Sansar डेली करंट अफेयर्स, 18 March 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 18 March 2019


GS Paper  1 Source: The Hindu

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Topic : Bomb Cyclone

संदर्भ

अमेरिका के कई भागों में आजकल शक्तिशाली बॉम्ब चक्रवात का प्रकोप है जिसके कारण भीषण बाढ़ हो रही है.

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बॉम्ब चक्रवात क्या है?

मौसम वैज्ञानिक उस चक्रवात को बॉम्ब चक्रवात कहते हैं जो मध्य अक्षांशीय प्रदेशों में होता है और अत्यंत तीव्र गति से सशक्त होता जाता है. इस प्रकार का चक्रवात तब होता है जब किसी आंधी के बीच में ही पर्यावरण का दबाव 24 घंटों में कम से कम 24 मिलिबार घट जाता है और इस प्रकार इसकी तीव्रता में तेजी से वृद्धि ला देता है. विदित हो कि दबाव जितना कम होगा, आंधी उतनी ही तगड़ी होगी.

यह कैसे काम करता है?

जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है कि बॉम्ब चक्रवात में वायु का दबाव अचानक गिर जाता है. यह तब होता है जब गरम हवा का क्षेत्र ठन्डे हवा के क्षेत्र से मिल जाता है. उस समय हवा चलने लगती है और पृथ्वी के घूर्णन के वेग से मिलकर चक्रवातीय प्रभाव उत्पन्न करती है. इसमें आंधी की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सूई की दिशा के विपरीत होती है जिसके कारण पूर्वोत्तर झंझावात चलने लगते हैं.

हरिकेन, चक्रवात और तूफ़ान में अंतर

  • हरिकेन, चक्रवात और तूफान – ये सभी ऊष्णकटिबंधीय आँधियाँ हैं. ये सभी एक हैं, बस इनके नाम स्थान विशेष में बदल जाते हैं.
  • उत्तरी अटलांटिक महासागर और पूर्वोत्तर प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाली आँधी हरिकेन, हिन्द महासागर और दक्षिणी प्रशांत महासागर के ऊपर बनने आँधी चक्रवात तथा पश्चिमोत्तर प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाली आँधी तूफ़ान कहलाती है.

GS Paper  1 Source: The Hindu

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Topic : Ramakrishna Dev

संदर्भ

पश्चिम बंगाल में स्थित रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण आश्रम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम उठाने जा रहा है. आश्रम ने अपनी दशकों से जारी परंपरा को तोड़ने का फैसला किया है. आश्रम में श्री रामकृष्ण परमहंस के जन्मदिवस पर पटाखे जलाने की परंपरा थी जिसे मठ ने इस वर्ष से बंद करने का फैसला किया है.

पृष्ठभूमि

रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण आश्रम की स्थापना की थी. रामकृष्ण परमहंस को अल्प आयु में ही आध्यात्मिक सुख की अनुभूति होने लगी थी. और उन्हें काली का उपासक माना जाता है जिनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामकृष्ण मठ में पटाखे जलाने की परंपरा चली आ रही थी.

रामकृष्ण परमहंस कौन थे?

  • मानवीय मूल्यों के पोषक संत रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फ़रवरी 1836 को बंगाल प्रांत स्थित कामारपुकुर ग्राम में हुआ था.
  • इनके बचपन का नाम गदाधर था. पिताजी का नाम खुदीराम और माताजी का नाम चन्द्रा देवी था.
  • रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे. इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया.
  • उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया. स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी भी थे.
  • साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं है. वे ईश्वर तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Contempt of Court

संदर्भ

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें ‘द शिलॉन्ग टाइम्स’ अखबार की संपादक पैट्रीशिया मुखीम और प्रकाशक शोभा चौधरी को अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराया गया था.

न्यायालय की अवमानना क्या है?

कानूनी रूप से देखा जाए तो अदालत की अवमानना दो तरह की होती है –

  • दीवानी अवमानना, जो अदालत की अवमानना अधिनियम 1971 के सेक्शन 2(बी) में आती है. ‘इसमें वे मामले आते हैं, जिसमें यदि कोई व्यक्ति जान-बूझकर अदालत के किसी निर्णय को न माने. भले ही वह डिक्री हो, निर्देश हो या आदेश तो सजा दी जाती है.
  • आपराधिक अवमानना सेक्शन 2 (सी) के तहत आता है, जिसमें लिखे हुए शब्दों से, मौखिक या कुछ दिखाकर किया जा सकता है, जिसमें- किसी अदालत के आदेश को नीचा दिखाने की कोशिश की गई हो या पूर्वग्रह से ग्रसित हो न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश की गई हो या, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करना या करने की मंशा से इसमें रुकावट डाले.

सरल शब्द में यह फैसले या अदालत की प्रतिष्ठा के खिलाफ जानबूझकर की गई अवज्ञा है. एक है प्रत्यक्ष अवमानना और दूसरी है अप्रत्यक्ष अवमानना. अदालत में ही खड़े होकर यदि कोई आदेशों को नहीं माने तो प्रत्यक्ष अवमानना होती है

 माहात्म्य

 अदालत की अवमानना एक गंभीर अपराध है. किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वे अदालत का सम्मान करें. अदालतों के प्राधिकार के खिलाफ न हो न ही स्वेच्छाचार करते हुए आदेशों का पालन न करें. अदालतें कानूनी अधिकारों का स्तंभ है और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. अदालत की अवमानना को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति के एस. राधाकृष्णन की खंडपीठ ने भी सुब्रत राय सहारा के मामले में समझाया था. यदि अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो यह न्यायिक प्रणाली की नींव हिला देता है, जो कानून के शासन को दुर्बल करता है. अदालत इसी की संरक्षा और सम्मान करती है. देश के लोगों का न्यायिक प्रणाली में आस्था और विश्वास कायम रखने के लिए यह आवश्यक है. इसलिए अदालत की अवमानना एक गंभीर अपराध माना जाता है. साथ ही यह याचिकाकर्ता को भी सुनिश्चित करता है कि अदालत द्वारा पारित होने वाले आदेश का अनुपालन होगा. यह उनके द्वारा पालन किया जाएगा, जो भी इससे संबंधित होंगे. अदालत की अवमानना न्याय के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रयुक्त होती है.


GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Kaladan Project

संदर्भ

भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना के साथ मिलकर चलाए गए एक अभियान में म्यांमार सीमा पर एक उग्रवादी समूह से संबंधित कम से कम 10 शिविरों को नष्ट कर दिया जो भारत द्वारा म्यांमार में चलाई जा रही कलादान नामक वृहद् परियोजना के लिए खतरा बन गये थे. ऑपरेशन सनराइज एक बड़ा अभियान था, जिसमें चीन द्वारा समर्थित कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी के एक उग्रवादी संगठन, अराकान आर्मी को निशाना बनाया गया.

कलादान परियोजना क्या है?

  • कलादान परियोजना म्यांमार के सितवे बंदरगाह को भारत-म्यांमार सीमा से जोड़ती है.
  • यह परियोजना भारत और म्यांमार दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से आरम्भ की गई थी. इसका उद्देश्य भारत के पूर्वी बंदरगाहों से म्यांमार तक और उसके पश्चात् म्यांमार होते हुए भारत के पूर्वोत्तर भागों तक माल-ढुलाई का प्रबंधन करना है.
  • इस परियोजना से आशा है कि नए समुद्री मार्ग खुलेंगे तथा पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही भारत और म्यांमार के बीच में आर्थिक, वाणिज्यिक एवं सामरिक सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे.
  • यह परियोजना कलकत्ता से सितवे तक की दूरी को 1,328 किमी. तक घटा देगी और “मुर्गी की गर्दन” की ओर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

सितवे कहाँ है?

सितवे (Sittwe) दक्षिणी-पश्चिमी म्यांमार में स्थित रखाइन राज्य की राजधानी है. यह कलादान नदी के मुहाने पर स्थित है, जो बहते हुए मिज़ोरम में प्रवेश कर जाती है.

भारत के लिए सितवे का महत्त्व

भारत की वर्षों से यह चेष्टा रही है कि उसे अपने चारों ओर से भूमि से घिरे हुए पूर्वोत्तर राज्यों तक माल पहुँचाने के लिए बांग्लादेश से होकर कोई रास्ता मिल जाए. अभी तो यह स्थिति है कि वहाँ माल पहुँचाने के लिए पश्चिम बंगाल के उस उत्तरी भाग से होकर जाना पड़ता है जो भूटान और बांग्लादेश के बीच स्थित है और जिसे “मुर्गी की गर्दन” भी कहते हैं. यदि सितवे होकर रास्ता मिल जाए तो कलकत्ता से मिजोरम एवं आगे की दूरी और खर्च दोनों में पर्याप्त कमी आ जायेगी.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : UN Environment Assembly

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा की चौथी बैठक नैरोबी में सम्पन्न हुई. इस बैठक की थीम थी – पर्यावरण की चुनौतियों एवं सतत उपभोग एवं उत्पादन हेतु नवाचारी समाधान (Innovative solutions for environmental challenges and sustainable consumption and production).

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा

  • यह सभा पर्यावरण के विषय में निर्णय लेने वाला विश्व का सर्वोच्च-स्तरीय निकाय है. यह आज विश्व के द्वारा झेली जा रही पर्यावरण विषयक प्रमुख चुनौतियों पर विचार करती है.
  • यह सभा दो वर्षों में एक बार सम्मलेन कर वैश्विक पर्यावरण नीतियों की प्राथमिकताएँ निर्धारित करता है और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून बनाता है.
  • यह सभा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और का प्रशासी निकाय है.
  • पहले इसे प्रशासी परिषद् कहते थे और इसमें 58 सदस्य देश होते थे.परन्तु संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का दायरा लगभग पूरे विश्व में फैला हुआ है और आज इसमें 193 सदस्य देश.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का इतिहास

  • इस सभा का सृजन जून, 2012 में हुआ था.
  • इस सभा की पहली और दूसरी बैठक में जिन विषयों पर विचार हुआ और संकल्प लिए गये, वे थे – वन्य जीवों का गैर-कानूनी व्यापार, वायु की गुणवत्ता, पर्यावरण कानून, हरित अर्थव्यवस्था के लिए वित्त, सतत विकास लक्ष्य तथा सतत विकास के 2030 एजेंडे के अंतर्गत पर्यावरण सम्बन्धी लक्ष्यों को पूरा करना.
  • इस सभा की तीसरी बैठक दिसम्बर, 2017 में नैरोबी में हुई जिसकी थीम थी – प्रदूषणमुक्त पृथ्वी की ओर.

Prelims Vishesh

YONO Cash :-

  • हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने योनो नकद सेवा का अनावरण किया है जिससे उसके उपभोक्ता ATM से बिना डेबिट कार्ड के नकद निकाल सकेंगे.
  • योनो का पूरा नाम है – You Only Need One.
  • यह एक कार्ड रहित नकद निकासी सेवा है.

Submarine Khanderi :-

  • भारतीय नौसेना आगामी मई महीने के पूर्वार्ध में खंडेरी नामक अपनी दूसरी स्कोर्पीन पनडुब्बी को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है.
  • विदित हो कि खंडेरी का अनावरण जनवरी, 2017 में हुआ था और तब से इसमें कई परीक्षण किये जा रहे थे.
  • स्कोर्पीन शृंखला में छह पनडुब्बियाँ बननी हैं, जिनका निर्माण मजगाँव डॉक लिमिटेड, मुंबई नेवल ग्रुप ऑफ़ फ़्रांस से प्राप्त तकनीक के आधार पर कर रहा है.
  • यह परियोजना 2020 में पूरी होगी और इसमें 75 बिलियन डॉलर का खर्च होगा.

TROPEX 19 :-

  • हाल ही में एक अंतर-सेना सैन्य अभ्यास आरम्भ किया गया है. इस अभ्यास का नाम TROPEX (Theatre Level Readiness and Operational Exercise) है जिसमें भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना तथा तटरक्षक सेना सम्मिलित होती है.
  • इसमें भारत की सभी सेनाओं की युद्ध के लिए तैयारी का परीक्षण होता है.

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