Sansar डेली करंट अफेयर्स, 13 December 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 13 December 2019


GS Paper 1 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Subramaniya Bharathiyar

संदर्भ

11 दिसंबर को सुब्रमनियन भारती की जयंती मनाई गई. ज्ञातव्य है कि वह तमिलनाडु के एक कवि, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे.

कवि के रूप में सुब्रमनियन भारती

  • उनको महाकवि भारथियार के नाम से भी जाना जाता है.
  • राष्ट्रीयता और भारतीय स्वतंत्रता पर लिखे गये उनके गीत सुनकर तमिलनाडु का जनसाधारण स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ गया.
  • उनके कुछ प्रसिद्ध काव्य हैं – “कन्नन पट्टु”, “नीलावम वनमिनम कैट्रम”, “पांचाली सबतम”, “कुइल पट्टु”.
  • 1908 में उन्होंने “सुदेश गीतंगल” नामक क्रांतिकारी रचना प्रकाशित की थी.
  • 1949 में वे वैसे पहले कवि हो गये जिनकी रचनाओं को राज्य प्रशासन द्वारा राष्ट्रीयकृत किया गया.

सामाजिक सुधारक के रूप में सुब्रमनियन भारती

वह जाति व्यवस्था के खिलाफ थे. उन्होंने घोषित किया कि केवल दो जातियाँ ही विद्यमान हैं – पुरुष और महिलाएं और इससे ज्यादा कुछ नहीं. उन्होंने स्वयं अपने जनेऊ को तोड़ फेकी थी.

उन्होंने कुछ शास्त्रों की निंदा की जिनमें महिलाओं को नीचा दिखाया गया था. वह मानव मात्र की समानता में विश्वास रखते थे. उन्होंने कई ऐसे उपदेशकों की आलोचना की जो गीता और वेदों की शिक्षा देते समय अपनी व्यक्तिगत धारणाओं का घालमेल कर देते थे.


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Partial Credit Guarantee Scheme

संदर्भ

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए बनाई गई आंशिक ऋण गारंटी योजना को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की ओर से अनुमोदन मिल गया है.

पृष्ठभूमि

वर्ष 2019-20 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार भारत सरकार ने आंशिक ऋण गारंटी से सम्बंधित एक योजना का आरम्भ किया है. इस योजना के अन्दर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्तीय रूप से सही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की परिसम्पत्तियों को खरीदने के लिए एक एकमुश्त अंशकालिक ऋण गारंटी दी जायेगी.

उद्देश्य

ऋण अदायगी में चूक कर रही एनबीएफसी/एचएफसी की परिसंपत्तियों और देनदारियों में अस्‍थायी असंतुलन को समाप्‍त करना इसका उद्देश्‍य है. ऐसे में एनबीएफसी/एचएफसी की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उनकी परिसंपत्तियों की अंधाधुंध बिक्री करने की जरूरत नहीं होगी.

भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली गारंटी योजना के निर्गत होने की तिथि से छह महीने अथवा तब तक खुली रहेगी जब तक बैंक एक लाख करोड़ रु. की परिसम्पत्तियाँ नहीं खरीद लेती हैं.

आंशिक ऋण गारंटी योजना का महत्त्व

वर्तमान में अर्थव्यवस्था ढीली चल रही है जिसका कारण यह माना जा रहा है कि छोटे व्यवसाइयों और उपभोक्ताओं तक ऋणों का प्रवाह घट गया है और गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों एवं एचएफसी पर दबाव बढ़ रहा है. आंशिक ऋण गारंटी योजना से गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों में तरलता आएगी और अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में वे अपनी भूमिका पहले की भाँति निभा सकेंगी.

उल्लेखनीय तथ्य

  • बजट में घोषित इस योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार आर्थिक मामलों का विभाग (Department of Economic Affairs) किसी बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी अथवा HFCs से खरीदी गई परिसंपत्ति के मूल्य के 10% तक की राशि की सरकारी गारंटी देगा.
  • वित्तीय सेवा विभाग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से उनके लेन-देन की जानकारी एक विहित प्रपत्र में लेगा और फिर उसकी एक प्रति को विभाग के बजट प्रभाग को भेज देगा. सरकार बैंकों द्वारा प्रस्तुत दावों का निपटारा पाँच कार्य-दिवसों के भीतर कर देगा.
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों को उनके द्वारा बैंकों को बेची गई परिसंपत्तियों के मूल्य का 25% प्रति वर्ष सरकार को शुल्क देना होगा. वे मार्च 31 की तिथि को उनके पास जो मानक परिसंपत्तियाँ हैं, उनका 20% (अधिकतम 5,000 करोड़ रु.) बेच सकेंगी.
  • जिन परिसंपत्तियों को बेचा जाएगा उनकी रेटिंग कम से कम AA अथवा समतुल्य होनी चाहिए.
  • NBFC/HFC के पास पर्याप्त पूँजी होनी चाहिए और उनकी अलाभकारी सम्पत्ति (NPA) (पढ़ें > NPI in Hindi) 6% से कम होनी चाहिए. बेचने वाली कम्पनी पिछले दो वित्तीय वर्षों से लाभ में चलने वाली कम्पनी होनी चाहिए.
  • एकमुश्त गारंटी परिसंपत्तियों के क्रय की तिथि से 24 महीने तक वैध रहेगी. गारंटी को पहले भी बंद किया जा सकता है यदि परिसंपत्तियों को खरीदने वाला बैंक गारंटी की वैधता की तिथि से पहले उनको दुबारा उसी NBFC या HFC को किसी अन्य प्रतिष्ठान को बेच देता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : Social Security code

संदर्भ

श्रम मंत्री ने लोकसभा में सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2019 को प्रस्तुत कर दिया है.

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2019 के उद्देश्य

  1. वर्तमान कानूनों को एक जगह लाना
  2. नई पहलें करना जैसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा तथा अपारम्परिक काम करने वाले गिग श्रमिकों (gig workers) की बीमा और स्वास्थ्य.
  3. EPFO और ESIC जैसे संगठनों को निगमित करना.

संहिता के मुख्य तत्त्व

  1. असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बीमा, भविष्य निधि, जीवन बीमा :केंद्र सरकार समय-समय पर असंगठित कर्मचारियों के लिए उचित कल्याण कार्यक्रम बनाएगी जिसमें उनके जीवन एवं अपंगता की बीमा की जायेगी. उन्हें स्वास्थ्य एवं मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा तथा अन्य ऐसे लाभ दिए जाएँगे.
  2. EPFO और ESIC का निगमीकरण : EPFO और ESIC जैसे पेंशन, बीमा एवं सेवा निवृत्ति बचत निकायों को निगमित किया जाएगा. यह व्यवस्था की जायेगी कि इन संगठनों की अध्यक्षता श्रम मंत्री, श्रम सचिव, केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त और ESIC महानिदेशक डिफ़ॉल्ट से प्राप्त न कर सकें.
  3. गिग कर्मियों को लाभ :केंद्र सरकार गिग कर्मियों और प्लेटफार्म कर्मचारियों के लिए समुचित सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ चलाएगी जिसके अंतर्गत उनको जीवन एवं अपंगता बीमा, स्वास्थ्य मातृत्व लाभ, वृद्धावस्था सुरक्षा एवं अन्य लाभ दिए जाएँगे.
  4. मातृत्व लाभ :संहिता में वर्णित प्रावधानों के तहत प्रत्येक स्त्री को मातृत्व लाभ देना होगा. इसके लिए उसकी वास्तविक अनुपस्थिति की अवधि की औसत दैनिक मजदूरी की दर पर भुगतान किया जाएगा.
  5. संहिता के पारित होने पर बनने वाली सामाजिक संहिता में आठ वर्तमान श्रम कानून समाहित हो जाएँगे, ये हैं – कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923; कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948, कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952; मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961; ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972; सिनेकर्मी कल्याण कोष अधिनियम, 1981; भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक उपकर अधिनियम, 1996 और असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008.
  6. छूट : केंद्र सरकार को यह शक्ति होगी कि वह इस संहिता के सभी या किसी एक प्रावधान से कुछ चुने हुए प्रतिष्ठानों को छूट दे सकती है और विभिन्न सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य बना सकती है.
  7. वर्तमान में पाँच वर्ष की सेवा पूरी करने पर ही किसी निश्चित अवधि वाले कामगार को ग्रेच्युटी दी जाती है. परन्तु इस संहिता के अनुसार अब एक साल की सेवा पर ही अनुपातिक रुप से ग्रेच्युटी दी जा सकती है.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure- roadways.

Topic : Infrastructure Investment Trust

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेबी द्वारा जारी निवेश ट्रस्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार आधारभूत संरचना निवेश ट्रस्ट (InvIT) बनाने और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को अधिकृत करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है.

इससे NHAI कम से कम एक वर्ष के टोल संग्रह रिकार्ड वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पूरे किए गए राजमार्गों का मुद्रीकरण कर सकेगा. NHAI चिन्हित राजमार्ग पर टोल लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है.

प्रभाव

InvIT साधन के रूप में निवेशकों को अधिक लचीलता प्रदान करता है और यह निम्नलिखित अवसर प्रदान कर सकता है : ·

  • भारतीय उच्च मार्ग बाजार के लिए पेटेंट पूंजी (20 -30 वर्षों के लिए) आकर्षित करना क्योंकि निवेशक निर्माण जोखिम को नापसंद करते हैं और दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने वाली परिसंपत्तियों में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं.
  • खुदरा घरेलू बचत तथा विशेष संस्थानों (म्युचुअल फंड, पीएफआरडीए आदि) के धन कोष को InvIT के माध्यम से आधारभूत संरचना क्षेत्र में निवेश किया जाएगा.

पृष्ठभूमि

सड़कें और राजमार्ग अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं और दूर-दराज के इलाकों को जोड़ते हैं. राजमार्ग क्षेत्रीय तथा संपूर्ण भारत के आधार पर सक्षम परिवहन व्यवस्था सुनिश्चि करते हैं. राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास से व्यापार में मदद मिलती है और क्षेत्र के संपूर्ण आर्थिक विकास में वृद्धि होती है.

भारत सरकार ने अक्टूबर, 2017 में भारतमाला परियोजना लॉन्च की. भारत माला परियोजना 5,35,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 24,800 किलोमीटर सड़कों के विकास का अग्रणी उच्च मार्ग विकास कार्यक्रम है. भारतमाला कार्यक्रम की विशालता को देखते हुए NHAI को निर्धारित समयसीमा के अंदर परियोजनाएं पूरी करने के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होगी. इसके लिए कार्ययोग्य विकल्प पूरे किए गए और संचालनरत राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्रीकरण है ताकि राजमार्गों का सही मूल्य प्राप्त किया जा सके और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में निजी क्षेत्र के लिए आकर्षक योजनाओं की पेशकश की जा सके.

क्रियान्वयन

  • सीमित धन संसाधन वाले NHAI जैसे संगठनों के लिए नए और अभिनव वित्तीय उपाय करना आवश्यक है. वर्ष 2018-19 के अपने बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री ने कहा था कि NHAI ने अपनी सड़क संपत्तियों को स्पेशल पर्पज व्हिकल के रूप में संगठित करने पर विचार कर सकता है तथा टोल संचालन और हस्तांतरण मॉडल, आधारभूत संरचना ट्रस्टों जैसे अभिनव मुद्रीकरण ढांचे का इस्तेमाल कर सकता है.
  • अनुभव के आधार पर NHAI पूरे किए गए तथा संचालनरत राष्ट्रीय राजमार्ग के मुद्रीकरण के लिए निवेश ट्रस्ट बनाने की दिशा में सक्रिय है. इसका उद्देश्य पूंजी बाजार के माध्यम से अतिरिक्त संसाधनों को जुटाना है.
  • NHAI का निवेश ट्रस्ट (InvIT) भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 तथा भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (आधारभूत संरचना ट्रस्ट) के विनियम, 2014 के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा. ट्रस्ट का उद्देश्य आधारभूत परियोजनाओं (वित्त मंत्रालय द्वारा परिभाषित) में मुख्य रूप से निवेश करना है. InvIT प्रत्यक्ष रूप से या एसपीवी और या शेयर पूंजी के माध्यम से संपत्ति का स्वामित्व रख सकता है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.

Topic : Navic

संदर्भ

अमेरिका की कांग्रेस ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत की NAVIC प्रणाली को यूरोपीय संघ की गेलिलियो और जापान की QZSS प्रणालियों की भाँति अमेरिका की एक “मित्र” नेविगेशनल उपग्रह प्रणाली मानी जाए.

NAVIC क्या है?

  • इसका पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है.
  • यह एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है जो भारत की मुख्य भूमि के चारों ओर 1,500 किमी. तक के क्षेत्र के विषय में स्थिति से सम्बंधित सूचना देने के लिए तैयार की गई है.
  • NAVIC दो प्रकार की सेवाएँ देता है – 1. मानक स्थिति सेवाएँ (Standard Positioning Services) जो सभी उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध होंगी.  2. सीमित सेवाएँ (Restricted Services) जो केवल प्राधिकृत उपयोगकर्ताओं को मिलेंगी.

NAVIC का प्रयोग किन-किन कार्यों के लिए हो सकता है?

  • धरती, वायु और समुद्र में नेविगेशन
  • आपदा प्रबंधन
  • वाहनों और पानी के जहाज़ों का पता लगाना
  • मोबाइल फोन पर स्थिति की सूचना देना
  • सटीक समय बताना
  • मानचित्र बनाने और भूमि संरक्षण के लिए आँकड़े इकठ्ठा करना.
  • हाइकर और पर्यटकों को धरती से सम्बंधित नेविगेशन में सहायता पहुँचाना.
  • चालकों को दृश्य एवं श्रव्य नेविगेशन की सुविधा देना.

NAVIC में कितने उपग्रह लगे हैं?

NAVIC एक क्षेत्रीय प्रणाली है और इसलिए इसके लिए सात उपग्रह काम करेंगे. इन उपग्रहों में से तीन हिन्द महासागर के ऊपर भूस्थैतिक दशा में रहेंगे और चार ऐसे होंगे जो भूसमकालिक होंगे अर्थात् प्रत्येक दिन आकाश में एक ही समय और एक ही बिंदु पर दिखेंगे. धरती पर इस प्रणाली के लिए 14 स्टेशन काम करेंगे.

स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली आवश्यक क्यों?

स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली होने से देश की सुरक्षा के विषय में सटीक जानकारी मिलती है. इसके प्रयोग से राहत का कार्य भी अच्छे ढंग से किया जा सकता है.


Prelims Vishesh

What is Trakea? :-

  • हरियाणा पुलिस ने छेड़छाड़ मुक्त आपराधिक जाँच सुनिश्चित करने के लिये अद्वितीय बारकोडिंग सॉफ्टवेयर “ट्रेकिया” को अपनाया है.
  • यह एक फोरेंसिक साक्ष्य प्रबंधन प्रणाली है जो फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा आपराधिक घटनास्थल से महत्त्वपूर्ण सैंपल/नमूने एकत्रित करने के समय से ही आपराधिक जाँच से संबंधित समग्र प्रक्रिया के स्वचालन में मदद करती है.
  • इस प्रकार की व्यवस्था का संचालन करने वाला हरियाणा पुलिस देश की प्रथम राज्य पुलिस है.

Wi-Fi Calling :

  • वाई-फाई कॉलिंग, विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लक्षित है जहां सेलुलर नेटवर्क मजबूत नहीं हैं.
  • यह हाई डिफिनीशन (एच.डी.) वॉइस कॉल करने और प्राप्‍त करने हेतु ब्रॉडबैंड के माध्‍यम से उपलब्‍ध हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करता है.
  • उपयोगकर्ताओं को इन कॉल के लिए अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा क्यों कि यह वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करता है.

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