Sansar डेली करंट अफेयर्स, 17 June 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 17 June 2020


GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Salient features of indian society and diversity

Topic : Axone

संदर्भ

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर के मानवविज्ञानी (Melbourne Anthropologist) ने पूर्वोत्तर भारत में खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग किये जाने वाले एक्सोन (Axone) की प्रासंगिकता के विषय में बताया गया है.

एक्सोन क्या है?

  • एक्सोन को पूर्वोत्तर भारत के  अलग-अलग भागों में कई आदिवासी समुदायों द्वारा अलग-अलग नामों से पकाया, खाया और जाना जाता है.
  • एक्सन को किण्वित सोयाबीन (Fermented Soyabean) के रूप में भी जाना जाता है. 
  • नगालैंड के कुछ भागों में इसे एक्सोन के नाम से जाना जाता है. इस किण्वित भोज्य पदार्थ को अकुनि (Akhuni) के नाम से भी जाना जाता है.
  • इसकी प्रमुख विशेषता इसकी  विशिष्ट गंध (Distinctive Smell) है, जिसे आदिवासी पहचान एवं संस्कृति के साथ जोड़कर देखा जाता है.
  • इसका प्रयोग पूर्वी हिमालय क्षेत्र में किया जाता है.
  • इसका प्रयोग मेघालय, मिज़ोरम, सिक्किम, मणिपुर के साथ-साथ अन्य दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशियाई देशों में अलग- अलग नामों के साथ किया जाता हैं. जिनमें नेपाल, भूटान, जापान, कोरिया, चीन, म्यांमार, वियतनाम एवं इंडोनेशिया इत्यादि देश सम्मिलित हैं .

एक्सोन का प्रयोग

  • एक्सोन का उपयोग अचार और चटनी निर्मित करने के साथ-साथ सूअर के मांस, मछली, चिकन, बीफ इत्यादि की करी को स्वादिष्ट बनाने हेतु किया जाता है.
  • इसका प्रयोग माँसाहारी के साथ-साथ शाकाहारी खाद्य पदार्थों में भी एक विशिष्ट स्वाद उत्पन्न करता है.
  • एक्सोन का स्वाद जापानी मिसो जो कि जापानी रेस्तरां में प्रयोग किये जाना वाला एक खाद्य पदार्थ है, से काफी समानता रखता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

एक-दूसरे की संस्कृत्ति के साथ घुलते-मिलते, उठते-बैठते भारत में जो संस्कृत्ति विकसित हुई उसे ही भारत के संविधान में सामासिक संस्कृति कहते हैं और आमबोल चाल की भाषा में गंगा-जमुनी तहज़ीब. संस्कृति को जानने समझने की इस तह़ज़ीब में अगर किसी समुदाय को बहुत कम समझा-बूझा गया तो वह है आदिवासी समुदाय और पूर्वोत्तर भारत का समुदाय. हालांकि नार्थ-इस्ट के समुदाय में भी बहुत सारी विविधताएं सुनने को मिलती है इसलिए उनकी पूरी संस्कृति को दो शब्दों के पदबंधों में बांटना उचित नहीं होगा. कौन जानता था कि समोसा, लिट्टी, चाट और पकौड़े को अपना स्टीट्र फूड मानने वाला भारत का हर समुदाय इडली, डोसा ही नहीं मोमोज, बर्गर-पीजा, पास्ता और नूल्ड्स को इस तरह से स्वीकार कर लेगा. आज यह कोई नहीं कहता यह दक्षिण भारतीय व्यंजन है या नार्थइस्ट का खाद्य पदार्थ है. सभी इसे भारतीय व्यजंन के नाम से जानते है और बड़े चाव से खाते हैं. इस बात की आवश्यकता है कि हम सभी को एक दूसरे के सांस्कृतिक एवं अन्य परम्पराओं का सम्मान करना चाहिये  ताकि इस विविधतापूर्ण संस्कृति को संरक्षित किया जा सके एवं एक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को साकारित किया जा सके.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : SIPRI report on India China Nuclear weapons

संदर्भ

स्वीडन के थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने एक प्रतिवेदन जारी किया है जिसमें उन देशों का जिक्र है, जिनके पास आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियार हैं.

SIPRI Report 2020 के मुख्य तथ्य

  1. दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 90% हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है. अमेरिका और रूस अपने परमाणु आयुध धीरे-धीरे घटा रहे हैं और वे अपनी क्षमताओं का आधुनिकीकरण कर रहे हैं.
  2. अन्य परमाणु संपन्न देशों के पास कम हथियार हैं लेकिन उन्होंने नये परमाणु हथियारों पर काम करना शुरू किया है या ऐसा करने की मंशा की घोषणा की है.
  3. वर्तमान समय में चीन के पास 320 और पाकिस्तान के पास 160 परमाणु हथियार हैं. भारत के पास 150 परमाणु हथियार हैं.
  4. पिछले साल भी पाकिस्तान परमाणु हथियारों के मामलों में भारत से आगे था. बताया जाता है कि भारत के पास 90-110 परमाणु हथियार थे जबकि पाकिस्तान के पास 100-120 परमाणु हथियार थे.
  5. 2010 से 2019 के बीच हथियारों की खरीद-फरोख्त 5.5 प्रतिशत बढ़ा है.
  6. 2018 में सैन्य सुविधाओं पर करीब 1917 बिलियन डॉलर (145 लाख करोड़ रु.) खर्च हुए थे. यह 10 साल में सबसे ज्यादा खर्च है.
  7. उत्तर अफ्रीकी देशों ने 2019 के मुकाबले इस साल अपनी सैन्य सुविधाओं पर 67%  रकम ज्यादा खर्च की.
  8. सिपरी के अनुसार, 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. कुल मिलाकर इस समय इन देशों के पास 13 हजार 400 परमाणु हथियार (न्यूक्लीयर वॉरहेड्स) मौजूद हैं.
  9. 6 हजार 375 हथियारों के साथ रूस प्रथम स्थान पर है. 30 से 40 हथियारों के साथ उत्तर कोरिया सबसे निचले पायदान पर है.अमेरिका के पास 5 हजार 800, फ्रांस के पास 290, इजराइल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 30 से 40 परमाणु हथियार हैं.

sipri report 2020

SIPRI

  • SIPRI का गठन स्टॉकहोम (स्वीडन की राजधानी) में 1966 में हुई थी.
  • इसका एक कार्यालय बीजिंग, चीन में भी है और पूरी दुनिया में इसे एक सम्मानित थिंक-टैंक के रूप में जाना जाता है.
  • यह एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो युद्ध, हथियार, शस्त्र-नियंत्रण और निरस्त्रीकरण से सम्बंधित अनुसंधान को समर्पित है.
  • यह संस्थान नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, मीडिया और रूचि रखने वाले लोगों को आँकड़े, विश्लेष्ण और सुझाव देता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

SIPRI का यह प्रतिवेदन ऐसे समय आया है, जब चीन और भारत दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से गलवान घाटी, पैंगोंग शो झील के करीब जबरदस्त तनाव चल रहा है. भारत के पास चीन के मुकाबले परमाणु हथियार जरूर कम है लेकिन भारतीय हथियारों की मारक क्षमता अचूक है. भले ही चीन और पाकिस्तान के पास भारत के मुकाबले परमाणु हथियार अधिक हों लेकिन नई दिल्ली अपने आणविक हथियार की क्षमता को लेकर आश्वस्त है. भारतीय रक्षा सूत्रों के अनुसार, परमाणु हथियारों की गिनती से कुछ नहीं होता है. भारत लगातार अपने परमाणु हथियारों को उन्नत बना रहा है. भारत अपने हथियारों को प्रभावकारी, निश्चित और सेंकडों में हमला की मारक क्षमता से लगातार अपडेट कर रहा है.

भारत अग्नि मिसाइलों को लगातार अपडेट कर रहा है. जमीनी शक्ति दृढ करने के लिए भारत तीव्रता से कार्य कर रहा है. 700 किलोमीटर तक मार करने वाले अग्नि-1 से लेकर 5,000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-V मिसाइल तैयार है. यही नहीं, हवा में भारत पड़ोसी देशों को मात देने की रणनीति बना चुका है. लड़ाकू विमान मिराज-2000 और जगुआर को परमाणु बम गिराने की क्षमता से लैस किया जा चुका है. परमाणु हथियारों से लैस भारत की पहली सबमरीन INS अरिहंत 2018 में भी भारतीय नौसेना में सम्मिलित हो चुका है. 3,500 किलोमीटर तक मार करने वाली K-4 सबमरीन बलिस्टिक मिसाइल का दो बार परीक्षण इस साल जनवरी में किया जा चुका है और जल्द ही इसका उत्पादन शुरू हो सकता है. जल्द ही K-4 मिसाइल 750 किलोमीटर तक मार करने वाली K-15 मिसाइल की स्थान ले लेगा.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure- energy.

Topic : Indian Gas Exchange (IGX)

संदर्भ

देश में भारतीय गैस एक्सचेंज (IGX) नामक पहला देशव्यापी ऑनलाइन डिलीवरी-आधारित गैस ट्रेडिंग मंच का आनावरण किया गया.

IGX क्या है और उसके लाभ

  • आईजीएक्स प्राकृतिक गैस के वितरण के लिए एक वितरण-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म होगा.
  • इंडियन गैस एक्सचेंज को भारत के ऊर्जा बाजार प्लेटफॉर्म के पूर्ण स्वामित्व वाले IEX की अनुषंगी के तौर पर शामिल किया गया है.
  • यह प्लेटफ़ॉर्म ग्राहकों को निर्बाध ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करने के लिए पूरी तरह से वेब-आधारित इंटरफ़ेस के साथ स्वचालित है.
  • IGX एक डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म है जिस पर प्राकृतिक गैस के खरीदारों और विक्रेताओं को स्पॉट मार्केट (spot market) तथा फॉरवर्ड मार्केट (forward market) में व्यापार की अनुमति दी जायेगी.
  • आरम्भ में प्राकृतिक गैस के तीन मुख्य केन्द्रों- गुजरात के हजीरा तथा दाहेज एवं आंध्र प्रदेश के काकीनाडा को IGX डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा जायेगा.आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (Liquified Natural Gas- LNG) का पुनः गैसीकरण (Regassified) किया जायेगा और IGX के माध्यम से बेंचा जायेगा.
  • आईजीएक्‍स के माध्यम से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनलों, गैस पाइपलाइनों, सीजीडी अवसंरचना पर विशाल निवेश और बाजार संचालित मूल्य व्‍यवस्‍था के लिए अनुमति के बारे में भारत के दृष्टिकोण को मूर्त रूप दिया जा सकेगा.
  • प्राकृतिक गैस के लिए नया इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विविध स्रोतों से गैस के उत्पादन और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एलएनजी के आयात से लेकर पारदर्शी मूल्य व्‍यवस्‍था तक पूरी ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को पूर्ण करता है.

क्या घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस भी एक्सचेंज में खरीदी और बेची जाएगी?

नहीं. प्राकृतिक रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है. इसे गैस एक्सचेंज पर नहीं बेचा जाएगा.

लाभ

  • इससे राष्ट्र को प्राकृतिक गैस के मुक्त बाजार मूल्य निर्धारण की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद मिलेगी. बाजार संचालित मूल्य निर्धारण प्रणाली होने से इंडिया गैस एक्सचेंज (IGX) गैस के लिए मुक्त बाजार साकार करने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाएगा.
  • यह विविध स्रोतों से गैस के उत्पादन और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एलएनजी के आयात से लेकर पारदर्शी मूल्य व्‍यवस्‍था तक पूरी ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को पूर्ण करेगा.

प्राकृतिक गैस क्या है?

  • प्राकृतिक गैस (Natural gas) कई गैसों का मिश्रण है जिसमें मुख्यतः मिथेन होती है तथा 0-20% तक अन्य उच्च हाइड्रोकार्बन (जैसे इथेन) गैसें होती हैं. प्राकृतिक गैस उपलब्ध जीवाश्म इधनों में सबसे स्वच्छ जीवाश्म ईंधन होती है.
  • प्राकृतिक गैस ईंधन का प्रमुख स्रोत है.
  • यह अन्य जीवाश्म ईंधनों के साथ पायी जाती है. यह करोडों वर्ष पुर्व धरती के अन्दर जमे हुए, मरे हुए, जीवों के सड़े-गले पदार्थ से बनती है. यह गैसीय अवस्था मे पाई जाती है.
  • सामान्यत यह मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिश्रण है, जिसमें मिथेन 80 से 90 % तक पायी जाती है. इसके अतिरिक्त कुछ अशुद्धियाँ भी पायी जाती हैं, जैसे सल्फर, जलवाष्प, आदि.

प्रमुख बिंदु

  • हालांकि IAEA ने सार्वजनिक रूप से इन स्थलों का नाम घोषित नहीं किया, लेकिन यह माना जा रहा है कि ईरान के संवर्द्धित यूरेनियम भंडार की सीमा तय सीमा को पार कर चुकी है.
  • IAEA के अनुसार, ईरान ने वर्ष 2003 में यूरेनियम अयस्क के रूपांतरण और प्रसंस्करण हेतु इन स्थलों का उपयोग किया होगा. 

परमाणु समझौता, 2015

ईरान का ब्रिटेन, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता हुआ था जिसमें ईरान पर लगे प्रतिबंधों में इस शर्त पर कुछ छूट दी गई थी कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाया था.

ज्ञातव्य है कि इस समझौते से अमेरिका निकल चुका है और प्रतिक्रिया में ईरान ने अपनी वचनबद्धताओं को धीरे-धीरे वापस लेने लगा है.

IAEA क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency – IAEA) आणविक विषयों के लिए विश्व की सबसे प्रधान एजेंसी है. इसकी स्थापना 1957 में संयुक्त राष्ट्र के एक अवयव के रूप में परमाणु के शान्तिपूर्ण प्रयोग पर बल देने के लिए की गई थी.
  • इसका उद्देश्य है परमाणु तकनीकों के सुरक्षित, निरापद (secure) एवं शान्तिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना.
  • यह एजेंसी परमाणु के सैनिक उपयोग पर रोक लगाती है.
  • IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद् के प्रति उत्तरदायी होती है.
  • इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियेना शहर में है.

प्रीलिम्स बूस्टर

 

भारत के कतर, ऑस्ट्रेलिया, रूस और अमेरिका जैसे कई देशों के साथ दीर्घकालिक गैस अनुबंध हैं और भारत ने मोजाम्बिक, रूस और अन्य देशों में महत्‍वपूर्ण परिसंपत्तियों में निवेश किया है. देश में गैस अवसंरचना को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्तमान में ऊर्जा गंगा, पूर्वी भारत ग्रिड, पूर्वोत्‍तर में इन्द्रधनुष परियोजना, धमरा-दहेज पाइपलाइन, कोयला गैसीकरण और सीबीएम नीति जैसी विभिन्न परियोजनाएँ पहले से जारी हैं.

वियना स्थित अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने अपनी दो अप्रकाशित रिपोर्टों में ईरान द्वारा चार महीनों से अधिक समय से दो संदिग्ध स्थानों के निरीक्षणों को रोके जाने के बाद गंभीर चिंता व्यक्त की है. 


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation, environmental impact assessment

Topic : Jal Jeevan Mission

संदर्भ

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों को पत्र लिखते हुए कहा है कि कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण लागू किये गए लॉकडाउन के परिणामस्वरूप राज्यों में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत कार्य प्रदान किया जा सकता है.

माहात्म्य

  • जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, इस कार्य के लिये विशेष तौर पर उन कुशल, अकुशल एवं अर्द्ध-कुशल श्रमिकों को नियुक्त किया जा सकता है, जो इससे पूर्व निर्माण क्षेत्र (Construction Sector) में कार्यरत थे.
  • यदि इस व्यवस्था को कार्यान्वित किया जाता है तो यह वर्तमान में बेरोज़गार श्रमिकों को रोज़गार उपलब्ध कराने में मददगार साबित हो सकती है.
  • विभिन्न राज्यों द्वारा किये गए कौशल सर्वेक्षणों में सामने आया है कि लॉकडाउन के प्रभावस्वरूप वापस अपने ग्रह राज्य लौटने वाले अधिकांश प्रवासी श्रमिक निर्माण क्षेत्र से संबंधित हैं. 
  • आँकड़ों के अनुसार, अकेले उत्तर प्रदेश में लौटे कुल 18 लाख प्रवासी श्रमिकों में से 16 लाख निर्माण क्षेत्र से संबंधित हैं.

जल जीवन अभियान क्या है?

  • यह अभियान 2024 तक सभी ग्रामीण और शहरी घरों (हर घर जल) में नलके से पानी पहुँचाने के लिए तैयार किया गया है.
  • जल जीवन अभियान की घोषणा अगस्त, 2019 में हुई थी.
  • इसके अतिरिक्त इस अभियान का उद्देश्य है वर्षा जल संग्रह, भूजल वापसी और घर से निकलने वाले अपशिष्ट जल को खेती में प्रयोग करने से सम्बंधित स्थानीय अवसंरचनाओं का निर्माण करना.
  • जल जीवन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के अनेक कार्य किये जाएँगे, जैसे – पॉइंट रिचार्ज, छोटे सिंचाई जलाशयों से गाद निकालना, अपशिष्ट जल को खेती में डालना और जल स्रोतों को टिकाऊ बनाना.
  • सतत जल आपूर्ति के लक्ष्य को पाने के लिए जल जीवन अभियान में अन्य केन्द्रीय और राज्य योजनाएँ समाहित की जाएँगी.

अभियान के लाभ

  1. घर-घर में नलके द्वारा पानी की आपूर्ति
  2. स्वच्छ एवं पीने योग्य जल
  3. भूजल का स्तर ऊपर लाना
  4. स्थानीय अवसंरचना को बेहतर बनाना
  5. जल से होने वाले रोगों में कमी
  6. जल की बर्बादी में कमी

मेरी राय – मेंस के लिए

 

भारत में विश्व की 16% जनसंख्या रहती है, परन्तु मृदु जल के स्रोत यहाँ 4% ही है. भूजल का स्तर घटता जा रहा है. पानी का अत्यधिक दोहन हो रहा है, पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है, जलवायु परिवर्तन देखा जा रहा है.

इन सब कारणों से पेय जल की उपलब्धता एक समस्या बनी हुई है. आज आवश्यकता है कि देश में तुरंत जल संरक्षण किया जाए, विशेषकर इसलिए कि भूजल का स्तर गिरता जा रहा है. अतः जल जीवन अभियान में मुख्य ध्यान स्थाई स्तर पर पानी की माँग और आपूर्ति का समेकित प्रबंधन करने पर दिया जाएगा.


Prelims Vishesh

AarogyaPath :-

  • पिछले दिनों सरकार ने एक पोर्टल का आरम्भ किया जिसका नाम आरोग्य पथ अथवा CSIR राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल आपूर्ति शृंखला पोर्टल है.
  • इस पोर्टल से स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी महत्त्वपूर्ण आपूर्तियों की क्षण-प्रतिक्षण उपलब्धता की जानकारी मिल सकेगी. इसका उद्देश्य COVID-19 महामारी से कुशलतापूर्वक निपटने में निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों को सहायता पहुँचाना है.

Captain Arjun :

रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों और असामाजिक तत्त्वों पर निगरानी रखने के लिए रेलवे सुरक्षा बल, पुणे ने कैप्टन अर्जुन नामक एक रोबोट बनाया है जिसमें मोशन सेंसर, PTZ कैमरा और डोम कैमरा लगे हुए हैं जो सभी कृत्रिम बुद्धि के प्रयोग से चलते हैं.

PK Mohanty panel :

  • निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व से जुड़े मार्गनिर्देशों की समीक्षा के लिए RBI ने एक विशेषज्ञ दल गठित किया है जिसके अध्यक्ष PK मोहंती होंगे.
  • यह दल निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और नियंत्रण के मामले में समुचित सुझाव देगा और साथ ही बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन देने वालों की योग्यता के विषय में वर्तमान मानदंड को नए सिरे से देखेगा.

International Albinism Awareness Day :

  • प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी जून 13 को शारीरिक धवलता के रोगी व्यक्तियों की आनुवंशिक दशा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय धवलता जागरूकता दिवस मनाया गया.
  • इस वर्ष की थीम थी – चमकने के लिए बने/ ‘Made To Shine’.
  • ज्ञातव्य है कि शारीरिक धवलता रोग में जीव के चमड़े, बाल और आँखों में मेलेनिन वर्ण की कमी हो जाती है जिस कारण वह जीव धूप को नहीं सह पाता है और उसकी आँखें भी खराब हो जाती हैं और साथ ही चर्म कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है.


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