Sansar डेली करंट अफेयर्स, 12 June 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 12 June 2019


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : National Programme for prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and strokes (NPCDCS)

संदर्भ

NPCDCS कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के लिए पिछले दिनों एक बैठक हुई.

NPCDCS क्या है?

  • NPCDCS का पूरा नाम है – राष्ट्रीय कर्क रोग, मधुमेह, हृदय रोग एवं आघात रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम.
  • यह कार्यक्रम 2010 में 21 राज्यों के 100 जिलों में आरम्भ किया गया था.
  • इसका उद्देश्य था बड़े-बड़े असंक्रमणीय रोगों की रोकथाम और नियंत्रण करना.
  • इस कार्यक्रम में मुख्य बल जिन विषयों पर दिया गया है, वे हैं – स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, रोग को समय पर पकड़ना, रोग का उचित उपचार करना एवं उचित समय पर उपचार के लिए भेजना, स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करना और बेहतर क्षमता का निर्माण करना.
  • इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में NCD उपचार केन्द्रों की स्थापना करना और NCD से होने वाले खतरों के ऊपर निगरानी रखना.

इसके लिए धनराशि कहाँ से आएगी?

इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए धनराशि केंद्र और राज्य दोनों देंगे. इसमें केंद्र और राज्य के हिस्से का अनुपात 60:40 होगा, परन्तु पूर्वोत्तर राज्यों और पहाड़ी राज्यों में यह अनुपात 90:10 होगा.

NCD के बारे में कुछ ज्ञातव्य तथ्य

  • इन रोगों के कारण विश्व-भर में 70-71% मृत्यु होती है अर्थात् 41 मिलियन लोग मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं.
  • मरने वाले लोगों में से 15 मिलियन लोग 30 वर्ष से लेकर 69 वर्ष की आयु के होते हैं. 85% मृत्यु असामयिक कहलाती है जो निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती है. ज्ञातव्य है कि इस आयु वर्ग के व्यक्ति आर्थिक रूप से उत्पादक होते हैं.
  • असंक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु हृदय रोग (9 मिलियन), कैंसर (9 मिलियन), श्वास रोग (3.9 मिलियन) और मधुमेह (1.6 मिलियन) से होती है.
  • मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर और जीर्ण स्वास रोग चार कारणों से होते हैं – तम्बाकू सेवन, अस्वास्थ्यकर भोजन, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि और शराब का सेवन. चाहे तो कोई व्यक्ति अपने व्यवहार में सुधार लाकर इन रोगों से बच सकता है.
  • ये रोग बहुत करके ग़रीबों में होते हैं और इनके कारण स्वास्थ्य देख-भाल की प्रणालियों बोझ बढ़ता जा रहा है.

असंक्रामक रोग (NCD) क्या हैं?

  • असंक्रामक रोग लम्बे चलने वाले रोग हैं जो आनुवांशिक, शारीरिक, पर्यावरणगत, व्यवहारगत कारणों से होते हैं.
  • यह प्रमुख असंक्रामक रोग हैं – हृदयरोग (जैसे – हार्ट अटैक और स्ट्रोक), कैंसर, दमा और श्वास रोग एवं मधुमेह.

NCD का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

  • 2030 के सतत विकास लक्ष्य में एक लक्ष्य NCD से होने वाले असामयिक मृत्यु की संख्या घटाना भी है.
  • NCD और गरीबी में सीधा सम्बन्ध देखने में आता है. यदि ये रोग तेजी से बढ़ते जाएँ तो निम्न आय वाले देशों में गरीबी घटाने के लिए किये गये प्रयासों को धक्का लगेगा.
  • ऐसा देखने में आता है कि गरीब लोग अधिक शीघ्र बीमार पड़ते हैं और सामाजिक दृष्टि से उच्च लोगों की तुलना में जल्दी मरते भी हैं. ऐसा इसलिए होता है कि गरीब लोग तम्बाकू जैसी हानिकारक वस्तुओं का सेवन करते हैं और उनका खानपान स्वास्थ्यकर नहीं होता. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य की सुविधाओं तक उनकी पहुँच भी सीमित होती है.
  • NCD का उपचार महँगा होता है और लम्बा चलता है. बहुधा इसके शिकार गरीब लोग मर जाते हैं और हर वर्ष रोटी कमाने वालों की मृत्यु के कारण लाखों परिवार उजड़ जाते हैं.

GS Paper  2 Source: Down to Earth

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Topic : Acute Encephalitis Syndrome (AES)

संदर्भ

पिछले दिनों बिहार के पाँच उत्तरी जिलों में विकट कपाल ज्वर अर्थात् Acute Encephalitis Syndrome (AES) फ़ैल गया है. इस रोग को बिहार में चमकी बुखार कहा जाता है. इसे अभी तक 60 से अधिक बच्चों की मृत्यु हो गई है.

AES क्या है?

  • विकट कपाल ज्वर (AES ) एक ऐसा रोग है जिसमें बुखार के साथ-साथ कुछ मानसिक लक्षण भी उत्पन्न हो जाते हैं, जैसे – मानसिक सम्भ्रम, भ्रान्ति, प्रलाप अथवा सन्निपात आदि.
  • कुछ मामलों में रोगी को मिर्गी भी हो जाती है. इस रोग के लिए कोई आयु अथवा ऋतु का बंधन नहीं होता. फिर भी अधिकतर यह रोग बच्चों और किशोरों को होता है. रोग के कारण या तो मृत्यु हो जाती है अथवा अच्छी-खासी शारीरिक क्षति पहुँचती है.
  • AES मुख्य रूप से वायरसों के चलते होता है. इस रोग के अन्य स्रोत हैं – बैक्टीरिया, फफूंद, परजीवी, स्पाइरोशेट, रसायन, विषाक्त तत्त्व एवं कतिपय असंक्रामक एजेंट.
  • भारत में AES के 5% से 35% तक मामले जापानी कपाल ज्वर वायरस (Japanese encephalitis virus – JEV) के कारण होता है.
  • इस रोग को फैलाने वाले अन्य वायरस हैं – निपाह और जीका.
  • यह रोग भारत में उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में होता है. बताया जाता है कि यह रोग तब होता है जब बच्चे खाली पेट कच्ची लीची खा लेते हैं. विदित हो कि कच्ची लीची में हाइपोग्लीसिन A और मेंथलीनसाइक्लोप्रोपिलग्लिसिन (MCPG) नामक विषाक्त तत्त्व होते हैं. इनमें हाइपोग्लीसिन A के कारण उल्टियाँ होने लगती हैं. ऐसी उल्टियों को जमैकन वमन रोग कहा जाता है. दूसरा विषाक्त तत्त्व MCPG लीची के बीजों में पाया जाता है.

GS Paper  2 Source: Down to Earth

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Topic : Abuja Maria’s and other PVTGs

संदर्भ

छत्तीसगढ़ सरकार अबूझ माढ़ी नामक विशेष रूप से संकटग्रस्त जनजातीय समूह (PVTGs) को आवासीय अधिकार देने पर विचार कर रही है.

अबूझ माढ़ी से सम्बंधित मुख्य तथ्य

  • अबूज माढ़ी एक संकटग्रस्त जनजातीय समूह है जिसे वनाधिकार अधिनियम (FRA) के अंतर्गत आवासीय अधिकार मिले हुए हैं.
  • इस जनजाति का नाम इसके अबूझ माढ़ नामक जंगल में रहने के कारण पड़ा है.
  • विदित हो कि अबूझ माढ़ वह क्षेत्र है जो नक्सलवादियों के अंतिम बचे गढ़ों में से एक है.
  • अबूझ माढ़ियों के पास एक अपनी प्रशासनिक व्यवस्था है.
  • अबूझमाढ़ जंगल बस्तर क्षेत्र में 1,500 मील में फैला हुआ है.

FRA में प्रावधान

  • वनाधिकार अधिनियम में उल्लेख है कि वनवासियों में विशेष रूप से संकटग्रस्त जनजातीय समूह (Particularly Vulnerable Tribal Groups – PVTGs) के ऊपर विशेष संकट को देखते हुए जिला-स्तरीय समिति का कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करने में आगे बढ़कर भूमिका निभाये कि सभी PVTG को आवासीय अधिकार मिले. इसके लिए समिति को चाहिए कि ग्राम सभा के समक्ष दावा पेश होने के बाद वह PVTG की सम्बंधित पारम्परिक संस्थाओं के साथ विमर्श करे.
  • FRA में आवसीय क्षेत्र संरक्षित और सुरक्षित जंगलों में स्थित उन क्षत्रों को कहा गया है जहाँ आदिम जनजातियाँ और कृषि-पूर्व समुदाय तथा अन्य वनवासी जनजातियाँ रहा करती हैं.

PVTG कौन हैं?

यह जनजाति-समूह अन्य जनजातियों की तुलना में अधिक संकटग्रस्त हैं. 1975 में भारत सरकार ने ऐसे 52 समूहों को PVTG की श्रेणी में रखा था. 1993 में इस श्रेणी में 23 और समूह रखे गये थे. इस प्रकार देश के कुल 705 जनजातियों में से 75 जनजातियों को PVTG का दर्जा दिया गया. इनमें से सबसे अधिक PVTG ओडिशा (13) और आंध्र प्रदेश (12) में रहते हैं. जनजातीय कार्य मंत्रालय इन समूहों के लिए अलग से योजनाएँ चलाता है.

PVTG के लिए अपनाए गये मानक

  • जनजातीय समूह की तकनीक का स्तर कृषि से पूर्व का होना चाहिए.
  • जनसंख्या या तो स्थिर हो अथवा कमती जा रही हो.
  • साक्षरता अत्यंत कम हो.
  • अर्थव्यवस्था जीवन-धारण तक सीमित हो.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Pro-tem Speaker

संदर्भ

मध्य प्रदेश के भाजपा सांसद वीरेंद्र कुमार 17वीं लोकसभा के तात्कालिक अध्यक्ष (Pro-tem speaker) होंगे. विदित हो कि लैटिन शब्दावली “Pro-tem” का अर्थ है “तत्काल के लिए”. अतः प्रो-टेम अध्यक्ष की नियुक्ति एक निश्चित अवधि के लिए होती है.

जब नई लोकसभा बैठती है तो उस समय कोई नियमित अध्यक्ष नहीं होता है इसलिए राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल एक सांसद को सदन की अध्यक्षता के लिए तात्कालिक रूप से नियुक्त करता है.

नियुक्ति

  • साधारणतः सदन का वरिष्ठतम सदस्य प्रो-टेम अध्यक्ष चुना जाता है. उसे पद की शपथ राष्ट्रपति या राजपाल दिलाते हैं.
  • जब सदन विधिवत् नया अध्यक्ष चुनता है तो प्रो-टेम अध्यक्ष पद से तत्काल हट जाता है.

प्रोटेम अध्यक्ष का कार्य

प्रो-टेम अध्यक्ष का मुख्य कार्य नए-नए चुने गये सदस्यों को शपथ दिलाना है. इसके अतिरिक्त वह नए नियमित अध्यक्ष के चुनाव में सदन का सहयोग भी करता है.

शक्तियाँ

  • बम्बई उच्च न्यायालय के द्वारा सुरेन्द्र वसंत सिरसट वाद में 1994 में दिए गये निर्णय के अनुसार नियमित अध्यक्ष के चुने जाने तक प्रो-टेम अध्यक्ष के पास वे सभी शक्तियाँ, विशेषाधिकार एवं छूट प्राप्त होती हैं जो एक नियमित अध्यक्ष को होती हैं.
  • गोदावरी मिश्र बनाम नन्दकिशोर दास, ओडिशा विधान सभा अध्यक्ष वाद में ओडिशा के उच्च न्यायालय ने बम्बई हाई कोर्ट के निर्णय से अपनी सहमति व्यक्त की थी.

संविधान के अंतर्गत प्रावधान

संविधान का अनुच्छेद 180 (1) राज्यपाल को प्रो-टेम अध्यक्ष नियुक्त करने की शक्ति देता है. यह अनुच्छेद कहता है कि यदि अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है और उस पद को भरने के लिए कोई उपाध्यक्ष नहीं होता तो उस पद का कार्य विधान सभा का वह सदस्य संभालेगा जिसको राजपाल इसके लिए नियुक्त करेगा.


Prelims Vishesh

Cyclone Vayu :-

  • पिछले दिनों अरब सागर में “वायु” नामक चक्रवात उत्पन्न हुआ जो वर्तमान में लक्षद्वीप के अमीनीदीवी द्वीप से 250 किलोमीटर पश्चिमोत्तर तथा मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व स्थित है.
  • विदित हो कि प्रबल निम्न दाब के क्षेत्रों के मध्य बिंदु में चक्रवात उत्पन्न होते हैं और आस-पास की हवाएं निम्न दाब के क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ने लगती हैं.

El Salvador recognises forests as living entities :-

  • अल-सेल्वेडोर ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए जंगलों को जीवंत इकाइयों के रूप में दे दी है जिसके फलस्वरूप में अब नागरिकों के लिए जंगलों को संरक्षित करना एक कर्तव्य हो जाएगा.
  • विदित हो अल-सेल्वेडोर में 1960 के बाद से 85% जंगल लुप्त हो चुके हैं.

India, Portugal to join hands in setting up maritime museum :-

  • भारत और पुर्तगाल ने निर्णय किया है कि वे गुजरात के लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री धरोहर संग्रहालय स्थापित करने में सहयोग करेंगे.
  • विदित हो कि पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में वहाँ की नौसेना ऐसा ही एक संग्रहालय चलाती है.
  • प्रस्तावित परियोजना जहाजरानी मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय पुरातात्विक सर्वे, गुजरात सरकार एवं अन्य हितधारकों के सहयोग से कार्यान्वित होगी.

Samadhi Buddha :

  • श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन ने पिछले दिनों भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को उपहार में समाधि बुद्ध की एक प्रतिमूर्ति दी.
  • विदित हो कि समाधि बुद्ध एक प्रसिद्ध प्रतिमा है जो श्रीलंका के अनुराधापुर नगर के महामेवनाव उद्यान में स्थित है.
  • यह प्रतिमा 7 फुट 3 इंच ऊँची और डोलोमाइट संगमरमर की बनी हुई है. इसमें बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति के समय ध्यान मुद्रा में दिखाया गया है.

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