Sansar डेली करंट अफेयर्स, 18 August 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 18 August 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : South China Sea

संदर्भ

हाल ही में दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना ने वियतनाम पीपुल्स नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास किया. द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा साझा किये गये रिश्ते को दृढ़ता से आगे ले जाना है. भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस रणविजय और आईएनएस कोरा ने इस अभ्यास में भाग लिया जबकि वियतनाम से, फ्रिगेट VPNS Ly Thai To (HQ-012) ने भाग लिया.

अभ्यास का उद्देश्य

यह द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास दोनों नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था. यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है.

समुद्री चरण में सतही युद्ध अभ्यास, हेलीकॉप्टर संचालन और हथियार फायरिंग अभ्यास शामिल थे.

भारत और वियतनाम के मध्य रक्षा संबंध

दोनों नौसेनाओं के मध्य नियमित द्विपक्षीय इंटरेक्शन ने उनकी अंतरसंचालनीयता (interoperability) और अनुकूलन क्षमता (adaptability) को बढ़ाया है. दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध दृढ रहे हैं. दोनों देशों ने गत कुछ सालों में दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग को भी मजबूत किया है.

आईएनएस रणविजय (INS Ranvijay)

आईएनएस रणविजय एक निर्देशित मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. यह राजपूत वर्ग का नवीनतम आईएनएस है. इसे 21 दिसंबर, 1987 को कमीशन किया गया था. यह कई हथियारों और सेंसर से लैस है जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, हवा में मार करने वाली मिसाइल और बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और भारी वजन वाले टॉरपीडो सम्मिलित हैं. यह कामोव 28 नामक पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर ले जाने में भी सक्षम है.

आईएनएस कोरा (INS Kora)

आईएनएस कोरा कोरा क्लास मिसाइल कार्वेट का प्रमुख जहाज है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ हवा में मार करने वाली तोपों से भी लैस है.

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दक्षिणी चीन सागर विवाद क्या है?

  • मूल विवाद दक्षिणी चीन सागर में स्थित दो द्वीप समूहों को लेकर है जिनका नामस्प्रैटली द्वीप और पार्सल है. ये दोनों द्वीपसमूह वियतनाम और फिलिपिन्स के बीच पड़ते हैं.
  • चीन इन दोनों पर अपना दावा करता है. दूसरी ओर चीन के इस दावे का विरोध फिलिपिन्स, वियेतनाम, मलेशिया और ताईवान की ओर से हो रहा है. ब्रूनेई को भी इसमें आपत्ति है.
  • फिलीपींस द्वारा मामले को2013 में न्यायालय में लाया गया था, जो स्कारबोरो शोल पर केंद्रित था. हालाँकि बीजिंग के द्वारा कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया गया.
  • द हेग, नीदरलैंड स्थित स्थाई मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) ने फैसला दिया था कि दक्षिण चीन सागर पर ऐतिहासिक अधिकार के चीन के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है.

मध्यस्थता पैनल ने क्या निर्णय दिया?

  • हेग स्थित न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सागर में तथाकथित“nine-dash line” का चीन का दावा व्यापक आर्थिक हितों के साथ सागरीय विधि पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nation Convention on the Laws of the Sea – UNCLOS) का उल्लंघन था.
  • अत्यधिक मत्स्यन और कृत्रिम द्वीपों के विकास के कारण न्यायालय नेस्प्रैटली आइलैंड जोकि एक विवादास्पद द्वीप समूह है, में पारिस्थितिकी तंत्र के कुछ हिस्सों को क्षति पहुँचाने के लिए चीन की खिंचाई की.
  • न्यायालय ने यह भी कहा कि चीन ने फिलीपींस के संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन किया.
  • यह भी कहा कि चीन के द्वारा कृत्रिम द्वीपों का निर्माणकोरल रीफ पर्यावरण को गंभीर क्षति” का कारण है.

नाइन-डैश लाइन क्या है?

नाइन-डैश लाइन दक्षिणी हैनात द्वीप के दक्षिण और पूर्व में सैकड़ों किलीमीटर में फैला क्षेत्र है जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पार्मेल और स्प्रैटली द्वीप श्रृंखला को कवर करता है. चीन ने अपने दावे की पुष्टि हेतु 2000 वर्षों के इतिहास का हवाला दिया जिसमें इन दो द्वीप श्रृंखलाओं को इसके अभिन्न हिस्से के रूप में माना गया था.

PCA के निर्णय पर चीन की प्रतिक्रिया

  • चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर पर एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णय को “अकृत और शून्य” कहकर खारिज कर दिया गया और किसी भी “बाध्यकारी तत्व” से रहित बताया गया.
  • चीन दक्षिण चीन सागर में एक सैन्य वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) स्थापित करने पर विचार कर रहा है. ADIZ बनाये जाने से इसके ऊपर से उड़ने बाले विमानों को पहले चीन को सूचित करना होगा.
  • कई चीनी विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि यह पूरा प्रकरण चीन को घेरने के उद्देश्य से अमेरिका के “पिवोट एशिया” अथवा चुनःसंतुलन रणनीति को लागू करने के लिए निर्मित किया गया छद्म आवरण है.

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने इसे मान्यता प्रदान करते हुए स्पष्ट कर दिया कि न्यायाधिकरण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन (UNCLOS) के क्षेत्राधिकार के भीतर गठन किया गया है इसलिए इसके निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए.

दक्षिण चीन सागर इतना महत्त्वपूर्ण क्यों?

  • दक्षिणी चीन सागर एक व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग, वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार की मुख्य धमनियों में से एक है.
  • लगभग $5 ट्रिलियन मूल्य का विश्व व्यापार जहाज़ों के द्वारा प्रतिवर्ष दक्षिण चीन सागर से होता है.
  • दक्षिणी चीन सागर कई अपतटीय तेल और गैस ब्लॉक के साथ संसाधनों से भी समृद्ध है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : National Mission on edible oils-oil Palm

संदर्भ

राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ताड़ के तेल (पाम ऑयल) के लिए एक नए मिशन की शुरूआत को मंजूरी दी गई है जिसका नाम राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) है.

 राष्ट्रीय खाद्य तेल-पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) के प्रमुख बिंदु

  • योजना के कुल 11,040 करोड़ रुपए के खर्च में से केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रु. वहन करेगी, वहीं 2,196 करोड़ रु. राज्यों को वहन करना होगा.
  • इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2026 तक पाम ऑयल का रकबा 6.5 लाख हेक्टेयर बढ़ाने का लक्ष्य है.
  • सरकार के अनुसार इस योजना से पाम ऑयल उत्पादक किसानों को अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा, पूंजी निवेश में वृद्धि होगी, रोजगार सृजन होगा, आयात पर निर्भरता कम होगी तथा किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
  • आज की तिथि में जहाँ पाम ऑयल के ताजे फलों के गुच्छे (एफएफबी) की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में उतार-चढ़ाव के आधार पर तय होती हैं. केंद्र सरकार ने मिशन के अंतर्गत एफएफबी के लिए व्यवहार्यता मूल्य का आश्वासन दिया है.
  • फार्मूला मूल्य (एफपी) भी निर्धारित किया जाएगा जिसके तहत क्रेता-विक्रेता अग्रिम रूप से कीमतों पर सहमत होंगे. यह कच्चे पाम ऑयल का 14.3% होगा.

पाम ऑयल ही क्‍यों?

पाम ऑयल की पैदावार की क्षमता के मद्देनजर वर्ष 2020 में भारतीय तेल ताड़ अनुसंधान संस्थान (ICAR-Indian Institute Of Oil Palm Research) ने पाम ऑयल की खेती के लिए विश्लेषण कर 28 लाख हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती के बारे में विचार बताए थे. दरअसल, ताड़ के पौधे लगाने की अपार क्षमता विद्यमान है, जिसके आधार पर कच्चे ताड़ के तेल की पैदावार में बढ़ोतरी की जा सकती है. वर्तमान समय में ताड़ की खेती के तहत मात्र 3.70 लाख हेक्टेयर का रकबा ही आता है. अन्य तिलहनों की तुलना में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ताड़ के तेल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 10 से 46 गुना अधिक होता है. इसके अतिरिक्त एक हेक्टेयर की फसल से करीब चार टन तेल निकलता है. इस प्रकार, इसकी खेती में अपार संभावनाएं हैं. अभी कच्चे पाम के तेल अधिकांशत: आयात किया जाता है. इसी के चलते नई योजना के प्रस्ताव को स्वीक्रति दी गई है. इससे देश में ताड़ की खेती का रकबा व पैदावार बढ़ाई जा सकेगी.

पाम ऑयल से सम्बंधित अन्य मामले जो इस साल सुर्ख़ियों में रहे थे

  • मलेशिया, 2020-21 में भारत के लिए पाम ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है.
  • ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व इंडोनेशिया, भारत के लिए पाम ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक था.
  • इंडोनेशिया (शीर्ष उत्पादक) और मलेशिया विश्व के पाम ऑयल का 85% उत्पादन करते हैं.
  • भारत पाम ऑयल का विश्य का सबसे बड़ा आयातक है.
  • भारत के खाद्य तेल के कुल आयात में पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग दो-तिहाई है.
  • पाम ऑयल का उत्पादन, पाम ऑयल वृक्ष के फल “एलायस गाइनेंसिस” (Elaeis guineensis) से होता है.
  • इसमें बीटा कैरोटीन की उच्च मात्रा होती है. इसका उपयोग खाना पकाने के तेल के रूप में तथा मार्जरीन (margarine) बनाने के लिए किया है जाता है. यह विभिन्‍न प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का एक घटक भी है.

पृष्ठभूमि

भारत सरकार ने पिछले वर्ष कच्चे पाम तेल (crude palm oil – CPO) और प्रसंस्कृत, श्वेतिकृत एवं निर्गंधीकृत (refined, bleached and deodorised (RBD) palm oil) पाम तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को घटा दिया है और साथ ही RBD तेल को आयात सूची में “निःशुल्क की श्रेणी” से निकालकर “प्रतिबंधित श्रेणी” में डाल दिया था.

माना जा रहा है कि भारत सरकार ने यह कार्रवाई मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर बिन मुहम्मद के उस बयान की प्रतिक्रियास्वरूप की है जिसमें भारत के जम्मू-कश्मीर और नागरिकता से सम्बंधित अधिनियमों की आलोचना की गई थी.

स्मरण रहे कि मलेशिया 2017 से इस्लामी उपदेशक जाकिर नायक को शरण दिए हुए है, जिसपर मनी लौन्डरिंग, घृणा भाषण, आतंकियों से सम्बन्ध आदि आरोप हैं और जिसे भारत सरकार कार्रवाई के लिए भारत में लाना चाहती है.

क्यों और कैसे यह निर्णय मलेशिया को प्रभावित करेगा?

  • इंडोनेशिया और मलेशिया मिलकर विश्व का 85% पाम तेल उत्पन्न करते हैं और भारत पाम तेल के सबसे बड़े क्रेताओं में से एक है.
  • मलेशिया जितना पाम तेल उत्पन्न करता है, उतना ही पाम तेल वह प्रसंस्कृत भी कर लेता है. इसलिए मलेशिया प्रसंस्कृत पाम तेल का निर्यात करने के लिए तत्पर रहता है. दूसरी ओर, इंडोनेशिया के पास प्रसंस्करण की क्षमता कम है, अतः वह केवल कच्चा पाम तेल ही भारत को भेज सकता है.
  • भारत ने 2019 में मलेशिया से पाम तेल का आयात कम कर दिया था और मलेशिया में उत्पन्न कच्चे पाम तेल का मात्र 23% ही ख़रीदा था. इस कारण मलेशिया के पाम तेल का फ्यूचर जनवरी 10 और जनवरी 17 के बीच 10% गिर गया था. यदि भारत प्रसंस्कृत तेल के आयत के लिए लाइसेंस निर्गत नहीं करेगा तो मलेशिया को अपने उत्पाद के लिए लिए नए क्रेताओं को ढूँढना पड़ जाएगा.

भारत पर इस कदम का प्रभाव

भारत में लोग पाम तेल का व्यवहार नहीं करते हैं. यहाँ कच्चा पाम तेल आयात से आता है. अतः प्रसंस्कृत पाम तेल का आयात घटाने से भारत की खाद्य मुद्रा स्फीति पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा.

भारत को इतना पाम तेल क्यों चाहिए?

  • पाम तेल ऐसा प्राकृतिक रूप से उपलब्ध तेल है जो सबसे सस्ता पड़ता है.
  • पाम तेल लगभग स्वादरहित होता है इसलिए इसका बेक की गई सामग्रियों से लेकर तले हुए स्नैक आदि में सरलता से प्रयोग किया जाता है.
  • पाम तेल ऊचे तापमान पर भी अपेक्षाकृत स्थिर रहता है और इसलिए दुबारा उपयोग और गहन तड़के (deep frying) के लिए उपयुक्त होता है.
  • हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल का मुख्य अवयव पाम तेल ही होता है.

यह भी पढ़ें – भारत-मलेशिया पाम तेल कूटनीति


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Separation of powers between various organs dispute redressal mechanisms and institutions.

Topic : PM Cares Fund

संदर्भ

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से उस याचिका पर जवाब देने को कहा है जिसमें संविधान के तहत आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स) को एक “राज्य” घोषित करने की मांग की गई है. याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय इस निर्णय पर पहुँचा है कि, पीएम केयर्स फंड संविधान के तहत “राज्य” नहीं है. इसलिए, डोमेन नाम “gov”, प्रधानमंत्री की तस्वीर, राज्य के प्रतीक आदि का उपयोग बंद कर देना चाहिए.

पीएम केयर्स फंड क्या है?

  • 28 मार्च, 2020 को किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति जैसे कोविड-19 महामारी से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ बनाया गया था.
  • प्रधानमंत्री, पीएम केअर्स फंड के पदेन अध्यक्ष और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री, भारत सरकार निधि के पदेन न्यासी होते हैं.

संविधान के तहत राज्य की परिभाषा

  • उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत “राज्य” को परिभाषित किया गया है.
  • यह परिभाषा भाग 3 एवं 4 के लिए लागू हैं.
  • इसमें शामिल निकायों के कार्यों को अदालतों में मूल अधिकारों के हनन के आधार पर चुनौती दी जा सकती है.
  • इसके अनुसार राज्य में निम्नलिखित अवयव शामिल हैं
  1. कार्यकारी, विधायी अंगों को संघीय सरकार में क्रियान्वित करने वाली सरकार और भारत की संसद.
  2. राज्य सरकार के विधायी अंगों को प्रभावी करने वाली सरकार और राज्य विधानमंडल
  3. सभी स्थानीय निकाय अर्थात नगरपालिकाएं, पंचायत, जिला बोर्ड सुधार न्यास आदि.
  4. अन्य सभी निकाय यानी वैधानिक या गैर-वैधानिक प्राधिकरण, जैसे- LIC, ONGC, विश्वविद्यालय आदि.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Inclusive growth and issues arising from it.

Topic : Financial Inclusion Index

संदर्भ

भारतीय रिजर्व बैंक के पहले समग्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-इंडेक्स) के अनुसार, देश की जनसंख्या का एक बड़ा भाग अभी भी वित्तीय मुख्य धारा से बाहर है.

वित्तीय समावेशन सूचकांक क्या है?

  • यह इंडेक्स 0 और 100 की सीमा में एक ही मूल्य में वित्तीय समावेशन के विभिन्‍न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करता है. 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्करण (Financial Exclusion) को इंगित करता है जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन (Complete Financial Inclusion) को इंगित करता है.
  • मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए इंडेक्स 53.9% रहा जबकि मार्च 2017 में 43.4% था.
  • एफआई-इंडेक्स को सरकार और क्षेत्रीय नियामकों के परामर्श से बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ-साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को सम्मिलित करते हुए एक व्यापक सूचकांक के रूप में संकल्पित किया गया है.
  • एफआई-इंडेक्स में तीन व्यापक मापदंड शामिल हैं, ये हैं- पहुँच (35% भार), उपयोग (45%) और गुणवत्ता (20%). इनमें से प्रत्येक मापदंड में विभिन्‍न आयाम शामिल हैं, जिनकी गणना विभिन्‍न संकेतकों के आधार पर की जाती है.
  • सूचकांक का निर्माण बिना किसी “आधार वर्ष” के किया गया है और सभी हितधारकों के संचयी प्रयासों को दर्शाता है.
  • यह हर साल जुलाई में प्रकाशित होता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

नई भुगतान प्रणालियों के साथ मोबाइल फोन के प्रसार के साथ-साथ डिजिटल पहचान (आधार) ने पहुँच और उपयोग की पहली दो चुनौतियों का बहुत हद तक समाधान किया है. “तीसरी चुनौती” अर्थात् गुणवत्ता के लिए मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों के हस्तक्षेप की जरूरत है. प्रधानमंत्री जन-धन योजना खाते खोलने से लाखों लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्राप्त हुई है. इसने आपूर्ति पक्ष के मुद्दे को बहुत हद तक संबोधित किया है. प्रधानमंत्री जन-धन योजना के लागू होने के छह साल पश्चात्, जन धन योजना के तहत खोले गए खातों की कुल संख्या 41.4 करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें पिछले साल 2 दिसंबर तक जमा राशि 1.30 लाख करोड़ रुपये थी. लगभग 2/3 खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में चालू हैं.


Prelims Vishesh

Wanchuwa festival and Tiwa tribe :-

  • वांचुवा त्यौहार, तिवा आदिवासियों द्वारा अच्छी फसल होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
  • इस त्यौहार पर समुदाय के लोग अपना पारम्परिक परिधान धारण करते है और नृत्य, गान और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है.
  • तिवा जनजाति के लोग भरपूर फसल के लिए प्रकृति की महान् शक्ति की कृपा मानते हैं. ये लोग सूअरों की खोपड़ी और हड्डियों को देवी- देवताओं के रूप में स्थापित करते हैं और मानते हैं कि ये कई पीढ़ियों तक इनकी सुरक्षा करेंगे.
  • तिवा जनजाति को ‘लालुंग’ के नाम से भी जाना जाता है, और यह असम तथा मेघालय राज्यों में रहने वाला स्वदेशी समुदाय है. इसकी कुछ जनसंख्या अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के कुछ भागों में भी पाई जाती है.

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