Sansar डेली करंट अफेयर्स, 16 January 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 16 January 2020


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Classical language

संदर्भ

पिछले दिनों सम्पन्न अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के 93वें सत्र में एक प्रस्ताव पारित करके मराठी को शास्त्रीय भाषा (classical language) घोषित करने की माँग की गई. विदित हो कि भारत में अभी फिलहाल छह शास्त्रीय भाषाएँ हैं जिनके नाम और शास्त्रीय भाषा की पदवी मिलने का वर्ष निम्न प्रकार से हैं –

  1. तमिल (2004)
  2. संस्कृत (2005)
  3. तेलुगु (2008)
  4. कन्नड़ (2008)
  5. मलयालम (2013)
  6. ओड़िया (2014)

शास्त्रीय भाषा (Classical language) का दर्जा पाने के लिए निम्नलिखित मानदंड हैं –

  • उस भाषा के प्रारम्भिक साहित्य का अति-प्राचीन होना.
  • उस भाषा का अभिलिखित इतिहास 1500-2000 साल पुराना होना चाहिए.
  • उस भाषा को बोलने वाली कई पीढियाँ उस भाषा के प्राचीन साहित्य को मूल्यवान मानती हों.
  • उस भाषा की साहित्यिक परम्परा स्वयं उसी भाषा की हो न कि किसी अन्य भाषा से उधार ली गई हो.
  • किसी शास्त्रीय भाषा और साहित्य का रूप उस भाषा के आधुनिक रूप से अलग होते हैं, इसलिए शास्त्रीय भाषा और उसके परवर्ती रूप और प्रशाखाओं के बीच में अंतराल हो सकता है.

शास्त्रीय भाषा का दर्जा पाने के फायदे –

  • भाषा के अनुसंधान और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान जो एक ही बार मिलेगा.
  • सम्बंधित भाषा के उद्भट विद्वानों को प्रतिवर्ष दो अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा सकेंगे.
  • शास्त्रीय भाषा के अध्ययन लिए एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना की जा सकेगी.
  • UGC को राज्य सरकार यह अनुरोध कर सकती है कि वह केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एक निश्चित संख्या में chair स्थापित करे जिसपर उस भाषा के उद्भट विद्वानों की नियुक्ति हो सके.

GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Bharati Script

संदर्भ

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने डॉ. श्रीनिवास चक्रवर्ती के नेतृत्व में भारती लिपि (Bharati Script) नामक एक लिपि बनाई है जो नौ भारतीय भाषाओं के लिए प्रयोग की जा सकती है.

साथ ही, भारती में लिपिबद्ध प्रलेखों को पढ़ने के लिए एक बहुभाषीय आँखों से अक्षर पहचानने (Optical Character Recognition – OCR) योजना भी तैयार की गई है.

OCR योजना क्या है?

  • इसके अन्दर सबसे पहले प्रलेख को दो भागों में अलग किया जाता है – टेक्स्ट और नॉन-टेक्स्ट.
  • तत्पश्चात् टेक्स्ट को अनुच्छेदों, वाक्यों, शब्दों और अक्षरों में बाँट दिया जाता है.
  • प्रत्येक अक्षर को ASCII अथवा यूनिकोड फॉर्मेट के अक्षर के रूप में पहचाना जाता है.
  • प्रत्येक अक्षर के अन्दर विभिन्न अवयव होते हैं, जैसे – आधारभूत व्यंजन, व्यंजन परिवर्तक, स्वर आदि.

भारती लिपि क्या है?

यह भारतीय भाषाओं के लिए एक वैकल्पिक लिपि है. इस लिपि में अनेक भारतीय लिपियों का समावेश हुआ है, जैसे – देवनागरी, बांग्ला, गुरुमुखी, गुजराती, ओड़िया, तेलगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल.

भारती लिपि (Bharati Script) की अक्षरमाला

भारती लिपि के अक्षर (characters) लम्बवत तीन स्तरों में सजाये जाते हैं. इसमें किसी भी अक्षर के मूल में जो व्यंजन है उसे बीच में रखा जाता है और इससे सम्बंधित परिवर्तक (modifier) ऊपरी और निचले स्तर पर दर्शाए जाते हैं.

भारतीय लिपि में 17 स्वर और 22 व्यंजन होते हैं. आशा की जाती है कि पूरे देश के लिए एक समान लिपि होने से देश में वाद-संवाद में आने वाली अड़चनें दूर हो सकती हैं.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Role of civil services in a democracy.

Topic : What is the commissionerate system?

संदर्भ

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और नॉएडा में पुलिस की कमिश्नर प्रणाली (commissionerate system) लागू करने का निर्णय लिया है.

कमिश्नर प्रणाली क्या है और इसके लाभ क्या हैं?

  1. कमिश्नर प्रणाली में पुलिस कमिश्नर किसी नगर की सम्पूर्ण पुलिस संरचना का प्रमुख होता है और नगर की विधि-व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होता है. उसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार के प्रति होती है.
  2. कमिश्नर के पास दंडाधिकारियों की शक्तियाँ भी होती हैं जिनमें लाइसेंस देना और उस पर नियंत्रण रखना भी सम्मिलित होता है.
  3. पुलिस कमिश्नर उप-महानिरीक्षक अथवा उससे ऊपर की श्रेणी का होता है और उसे उसके काम में विशेष/संयुक्त/अतिरिक्त/उपायुक्त सहायता करते हैं.
  4. समझा जाता है कि इस प्रणाली को अपनाने से नगरों से सम्बंधित जटिल विषयों के समाधान हेतु निर्णय तेजी से होता है.

कमिश्नर प्रणाली कैसे लागू होती है?

संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिस “राज्य सूची” में आती है. जिसका अभिप्राय यह है कि पुलिस से सम्बंधित कानून बनाने और उस पर नियंत्रण रखने का अधिकार सम्बंधित राज्यों के पास होता है.

इस विषय में संवैधानिक स्थिति

कमिश्नर प्रणाली कहाँ लागू है?

पहले इस प्रकार की पुलिस प्रणाली केवल इन चार नगरों में थी – कलकत्ता, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई. परन्तु जैसे-जैसे नगरीकरण में तेजी आई, राज्यों ने अनुभव किया कि इस प्रणाली को और कई स्थानों पर लागू करना उचित होगा.

1983 में प्रकाशित राष्ट्रीय पुलिस आयोग के छठे प्रतिवेदन (sixth National Police Commission report) में यह सुझाव दिया गया था कि कमिश्नर प्रणाली उन सभी नगरों में लागू की जाए जहाँ की जनसंख्या पाँच लाख और उससे अधिक है अथवा जहाँ विशेष परिस्थितियाँ विद्यमान हैं.

कालांतर में, कमिश्नर प्रणाली दिल्ली, पुणे, बंगलुरु और अहमदाबाद में लागू हुई. जनवरी, 2016 तक इस प्रणाली के अन्दर आने वाले नगरों की संख्या बढ़कर 53 हो गई थी.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential.

Topic : Integrated Road Accident Database (IRAD)

संदर्भ

भारत सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं से सम्बंधित एक डाटाबेस ऐप/पोर्टल का सूत्रपात कर दिया है जिसे समेकित सड़क दुर्घटना डाटाबेस (Integrated Road Accident Database – IRAD) का नाम दिया गया है.

समेकित सड़क दुर्घटना डाटाबेस (IRAD) से सम्बंधित मुख्य तथ्य

  • इसका निर्माण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – मद्रास ने किया है.
  • इसका संचालन राष्ट्रीय इन्फोर्मेटिक्स केंद्र (NIC) करेगा.
  • इस परियोजना में 258 करोड़ रु. व्यय होंगे जिसके लिए विश्व बैंक भी सहयोग कर रहा है.
  • इस डाटाबेस का प्रायोगिक कार्यान्वयन सबसे पहले उन छह राज्यों में होगा जहाँ सड़क दुर्घटनाओं से सर्वाधिक मृत्यु होती है.
  • ये राज्य हैं – कर्णाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश.

IRAD ऐप कैसे काम करता है?

  • इस ऐप में पुलिसकर्मी किसी सड़क दुर्घटना से सम्बंधित विवरण के साथ-साथ चित्र और विडियो भी डाल सकता है. ऐसा करने से उस घटना-विशेष के लिए एक अनूठी आई.डी. का सृजन होगा.
  • तत्पश्चात् लोक निर्माण विभाग अथवा स्थानीय निकाय के एक इंजिनियर को उसके मोबाइल पर अलर्ट मिल जाएगा.
  • उसके उपरान्त वह घटना स्थल पर जाएगा, जाँच-पड़ताल करेगा और सड़क की रूपरेखा जैसे अपेक्षित विवरण ऐप पर डाल देगा.
  • इस प्रकार संगृहीत डाटा का विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – मद्रास (IIT-M) का एक दल करेगा और यह सुझाव देगा कि सड़क की रूपरेखा को सुधारने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं.
  • यदि चाहे तो सड़क पर चलने वाला कोई जन भी अपने अलग मोबाइल ऐप पर सम्बंधित दुर्घटना का डाटा डाल सकता है.

आगे की राह

विश्व-भर में सड़क पर जानलेवा दुर्घटनाएँ सबसे अधिक भारत में होती हैं. सरकारी आँकड़ों के अनुसार, 2018 में इस देश में सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख से अधिक लोग प्राण गँवा बैठे थे जिनमें 48% 18 से 35 वर्ष की आयु के थे. 60% दुर्घटना-जनित मृत्यु का कारण आवश्यकता से अधिक गति से वाहन चलाना रहा.

आशा की जाती है कि IRAD के आने से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण में तथा ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षात्मक उपाय गढ़ने में सहायता मिलेगी.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : 8 Wonders of SCO

संदर्भ

गुजरात में स्थित एकता प्रतिमा (Statue of Unity) को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के आठ आश्चर्यों में चुन लिया गया.

SCO के आठ आश्चर्य कौन-कौन से हैं?

  1. भारत – एकता प्रतिमा.
  2. कज़ाकिस्तान – तमगाली का पुरातात्विक परिदृश्य.
  3. चीन – दामिंग राजमहल परिसर
  4. किर्गिज़स्तान – इसिक-कुल झील
  5. पाकिस्तान – लाहौर में स्थित ग्रेट मुगल विरासत
  6. रूस – गोल्डन रिंग नगर समूह.
  7. ताजिकिस्तान – नौरुज महल.
  8. उज्बेकिस्तान – पोई कालोन संकुल

Statue-of-Unity

एकता प्रतिमा से सम्बंधित मुख्य तथ्य

  • इस मूर्ति की लम्बाई 182 मीटर है. यह विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति है. यह चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध से 23 मीटर अधिक ऊँची तथा अमेरिका के स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (93 मीटर लम्बी) से लगभग दुगुनी ऊँचाई की है.
  • यह प्रतिमा सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रेणियों के मध्य में स्थित है. इस प्रतिमा के आस-पास “फूलों की घाटी” नामक एक उद्यान भी विकसित किया गया है जिसमें भाँति-भाँति के फूल के पौधे लगाये गये हैं.
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसके परिसर में एक टेंट सिटी, एक संग्राहलय और एक वाल ऑफ़ यूनिटी का निर्माण भी किया गया है. इन सभी का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा 31 अक्टूबर, 2018 को ही किया गया.
  • इस प्रतिमा में ऊपर जाने लाने के लिए एलीवेटर और लिफ्ट भी लगाए गए हैं जिनकी सहायता से पर्यटक ऊपर जाकर सम्पूर्ण परिदृश्य को देखने का आनंद ले सकेंगे.
  • 2011 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने एक ट्रस्ट का गठन किया था जिसका नाम था – सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET).
  • इस ट्रस्ट ने सभी राज्यों के स्थित 169,000 गाँवों के 100 मिलियन किसानों से खेती में प्रयोग किये जाने वाले पुराने औजार मँगाए थे जिनका सम्पूर्ण भार 129 टन था. इसके लिए एक लोहा अभियान चलाया गया था. किसानों से प्राप्त लोहों से सरदार पटेल की प्रतिमा के आधार का निर्माण हुआ है.
  • “एकता की मूर्ति” के शिल्पकार पद्मभूषन राम सुतार हैं जो पिछले 70 वर्षों से हजारों मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं.
  • इस प्रतिमा में मिश्रित काँसे की पट्टियाँ चढ़ाई गई हैं. यह काम चीन की कम्पनी Jiangxi Toqine Company (JTQ) ने किया है.

Prelims Vishesh

Saksham :-

  • पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) ने एक विशाल अभियान चला रखा है जिसमें लोगों को ईंधन बचाने के विषय में जागरूक बनाया जाएगा. इस पहल का नाम सक्षम रखा गया है.
  • इसमें तेल एवं गैस का उत्पादन करने वाले सरकारी लोक उपक्रमों के साथ-साथ राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों को भी शामिल किया गया है.
  • विदित हो कि PCRA एक लाभ-रहित पंजीकृत सोसाइटी है जिसकी स्थापना 1978 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्त्वावधान में हुई थी.

Central Adoption Resource Authority (CARA) :

  • विगत 15 जनवरी को CARA ने अपनी पाँचवीं वर्षगाँठ मनाई. ज्ञातव्य है कि इसी तिथि को 2016 में इस प्राधिकरण को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत वैधानिक निकाय नामित किया गया था.
  • केन्द्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का एक वैधानिक निकाय है.
  • देशंतारीय दत्तक ग्रहण विषयक 1993 की हेग संधि, जिसे भारत ने 2003 में अंगीकृत किया था, में CARA को ऐसे मामलों के लिए केन्द्रीय प्राधिकरण घोषित किया गया था.
  • CARA का मुख्य कार्य अनाथ, त्यक्त और समर्पित किये गये बच्चों के दत्तकग्रहण को विनियमित करना है.
  • हेग संधि (Hague Convention) का कार्य बच्चों और उनके परिवारों को विदेश में अवैध, अनियमित, समय-पूर्व अथवा अविचारित दत्तक ग्रहण से रक्षा करना है.

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