Sansar डेली करंट अफेयर्स, 18 March 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 18 March 2020


GS Paper 1 Source: The Hindu

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Topic : PM Video Message to Bangladesh on 100th Birth Anniversary Celebrations of Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman

संदर्भ

प्रधानमंत्री ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती समारोह के लिए बांग्लादेश को वीडियो के जरिए संदेश दिया.

बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान कौन हैं?

  • यह बांग्लादेश के संस्थापक नेता, महान अगुआ एवं प्रथम राष्ट्रपति थे.
  • बांग्लादेश के संस्थापक रहमान को “शेख़ मुजीब”, बंगबंधुया बंगाली राष्ट्रपिता के रूप में भी जाना जाता है.
  • वे अवामी लीग के अध्यक्ष थे. उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई.
  • बांग्लादेश की मुक्ति के 3 वर्ष के अन्दर ही 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख़्तापलट के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई.
  • उनकी दो बेटियों में एक शेख हसीना तख़्तापलट के पश्चात् जर्मनी से दिल्ली आईं और 1981 तक दिल्ली रही तथा 1981 के पश्चात् बांग्लादेश जाकार पिता की राजनैतिक विरासत को संभाला.
  • 15 अगस्त 1975 की सुबह बांग्लादेश की सेना के कुछ बाग़ी युवा अफ़सरों के हथियारबंद दस्ते ने ढाका स्थित राष्ट्रपति आवास पर पहुँच कर राष्ट्रपति शेख़ मुजीबुर रहमान को मार डाला. हमलावर टैंक लेकर गए थे. पहले उन लोगों ने बंगबंधु मुजीबुर रहमान के बेटे शेख़ कमाल को मारा और उसके बाद मुजीब और उनके अन्य परिजनों को. मुजीब के सभी तीन बेटे और उनकी पत्नी की बारी-बारी से हत्या कर दी गई.
  • हमले में कुल 20 लोग मारे गए थे. मुजीब शासन से बगावती सेना के जवान हमले के समय कई दस्तों में बंटे थे. अप्रत्याशित हमले में मुजीब परिवार का कोई पुरुष सदस्य नहीं बचा. उनकी दो बेटियाँ संयोगवश बच गईं, जो घटना के समय जर्मनी में थीं. उनमें एक शेख हसीना और दूसरी शेख़ रेहाना थीं. शेख़ हसीना वर्तमान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं.
  • अपने पिता की हत्या के बाद शेख़ हसीना हिन्दुस्तान में बस गई थीं. वहीं से उन्होंने बांग्लादेश के नए शासकों के विरुद्ध अभियान चलाया. 1981 में वह बांग्लादेश लौटीं और सर्वसम्मति से अवामी लीग की अध्यक्ष चुन ली गयीं.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Indore-Kishangargh Direct Flight Launched Under RCS-UDAN Scheme

संदर्भ

उड़ान योजना के तहत इंदौर-किशनगढ़ विमान सेवा प्रारम्भ की गई है.

  • उड़ान (यूडीएएन – उड़े देश के आम नागरिक) योजना के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंदौर (मध्‍य प्रदेश) से किशनगढ़ (अजमेर, राजस्‍थान) के बीच पहली उड़ान सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो सप्‍ताह में तीन दिन चलेगी.
  • विमान सेवा से अब तक नहीं जुड़े क्षेत्रों को जोड़ने के अपने निरंतर प्रयास में नागरिक उड्डयन मंत्रालय नेउड़ान 3 के लिए बोली प्रक्रिया के दौरान स्‍टार एयर को इंदौर-किशनगढ़ मार्ग का कार्य सौंपा. इस मार्ग पर विमान सेवा के शुरू होने के साथ उड़ान योजना के तहत 268 हवाई मार्ग पर सेवाएं उपलब्‍ध हो गई हैं.

उड़ान योजना क्या है?

UDAN भारत सरकार की एक मूर्धन्य योजना है जिसका अनावरण अप्रैल, 2017 में किया गया था. यह योजना जून, 2016 में लागू राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (National Civil Aviation Policy – NCAP) का एक प्रमुख अवयव है. UDAN क्षेत्रीय विमानन बाजार को विकसित करने के लिए एक नवोन्मेषी योजना (innovative scheme) है. यह योजना बाजार तंत्र पर आधारित है जिसके अंतर्गत वायुयान सेवादाताओं के द्वारा सीटों के लिए सब्सिडी हेतु बोली लगाई जाएगी. यह योजना इस प्रकार की अभी तक की पहली योजना है जो आर्थिक रूप से आम नागरिकों के लिए व्यवहार्य और लाभदायक है. इससे विश्व स्तर पर क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती उड़ानें भरी जा सकेंगी.

चुने गए एयरलाइन ऑपरेटरों को सामान्य जहाज़ों में न्यूनतम 9 और अधिकतम 40 उड़ान सीटें रियायती दरों पर देनी होंगी तथा हेलीकाप्टरों में न्यूनतम 5 और अधिकतम 13 सीटों का प्रावधान करना होगा. सामान्य जहाज़ों और हेलिकोप्टरों में क्रमशः लगभग एक घंटे और आधे घंटे की यात्रा के लिए आरक्षित सीटों का अधिकतम किराया 2,500 रु. तय किया गया है.

उड़ान योजना के लाभ

  • इस योजना के द्वारा नागरिकों को वायुयात्रा की कनेक्टिविटी मिलेगी
  • यह सभी हितधारकों के लिए एक स्पर्द्धा की स्थिति प्रदान करेगा
  • रोजगार के अवसर प्रदान करेगा
  • क्षेत्रीय हवाई संपर्क और बाजार का विस्तार होगा
  • राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास, व्यापार और वाणिज्य के विस्तार और पर्यटन की वृद्धि का लाभ प्राप्त होगा.

उड़ान 1.0

  • इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए.

उड़ान 2.0

  • वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की जहाँ कोई सेवा प्रदान नही की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी.
  • उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे.

उड़ान 3.0

  • पर्यटन मंत्रालय के समन्वय में उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश.
  • जलीय हवाई-अड्डे को जोड़ने के लिए जल विमान का समावेश.
  • उड़ान के दायरे में पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई मार्गों को लाना.

उड़ान 4.0

  • उड़ान 4.0 के तहत छत्तीसगढ़ में बिलासपुर और अंबिकापुर हवाई अड्डों को जोड़ने पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा.
  • उड़ान योजना राज्‍य के उन क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्‍यान केंद्रित करती है जो हवाई सेवा से नहीं जुड़े हैं.
  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय जिन राज्‍यों पर विशेष ध्‍यान दे रहा है, छत्‍तीसगढ़ उनमें से एक है.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : APEDA signs MoU with SFAC

संदर्भ

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

निहितार्थ

  • APEDA ऐसे संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर ध्यान दे रहा है.
  • यह कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों के विकास और हितधारकों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने के लिए कृषि निर्यात हेतु परस्पर मिलकर कार्य कर रहा है.
  • एपीडा क्षमता निर्माण, आयात करने वाले देशों की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन, क्लस्टरों में प्राथमिक और माध्यमिक प्रसंस्करण सुविधा के लिए इन समूहों का निर्यातकों के साथ संबंध स्थापित करने के माध्यम से निर्यात मूल्य श्रृंखला के लिए कृषि उत्पादक संगठनों, कृषक सहकारिताओं को जोड़ने के उद्देश्य से एसएफएसी के साथ बातचीत कर रहा है.

सहयोग के क्षेत्र

  1. एसएफएसी निर्यात उन्मुखता के साथ पैमाना और एकीकरण अर्जित करने के लिए एपीडा के साथ विभिन्न राज्यों में स्थित समूहों की सूची साझा करेगा. एपीडा और एसएफएसी लक्ष्य अर्जित करने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निर्यातकों के साथ एफटीओ/एफटीसी को जोड़ने के लिए मिलकर कार्य करेंगे.
  2. क्षमता निर्माण, पहुंच कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न हितधारकों की कार्यशालाओं के लिए काम किया जाएगा.
  3. समय-समय पर पहचान किए गए विभिन्न माध्यमों के द्वारा एफपीओ क्षेत्र के हितधारकों द्वारा भारतीय और वैश्विक बाजार, उत्पाद प्रौद्योगिकियों, प्रक्रियाओं, ज्ञान और सेवाओं का मिलकर प्रदर्शन किया जाएगा.
  4. एपीडा, एफपीसी द्वारा सहायता प्राप्त या एसएफएसी द्वारा पहचान किए गए जैविक उत्पादों/क्षेत्रों के प्रमाणीकरण मे सुविधा प्रदान की जायेगी.
  5. पूर्वोत्तर में कृषि व्यापार संवर्धन इकाई ले जाकरऔर पूर्वोत्तर में एफपीओ को परामर्श दिया जाएगा.

एपीडा

  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) संसद के एक अधिनियम और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन स्थापित एक प्राधिकरण है.
  • इसे फल, सब्जियों और उनके उत्पाद मांस और मांस उत्पाद, पॉल्ट्री और पॉल्ट्री उत्पाद, डेयरी उत्पाद, कन्फेक्शनरी, बिस्कुट और बेकरी उत्पाद, शहद, गुड़ और चीनी उत्पाद, कोको एवं इसके उत्पाद, सभी प्रकार के चॉकलेट, मादक और गैर-मादक पेय, अनाज और अनाज उत्पाद, मूंगफली और अखरोट, अचार, पापड़ और चटनी, ग्वार गम, फूल और फूल उत्पाद, हर्बल और औषधीय पौधे जैसे उत्पादों के निर्यात संवर्धन और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं.
  • इसके अतिरिक्त इस पर चीनी के आयात की निगरानी की जिम्मेदारी है.

लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी)

  • यह लघु और सीमांत किसानों को किसान हित समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों और किसान उत्पादक कम्पनी के रूप में संगठित करने के लिए एक अग्रणी संघ है.
  • यह छोटे और लघु किसानों तक कृषि निवेशों की पहुंच और सस्ती उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है.
  • इसे दिल्ली किसान मंडी और राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को ई-प्लेटफॉर्म पर लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
  • यह किसानों को प्रगामी रूप से मुक्त कृषि व्यापार और साथ-साथ मूल्य खोजने का प्रस्ताव उपलब्ध कराता हैं. वर्तमान में एसएफएसी के साथ लगभग 1000 ईपीओ/एफपीसी पंजीकृत हैं.

आगे की राह

आशा की जाती है कि एसएफएसी और एपीडा जैसे संगठन संयुक्त सहयोग के दृष्टिकोण से आपूर्ति की स्थिरता बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गुणवत्तायुक्त आपूर्तिकर्ता की छवि स्थापित करने के लिए कृषि उत्पादों का मात्रात्मक और गुणात्मक उत्पादन आधार सुधारने के लिए बड़े कृषक आधार तक पहुंचने में सक्षम होंगे. इससे निर्यात पर मात्रा और मूल्य में वृद्धि होगी और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय दोगुनी करने में योगदान मिलेगा.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.

Topic : ARCI scientists develop friction-reducing nanocomposite coatings to increase device life

संदर्भ

इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मैटलर्जी एंड न्‍यू मैटीरियल्‍स (ARCI) के वैज्ञानिकों ने उपकरण का जीवन काल बढ़ाने के लिए घर्षण कम करने वाली नैनोकम्पोजिट कोटिंग्स का विकास किया है.

इससे क्या होगा?

  • अनेक एयरोस्पेस ऑटोमोबाइलअंतरिक्ष उपकरणों के घटकों का जीवन काल बढ़ाने के लिए घर्षण और घिसाई कम करने की आवश्यकता होती है.
  • इसके लिए सामान्य रूप से इन गतिशील प्रणालियों को लुब्रिकेट करने की आवश्यकता पड़ती है जिससे इन प्रणालियों की लागत जटिलता और वजन बढ़ जाता है.
  • नैनोकम्पोजिट कोटिंग्स इन गतिशील प्रणालियों के घर्षण को कम कर सकती है.

ARCI क्या है?

ARCI विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्‍वायत्‍त अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र है.

मुख्य तथ्य

  • वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि एक आर्थिक रूप से सस्‍ती और और सरल स्पंदित इलेक्ट्रोप्लेटिंग या इलेक्ट्रोडिपोजिशन प्रक्रिया का उपयोग करते हुए विशेष आकार के सिलिकॉन कार्बाइड के सबमाइक्रोन कणों के संसेचन के साथ निकिल टंगस्टन-आधारित कोटिंग्स कम घर्षण गुणांक और अच्छी तेल धारण क्षमता के साथ घिसाई और संक्षारण (करोशन) प्रतिरोध का उत्कृष्ट संयोजन प्रदान कर सकती हैं.
  • एआरसीआई समूह द्वारा विकसित कोटिंग्स घर्षण को कम करती है और बाजार में उपलब्ध इसी प्रकार की अनेक घिसाई रोधी कोटिंग्स की तुलना में नमक-स्प्रे के कारण संक्षारण को ज्‍यादा रोक सकती हैं.
  • यह कोटिंग्‍स कम घर्षण और घिसाई वाली कोटिंग्स की बढ़ती हुई मांग का समाधान कर सकती हैं. यह एक कठिन मैट्रिक्स के अंदर कठोर कणों के साथ नैनोकोम्पोसिट कोटिंग्स घिसाईरोधी और कम घर्षण के संयोजन में अच्‍छा परिणाम देती हैं. हालांकि घर्षण की विशेषताओं का निर्धारण करने में प्रबलन कणों का आकार एक महत्वपूर्ण कारक है. कम्‍पोजिट कोटिंग में प्रबलन कणों के आकार की बहुत अधिक विभिन्नता के कारण स्‍ट्रैस सांद्रण से कोटिंग्‍स समय से पहले ही विफल हो जाती हैं.

इलेक्ट्रोप्लेटिंग या इलेक्ट्रोडिपोजिशन प्रक्रिया है?

  • इसमें धातु के हिस्सों को इलेक्ट्रोलाइट बाथ घोल में डुबोया जाता है. इसे आमतौर पर आसुत जल और अन्य योजकों के मिश्रण में निकिल और टंगस्टन के कणों को घोलकर तैयार किया जाता है.
  • इस घोल में डायरेक्‍ट करंट (डीसी) प्रभावित किया जाता है और मुलम्‍मा चढ़ाने वाले टुकड़े पर निकिल और मिश्र धातु का जमाव हो जाता है.
  • इलेक्ट्रोडिपोजिशन के दौरान इस घोल में धात्विक आयनों की गति और जमाव के कारण कैथोड़ सतह पर डिफ्यूज़न की परत का निर्माण हो जाता है.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : What are Bharat Stage Emission Standards (BSES)?

संदर्भ

1 अप्रैल से देशभर में सिर्फ BS6 (भारत स्टेज-6) मानक वाले वाहनों की ही बिक्री होगी अर्थात् बीएस-4 वाहनों की बिक्री अब 31 मार्च तक ही की जा सकेगी.

BS मानक (BS NORMS) क्या है?

  • BS का पूरा नाम है – Bharat Stage
  • Bharat Stage (BS) कारों के अन्दर प्रयोग होने वाले ईंजन के द्वारा मुक्त किये गये प्रदूषक तत्त्वों के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार के द्वारा बनाया गया मानक है.यह मानक दुपहिया, तिपहिया, चौपहिया वाहनों के साथ-साथ निर्माण कार्य में प्रयुक्त वाहनों पर भी लागू होता है.
  • भारत सरकार ने तय किया है कि वह BS – IV के बाद अब सीधे BS – VI के मानकों कोअप्रैल, 2020 से लागू कर देगा क्योंकि ये मानक वैश्विक-स्तर के अनुरूप हैं. तात्पर्य यह है कि 1 अप्रैल, 2020 के बाद भारत में वही गाड़ियाँ बिकेंगी और पंजीकृत होंगी जिनमें BS – VI लगा होगा.
  • विदित हो कि भारत प्रदूषण के विषय में यूरो (European) प्रदूषण मानकों का अनुसरण करता रहा है पर इस मामले में वह पाँच साल पीछे चल रहा है.

BS IV और BS VI में क्या अंतर है?

  • वर्तमान बीएस – IV और नए बीएस -6 मानकों में जो मुख्य अंतर है वह गंधक (sulfur) की मात्रा से सम्बंधित है.
  • BS VI प्रमाणित ईंजन 80% कम सल्फर छोड़ता है अर्थात् वर्तमान 50 अंश प्रति मिलियन के स्थान पर इससे होने वाला उत्सर्जन 10 अंश प्रति मिलियन (ppm) होता है.
  • विश्लेषकों का कहना है कि BS VI प्रमाणित ईंजन लगाने से डीजल की गाड़ियों में 70% कम NOx (nitrogen oxides) निकलेगा तथा पेट्रोल की गाड़ियों में 25% कम NOx निकलने की आशा है.

ईंधन के स्तरों का उत्क्रमण आवश्यक क्यों?

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि ईंधन से सम्बंधित मानकों का कठोरता से उत्क्रमण होता रहे. भारत में अभी भी मोटर वाहनों का प्रचलन विकसित देशों की तुलना में कम है. इसलिए विश्व-भर के कार निर्माताओं की नज़र भारत पर टिकी हुई है. दूसरी ओर, दिल्ली जैसे शहरों की वायु गुणवत्ता संसार भर में सबसे निकृष्ट मानी जाती है. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम योजना लागू की गई थी जिससे वहाँ वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ. इसके अतिरिक्त बड़े-बड़े डीजल कारों का पंजीकरण रोकने के लिए न्यायालय में याचिकाएं दी गई हैं. अतः सरकार इस विषय में शिथिलता से काम नहीं चला सकती.

चीन जैसे अन्य विकासशील देशों ने कुछ समय पहले अपने वाहनों को उत्क्रमित कर उन्हें यूरो 5 उत्सर्जन मानकों के बराबर पहुँचा दिया है, परन्तु भारत इस मामले में पीछे रह गया है. चीन और मलेशिया का इस विषय में यह अनुभव रहा है कि निकृष्ट वायु गुणवत्ता व्यवसाय के लिए भी ठीक नहीं है. अतः उत्सर्जन मानकों में सुधार करने से हमारे यहाँ निवेश भी बढ़ेंगे.


Prelims Vishesh

Safe Hands Challenge :-

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा उपन्यास कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सेफ हैंड चैलेंज नामक पहल शुरू की है.
  • यह चुनौती महामारी फ्लू के बारे में जागरूकता पैदा करने और चेहरे, नाक और मुंह के लगातार स्पर्श से बचने के लिए हाथ की स्वच्छता बनाए रखने के लिए निर्धारित है.
  • चुनौती लेने वाले व्यक्ति को अपने हाथों को साबुन या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से धोने और सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने की आवश्यकता होती है, इसे लेने के लिए तीन अन्य लोगों को नामित किया जाता है.

Danube-Oder-Elbe Canal :-

  • जर्मनी, पोलैंड, स्लोवाकिया, चेक गणराज्य और ऑस्ट्रिया के पर्यावरण संगठनों ने यूरोपीय संघ के आयुक्तों को एक संयुक्त पत्र संबोधित किया है जिसमें डेन्यूब-ओडर-एल्बे नहर के लिए योजनाओं को रोकने का आह्वान किया गया है.
  • यह नहर डेन्यूब, ओडर और एल्बे नदियों को जोड़ने का लक्ष्य रखती है जिससे काले सागर को उत्तर एवं बाल्टिक समुद्र के बीच में जहाज चलने लायक रास्ता बन सके.

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