Sansar डेली करंट अफेयर्स, 16 November 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 16 November 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Separation of powers between various organs dispute redressal mechanisms and institutions.

Topic : Contempt of Court

संदर्भ

पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने रेनबक्सी कम्पनी के मुखिया मालविंदर और शिविंदर सिंह न्यायालय की अवमानना करने के लिए इस आधार पर दोषी माना कि न्यायालय के आदेश के बावजूद उन्होंने अपने शेयरों का फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड में विनिवेश कर दिया था.

न्यायालय की अवमानना क्या है?

कानूनी रूप से देखा जाए तो अदालत की अवमानना दो तरह की होती है –

  • दीवानी अवमानना, जो अदालत की अवमानना अधिनियम 1971 के सेक्शन 2(बी) में आती है. ‘इसमें वे मामले आते हैं, जिसमें यदि कोई व्यक्ति जान-बूझकर अदालत के किसी निर्णय को न माने. भले ही वह डिक्री हो, निर्देश हो या आदेश तो सजा दी जाती है.
  • आपराधिक अवमाननासेक्शन 2 (सी) के तहत आता है, जिसमें लिखे हुए शब्दों से, मौखिक या कुछ दिखाकर किया जा सकता है, जिसमें- किसी अदालत के आदेश को नीचा दिखाने की कोशिश की गई हो या पूर्वग्रह से ग्रसित हो न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश की गई हो या, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करना या करने की मंशा से इसमें रुकावट डाले.

सरल शब्द में यह फैसले या अदालत की प्रतिष्ठा के खिलाफ जानबूझकर की गई अवज्ञा है. एक है प्रत्यक्ष अवमानना और दूसरी है अप्रत्यक्ष अवमानना. अदालत में ही खड़े होकर यदि कोई आदेशों को नहीं माने तो प्रत्यक्ष अवमानना होती है

 माहात्म्य

अदालत की अवमानना एक गंभीर अपराध है. किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह अदालत का सम्मान करे आयर अदालतों के प्राधिकार के खिलाफ न हो एवं न ही स्वेच्छाचार करते हुए आदेशों की अवहेलना करे. अदालतें कानूनी अधिकारों का स्तंभ है और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. अदालत की अवमानना को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति के एस. राधाकृष्णन की खंडपीठ ने भी सुब्रत राय सहारा के मामले में समझाया था. यदि अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो यह न्यायिक प्रणाली की नींव हिला देता है, जो कानून के शासन को दुर्बल करता है. अदालत इसी की संरक्षा और सम्मान करती है. देश के लोगों का न्यायिक प्रणाली में आस्था और विश्वास कायम रखने के लिए यह आवश्यक है. इसलिए अदालत की अवमानना एक गंभीर अपराध माना जाता है. साथ ही यह याचिकाकर्ता को भी सुनिश्चित करता है कि अदालत द्वारा पारित होने वाले आदेश का अनुपालन होगा. यह उनके द्वारा पालन किया जाएगा, जो भी इससे संबंधित होंगे. अदालत की अवमानना न्याय के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रयुक्त होती है.

संविधान के सम्बंधित अनुच्छेद

  • अनुच्छेद 129 : यह सर्वोच्च न्यायालय को अपनी अवमानना के लिए किसी को दण्डित करने की शक्ति देता है.
  • अनुच्छेद 142(2) : यह सर्वोच्च न्यायालय को अवमानना के लिए किसी व्यक्ति की जाँच करने और उसे दण्डित करने की शक्ति देता है.
  • अनुच्छेद 215 : इसमें सभी उच्च न्यायालयों को अपनी अवमानना के लिए किसी व्यक्ति को दण्डित करने की शक्ति देता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Rules notified to bring financial firms under IBC

संदर्भ

ऋणशोधन एवं दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code – IBC) के दायरे में प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण वित्तीय सेवा प्रदाताओं को लाने के लिए ढाँचा खड़ा करने हेतु केंद्र सरकार ने एक नियमावली निर्गत की है.

  • निगम मामलों के मंत्रालय द्वारा अधिसूचित इस नियमावली का नाम है – ऋणशोधन एवं दिवालियापन संहिता (वित्तीय सेवा प्रदाताओं से सम्बंधित ऋणशोधन एवं परिसमापन कार्यवाहियाँ तथा न्याय निर्णय करने वाले प्राधिकार में अनुप्रयोग) नियमावाली, 2019 [Insolvency and Bankruptcy (Insolvency and Liquidation Proceedings of Financial Service Providers and Application to Adjudicating Authority) Rules, 2019].
  • यह नियमावली बैंकों को छोड़कर अन्य महत्त्वपूर्ण वित्तीय सेवा प्रदाताओं से सम्बंधित ऋणशोधन एवं परिसमापन प्रक्रिया के लिए एक सामान्य ढाँचा प्रस्तुत करता है.

पृष्ठभूमि

ऋणशोधन एवं दिवालियापन संहिता के अनुभाग 227 (Section 227) में केंद्र सरकार को यह शक्ति दी गई है कि वह वित्तीय प्रक्षेत्र के नियामकों के साथ परामर्श कर ऋणशोधन एवं परिसमापन कार्यवाहियों के लिए यथोचित रीति से वित्तीय सेवा प्रदाताओं अथवा उनकी श्रेणियों की अधिसूचना निर्गत कर सकती है.

नई नियमावली में क्या है?

  • नई नियमावली के अनुसार, केवल एक नियामक को ही यह अधिकार होगा कि वह दिवालियापन पंचाट के पास किसी गैर-बैंक ऋणदाता अथवा आवास वित्तपोषक के मामले को भेज सके.
  • दिवालियापन पंचाट एक प्रशासक को नियुक्त करेगा. गैर बैंकिंग ऋण दाताओं और आवास वित्तपोषकों के मामले में प्रशासक भारतीय रिज़र्व बैंक जैसे नियामक द्वारा नामित किया जाएगा.
  • जब तक दिवालियापन के समाधान की प्रक्रिया चलेगी तब तक किसी वित्तीय सेवा प्रदाता का पंजीकरण अथवा लाइसेंस लंबित अथवा निरस्त नहीं किया जाएगा.
  • यदि सम्बंधित वित्तीय संस्थान पहले की स्थिति में आने में असमर्थ हो और उसका परिसमापन करना आवश्यक हो जाए तो पंचाट आगे बढ़ने के पहले नियामक के मंतव्यों को सुनेगा.

माहात्म्य

वित्तीय सेवा प्रदाताओं से सम्बंधित मामले के समाधान की दिशा में बनाया गया यह अंतरिम नियमावली बहुत ही सही समय पर अधिसूचित हुई है. पिछले एक वर्ष से परिसमापन की समस्या से जूझ रहे शैडो बैंकों और आवास वित्तपोषकों को संकट से उबारने में यह नियमावली एक सकारात्मक भूमिका का निर्वहण कर सकती है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : National Mission ‘NISHTHA’ launched in J&K

संदर्भ

संघीय क्षेत्र जम्मू और कश्मीर में “निष्ठा” नामक एक शैक्षणिक मिशन आरम्भ किया गया है.

निष्ठा योजना के मुख्य तत्त्व

  • NISHTHA योजना का पूरा नाम है – “विद्यालय प्रधानों एवं शिक्षकों की समग्र प्रगति हेतु राष्ट्रीय पहल / National Initiative for School Heads’ and Teachers’ Holistic Advancement.
  • इस पहल का उद्देश्य समेकित शिक्षक प्रशिक्षणों के द्वारा प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर ज्ञानार्जन में सुधार लाना है.
  • इस मिशन के अंतर्गत पूरे देश के सभी प्राथमिक स्तर के विद्यालयों के प्रमुखों और शिक्षकों और SIEs/SCERTs, DIETs आदि के संकाय सदस्यों सहित 42 लाख प्रतिभागियों की क्षमता का संवर्धन करना है.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Disaster and management.

Topic : Coalition for Disaster Resilient Infrastructure

संदर्भ

ब्रिक्स व्यवसाय परिषद् एवं नवीन विकास बैंक (BRICS Business Council and New Development Bank – NDB) के साथ नेताओं के संवाद के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशों और नवीन विकास बैंक से अनुरोध किया कि वे आपदा प्रतिरोध अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure) में शामिल हों.

आपदा प्रतिरोध अवसंरचना गठबंधन क्या है?

  • यह एक ऐसा मंच है जहाँ आपदा एवं जलवायु प्रतिरोध से सम्बंधित अवसंरचना के विभिन्न आयामों के विषय में ज्ञान अर्जित एवं आपस में साझा किया जाता है.
  • इसका अनावरण भारतीय प्रधानमन्त्री द्वारा सितम्बर, 2019 में उस समय हुआ जब न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन चल रहा था.
  • यह मंच विभिन्न देशों को अपने-अपने जोखिम और आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप आपदा प्रबंधन से सम्बंधित क्षमताओं को उत्प्रेरित करने और बेहतर प्रथाओं को अपनाने में सहायता करेगा.

CDRI के लाभ

  • इससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा. विदित हो कि आपदाओं का सर्वाधिक दुष्प्रभाव स्त्रियों और बच्चों तथा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर पड़ता है. अतः आपदा प्रतिरोधी व्यवस्था के निर्माण से सम्बंधित ज्ञान एवं व्यवहार में सुधार उन्हें लाभान्वित करेगा.
  • जिन क्षेत्रों में आपदा के जोखिम अधिक हैं उनको भी इससे लाभ पहुंचेगा. भारत में पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र में भूकम्प अधिक होते हैं तथा तटीय क्षेत्रों में च्रकवात और सुनामी की सम्भावना बनी रहती है. साथ ही मध्य प्रायद्वीपीय क्षेत्र में सूखे पड़ते रहते हैं. ये सभी भूभाग CDRI से लाभाव्नित होंगे.

माहात्म्य

आपदा प्रतिरोधी अवसरंचना के लिए एक वैश्विक गठजोड़ होने से उन समस्याओं के समाधान को बल मिलेगा जो समान रूप से विकासशील और विकसित दोनों प्रकार के देशों तथा छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं से सम्बन्ध रखती हैं. आपदा ऐसी वस्तु है जो कहीं भी उपस्थित हो सकती है, चाहे कोई देश अवसरंचना के विकास में आगे बढ़ा हुआ हो अथवा पीछे रह गया हो. हाँ, यह हो सकता है कि आपदा का जोखिम कहीं बहुत अधिक तो कहीं सामान्य हो सकता है.


Prelims Vishesh

Chile to hold referendum on new Constitution :-

  • चिली देश में वहाँ के संविधान को बदलने के लिए एक जनमत संग्रह करने का निर्णय लिया गया है.
  • विदित हो कि अभी वहाँ जो संविधान चल रहा है उसका निर्माण 1980 में तत्कालीन सैन्य तानाशाही ने किया था और उसमें लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य देने का उत्तरदायित्व सरकार का नहीं था. लोग इसके लिए आन्दोलनरत थे.

Online Child Sexual Abuse and Exploitation (OCSAE) Prevention/Investigation Unit :-

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने दिल्ली-स्थित विशेष अपराध जोन के अन्दर एक नई इकाई खोली है जिसका काम ऑनलाइन बाल यौन दुरूपयोग एवं शोषण को रोकना और उसकी जाँच करना होगा.

European Investment Bank to stop fossil fuel funding :-

  • यूरोपीय निवेश बैंक ने कहा है कि वह 2021 के अंत के पश्चात् तेल और कोयला परियोजनाओं के लिए पैसा देना बंद कर देगा.
  • अब उन्हीं ऊर्जा परियोजनाओं को पैसा मिलेगा जो सिद्ध कर सकें कि वे 1KW/घंटे बिजली के उत्पादन में 250 ग्राम से कम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होने देंगे.
  • यह नया नियम गैस आधारित परियोजनाओं पर लागू नहीं होगा.

NASA renames Ultima Thule to ‘Arrokoth’ :-

  • सबसे दूरस्थ ब्रह्मांडीय पिंड “अल्टिमा थूले” का नासा ने नाम बदल दिया है और उसे नया नाम आरोकोट “Arrokoth” दिया है.
  • ऐसा इसलिए किया गया है कि पुराने नाम में प्रयुक्त “थूले” शब्द अभी नाजियों से जुड़ा हुआ था.

Sisseri River Bridge :-

  • पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाट में स्थित सिसरी नदी सेतु का उद्घाटन रक्षा मंत्री ने किया.
  • 200 मीटर लम्बा यह सेतु दिबांग घाटी को सियांग से जोड़ता है.
  • इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation – BRO) की प्रोजेक्ट ब्रह्मांक के तहत किया गया है.
  • यह सेतु सैन्य दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह ट्रांस अरुणाचल हाईवे का एक अंग होगा.

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