Sansar Daily Current Affairs, 16 April 2020
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Separation of powers between various organs dispute redressal mechanisms and institutions.
Topic : National Legal Services Authority (NALSA)
संदर्भ
हाल ही में देश में COVID-19 के प्रसार को देखते हुए सुरक्षात्मक कदम के अंतर्गत देश की विभिन्न जेलों से लगभग 11,077 विचाराधीन कैदियों को रिहा कर दिया गया है.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority- NALSA) के अनुसार, COVID-19 के कारण देश की विभिन्न जेलों में भीड़ को कम करने के मिशन के तहत इन कैदियों को रिहा किया गया है.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण क्या है?
- NALSA का पूरा नाम National Legal Services Authority अर्थात् राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण है.
- इस प्राधिकरण को 1987 में समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवा उपलब्ध कराने के लिए गठित किया गया था.
- भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष होता है.
- संविधान के अनुच्छेद 39A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को प्रोत्साहन देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहयोग प्रदान करने का प्रावधान करता है.
- अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने हेतु राज्य को बाध्य करता है.
- विदित हो कि “न्याय दीप” NALSA का आधिकारिक समाचारपत्र है.
नालसा के कार्य
- नालसा का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क और उचित विधिक सेवायें प्रदान करना है.
- नालसा भारत भर में कानूनी सहायता कार्यक्रम और योजनाएँ लागू करने हेतु राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण पर दिशा-निर्देश निर्गत करता है.
- मुख्य रूप से राज्य कानूनी सहायता प्राधिकरण, ज़िला कानूनी सहायता प्राधिकरण, तालुक कानूनी सहायता समितियों आदि को निम्नलिखित कार्य नियमित आधार पर करते रहने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है –
- सुपात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहयो प्रदान करना.
- विवादों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटाने के लिये लोक अदालतों का संचालन करना.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.
Topic : Civil Defence volunteers
संदर्भ
कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार को रोकने के उपायों को लागू करने में स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए 50,000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक (Civil Defence volunteers) विभिन्न स्तरों और क्षमताओं में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.
नागरिक सुरक्षा (Civil Defence)
- नागरिक सुरक्षा का उद्देश्य शत्रुतापूर्ण किए गए आक्रमण की स्थिति में जीवन की रक्षा करना, सम्पत्ति के नुकसान को कम-से-कम करना और औद्योगिक उत्पादन को बनाए रखना है.
- 1962 तथा 1965 के युद्धों की वजह से देश को दो बार झेलनी पड़ी आपात स्थिति के कारण भारत सरकार को अपनी आपातकालीन प्रशिक्षण गतिविधियों को प्राकृतिक आपदा से शत्रु के आक्रमण से जीवन और सम्पत्ति की रक्षा करने की ओर मोड़ना पड़ा.
- केन्द्रीय आपात राहत प्रशिक्षण संस्था (सीईआरटीआई) के रूप में 29 अप्रैल, 1957 को नागपुर में राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा महाविद्यालय की स्थापना की गई ताकि यह भारत सरकार के आपात् राहत संगठन के प्रशिक्षण विंग के रूप में कार्य कर सके.
- यह केन्द्रीय संस्थान आपत सेवाओं का नेतृत्व करने वालों को अग्रिम तथा विशेष प्रशिक्षण देने की ओर ध्यान केन्द्रित करता है.प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्यों को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए यह आवश्यक है.
नागरिक सुरक्षा सेवा से सम्बंधित कानून
नागरिक सुरक्षा का काम नागरिक सुरक्षा अधिनियम और उससे सम्बंधित नियमों–विनियमों के अंतर्गत होता है. इस अधिनियम में सुधार करते हुए 2010 में आपदा प्रबंधन को भी शामिल किया गया. नागरिक सुरक्षा मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर काम करती है. इसके लिए मात्र थोड़े-से वेतनभोगी कर्मी और एक छोटा कार्यालय होता है. नागरिक सुरक्षा अधिनियम के अनुभाग 4 के अनुसार, नागरिक सुरक्षा दलों का निर्माण राज्य सरकारें अपनी आवश्यकतानुसार स्थानीय प्रशासन के स्तर पर स्वयं करती हैं. जिला दंडाधिकारी/समाहर्ता/आयुक्त इस दल का नियंत्रक होता है.
नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के कार्य
नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को अधिक उपयोगी एवं सक्रिय बनाने के दृष्टिकोण से कुछ कल्याणकारी एवं सामाजिक कार्य सौंपे गये हैं :-
- सफाई अभियान
- पल्स पोलियो अभियान
- प्रदूषण मुक्ति अभियान
- वातावरण सुरक्षा प्रचार
- आगजनी में सहायता
- रक्तदान शिविर
- गम्भीर दुर्घटनाओं/घटनाएं/आपदा-जैसे बाढ़, चक्रवात आदि.
- अन्य स्थानीय मामले जो स्थानीय स्तर के हों.
नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक बनने के लिए योग्यता
नागरिक सुरक्षा बल में नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएँ आवश्यक हैं –
- भारत का नागरिक अथवा भूटान या नेपाल का नागरिक होना
- 18 वर्ष की आयु का होना. इस आयु सीमा को सक्षम अधिकारी नागरिक सुरक्षा बल की किसी शाखा या श्रेणी के लिए अधिकतम तीन वर्ष बढ़ा सकते हैं.
- कम से कम प्राथमिक शिक्षा उत्तीर्ण होना अर्थात् उसे चौथी पास होना चाहिए. इस विषय में नियंत्रक के द्वारा विवेकानुसार ढील दी जा सकती है.
- इस दल में पुरुष और महिला दोनों की नियुक्ति हो सकती है.
देश में विभिन्न स्तरों पर आपदा प्रबंधन के बारे में नीचे दिए गये चार्ट से आप बेहतर ढंग से समझ सकोगे –
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources, issues relating to poverty and hunger.
Topic : Colour coding to help manage COVID-19 pandemic
संदर्भ
देशभर के जिलों को हॉटस्पॉट जिले, नॉन-हॉटस्पॉट जिले जहां पर कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और ग्रीन ज़ोन जिलों जहां कोई मामला सामने नहीं आया है में बांटा गया है.
- इसी के साथ ही अब देश के जिलों को तीन ज़ोन में बांटा गया है, जिसके आधार पर कोरोना वायरस का खतरा मापा जाएगा.
- इन जोन में ये बताया गया है कि कौन-सा जिला कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट है, किसमें बनने की क्षमता है और कौन-सा जिला अभी सुरक्षित है.
- विदित हो कि हॉटस्पॉट जिले वो हैं जहां पर कोरोना वायरस के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं या मामलों की बढ़ने की गति काफी तेज है.
वर्गीकरण का आधार
- इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं – लाल जोन, नारंगी जोन और हरा जोन.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिलों को हॉटस्पॉट के रूप में वर्गीकृत करने के लिए दो मानदंडों का उपयोग किया – मामलों की पूर्ण संख्या और मामलों में वृद्धि की गति.
- अगर कोई जिला लाल जोन हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, तो यहां रोकथाम के नियमों को 14 दिन तक कड़ा किया जाएगा.
- अगर 14 दिन में कोई केस नहीं मिलता है, तो फिर जिले को नारंगी जोन में शामिल किया जाएगा.
- फिर अगले 14 दिन तक रोकथाम का काम किया जाएगा, जब लगातार 28 दिनों तक जिले में कोई भी पॉजिटिव केस नहीं मिलता है तो उसे हरे जोन में शामिल किया जाएगा.
- जिलों को वर्गीकृत करने के लिए जिन तकनीकी परिभाषा का पालन किया गया है, वह यह है कि छह से अधिक मामलों की रिपोर्ट करने वाले किसी भी जिले को हॉटस्पॉट जिले या रेड जोन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.
लाल सूची में अभी कौन-कौन से जिले हैं?
दिल्ली/एनसीआर, मुंबई, नागपुर, पुणे, ठाणे, यवतमाल, सांगली, बुलढाणा, अहमदनगर, लातूर, चेन्नई, चेंगलपट्टू, कोयम्बटूर, कुड्डलोर, इरोड, डिंडीगुल, करूर, मदुरै, नामक्कल, रानीपेट, तिरुचिरापल्ली, तिरुप्पुर, तिरुपुर, थेनी.
वर्तमान स्थिति
देश के कुल 170 जिलों को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है. मंत्रालय ने देश के कुल 718 जिलों में इस जानलेवा वायरस के असर और उसकी गंभीरता को देखते हुए यह विभाजन किया है.
कंटेनमेंट जोन और बफर जोन
ये समझना बहुत आवश्यक ही है कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में क्या फर्क है.तकनीकी रुप से स्थिति को देखते कंटेनमेंट जोन घोषित किए इलाके से सटे 3 किलोमीटर क्षेत्र को सील कर दिया जाता है. किसी भी की आवाजाही पूरी तरह बंद रहती है, जबकि उपरोक्त परिधि के बाद इसके साथ लगते एरिया, जो थोड़ा कम संवेदनशील है, उसको बफर जोन कहा जाता है. हालांकि इसको भी बीमारी के लिहाज से कम सवेंदनशील नहीं माना जाता है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important international institutions.
Topic : International Energy Agency (IEA)
संदर्भ
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट होगी.
मुख्य अवलोकन
- कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये दुनिया भर में सरकारें लॉकडाउन (बंद) कर रही हैं.इसके कारण इस साल कच्चे तेल की वैश्विक मांग में रिकॉर्ड गिरावट आ सकती है.एजेंसी ने कहा कि अप्रैल में कच्चे तेल की वैश्विक दैनिक मांग में 9 करोड़ बैरल की गिरावट देखने को मिल सकती है.
- यह 1995 के बाद का निचला स्तर होगा.पूरे साल के दौरान दैनिक मांग में 93 लाख बैरल की गिरावट रह सकती है.
- कच्चे तेल की आपूर्ति पर लगाम लगाने के उपायों तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों से इस साल की दूसरी छमाही में तेल बाजार में क्रमिक सुधार होने लगेगा.
तेल की मांग और दाम घटने का निहितार्थ
- अधिक सस्ती ऊर्जा उपभोक्ताओं और ऊर्जा पर चलने वाले व्यवसायों के लिए लाभप्रद तो है ही, परन्तु घटे हुए दाम उत्पादन की लागत से नीचे हैं.
- कई तेल उत्पादक देश अपेक्षाकृत निर्धन अर्थव्यवस्थाओं वाले हैं, अतः तेल के दाम कम होने से उनकी वित्तीय परिस्थिति लड़खड़ा रही है और कम्पनियां दिवालियापन की ओर बढ़ रही हैं.
- लोग तेल के दाम कमने का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं क्योंकि यात्रा और व्यवसाय पर रोक लगी हुई है.
- तेल के मूल्य को स्थिर करने एक लिए पिछले दिनों OPEC और अन्य देशों ने वैश्विक उत्पादन को 7 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक घटाने का निर्णय किया है.
- तेल के दाम गिरने का लाभ उठाकर चीन, भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देश अपने यहाँ रणनीतिक भंडार बनाने के लिए अधिक से अधिक तेल खरीदने लगेंगे.
IEA क्या है?
IEA एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है जिसकी स्थापना 1974 इसलिए किये गयी थी कि उस वर्ष खनिज तेल की आपूर्ति में जो बाधाएँ आई थीं उनका निराकरण किया जा सके. तब से इस निकाय की गतिविधियों में विविधता और विस्तार हुआ है.
IEA के प्रमुख कार्य
- IEA ऊर्जा से सम्बंधित सभी विषयों की पड़ताल करता है, जैसे – तेल, गैस और कोयला आपूर्ति एवं माँग, नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक, बिजली बाजार, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा की उपलब्धता, माँग का प्रबंधन आदि आदि.
- IEA उन नीतियों का पक्षधर है जिनसे इसके सदस्य देशों और अन्य देशों में ऊर्जा की विश्वसनीयता, सुलभता एवं सततता में वृद्धि हो सकती है.
- IEA प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि के लिए कार्यशालाओं, भाषणों एवं संसाधनों के कई कार्यक्रम चलाता ही है, इसके अतिरिक्त इसने कुछ प्रतिवेदन आदि भी प्रकाशित किये हैं, जैसे – इसका अपना मुख्य पत्रविश्व ऊर्जा दृष्टिकोण (World Energy Outlook), IEA बाजार प्रतिवेदन (IEA Market Reports), मुख्य विश्व ऊर्जा आँकड़े तथा मासिक खनिज तेल डाटा सेवा.
Prelims Vishesh
What is Paralympics? :-
- पैरालिम्पिक एक अंतर्राष्ट्रीय खेलकूद का आयोजन है जिसमें दिव्यांग प्रतिभागिता करते हैं.
- इसमें खेलने वाले खिलाडियों की दिव्यांगता के विषय में अंतर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति ने दस निःशक्तता श्रेणियाँ निर्धारित कर रखी हैं, जो हैं – क्षतिग्रस्त मांसपेशियाँ, चलने-फिरने में कष्ट, अंग की कमी, दोनों पैरों की लंबाई में अंतर, नाटा कद, हाइपरटोनिया, गतिभंग, अस्थिभंग, दृष्टिदोष और बौद्धिक अक्षमता.
Bharat Padhe online :-
- ऑनलाइन शैक्षणिक तंत्र में सुधार लाने हेतु विचार आमंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने भारत पढ़े ऑनलाइन नामक एक अभियान चलाया है.
- इस अभियान के अंतर्गत देश के बड़े-बड़े विचारक मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सीधे अपने सुझाव और समाधान पहुंचाएंगे जिससे कि ऑनलाइन शिक्षा की बाधाएँ दूर हो सकें.
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