Sansar डेली करंट अफेयर्स, 14 September 2021

Sansar LochanSansar DCA


GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

 

UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.

Topic : National Financial Reporting Authority (NFRA)

संदर्भ

हितधारकों के साथ संबंध प्रगाढ़ करने के प्रयास में, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (National Financial Reporting Authority – NFRA) द्वारा एकल हितधारकों के सलाहकार समूह का गठन किया जाएगा और साथ ही समूह की सहायता हेतु एक शोध प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी.

इस संदर्भ में किए गए सर्वेक्षण में अधिकांश उत्तरदाताओं ने लंबे समय तक एक तरफ़ा / स्टैंड-अलोन तरीके से कानून बनाने की प्रक्रिया के बजाय एक ‘समाधान तंत्र’ स्थापित किए जाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया था.

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) क्या है?

‘राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण’ का गठन भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 132 (1) के तहत 01 अक्टूबर, 2018 को किया गया था.

आवश्यकता

इसका उद्देश्‍य स्‍वतंत्र विनियामकों को स्‍थापित करना और लेखापरीक्षा मानकों को लागू करना, लेखापरीक्षा की गुणवत्ता व लेखापरीक्षा फर्मों की स्‍वतंत्रता को सुदृढ़ बनाना है. अतएव, कंपनियों की वित्‍तीय स्‍थिति के प्रकटीकरण में निवेशक और सार्वजनिक तंत्र का विश्‍वास बढ़ाना है.

NFRA की संरचना

कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण में एक अध्यक्ष तथा अधिकतम 15 सदस्य होंगे. अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जायेगी.

प्रकार्य और कर्त्तव्य

  1. केंद्रीय सरकार द्वारा अऩुमोदन के लिए लेखाकर्म और लेखापरीक्षा नीतियां तथा कंपनियों द्वारा अपनाए जाने वाले मानकों की अनुशंसा करना;
  2. लेखाकर्म मानकों और लेखापरीक्षा मानकों सहित अनुपालन वाले की निगरानी और लागू करना;
  3. ऐसे मानकों सहित अनुपालन सुनिश्चित करने वाले व्यवसायों की सेवा की गुणवत्ता का पर्यवेक्षण करना;
  4. उक्त प्रकार्यों और कर्त्तव्यों के लिए आवश्यक अथवा अनुषंगी ऐसे अऩ्य प्रकार्य और कर्त्तव्यों का निष्पादन करना.

शक्तियाँ

  • NFRA यह सूचीबद्ध कंपनियों तथा गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों की जांच कर सकता है जिनकी जिनकी प्रदत्त पूंजी पांच सौ करोड़ रुपये से कम न हो अथवा वार्षिक कारोबार एक हजार करोड़ रुपये से कम न हो.
  • यह किसी नियत वर्ग के वाणिज्यिक संस्थान अथवा किसी व्यक्ति के संबंध में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के सदस्यों द्वारा किए गए पेशेवर कदाचार की जांच कर सकता है.

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]