Sansar डेली करंट अफेयर्स, 19 December 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 19 December 2019


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Women related issues.

Topic : Gender gap index

संदर्भ

विश्व आर्थिक मंच ने 2020 का वैश्विक लैंगिक अंतराल प्रतिवेदन प्रकाशित कर दिया है. विदित हो कि यह प्रतिवेदन प्रतिवर्ष 2006 से प्रकाशित होता रहा है.

ज्ञातव्य है कि इस प्रतिवेदन के अन्दर एक लैंगिक अंतराल सूचकांक भी है जो इन चार स्तम्भों पर आधारित है –

  1. आर्थिक अवसर
  2. राजनीतिक सशक्तीकरण
  3. शैक्षणिक उपलब्धि
  4. स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा

भारत का प्रदर्शन

  • महिलाएं 112वें स्थान पर.
  • 3 मानकों में पिछड़ गया भारत.
  • 18वें पर राजनीतिक ताकत में.
  • 150वें पर स्वास्थ्य के मामले में.
  • 112वें पर शिक्षा के मामले में.
  • 149वें पर आर्थिक हिस्सेदारी में.
  • 13.83% भागीदारी कंपनियों में.

विश्व का प्रदर्शन

  • आइसलैंड लगातार 11वें साल प्रथम स्थान पर बना हुआ है.
  • पाकिस्तान 151वें, श्रीलंका 102वें, नेपाल 101वें और बांग्लादेश 50वें स्थान पर है.
  • चीन तीन स्थान फिसलकर 106वें, और अमेरिका दो स्थान फिसलकर 53वें स्थान पर पहुंच गया है.
  • पिछली प्रतिवेदन में कहा गया था कि आर्थिक समानता खत्म होने में 202 वर्ष लगेंगे. इस साल की प्रतिवेदन में कहा गया है कि 257 वर्ष लगेंगे.
  • क्लाउड कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग, डेटा, एआई जैसे क्षेत्रों में बराबरी कम हुई.
  • स्वास्थ्य-जीवन रक्षा में असमानता है. पर 2018 से स्थिति बेहतर हुई.
  • दुनिया में 21% महिला मंत्री राजनीतिक असमानता खत्म होने में 95 साल लग सकते हैं.
  • महिलाओं की निचले सदन में 25.2% और मंत्री पदों पर 21.2% हिस्सेदारी है.

GS Paper 1 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Population and associated issues, poverty and developmental issues, urbanization, their problems and their remedies.

Topic : AMRUT mission

संदर्भ

500 नगरों में शहरी नवीकरण के लक्ष्य पूरे नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने अपनी मूर्धन्य योजना AMRUT को दो और वर्षों के लिए बढ़ा दिया है.

AMRUT क्या है?

  • AMRUT का पूरा नाम है – Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation अर्थात् अटल कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण अभियान.
  • AMRUT पुरानी योजना जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीकरण अभियान अर्थात् Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission (JNNURM) का एक नया अवतार है.
  • इस मिशन के अंतर्गत शहरों में जन सुविधाओं से सम्बंधित आधारभूत संरचना का विकास सुनिश्चित किया जाता है.
  • इन जन सुविधाओं में आने वाली सुविधाएँ हैं – जल की आपूर्ति, नालों का निर्माण, जल की निकासी, परिवहन और हरित क्षेत्रों और उद्यानों के विकास.
  • 10 लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों के लिए इस योजना के अन्दर केन्द्रीय सहायता 50% मिलती है और 10 लाख से ऊपर की जनसंख्या वाले शहरों के लिए केंद्र सरकार 1/3 राशि उपलब्ध कराती है.
  • इस परियोजना के लिए राशि शहरी स्थानीय निकायों को उपलब्ध कराई जाती है.
  • केंद्र सरकार राज्य सरकार को जो राशि भेजती है उसे राज्य सरकार 7 दिनों के अन्दर सम्बंधित स्थानीय निकायों को उपलब्ध करा देती है.

AMRUT के अन्दर चुने गये शहर

  1. अधिसूचित नगर निगम वाले ऐसे सभी शहर और छावनी परिषद् जहाँ की आबादी 2011 जनगणना के अनुसार एक लाख से ऊपर है.
  2. राज्यों और संघीय क्षेत्रों की सभी राजधानियाँ.
  3. HRIDAY योजना के अंतर्गत आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा वर्गीकृत वे सभी शहर जो धरोहर शहर कहलाते हैं.
  4. 75,000 से 1 लाख तक की आबादी वाले ऐसे 13 शहर जो मुख्य नदियों पर अवस्थित हैं.
  5. पहाड़ी राज्यों, द्वीपों और पर्यटन स्थलों से दस शहर (एक राज्य से अधिकतम एक).

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Schemes for the vulnerable sections of the society.

Topic : Pradhan Mantri Ujjwala Yojana (PMUY)

संदर्भ

CAG ने एक प्रतिवेदन निर्गत किया है जिसमें प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के कार्यान्वयन में कुछ खामियाँ पाई गई हैं.

पाई गई खामियाँ

  • सिलिंडरों की खपत कम है और उनकी आपूर्ति में अच्छी-खासी देरी होती है.
  • इस योजना के अंतर्गत 31 मार्च, 2018 तक जिन उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ उठाया है उनकी संख्या 1.93 करोड़ है. परन्तु एक वर्ष में उन्हें औसत रूप से 3.66 रिफिल ही मिले हैं.
  • 31 दिसम्बर, 2018 की तिथि को 3.18 करोड़ लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे थे, पर उन्हें वार्षिक रूप से मात्र 3.21 रिफिल ही मिले.
  • इस योजना के अंतर्गत कुछ ऐसे लोगों को भी लाभ निर्गत कर दिया गया है जो लाभार्थी नहीं थे. सरकारी तेल विपणन कंपनियों के सॉफ्टवेर में त्रुटि के चलते ऐसा हुआ है. ये वास्तविक लाभार्थियों की सही पहचान नहीं कर पाते हैं.

CAG के सुझाव

  • LPG डेटाबेस की जाँच होनी चाहिए जिससे विसंगतियों का पता लगाकर उन्हें दूर किया जाए.
  • आपूर्ति में दुहराव को निरस्त करने के लिए वर्तमान के साथ-साथ नए लाभार्थी परिवारों के वयस्क सदस्यों का आधार नंबर भी अंकित किया जाए.
  • पात्रता रहित लाभार्थियों को गैर-निर्गत न हो जाए इससे बचने के लिए वितरकों के सॉफ्टवेर को सुधारने हेतु समुचित उपाय किये जाएँ.

प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना

  • पीएमयूवाई की शुरूआत एक मई 2016 को की गयी. इसके तहत मार्च 2019 तक गरीब परिवार की पांच करोड़ महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। बाद में लक्ष्य को बढ़ाकर 2021 तक 8 करोड़ कर दिया गया और अब सभी घर को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारम्भ डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की जयंती परतेलंगाना राज्य में किया गया.
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों तक एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) कनेक्शन पहुँचाना है.
  • इस योजना के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक-जाति-जनगणना (SECC) के माध्यम से पहचान किये गए गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की वयस्क महिला सदस्य को केंद्र सरकार द्वारा प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है.
  • यह योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालयद्वारा लागू की जा रही है.

PMUY के फायदे

  • शुद्ध ईंधन के प्रयोग से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
  • अशुद्ध जीवाश्‍म ईंधन के प्रयोग न करने से वातावरण में कम प्रदूषण
  • खाने पर धुएं के असर से मृत्‍यु में कमी
  • छोटे बच्‍चों में स्‍वास्‍थ्‍य समस्या से छुटकारा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : Recommended Dietary Allowance (RDA)

संदर्भ

भारत में बिक रहे डिब्बाबंद और फ़ास्ट फ़ूड सामग्रियों के ऊपर एक प्रयोगशाला में किये गये अध्ययन से प्रकट होता है कि इनमें लवण और वसा की मात्रा अत्यधिक है जोकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के सुझावों का उल्लंघन है.

  • यह अध्ययन विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (Centre for Science and Environment – CSE) ने किया है.
  • इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि जाँची गई सभी खाद्य सामग्रियों में कंपनियों ने ट्रांस फट की मात्रा वास्तविकता से कम दिखाई है.
  • ज्ञातव्य है कि FSSAI का निर्देश है कि सभी खाद्य सामग्रियों के डिब्बे के ऊपर अनुसंशित आहारमान (Recommended Dietary Allowance – RDA) अवश्य अंकित होनी चाहिए.

RDA क्या है?

  • RDA वह आँकड़ा है जिससे यह समझा जाता है कि किस खाद्य सामग्री को खाने से कौन पोषक तत्त्व कितनी मात्रा में खाने वाले के शरीर में जाता है.
  • यह RDA प्रतिशत के रूप में होता है अर्थात् यह बतलाया जाता है कि एक दिन में एक व्यक्ति को जितना एक विशेष पोषक तत्त्व चाहिए उसका कितना प्रतिशत खाद्य सामग्री के अन्दर है.

पोषक तत्त्वों को प्रभावित करने वाले कारक

लिंग : साधारणतया पुरुषों को स्त्रियों की अपेक्षा पोषक तत्त्वों की आवश्यकता अधिक होती है.

आयु : जहाँ एक ओर बच्चों को वृद्धि और संधारण के लिए पोषक तत्त्व चाहिए होते हैं, वहीं दूसरी ओर वयस्कों को ये इसलिए आवश्यक हैं कि इनके बल पर वे अपने स्वास्थ्य को बनाये रख सकते हैं. बाल्यकाल में वृद्धि के समय बच्चों को अधिक पोषक अत्त्व चाहिए.

शारीरिक भार : वयस्कों में आवश्यक पोषक तत्त्वों की मात्रा उनके शरीर के भार और आकार पर निर्भर करता है.

शारीरिक दशाएं : स्त्रियों को मासिक धर्म, गर्भावस्था और दूध पिलाने के समय अपेक्षाकृत अधिक पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है.

खिलाड़ी : खेलकूद और दौड़-भाग करने वाले व्यक्तियों की साधारण समय की तुलना में दो-तीन गुना अधिक पोषक तत्त्व चाहिए होते हैं.

निष्क्रिय जीवन शैली : जो व्यक्ति ज्यादातर बैठे रहते हैं, उन्हें सक्रिय लोगों की तुलना में पोषक तत्त्वों की आवश्यकता कम होती है.

पर्यावरण : किसी मनुष्य को कितना पोषक तत्त्व चाहिए यह जलवायु और ऊँचाई से भी प्रभावित होता है. जहाँ अधिक ठण्ड पड़ती है, वहाँ ऐसे पोषक तत्त्व अधिक चाहिए. यदि बात ऊँचाई पर भी लागू होती है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Global Refugee Forum

संदर्भ

पिछले दिनों वैश्विक शरणार्थी मंच (Global Refugee Forum) की पहली बैठक स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा नगर में आयोजित हुई.

इसका आयोजन संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्राधिकरण (United Nations Refugee Agency – UNHCR) और स्विट्ज़रलैंड सरकार ने किया.

वैश्विक शरणार्थी मंच क्या है?

यह एक वैश्विक मंच है जिसमें शरणार्थियों के प्रति अंतर्राष्ट्रीय दायित्व को पूरा करने पर बल दिया जाता है और साथ ही विभिन्न देशों के द्वारा इस दिशा में किये गये अनुकरणीय योगदान पर भी चर्चा होती है.

वर्तमान में शरणार्थियों की समस्या

  • दिन-प्रतिदिन शरणार्थियों की संख्या बढ़ती ही जाती है. अभी पूरे विश्व में 25.4 मिलियन शरणार्थी हैं जिनमें 85% वैसे देशों में चले आये हैं जिनकी आय निम्न-मध्यम है और जिनके पास अपनी ही कई आर्थिक एवं विकासात्मक चुनौतियाँ हैं.
  • जिन देशों में ये शरणार्थी हैं वे उदारता दिखलाते हैं और कई लोग दान भी करते हैं, परन्तु संसाधनों की कमी भी बनी रहती है. आज आवश्यकता है कि पूरा विश्व शरणार्थियों को सहायता पहुँचाने में मिल-जुल कर काम करे.

वैश्विक शरणार्थी समझौता (Global Compact on Refugees) क्या है?

इस समझौते की पुष्टि दिसम्बर, 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी. इसमें शरणार्थियों और उनको बसाने वाले देशों के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता पर बल दिया गया है. इसमें ऐसे प्रबंध करने का प्रयास है जिनसे शरणदाता देशों को सहयोग मिले और शरणार्थीगण भी अपने आश्रयदाता देश के प्रति दान करें और अपने स्वयं के भविष्य को सुरक्षित करें.


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