Sansar डेली करंट अफेयर्स, 13 September 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 13 September 2019


GS Paper 1 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Women related issues. Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Beti Bachao Beti Padhao

संदर्भ

भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के लिए किये गये उत्तम कार्य के लिए कुछ राज्यों और जिलों को सम्मानित किया है.

मुख्य तथ्य

  • हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को जन्म लिंगानुपात में सुधार के लिए सम्मानित किया गया.
  • जन्म लिंगानुपात में सुधार के लिए दस जिलों को भी सम्मानित किया गया.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP)

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) जनवरी 2015 में आरम्भ की गई थी.
  • इस योजना में केंद्र सरकार के कार्यान्वयन में तीन मंत्रालय सहयोग (tri-ministerial effort) करते हैं. ये मंत्रालय हैं – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय.
  • इस योजना का उद्देश्य लैंगिक समानता तथा लड़कियों की पढ़ाई के महत्त्व को बढ़ावा देना है.
  • योजना का लक्ष्य शिशु लिंग अनुपात में सुधार लाना है. इसके लिए सरकार की ओर से कई क्षेत्रों में सुधारात्मक प्रयास किये जाएँगे, जैसे – लोगों को यह पता लाने से रोकना कि गर्भस्त शिशु लड़की है या लड़का, बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देना तथा उनको हर प्रकार से सशक्त करना.

योजना की महत्ता और आवश्यकता 

1961 से भारत में लगातार शिशु लिंग अनुपात (child sex ratio) गिरता जा रहा है. 1991 में यह अनुपात 945 था जो घटकर 2001 में 927 हो गया और आगे चल कर 2011 में 918 हो गया. यह गिरावट खतरनाक है. लिंग अनुपात की इस गिरावट के कई मूलभूत कारण हैं, जैसे – समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव की परम्परा, लिंग के निर्धारण के लिए उपकरणों का सरलता से उपलब्ध होना, उनका सस्ता होना और उनका दुरूपयोग किया जाना.

शिशु लिंग अनुपात

शिशु लिंग अनुपात (Child Sex Ratio – CSR) 0 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रत्येक एक हजार लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या को कहते हैं. इसलिए इस अनुपात में गिरावट को स्त्रियों की अशक्तता का एक बहुत बड़ा संकेत माना जाता है. यह अनुपात इस सच्चाई को भी प्रतिबिम्बित करता है कि लिंग निर्णय के द्वारा गर्भ में ही बच्चियों के साथ भेद-भाव होता है और उनके जन्म के उपरान्त भी वे भेद-भाव की शिकार होती हैं.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Schemes for the vulnerable sections of the society.

Topic : Pradhan Mantri Ujjwala Yojana (PMUY)

संदर्भ

पिछले दिनों प्रधानमंत्री द्वारा महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद में स्थित सेन्द्रा में प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के अन्दर आठ करोड़वाँ गैस कनेक्शन निर्गत किया गया.

आज भी क्यों कई लोग ठोस ईंधन से खाना पका रहे हैं?

  • अधिकांश लोग मानते हैं कि चूल्हे पर बना भोजन अधिक स्वास्थ्यकर और अधिक स्वादिष्ट होता है. दूसरी ओर, गैस से बनी रोटियों से अपच हो जाती है.
  • लोगों का विश्वास है कि ठोस ईंधन रसोई बनाने वालों के लिए भी स्वास्थ्यकर है क्योंकि इसके धुएँ से आँखों से आसूँ निकलने लगते हैं जिससे आँखें साफ़ हो जाती हैं. साथ ही जब कोई स्त्री चूल्हे में पाइप से फूक लगाती है तो उसके फेफड़े की कसरत हो जाती है.

नीति निर्माता क्या करें जिससे गाँव के लोग स्वच्छ ईंधन की ओर झुकें?

इसके लिए ये तीन रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं –

  1. लोगों को ठोस ईंधन से होने वाली क्षति के विषय में बताया जाए और साथ ही यह बताया जाए कि स्वच्छ ईंधन से क्या-क्या लाभ हो सकते हैं.
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में LPG का दाम घटा दिया जाए.
  3. घर के कामों में, विशेषकर खाना बनाने में, पुरुषों को भी सहभागी बनाने का प्रोत्साहन दिया जाए.

प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना

  • पीएमयूवाई की शुरूआत एक मई 2016 को की गयी. इसके तहत मार्च 2019 तक गरीब परिवार की पांच करोड़ महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। बाद में लक्ष्य को बढ़ाकर 2021 तक 8 करोड़ कर दिया गया और अब सभी घर को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारम्भ डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की जयंती परतेलंगाना राज्य में किया गया.
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों तक एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) कनेक्शन पहुँचाना है.
  • इस योजना के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक-जाति-जनगणना (SECC) के माध्यम से पहचान किये गए गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की वयस्क महिला सदस्य को केंद्र सरकार द्वारा प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है.
  • यह योजनापेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालयद्वारा लागू की जा रही है.

PMUY के फायदे

  • शुद्ध ईंधन के प्रयोग से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
  • अशुद्ध जीवाश्‍म ईंधन के प्रयोग न करने से वातावरण में कम प्रदूषण
  • खाने पर धुएं के असर से मृत्‍यु में कमी
  • छोटे बच्‍चों में स्‍वास्‍थ्‍य समस्या से छुटकारा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation. Role of external state and non-state actors in creating challenges to internal security.

Topic : Unlawful activities (Prevention) Act

संदर्भ

भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम में जो संशोधन किये हैं उनके अनुसार वह किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर सकती है. इन संशोधनों के विरुद्ध कुछ लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिकाएँ डाली हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने इन याचिकाओं पर विचार करते हुए केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह इस विषय में अपना पक्ष रखें.

गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम क्या है?

  • यह कानून भारत में गैरकानूनी कार्य करने वाले संगठनों की कारगर रोकथाम के लिए बनाया गया है.
  • इसका मुख्य उद्देश्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए कानूनी शक्ति का प्रयोग करना है.
  • इस अधिनियम के अनुसार यदि कोई राष्ट्रद्रोही आन्दोलन का समर्थन करता है अथवा किसी विदेशी देश द्वारा किये गये भारत के क्षेत्र पर दावे का समर्थन करता है तो वह अपराध माना जाएगा.
  • UAPA 1967 में पारित हुआ था. बाद में यह पहले 2008 में और फिर 2012 में संशोधित हुआ था.

अधिनियम के कुछ विवादित प्रावधान

  • इसमें आतंकवाद की जो परिभाषा दी गई है वह उतनी स्पष्ट नहीं है. इसलिए अहिंसक राजनैतिक गतिविधियाँ और राजनैतिक विरोध भी आतंकवाद की परिभाषा के अन्दर आ जाते हैं.
  • यदि सरकार किसी संगठन को आतंकवादी बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगा देती है तो ऐसे संगठन का सदस्य होना ही एक आपराधिक कृत्य हो जाता है.
  • इस अधिनियम के अनुसार किसी को भी बिना आरोप-पत्र के 180 दिन बंदी बनाया जा सकता है और 30 दिनों की पुलिस कस्टडी ली जा सकती है.
  • इसमें जमानत मिलने में कठिनाई होती है और अग्रिम जमानत का तो प्रश्न ही नहीं उठता.
  • इसमें मात्र साक्ष्य के बल पर किसी अपराध को आतंकवादी अपराध मान लिया जाता है.
  • इस अधिनियम के अन्दर विशेष न्यायालय बनाए जाते हैं जिनको बंद करने में सुनवाई करने का अधिकार होता है और जो गुप्त गवाहों का उपयोग भी कर सकते हैं.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.

Topic : Indian Ocean Conference

संदर्भ

मालदीव की राजधानी माले में पिछले दिनों चौथा हिन्द महासागर सम्मलेन, 2019 सम्पन्न हुआ. इस सम्मलेन की थीम थी – “हिन्द महासागर क्षेत्र की सुरक्षा : पारम्परिक एवं अपारम्परिक चुनौतियाँ”/ Securing the Indian Ocean Region: Traditional and Non-Traditional Challenges.

हिन्द महासागर सम्मलेन क्या है?

  • हिन्द महासागर सम्मलेन का सूत्रपात India Foundation ने सिंगापुर, श्रीलंका और बांग्लादेश के अपने भागीदारों के साथ किया था. 
  • यह एक वार्षिक आयोजन है जिसमें क्षेत्र के सभी देशों के मंत्री, अग्रणी विचारक, विद्वान्, कूटनीतिज्ञ, नौकरशाह आदि शामिल होते हैं.

पृष्ठभूमि

2016, 2017 और 2018 में यह सम्मेलन क्रमशः सिंगापुर, श्रीलंका और वियतनाम में आयोजित हुआ था. इस सम्मलेन के माध्यम से हिन्द महासागर के आस-पास के देशों को एक-दूसरे के निकट आने तथा क्षेत्र के आर्थिक एवं रणनीतिक महत्त्व के बारे में  विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलता है.

हिन्द महासागर का महत्त्व क्यों?

  • यह महासागर वैश्विक व्यापार के चौराहे पर स्थित है. अतः यह उत्तरी अटलांटिक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थित बड़ी-बड़ी अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है. इसका महत्त्व इसलिए बढ़ जाता है कि आज की युग में वैश्विक जहाजरानी उभार पर है.
  • हिन्द महासागर प्राकृतिक संसाधनों में भी समृद्ध है. विश्व का 40% तटक्षेत्रीय तेल उत्पादन हिन्द महासागर की तलहटियों में ही होता है.
  • विश्व का 15% मत्स्य उद्योग हिन्द महासागर में ही होता है.
  • हिन्द महासागर की तलहटी तथा तटीय गाद में बहुत-सारे खनिज होते हैं, जैसे – निकल, कोबाल्ट, लोहा, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, चाँदी, सोना, टाइटेनियम, ज़िरकोनियम, टिन आदि. इनके अतिरिक्त यहाँ बहुत-सारे दुर्लभ मृदा तत्त्व (Rare Earth Elements) भी विद्यमान हैं, यद्यपि इनको निकालना व्यवासायिक रूप से सदैव लाभप्रद नहीं होता है.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Economics of animal-rearing.

Topic : Foot-and-mouth disease

संदर्भ

पशुओं में खुरहा और मुंह के रोगों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का अनावरण पिछले दिनों प्रधानमंत्री द्वारा किया गया. यह एक शत-प्रतिशत केंद्र पोषित कार्यक्रम है जिसके लिए 2019 से 2024 की अवधि हेतु कुल मिलकर 12,652 करोड़ रु. की बजटीय व्यवस्था की गई है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से 2025 तक खुरहा और मुंह के रोग एवं ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) रोग को नियंत्रण करना तथा 2030 तक इन रोगों को अंतिम रूप से उन्मूलित करना है.

खुरहा और मुंह का रोग क्या है?

  • यह पशुओं में लगने वाला एक वायरल संक्रामक रोग है जो कभी-कभी प्राणघातक सिद्ध होता है. यह रोग खुर वाले पशुओं में होता है चाहे वे घरेलू हों अथवा जंगली.
  • इस रोग में दो-तीन दिन तक तेज बुखार होता है जिसके पश्चात् मुंह और खुर में छाले पड़ जाते हैं जिनके फटने से पशु लंगड़ाने लगता है.
  • यह रोग जिस वायरस से होता है उसका नाम पिकोर्ना वायरस (picornavirus) है जो एप्थोवायरस (apthovirus) प्रजाति के अन्दर आता है.

रोग का प्रसार और दुष्प्रभाव

खुरहा और मुंह के रोग का पशुओं के ऊपर भीषण दुष्प्रभाव होता है क्योंकि यह एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो पशुओं में ऐयरोसोल (aerosol) के जरिये फैलता चला जाता है. जब कोई दूसरा पशु वायरस से प्रदूषित कृषि उपकरणों, वाहनों, परिधानों अथवा भोजनों के सम्पर्क में आता है तो उसे यह रोग लग जाता है. घरेलू और जंगली शिकार करने वाले पशु भी इस रोग को फैलाने में सहायक सिद्ध होते हैं.

क्या यह रोग मनुष्य को भी लग सकता है?

इसका उत्तर हाँ है. जो मनुष्य संक्रमित पशु के सम्पर्क में आता है तो उसे यह रोग हो सकता है, परन्तु ऐसा विरले ही होता है. कुछ ऐसे मामले आये हैं जब प्रयोगशाला के अन्दर दुर्घटनावश मनुष्य को यह रोग लग गया. खुरहा और मुंह के रोग को उत्पन्न करने वाला वायरस पेट के अम्ल के प्रति संवेदनशील होता है, इसलिए यदि कोई मनुष्य संक्रमित मांस खाता है तो उस मनुष्य को यह रोग नहीं होगा. हाँ, उसके मुंह में यह रोग उस मांस को निगलने के पहले हो सकता है. जब किसी मनुष्य को यह रोग हो ही जाता है, तो उसके लक्षण ये होते हैं – व्याकुलता, ज्वर, उल्टी, मुंह के ऊतकों में लाल छाले और कभी-कभी त्वचा पर छोटे-छोटे फफोले.


Prelims Vishesh

India’s first ever helicopter summit :-

  • पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार के नगर विमानन मंत्रालय एवं फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industries) के तत्त्वावधान में पिछले दिनों देहरादून में भारत का पहला हेलिकॉप्टर शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ.
  • इस सम्मलेन की थीम थी – हेलिकॉप्टरों के माध्यम से सम्पर्कशीलता का विस्तार.

3 Animal Species In India Extinct Due To Desertification :-

  • भारत के तीन वन्यजीव मरूस्थलीकरण के कारण विलुप्त हो चुके हैं. ये हैं – भारतीय चीता, गुलाबी सिर वाला बत्तक, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड.
  • विदित हो कि मरूस्थलीकरण इन कारणों से होता है – कीटनाशकों का प्रयोग, कृषि भूमि में परिवर्तन, औद्योगिकीकरण और रसायनों का प्रयोग.

Project Bal Basera :-

  • बाल बसेरा ऋषिकेश में स्थित AIIMS के निर्माण कार्यस्थल पर काम कर रहे मजदूरों के बच्चों के लिए क्रेच की एक योजना है जिसमें केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) सहयोग कर रहा है.
  • इस बाल बसेरे में 35 बच्चे रहेंगे और इसका संचालन CPWD के अधिकारियों की पत्नियों का संघ कर रहा है.

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