Sansar डेली करंट अफेयर्स, 13 February 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 13 February 2021


GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : VIJAYANAGARA EMPIRE

संदर्भ

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में विजयनगर को आधिकारिक तौर पर कर्नाटक का 31वाँ जिला बनाया है. इस जिले को अयस्क-समृद्ध ‘बेल्लारी जिले’ से अलग करके स्थापित किया गया है. यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल हम्पी और विरुपाक्ष मंदिर इस जिले में स्थित हैं तथा जिले का नाम विजयनगर साम्राज्य के नाम पर ही रखा गया है. इस जिले में छह तालुके- होसापेट, कोटरू, कुडलिगी, हागीरबोमनहल्ली, हापपनहल्ली और होविना हदगाली शामिल होंगे.

विजयनगर साम्राज्य

मुहम्मद तुगलक के शासनकाल (1324-1351 ई.) के अंतिम समय में (उसकी गलत नीतियों के कारण) जब अधिकाँश स्थानों पर अव्यवस्था फैली और अनेक प्रदेशों के शासकों ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया तो दक्षिण के हिन्दू भी इससे लाभ उठाने से नहीं चूके. उन्होंने विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagar Empire) की स्थापना सन 1336 ई. में पाँच भाइयों (हरिहर, कंपा प्रथम, बुक्का प्रथम, मारप्पा और मदुप्पा) के परिवार के दो सदस्यों, हरिहर और बुक्का के नेतृत्व में की.

अनेक शिलालेखों के अनुसार हरिहर और बुक्का याद परिवार किए किसी चन्द्रवंशी संगम के पुत्र थे. ये दोनों भाई वारंगल राज्य (warangal rajya) के शासक प्रतापरूद्र द्वितीय की सेवा में थे. जब गयासुद्दीन तुगलक ने वारंगल को 1323 ई. में जीत लिया तो वे काम्पलि चले आये. मुहम्मद तुगलक के विरुद्ध उसके चहेरे भाई बहाउद्दीन गुर्शप ने 1325 ई. में कर्नाटक में सागर नामक स्थान पर विद्रोह कर दिया और सुलतान ने स्वयं जाकर उसके विद्रोह को दबाया. उसने (बहाउद्दीन गुर्शप) कर्नाटक में स्थित काम्पलि को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया. मुहम्मद तुगलक जिन छः अधिकारियों को काम्पलि से बंदी बनाकर दिल्ली ले गया था उनमें से ये दोनों भाई थे संभवतः उन्होंने इस्लाम स्वीकार कर लिया (या जबरदस्ती स्वीकार करा लिया गया) और वे सुलतान के कृपा पात्र बन गए. मुहम्मद तुगलक के विरुद्ध 1327-28 ई. में दक्षिण राज्यों में विद्रोह की एक शृंखला शुरू (बीदर, दौलताबाद, गुलबर्गा, मुदरा, तेलंगाना आर काम्पलि) हो गई. मुहम्मद तुगलक ने हरिहर और बुक्का को दक्षिण के काम्पलि प्रांत में भेजा ताकि वे विद्रोही हिंदुओं को कुचलकर वहाँ से सूबेदार मालिक मुहम्मद से शासन अपने हाथों में लेले. इन दोनों के दक्षिण जाने के बाद सचमुच वहाँ क्या हुआ, यह मुस्लिम इतिहासकारों और हिन्दू परम्परागत कथाओं के परस्पर विरोधी वर्णनों के कारण बिल्कुल स्पष्ट नहीं है. फिर भी एक बात पर दोनों स्रोत सहमत हैं कि इन दोनों भाइयों ने इस्लाम को शीघ्र ही तिलांजलि दे दी और स्वतंत्र विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की.

उन्होंने अपने पिता विजय के नाम को अमर करने के लिए काम्पलि (आधुनिक कर्नाटक राज्य में) के विद्यारण्य नामक संत के प्रभाव में आकर इस राज्य की नींव रखी थी और मुहम्मद तुगलक से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी.

चार राजवंश 

इस राज्य में 1336 ई. से लेकर 1565 ई. तक चार राजवंशों – संगम वंश (1336-1485), सालुव वंश/ Saluva dynasty (1485-1505), तुलुव वंश/Tuluva dynasty (1491-1570) और अरविडु वंश/Aravidu dynasty (1542-1646) ने शासन किया. इनमें से प्रथम दो राजवंश (अर्थात् संगम और सालुंव) संयुक्त बहमनी साम्राज्य के समकालीन थे जबकि तृतीय राजवंश (अर्थात् तुलुब) बहमनी राज्य के विघटन के बाद बनी पाँच मुस्लिम रियासतों (बीदर, बरार, बीजापुर, अहमदनगर और गोलकुंडा) का समकालीन था.

कला

  • विजयनगर शासकों ने अपने दरबार में बड़े-बड़े विद्वानों एवं कवियों को स्थान दिया.  इससे इस काल में साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई.
  • राजा कृष्णदेव राय एक महान् विद्वान, संगीतज्ञ एवं कवि थें. उन्होंने तेलुगू भाषा में ‘अमुक्तमाल्यदा’  तथा संस्कृत में ‘जांबवती कल्याणम्’ नामक पुस्तक की रचना की.
  • उनके राजकवि पद्दन ने ‘मनुचरित्र’ तथा ‘हरिकथा शरणम्’ जैसी पुस्तकों की रचना की. वेदों के प्रसिद्ध भाष्यकार ‘सायण’ तथा उनके भाई माधव विजयनगर के शासन के आरंभिक काल से संबंधित हैं. सायण ने चारों वेदों  पर टीकाओं की रचनाकार वैदिक संस्कृति को बढ़ावा दिया.
  • चित्रकला के क्षेत्र में ‘लिपाक्षी शैली’ तथा नाटकों के क्षेत्र में ‘यक्षगान’ का विकास हुआ. लिपाक्षी कला शैली के विषय रामायण एवं महाभारत से संबंधित हैं.

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GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Sarojini Naidu

संदर्भ

13 फ़रवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती मनाई गई.

सरोजिनी नायडू

  • सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी, 1879 को हुआ था. उनकी पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और माता का नाम वरदा सुन्दरी था.
  • इंग्लैंड में उन्होंने लंदन के ‘किंग्ज़ कॉलेज’ और ‘कैम्ब्रिज के गर्टन कॉलेज’ में शिक्षा ग्रहण की. वे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सकीं, परंतु अंग्रेजी भाषा में काव्य सृजन में वे प्रतिभावान रहीं. गीतिकाव्य की शैली में नायडू ने काव्य सृजन किया और 1905, 1912 और 1917 में उनकी कविताएं प्रकाशित हुईं.
  • उन्होंने मात्र 13 वर्ष की आयु में कविता द लेडी ऑफ लेक लिखी थी. उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में गोल्डन थ्रैशोल्ड, द बर्ड ऑफ टाइम, द ब्रोकन विंग, नीलांबु‘, ट्रेवलर्स सांग, इत्यादि शामिल है. सरोजिनी नायडू के कविता संग्रह बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया.
  • एक महान कवयित्री की तरह सरोजिनी नायडू एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थी. 1906 में सरोजनी नायडू ने कलकत्ता में एक ओजस्वी भाषण दिया जिससे गोपालकृष्ण गोखले बहुत प्रभावित हुए. गोखले ने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया. इसके साथ ही सरोजिनी नायडू की मुलाकात गांधी जी से सन् 1914 में लंदन में हुई.
  • श्रीमती सरोजिनी नायडूने गोखले को “क्रियात्मक और परिश्रमी कार्यकर्ता और एक रहस्यवादी स्वप्नद्रष्टा” की संज्ञा दी थी. 
  • उन्‍हें वर्ष 1908 में उन्‍हें अंग्रेजों ने ‘कैसरहिन्द‘ के सम्मान से नवाजा था. जालियाँवाला बाग हत्याकांड से क्षुब्ध होकर उन्होंने 1908 में मिला ‘कैसर-ए-हिन्द’ सम्मान लौटा दिया था.
  • सन् 1930 के प्रसिद्ध नमक सत्याग्रह में सरोजिनी नायडू गांधी जी के साथ चलने वाले स्वयंसेवकों में से एक थीं.
  • भारत की आजादी के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया एवं राज्यपाल पद पर नियुक्ति पाने वाली प्रथम भारतीय महिला का गौरव भी उन्हें प्राप्त हुआ.
  • भारत की सबसे पुरानी और महत्त्वपूर्ण नारी संस्था ‘अखिल भारतीय महिला परिषद’ (आल इंडिया विमेन्स कान्फ्रेंस) से सरोजिनी नायडू जुड़ गई .
  • भारतीय इतिहास में इस महान नायिका को आगे आने वाली पीढ़ियों के द्वारा भारत कोकिला‘, ‘राष्ट्रीय नेताऔर नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा.

GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Infrastructure.

Topic : National Investment and Infrastructure Fund

संदर्भ

ब्रिक्स समूह के न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) ने भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) फंड ऑफ़ फंड्स में 100 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है.

NIIF क्या है?

  • NIIF लंबित आधारभूत परियोजनाओं हेतु विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत में एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है.
  • ज्ञातव्य है कि यह कोष (NIIF) 2015 में भारत सरकार द्वारा 40,000 करोड़ रु. की राशि से देश में अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में निवेश करने के लिए गठित की गई थी जिसमें 49% धन सरकार निवेश करेगी और शेष धन तृतीय-पक्ष (third-party) निवेशकों, जैसे –सॉवरेनसंपदा कोष (sovereign wealth funds), बीमा तथा पेंशन कोष, दान इत्यादि से उगाहा जायेगा.
  • यह ऊर्जा, परिवहन, आवास, जल, कचरा निपटान तथा अन्य आधारभूत संरचना से सम्बंधित क्षेत्रों में निवेश करता है.
  • वर्तमान में NIIF तीन अलग-अलग निवेश कोषचला रहा है जो सभी SEBI में वैकल्पिक निवेश फण्ड के रूप में पंजीकृत हैं.

तीन अलग-अलग निवेश कोष

मास्टर कोष :- यह कोष मुख्य रूप से सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, बिजली कारखानों आदि अवसंरचना के शुद्ध प्रक्षेत्रों में निवेश करता है.

कोषों का कोष :- यह उन कोषों में निवेश करता है जिनको वैसे कोष प्रबंधक संभाल रहे हैं जिन्होंने अवसंरचना एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्रों में अच्छा काम किया है. यह कोष जिन प्रक्षेत्रों पर अधिक ध्यान देता है, वे हैं – हरित अवसरंचना, मध्य आय एवं सस्ती आवास योजना, अवसंरचनात्मक सेवाएँ और सम्बद्ध प्रक्षेत्र.

रणनीतिक निवेश कोष :- सेबी में पंजीकृत होने वाला तीसरा निवेश कोष रणनीतिक निवेश कोष कहलाता है और इसे वैकल्पिक निवेश कोष 2 का नाम दिया गया है.

नवीन विकास बैंक (NEW DEVELOPMENT BANK)

  • इस बैंक की स्थापना 2014में ब्रिक्स के सदस्य देशों रूस, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन द्वारा की गई थी.
  • यह बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाता है.
  • यह वैश्विक विकास को बढ़ाने के लिए, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों को पूरा करने के लिए काम करता है.
  • इसका उद्देश्य ब्रिक्स एवं अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिये व्यापक संसाधन जुटाना है.
  • नवीन विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पहली वार्षिक बैठक वर्ष 2016 में  चीन के शंघाई शहर में आयोजित की गई थी.
  • यह सार्वजनिक और निजी दोनों परियोजनाओं का समर्थन करता है. इस बैंक की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी 100 बिलियन अमरीकी डालर थी.
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है. इस बैंक ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के साथ रणनीतिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

2018 में NDB ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और फलदायी सहयोग के लिए एक शक्तिशाली आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया.

NDP में मतदान

विश्व बैंक के विपरीत, जो पूंजी शेयर के आधार पर मत प्रदान करता है, नव विकास बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक मत सौंपा गया है एवं किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है.

NDP की भूमिकाएँ और कार्य

बैंक वैश्विक प्रगति एवं विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के मौजूदा प्रयासों के एक अनुपूरक के रूप में ब्रिक्स एवं अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और धारणीय विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाएगी.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Related to Space.

Topic : Tianwen-1

संदर्भ

चीन का मंगल मिशन चीन का मंगल मिशन पर भेजा गया अंतरिक्ष यान, तियानवेन-1, 10 फरवरी, 2021 को सफलतापूर्वक मंगल की वक्षा में प्रवेश कर गया.

चीन ने मंगल ग्रह की ओर अपना पहला रॉकेट तियानवेन-1 (Tianwen-1) पिछले वर्ष जुलाई महीने में लॉन्च किया है.  इसके साथ ही चीन मंगल पर अपना रोवर भेजने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया था.

फिलहाल चीन अकेला देश नहीं है जो मंगल तक पहुँचने की प्रयास में लगा है. संयुक्त अरब अमीरात ने कुछ ही दिन पहले अपना स्वतंत्र मार्स ऑर्बिटर लॉन्च किया है, जो मंगल ग्रह की कक्षा में रह कर उसकी परिक्रमा करेगा. वहीं अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा अगले हफ्ते अपना “परजीवियरेंस” रोवर लॉन्च करने की तैयारी में है. 

तियानवेन-1 मिशन के विषय में

  • इस मिशन को चीन के स्थानीय समयानुसार 12:40 बजे (भारतीय समय- 10:10 बजे) वेनचांग अतंरिक्ष केंद्र से ‘लॉन्ग मार्च-5’ रॉकेट के ज़रिए प्रक्षेपित किया गया है.
  • इस मिशन को ‘तियानवेन-1’ या ‘क्वेश्चन्स टू हेवेन’ (स्वर्ग से सवाल) कहा जा रहा है.
  • चीनी मंगल मिशन में ग्रह की परिक्रमा, लैंडिंग और रोविंग सम्मिलित है.
  • तियानवेन-1 को मंगल के इक्वेटर के ठीक उत्तर में ‘यूटोपिया इंपैक्ट बेसिन’ के पास उतारने का लक्ष्य रखा गया है.
  • इससे पहले 2011 में भी चीन ने मंगल पर एक सैटेलाइट लॉन्च करने की कोशिश की थी लेकिन उसका ये प्रयास नाकाम रहा था.

चीन की “सैटेलाइट इंडस्ट्री अभी भी पश्चिम से आठ साल पीछे है”. 2002 में अमेरिकी अरबपति ईलॉन मस्क ने मंगल पर मानवयुक्त मिशन भेजने के इरादे से निजी एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स की स्थापना की थी. चीन इससे पहले 2011 में एक रूसी रॉकेट से मंगल ग्रह पर ऑर्बिटर लॉन्च की विफल कोशिश कर चुका है.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.

Topic : National Payments Corporation of India

संदर्भ

भारत का राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) का “NPCI PayAuth Challenge” हैकाथॉन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने “NPCI PayAuth Challenge” अनावृत करने की घोषणा की है.

NPCI PayAuth Challenge

यह एक वैश्विक स्तर का हैकाथॉन है जो वैकल्पिक भुगतान प्रमाणीकरण तंत्र की व्यवहार्यता की खोज के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. विकल्पों का पता लगाने के लिए, एनपीसीआई ने फिनटेक, समाधान प्रदाताओं और डेवलपर को अपने अद्वितीय समाधान प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया है. समाधान सरल होना चाहिए और नवीन प्रौद्योगिकी को यूपीआई में एकीकृत करना सरल होना चाहिए.

भारत का राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)

  • भारत का राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणाली के लिए एकछत्र संगठन है.
  • दस बैंक इसके प्रोमोटर हैं.
  • निगम का प्रमुख उद्देश्य नकद रहित लेन-देन को बढ़ावा देना है.
  • इसे सफलतापूर्वक RuPay नामक घरलू कार्ड भुगतान नेटवर्क ने विकसित किया है जिसके कारण विदेशी कार्डों पर निर्भरता घटी है.
  • NPCI को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) के मार्गदर्शन और समर्थन के साथ स्थापित किया गया था.

UPI क्या है?

समेकित भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) NPCI और RBI द्वारा निर्मित एक प्रणाली है जो एक नकद रहित प्रणाली का उपयोग करते हुए धन का तत्काल स्थानान्तरण करने में सहायक होती है. UPI का उपयोग करने के लिए एक स्मार्टफ़ोन और एक बैंकिंग एप की आवश्यकता होती है जिसके माध्यम से धन को तत्काल भेजा या पाया जा सकता है अथवा व्यापारी खुदरा खरीद के लिए भुगतान कर सकता है. आगे चलकर, UPI संभवतः आज के NEFT, RTGS और IMPS का स्थान ग्रहण कर लेगी.

यह कैसे काम करता है?

IMPS पर आधारित UPI के माध्यम से बैंक खाते से तुरंत और प्रत्यक्ष रूप से भुगतान हो जाता है. इसके लिए वॉलेट में पहले से पैसा भरना आवश्यक नहीं होता है. इसके माध्यम से एक से अधिक व्यवसाइयों को कार्ड का ब्यौरा टाइप किये बिना अथवा नेट बैंकिंग का पासवर्ड लिखे बिना भुगतान किया जाता है. UPI 2.0 हाल ही में भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम ने (National Payments Corporation of India – NPCI) UPI 2.0 को आरम्भ किया है जो UPI अर्थात् समेकित भुगतान इंटरफ़ेस का एक उत्क्रमित एवं नवीकृत संस्करण है. UPI के इस नवीनतम संस्करण में 4 नई विशेषताएँ हैं जिनसे यह उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक एवं सुरक्षित बन गया है. अब उपभोक्ता अपने ओवरड्राफ्ट खाते को UPI से जोड़ सकेंगे. साथ ही इसमें एककालिक मेनडेट की सुविधा होगी तथा बाद की तिथि में भुगतान करने के लिए पहले ही प्राधिकृत करने की सुविधा भी होगी. इस UPI की चौथी विशेषता यह है कि उपभोक्ता व्यवसायी के द्वारा भेजे गये invoice को भुगतान करने के पहले जाँच सकेंगे.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Infrastructure- energy. 

Topic : International Energy Agency

संदर्भ

हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA)  द्वारा ‘इंडिया एनर्जी आउटलुक’-2021 (India Energy Outlook 2021) प्रतिवेदन निर्गत किया गया है.

प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष

  1. आगामी दो दशकों में, भारत की ऊर्जा मांग में 25% की वृद्धि होगी, और यह ऊर्जा माँग का सर्वाधिक हिस्सा होगा, तथा यह वर्ष 2030 यूरोपीय संघ को पीछे छोड़ते हुए विश्व में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता बन जाएगा.
  2. भारत के वर्तमान राष्ट्रीय नीति परिदृश्य को देखते हुए, वर्ष 2040 तक देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6 ट्रिलियन डॉलर तक होने का अनुमान है और फलस्वरूप भारत की ऊर्जा खपत लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है.
  3. भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकता, देश को जीवाश्म ईंधन के आयात पर अधिक निर्भर बना सकती हैं. पेट्रोलियम अन्वेषण और उत्पादन और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने से सम्बंधित सरकार की नीतियों के बाद भी इसके घरेलू तेल और गैस के उत्पादन में वर्षों से कोई प्रगति नहीं हुई है.
  4. अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, भारत की तेल मांग में, वर्ष 2019 में 5 मिलियन बैरल प्रतिदिन (BPD) से बढ़कर वर्ष 2040 में 7 मिलियन बैरल प्रतिदिन, तक की वृद्धि होने की आशा है. तथा, इसकी शोधन क्षमता, वर्ष 2019 में 5 मिलियन बैरल प्रतिदिन से बढ़कर वर्ष 2030 तक 6.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन तथा वर्ष 2040 तक 7.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुँच सकती है.
  5. चीन के पश्चात् विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शुद्ध तेल आयातक देश भारत, वर्तमान में अपने कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 76% आयात करता है तथा इसकी विदेशी तेल पर निर्भरता वर्ष 2030 तक 90% और वर्ष 2040 तक 92% होने की उम्मीद है.
  6. तेजी से बढ़ती तेल माँग के कारण, भारत की तेल आयात लागत, वर्ष 2019 की तुलना में, वर्ष 2030 तक दोगुनी होकर लगभग 181 बिलियन डॉलर, तथा वर्ष 2040 तक 255 बिलियन डॉलर हो सकती है.

IEA क्या है?

IEA एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है जिसकी स्थापना 1974 इसलिए किये गयी थी कि उस वर्ष खनिज तेल की आपूर्ति में जो बाधाएँ आई थीं उनका निराकरण किया जा सके. तब से इस निकाय की गतिविधियों में विविधता और विस्तार हुआ है.

IEA के प्रमुख कार्य

  • IEA ऊर्जा से सम्बंधित सभी विषयों की पड़ताल करता है, जैसे – तेल, गैस और कोयला आपूर्ति एवं माँग, नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक, बिजली बाजार, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा की उपलब्धता, माँग का प्रबंधन आदि आदि.
  • IEA उन नीतियों का पक्षधर है जिनसे इसके सदस्य देशों और अन्य देशों में ऊर्जा की विश्वसनीयता, सुलभता एवं सततता में वृद्धि हो सकती है.
  • IEA प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि के लिए कार्यशालाओं, भाषणों एवं संसाधनों के कई कार्यक्रम चलाता ही है, इसके अतिरिक्त इसने कुछ प्रतिवेदन आदि भी प्रकाशित किये हैं, जैसे – इसका अपना मुख्य पत्रविश्व ऊर्जा दृष्टिकोण (World Energy Outlook), IEA बाजार प्रतिवेदन (IEA Market Reports), मुख्य विश्व ऊर्जा आँकड़े तथा मासिक खनिज तेल डाटा सेवा.

Prelims Vishesh

World Sustainable Development Summit: WSDS :-

  • प्रधान मंत्री ने WSDS 2021 का उद्घाटन किया है.
  • यह शिखर सम्मेलन द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) का एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है.
  • TERI वस्तुतः ऊर्जा, पर्यावरण और सतत विकास के क्षेत्र में कार्यरत एक गैर-लाभकारी, नीति अनुसंधान संगठन है.
  • यह शिखर सम्मेलन परिवर्तन का मुकाबला करने संबंधी प्रयासों में सरकारों, प्रमुख व्यापारिक भागीदारों, शिक्षाविदों, जलवायु वैज्ञानिकों युवाओं और नागरिक समाज को एकजुट करती है.

Oil spill at Kerala beach :-

  • तिरुवनंतपुरम के निकट कोचुवेली में फर्नेस ऑयल (Furnace oil) रिसाव को हटाने के लिए एक आपातकालीन सफाई प्रक्रिया आरंभ की गई थी.
  • महासागरों में होने वाला तेल रिसाव इसके सबसे प्रमुख प्रदूषकों में से एक है.
  • हर वर्ष लगभग 3 मिलियन मीट्रिक टन तेल महासागरों को दूषित करता है.

Koch Rajbangshis :-

  • यह एक समुदाय है, जिसका संबंध मूल रूप से कामता साम्राज्य (Kamata kingdom) से है. इसके अंतर्गत असम, पश्चिम बंगाल और निकटवर्ती प्रदेश सम्मिलित थे.
  • मध्यकाल में, यह एक प्रमुख समुदाय था, जिसने अपने कामतापुर क्षेत्र के अंतर्गत बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और भारत के उत्तर-पूर्व के एक बड़े हिस्से पर शासन किया था.
  • स्वतंत्रता के बाद, कूच बिहार की रियासत पश्चिम बंगाल का हिस्सा बन गई थी.
  • विगत वर्ष सरकार ने असम में कामतापुर स्वायत्त परिषद्‌ (असम के कुछ निचले जिलों में मुख्य रूप से कोच राजबंग्शियों के ग्रामों सहित) का गठन किया था.

Maori people :-

  • माओरी न्यूजीलैंड के स्थानीय निवासी हैं.
  • वे पोलिनेशियन हैं और देश की जनसंख्या में उनकी भागीदारी 15% हैं.
  • ते रेओ माओरी (Te Reo Maori) उनकी मूल भाषा है.
  • हाल ही में, एक माओरी सांसद द्वारा टाई पहनने से मना करने पर उसे संसद से बाहर कर दिया गया था. इस घटना के पश्चात न्यूजीलैंड की संसद ने टाई पहनने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया.

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