Sansar डेली करंट अफेयर्स, 18 December 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 18 December 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Prayagraj Kumbh Mela 2019

संदर्भ

2019 का प्रयागराज कुम्भ मेला जनवरी 15, 2019 से मार्च 4, 2019 तक चलेगा.

कुम्भ मेला क्या है?

कुम्भ मेला एक धार्मिक मेला है जो 12 वर्षों पर भारत के चार स्थानों में आयोजित होता है. यह क्रमानुसार हरिद्वार (गंगा नदी, उत्तराखंड), उज्जैन (शिप्रा नदी, मध्य प्रदेश), नासिक (गोदावरी, महाराष्ट्र) और प्रयागराज (गंगा, यमुना और सरास्वती के संगम पर, उत्तर प्रदेश) में आयोजित होता है. विभिन्न तीर्थों में कुम्भ का आयोजन ग्रहों की स्थिति के अनुसार होती है. ये मेले कुम्भ राशि के समय होते हैं, अतः इन्हें कुम्भ मेला कहा जाता है.

उत्सव

प्रयागराज का कुम्भ मेला विश्व का सबसे बड़ा लोक संगम है जिसमें लाखों तीर्थयात्री जमा होते हैं और 55 दिनों तक संगम में स्नान करते हैं.  इसमें आने वाले लोगों में साधु, संत, वैरागी, साध्वी, कल्पवासी और समाज के प्रत्येक वर्ग के तीर्थयात्री होते हैं.

इस आयोजन की भव्यता को देखते हुए सरकार की ओर से विधि-व्यवस्था स्थापित करने के लिए व्यापक प्रबंध किये जाते हैं. हजारों पुलिस कर्मियों की यहाँ तैनाती होती है और राज्य सरकार की ओर से इसका प्रबन्धन उच्चतम स्तर से किया जाता है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Mount Soputan, Pacific Ring of Fire

Mount Soputan, Pacific ring of fire map

संदर्भ

हाल ही में इंडोनेशिया की सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी पर्वतों में से एक सोपुतान ज्वालामुखी पर्वत (Mount Soputan volcano) में विस्फोट हुआ था. यह पर्वत इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप (Sulawesi island) में अवस्थित है.

पृष्ठभूमि

इंडोनेशिया अग्नि मुद्रिका (Ring of Fire) नामक क्षेत्र में पड़ता है जहाँ विश्व के अधिकांश ज्वालामुखीय विस्फोट होते हैं. विगत दिनों में इस क्षेत्र में बहुत सक्रियता देखी गई है. पर सबसे क्षति इंडोनेशिया को होती है क्योंकि यह देश टेक्टोनिक प्लेटों के एक विशाल ग्रिड पर स्थित है. वस्तुतः इंडोनेशिया उस बिंदु पर है जहाँ तीन बड़े-बड़े महाद्वीपीय प्लेट आ कर मिलते हैं. ये प्लेट हैं –

  1. प्रशांतसागरीय प्लेट
  2. यूरेशियाई प्लेट
  3. भारत-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट

इसके अतिरिक्त एक छोटे प्लेट – फिलिपीन प्लेट – का संगम भी यहीं है. इसका परिणाम यह है कि इस देश में स्थित अनेक ज्वालामुखी पर्वत फटने की ओर उन्मुख रहते हैं. पिछले वर्ष और 2018 में भी बाली के पर्वत अगुंग (Mt Agung) में भी एक विस्फोट हुआ था. विदित हो कि इंडोनेशिया में मोटे तौर से 400 ज्वालामुखी पर्वत हैं जिनमें 127 अभी सक्रिय हैं. इस प्रकार विश्व की सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक तिहाई इसी देश में है.

अग्नि मुद्रिका (Ring of Fire) क्या है?

अग्नि मुद्रिका प्रशांत महासागर में एक क्षेत्र है जहाँ 450 ज्वालामुखी पर्वत हैं. विश्व के सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी पर्वतों में से ये तीन इसी क्षेत्र से हैं –

  1. माउंट सेंट. हेलेंस (अमेरिका)
  2. माउंट फूजी (जापान)
  3. माउंट पिनाटुबो (फिलीपींस)

अग्निमुद्रिका को कभी-कभी प्रशांत-चतुर्दिक पट्टी (circum-Pacific belt) भी कहते हैं. विश्व में होने वाले 90% भूकंप अग्नि मुद्रिका में ही होते हैं. विश्व के सर्वाधिक बड़े भूकम्पों में 80% इसी क्षेत्र में होते हैं. अग्निमुद्रिका की

आकृति घोड़े के नाल के सदृश्य है. यह चार लाख किलोमीटर लम्बी है और यह न्यूज़ीलैण्ड से आरम्भ होकर एशिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के तटों को पार करते हुए चीली तक जा पहुँचती है.

अग्नि मुद्रिका कैसे बना?

अग्निमुद्रिका महासागरीय टेक्टोनिक प्लेटों के हल्के महाद्वीपीय प्लेटों के नीचे चले जाने के कारण बना है. जिस क्षेत्र में ये टेक्टोनिक प्लेट मिलते हैं, उसको सबडक्शन क्षेत्र (subduction zone) कहते हैं.

रिंग ऑफ़ फायर भूकम्प क्यों लाती है?

  • विश्व के सबसे गहरे भूकम्प सबडक्शन क्षत्र में ही होते हैं क्योंकि यहाँ टेक्टोनिक प्लेट एक-दूसरे से टकराते हैं और अग्नि-मुद्रिका वह स्थान है जहाँ विश्व के सबसे सबडक्शन क्षेत्र केन्द्रीय हैं.
  • जब पृथ्वी के पिघले हुए अंदरूनी भाग से ऊर्जा मुक्त होती है तो वह टेक्टोनिक प्लेटों को ऊपर ढकेलती है और वे एक-दूसरे से टकराते हुए घर्षण उत्पन्न करते हैं. इस घर्षण के चलते ऊर्जा जमा होती है और जब यह ऊर्जा अंततः मुक्त होती है तो भूकम्प होता है. यह घटना जब समुद्र में होती है तो विनाशकारी सुनामी होते हैं.
  • टेक्टोनिक प्लेट सामान्यतः प्रत्येक वर्ष औसतन कुछ सेंटीमीटर आगे बढ़ते हैं, किन्तु जब भूकम्प आता है तो उनकी गति अत्यंत बढ़ जाती है और फलतः ये प्रति सेकंड कई मीटर बढ़ जाते हैं.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Asbestos in Baby Powder

संदर्भ

अमेरिका की 12 हजार से अधिक स्त्रियों ने जॉनसन एंड जॉनसन नामक कम्पनी पर इस दावे के साथ मुकदमा किया है कि उसके द्वारा निर्मित टेलकम पाउडर के चलते उन्हें गर्भाशय का कैंसर हो गया. राइटर्स द्वारा हाल में की गई जाँच में दावा किया गया है कि इस टेलकम पाउडर में कैंसर-कारक एसबेस्टस के कण मिले हैं जिससे यह पाउडर विषाक्त हो गया है और जो स्त्रियाँ इनका प्रयोग करती हैं उनके जीवन पर खतरा उत्पन्न हो गया है.

टॉल्क (talc) क्या है?

टॉल्क खनन की गई क्ले मिट्टी में पाया जाने वाला एक खनिज है. यह खनिज मनुष्य की जानकारी में सबसे कोमल खनिज होता है. इसलिए इसका कई उपभोक्ता एवं औद्योगिक उत्पादनों में व्यापक रूप से प्रयोग होता है.

भूमितल के अंदर एसबेस्टस भी होता है जो बहुधा टॉल्क में आंशिक रूप से मिल जाता है. इस कारण टॉल्क भी प्रदूषित भी हो जाता है.

एसबेस्टस क्या है?

एसबेस्टस छह प्रकार के सिलिकेट खनिजों के एक समूह को कहते हैं जो प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होते हैं. इन सभी खनिजों में एक समानता है कि इनमें लम्बे (लगभग 1:20) और पतले एवं रेशेदार क्रिस्टल होते हैं और इनमें दिख पड़ने वाले रेशे के अंदर लाखों “फिब्रिल (fibrils)” होते हैं जिनको एक सूक्षमदर्शी यंत्र से ही देखा जा सकता है. रगड़ खाने से अथवा अन्य प्रक्रियाओं से यह फिब्रिल एसबेस्टस से निकलकर बाहर आ जाते हैं और जीवों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं.

एसबेस्टस के कई रंग होते हैं और इन रंगों के आधार पर ही इन्हें नीला एसबेस्टस, भूरा एसबेस्टस, उजला एसबेस्टस और हरा एसबेस्टस कहते हैं.

एसबेस्टस के उपयोग

  • एसबेस्टस अपने भौतिक गुणों के कारण उत्पादकों एवं भवन निर्माताओं द्वारा प्रयोग में लाया जाता है. एस्बेस्टस के कुछ गुण ये हैं – ध्वनि का अवशोषण, औसत तन्य-शक्ति, सस्तापन तथा आग, गर्मी और बिजली के प्रति रोधकता. इसका उपयोग बिजली इन्सुलेटर के रूप में हॉटप्लेटों और मकानों में होता है.
  • जब एसबेस्टस का प्रयोग आग या गर्मी के रोधक के रूप में होता है तो इसके रेशों में बहुधा सीमेंट मिला दिया जाता है या उनको कपड़ों अथवा चटाइयों में बुन दिया जाता है.

एसबेस्टस का स्वास्थ्य पर प्रभाव

एसबेस्टस के रेशे को साँस में लेने से जो प्राणघातक रोग हो सकते हैं, वे हैं – फेफड़े का कैंसर, मैसोथेलियोमा, एसबेस्टोसिस (न्यूमोकोनियोसिस का एक भेद).


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Eklavya Model Residential Schools

संदर्भ

संविधान की धारा 275 (1) के अंतर्गत अनुदान के माध्यम से निधि का प्रावधान करते हुए राज्यों एवं केंद्र-शासित क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी छात्रों हेतु एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाते हैं.

2018-19 के बजट में यह प्रस्ताव है कि वर्ष 2022 तक 50% से अधिक जनजातीय जनसंख्या वाले प्रखंड जहाँ कम से कम 20,000 आदिवासी रहते हों, में एक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित किया जायेगा. ज्ञातव्य है कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना 1998 में शुरू की गई थी और ऐसा प्रथम विद्यालय महाराष्ट्र में वर्ष 2000 में शुरू किया गया था.

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना क्या है?

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके अंतर्गत पूरे भारत में अनुसूचित जनजातियों के लिए आदर्श आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाता है.

योजना के उद्देश्य

  • इस विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों का शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रासंगिक विकास करना.
  • इन विद्यालयों की छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को विशेष रूप से शैक्षणिक सहायता पहुँचाना जिससे कि उनकी विशेष आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.
  • इन विद्यालयों के कर्मचारियों को उचित मुआवजा देना और इनमें उपलब्ध सुविधाओं का सरकार द्वारा वार्षिक व्यय उठाना.
  • छात्रों की शैक्षणिक, भौतिक, पर्यावरण से सम्बंधित एवं सांस्कृतिक आवश्यकताओं के लिए अवसंरचना के निर्माण हेतु सहायता पहुँचाना.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : IMPRESS scheme has been launched to promote Social Science Research in the country

संदर्भ

2022 तक शिक्षा से सम्बंधित अवसंरचना एवं प्रणालियों में फिर से प्राण फूकने के लिए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि अब से उच्चतर शिक्षा वित्त एजेंसी (Higher Education Financing Agency – HEFA) के माध्यम से वित्त-पोषित किये जाने वाले संस्थानों की परिधि बढ़ाते हुए उनमें उच्चतर शिक्षा संस्थानों के अतिरिक्त स्कूल शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा के संस्थान भी सम्मिलित किये जाएँगे.

ज्ञातव्य है कि अगस्त 2018 में भारत सरकार ने समाज विज्ञानों में प्रभावशाली नीति-अनुसंधान “Impactful Policy Research in Social Sciences – IMPRESS”  नामक योजना स्वीकृत की थी तथा इस योजना को 31.03.2021 तक कार्यान्वित करने के लिए 414 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया था.

IMPRESS योजना क्या है?

  • IMPRESS का full-form है – “Impactful Policy Research in Social Sciences”.
  • इसके अन्दर सामाजिक विज्ञानों से सम्बंधित उन अनुसंधान प्रस्तावों के लिए धनराशि दी जाती है जिनका प्रशासन एवं समाज पर अधिक से अधिक प्रभाव पड़ सकता है.
  • यह योजना देश के किसी भी संस्थान के समाज विज्ञान अनुसंधानकर्ताओं को अनुसन्धान करने का अवसर देती है. यह योजना सभी विश्वविद्यालयों (केन्द्रीय अथवा राज्य के) तथा ऐसे कुछ निजी संस्थानों के लिए है जो आवश्यक अर्हता को पूरा करते हैं.
  • इस योजना में जिन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है वे हैं – राज्य एवं लोकतंत्र, शहरी रूपांतरण, मीडिया, संस्कृति, समाज, रोजगार, कौशल और ग्रामीण रूपांतरण, प्रशासन, नवाचार, लोक नीति, समष्टिगत व्यापार एवं आर्थिक नीति, सोशल मीडिया एवं प्रौद्योगिकी.
  • IMPRESS योजना के अन्दर उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों को समाज विज्ञान में शोध करने के लिए 2 साल के लिए 1,500 शोध परियोजनाएँ दी जाएँगी.
  • IMPRESS योजना का कार्यान्वयन भारतीय समाज विज्ञान एवं अनुसन्धान परिषद् (Indian Council of Social Science and Research – ICSSR) करती है.
  • इस योजना का कार्यान्वयन मार्च 2021 तक चलेगा.

ICSSR क्या है?

इसकी स्थापना 1969 में भारत सरकार ने देश में समाज विज्ञानों में अनुसन्धान को बढ़ावा देने के लिए की थी.

HEFA क्या है?

  • HEFA का पूरा नाम Higher Education Financing Agency है.
  • यह भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग और कैनरा बैंक का एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें भारत सरकार का शेयर 91% और बैंक का 9% है.
  • इसका काम भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में “RISING 2022” कार्यक्रम के अंतर्गत पूँजीगत और आस्तियों (assets) के निर्माण के लिए वित्त मुहैया करना है.
  • यह एजेंसी कम्पनी अधिनियम 2013 के अनुभाग 8 (लाभ-रहित) के अंतर्गत भारत सरकार की एक कंपनी के रूप में पंजीकृत है तथा साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक में यह जमा नहीं लेने वाली कम्पनी अर्थात् नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कम्पनी – NBFC-ND-Type II घोषित है.

Prelims Vishesh

10 monuments adopted under the ‘Adopt A Heritage’ project :-

हाल ही में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण तथा राज्य-केन्द्रीय शाषित क्षेत्र की सरकारों के संयुक्त प्रयास से एक योजना का अनावरण किया गया जिसका नाम है “एक धरोहर अपनाओ : अपनी धरोहर अपनी पहचान“.

क्रम-संख्या स्मारक का नाम राज्य
1. लाल किला दिल्ली
 
2. गंडीकोटा किला आंध्र प्रदेश
 
3. गंगोत्री मंदिर क्षेत्र एवं गोमुख पथ उत्तराखंड
4. माउंट स्टोक कांगड़ी ट्रेक, लद्दाख जम्मू एवं कश्मीर
 
5. जंतर मंतर दिल्ली
6. सूरजकुंड हरियाणा
7. क़ुतुब मीनार दिल्ली
8. अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र
9. लेह राजभवन जम्मू एवं कश्मीर
10. हम्पी (हजारा राम मंदिर) कर्नाटक

Georgia’s first female president sworn in :-

Zurabishvili_georgia

  • जॉर्जिया में पहली बार एक महिला राष्ट्रपति बनी है जिसका नाम सलोम जुराबिशविली (Salome Zurabishvili) है.
  • विदित हो कि इस देश में राष्ट्रपति का पद शक्तिहीन होता है और मुख्य रूप से शोभा के लिए (ceremonial) होता है.

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