • आज की तीथी में 5000 कॉम्प्रेस्ड बायोगैस स्टेशनों से वार्षिक रूप से लगभग 5 करोड़ टन गैस मिलेगी जो वर्तमान समय में इस्तेमाल हो रही CNG का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है.
  • देश में मौजूदा समय में सालाना लगभग 4 करोड़ टन CNG का इस्तेमाल वाहन ईंधन के तौर पर होता है. इस योजना में सरकार लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए निवेश करेगी और इससे लगभग 75000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.
  • सतत योजना के जरिये फसलों के लिए लगभग 5 करोड़ टन बायो खाद भी मिलेगी.

संदमित जैव-गैस क्या होता है?

  • संदमित जैव-गैस (compressed biogas) एक ऐसा गैस है जिसकी बनावट बाजार में उपलब्ध प्राकृतिक गैस के जैसा है और उसी प्रकार यह भी ईंधन के रूप में प्रयोग में आता है.
  • इसका ऊष्मा मूल्य (calorific value) ~52,000 KJ/kg है.
  • इसके अन्य सभी गुणधर्म CNG के समान होते हैं.
  • कंप्रेस्ड बायो गैस वाहनों में एक वैकल्पिक और अक्षय्य ईंधन के रूप में प्रयुक्त हो सकता है.
  • हमारे देश में जैव पदार्थ प्रचुर मात्रा में होते हैं इसलिए बहुत संभव है कि आगामी वर्षों में यह परिवहन, उद्योग और वाणिज्य में CNG में ले लेगा.
  • संदामित जैव-गैस जिन जैव पदार्थों से बनाया जा सकता है, वे हैं – खेती का कचरा, शहरों का ठोस कचरा, ईख की शिष्टियाँ, शराब बनाने के समय निकला अपशिष्ट, गोबर, नालों का उपचार करने वाले संयंत्र का मलबा, शीत भंडारों के सड़े हुए आलू, सड़ी हुई तरकारियाँ, दुग्ध संयंत्रों के अपशिष्ट, मुर्गियों की बीट, बचा हुआ भोजन, बागवानी का कचरा, जंगल के अपशिष्ट, कारखानों से निकलने वाले पदार्थों के उपचार से बचा अपशिष्ट आदि.

GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Yojana

संदर्भ

भारत सरकार ने पिछले दिनों बताया कि प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के अंतर्गत जुलाई 10, 2019 तक 30,85,205 व्यक्तियों का पंजीकरण हो चुका है.

श्रम योगी मान-धन योजना के लिए पात्रता

  • इस योजना के पात्र 18-40 वर्ष की आयु समूह के घर से काम करने वाले श्रमिक होंगे.
  • इनकी मासिक आय 15,000 रुपये प्रति महीने या उससे कम होनी चाहिए.
  • पात्र व्यक्ति नई पेंशन योजना (एनपीएस), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) योजना या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लाभ के अंतर्गत कवर नहीं किए नहीं जाने चाहिए और उसे आयकर दाता नहीं होना चाहिए.

श्रम योगी मान-धन योजना के लाभ

  • न्यूनतम निश्चित पेंशनःPM-SYM के अंतर्गत प्रत्येक अभिदाता को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद प्रति महीने 3,000 रुपये न्यूनतम निश्चित पेंशन मिलेगा.
  • परिवार पेंशनःयदि पेंशन प्राप्ति के दौरान अभिदाता की मृत्यु होती है तो परिवार पेंशन के रूप में लाभार्थी को मिलने वाले पेंशन का 50 प्रतिशत लाभार्थी के जीवनसाथी को मिलेगा. परिवार पेंशन केवल जीवनसाथी के मामले में लागू होता है.
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान दिया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) हो जाती है तो लाभार्थी का जीवनसाथी योजना में शामिल होकर नियमित अंशदान करके योजना को जारी रख सकता है या योजना से बाहर निकलने और वापसी के प्रावधानों के अनुसार योजना से बाहर निकल सकता है.

योजना में योगदान

  • PM-SYM योजना में शामिल होने की आयु से 60 वर्ष की आयु तक अभिदाता को निर्धारित अंशदान राशि देनी होगी.
  • अभिदाता का अंशदान उसके बचत बैंक खाता/जनधन खाता से “ऑटो डेबिट” सुविधा के माध्यम से किया जाएगा.
  • पीएम-एसवाईएम 50:50 के अनुपात आधार पर एक स्वैच्छिक तथा अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें निर्धारित आयु विशेष अंशदान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा और तालिका के अनुसार बराबर का अंशदान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा.

समय की माँग

  • यह योजना पारिश्रमिक की सुरक्षा, आजीविका की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में समर्थ है और अंततोगत्वा यह श्रमिकों द्वारा झेली जाने वाली कठिनाइयों को दूर करेगी.
  • PM-SYM योजना सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करती है. परन्तु सरकार को यह भी चाहिए कि वह कार्यबल का कौशल्य बढ़ाए, औपचारिक क्षेत्र में और नौकरियाँ सृजित करे तथा श्रम कानूनों को बदलकर उसमें अनौपचारिक श्रमिकों को भी सम्मिलित करे.
  • इस योजना के कारण देश के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

Prelims Vishesh

Reservation of Limboo and Tamang Communities :

  • सिक्किम विधानसभा में लिम्बू और तमांग समुदायों को आरक्षण देने के विषय में एक प्रस्ताव पर भारत सरकार विचार कर रही है.
  • विदित हो कि लिम्बू समुदाय पूर्वी नेपाल, उत्तरी सिक्किम और पश्चिमी भूटान में पाए जाने वाले आदिवासी समुदाय हैं.
  • वहीं तमांग नेपालियों और भारतीय गोरखाओं का सबसे बड़ा तिबत्ती मूल का समूह है.

Honey Mission :

  • खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) ने मधु मिशन के तहत भारत-भर में पिछले डेढ़ वर्ष में 10 लाख मधुमक्खी मंजूषाएँ वितरित की हैं.
  • इससे किसानों, बेरोजगार युवाओं और आदिवासियों के लिए 11,000 नई नौकरियों का सृजन हुआ है तथा 430 मेट्रिक टन मधु भी उत्पन्न हुआ है जिसका मूल्य 4 करोड़ रु. होता है.
  • विदित हो कि यह मिशन 2017 में प्रारम्भ किया गया था.

17 July, 2019 में त्रुटि
TOPIC : GLOBAL MPI 2018 में दो त्रुटियाँ थीं.

1. प्रतिवेदन के अनुसार 2005-06 से 2015-16 के बीच बहु-आयामी निर्धनता घटकर 5% पर आ गई है अर्थात् आधी हो गई है. X

प्रतिवेदन के अनुसार 2005-06 से 2015-16 के बीच बहु-आयामी निर्धनता घटकर 27.5% पर आ गई है अर्थात् आधी हो गई है.

2. भारत का निर्धनतम जिला मध्य प्रदेश का अलीराजपुरहै जहाँ 5% लोग निर्धन हैं. X

भारत का निर्धनतम जिला मध्य प्रदेश का अलीराजपुर है जहाँ 76.5% लोग निर्धन हैं.


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