Sansar डेली करंट अफेयर्स, 10 November 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 10 November 2018


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Global IT Challenge for Youth with Disabilities 2018

संदर्भ

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीनस्थ निःशक्त जन अधिकारिता विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities – DEPwD) Rehabilitation International Korea तथा उसके सम्बद्ध भागीदार LG Electronics के साथ मिलकर नई दिल्ली में Global ICT Challenge for Youth with Disabilities 2018 अर्थात् निःशक्त युवाओं के लिए वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी चुनौती नामक सम्मलेन आयोजित कर रहा है.

आयोजन का उद्देश्य

इस आयोजन का उद्देश्य निःशक्त युवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित कौशल को आगे लाना है. इसका लक्ष्य निःशक्त जनों, विशेषकर एशिया-प्रशांत सागरीय क्षेत्र के निःशक्त जनों, के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में सूचना एवं कंप्यूटर तकनीक (Information and Computer Technology – ICT) के प्रयोग के विषय में जागरूकता फैलाना भी है.

प्रतिभागीगण : इस वर्ष सम्मेलन में 18 देशों के ऐसे 100 युवा प्रतिभागिता कर रहे हैं जिनकी आँखें कमजोर हैं, जो सामान्य ढंग सुन नहीं सकते हैं, जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं और जो बौद्धिक अयोग्यता अथवा असमान्य शारीरिक विकास के दोष से ग्रस्त हैं.

आयोजन की रणनीति : इस आयोजन में चार कार्यक्रम होंगे जिनमें से दो प्रमुख कार्यक्रम हैं –

i) ई-टूल चैलेंज जिससे निःशक्त जन की MS Office कार्यक्रम का प्रयोग करने की क्षमता का परीक्षण होगा

ii) ई-लाइफ मैप चैलेंज जिसमें विशेष परिस्थतियों में ऑनलाइन सूचना खोजने की क्षमता का मूल्यांकन होगा.

ICT का महत्त्व

आज हमारे पास विश्व-भर में ऐसे कई app और software हैं जिनका प्रयोग निःशक्त जनों के जीवन कौशल को बढ़ाने तथा उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने के योग्य बनाया जा सकता है. इस प्रकार के ICT tool निःशक्त जनों के बीच संवाद के सेतु का काम करते हैं. इनके प्रयोग से डिजिटल ज्ञान में कमी को दूर  किया जा सकता है और साथ ही निःशक्त जनों के समाज में एकीकरण का काम भी किया जा सकता है.

आगे की राह

सॉफ्टवेर विकास के मामले में भारत सदैव विश्व में आगे की पंक्ति में रहा है. फिर भी इस बात की आवश्यकता है कि ऐसे प्रयास किये जाएँ जिनसे निम्न से निम्न स्तर पर ICT के प्रयोग के बारे में अधिक गहन और अधिक व्यापक जागरूकता का सृजन किया जा सके तथा निःशक्त जनों को सशक्त बनाया जा सके.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Pneumonia and diarrhea in India

संदर्भ

अमेरिका के मेरिलैंड राज्य में स्थित जॉन होपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के अंतर्राष्ट्रीय टीका उपलब्धता केंद्र (International Vaccine Access Center — IVAC) ने 2018 का निमोनिया एवं अतिसार (diarrhea) प्रगति प्रतिवेदन (report) निर्गत कर दिया है. ज्ञातव्य है कि नवम्बर 12 विश्व निमोनिया दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह प्रतिवेदन ठीक इसके पहले प्रकाशित किया गया है.

प्रतिवेदन के मुख्य तथ्य

  • भारत में टीकाकरण के काम में अच्छा-ख़ासा सुधार हुआ है फिर भी बाल मृत्यु के दो प्रधान कारकों – निमोनिया और अतिसार – की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों में पिछले एक वर्ष में कमी आई है.
  • ORS पिलाने का काम 13% घट गया है. स्तनपान में 10% की गिरावट हुई है. इसके अतिरिक्त निमोनिया की देखभाल की सुविधा की उपलब्धता में भी गत वर्ष 4% की कमी देखी गई है.
  • भारत में वर्ष 2016 में 5 वर्ष की कम आयु वाले 2,60,989 की मृत्यु निमोनिया और अतिसार से हुई. इस प्रकार भारत उन 15 देशों के शीर्ष स्थान पर बना हुआ है जहाँ इस प्रकार की मृत्यु सर्वाधिक हुई. मृत बच्चों में 1,58,176 निमोनिया के कारण और 1,02,813 अतिसार के कारण कालग्रस्त हुए.
  • भारत में वैसे टीकाकरण का काम बढ़ा है पर लड़कियों के मामले में टीकाकरण पिछड़ रहा है. उदाहरण के लिए दिल्ली के गरीब क्षेत्रों में जहाँ 100 बच्चों को टीका लगाया गया वहीं 78 बच्चियों को ही टीका लगाया गया.
  • जहाँ तक विश्व-भर का प्रश्न है 2016 में निमोनिया और अतिसार से 1.36 मिलियन बच्चे मरे. परन्तु इनमें से 2/3 मृत्यु मात्र 15 देशों में ही हुई. वास्तविकता यह है कि निमोनिया और अतिसार से 5 वर्ष से नीचे के जितने बच्चे 2016 में विश्व-भर में मरे, उनमें से आधे भारत और नाइजीरिया के ही बच्चे थे.
  • प्रतिवेदन में यह सुझाव दिया गया है कि निमोनिया और अतिसार को रोकने और उनका उपचार करने के लिए जिन उपायों का सहारा लिया जाना चाहिए, वे हैं – स्तनपान, टीकाकरण, चिकित्सकीय देखभाल की सुलभता, एंटी-बायोटिक दवाइयों का प्रयोग, ORS घोल को दिया जाना और जस्ते की गोली (zinc supplementation) दिया जाना.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Advanced Motor Fuels Technology Collaboration Programme

संदर्भ

भारत अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency – IEA) के अंतर्गत उन्नत मोटर ईंधन तकनीक सहयोग कार्यक्रम (Advanced Motor Fuels Technology Collaboration Programme – AMF TCP) का एक सदस्य बन गया है.

इसका मुख्य उद्देश्य उत्सर्जन में कमी लाना और परिवहन क्षेत्र में अधिक कारगर ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा देना है.

AMF TCP क्या है?

  • उन्नत मोटर ईंधन तकनीक सहयोग कार्यक्रम (AMF TCP) अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के ढाँचे के अंतर्गत एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसका उद्देश्य अधिक स्वच्छ और अधिक ऊर्जा बचाने वाले ईंधनों तथा परिवहन तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के विषय में सदस्य देशों के बीच समन्वय स्थापित करना है.
  • यह कार्यक्रम उन्नत मोटर ईंधनों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है और उनके प्रयोग को बढ़ावा देता है. यह परिवहन ईंधनों के विषय में विधिवत विचार करता है और उनके उत्पादन, वितरण एवं प्रयोग के बारे में सारे पहलुओं पर ध्यान देता है.
  • उत्सर्जन में कमी लाने के लिए यह विभिन्न ईंधनों का विश्लेषण करता है. इस मंच पर नए वैकल्पिक ईंधनों की पहचान करते हुए उनके परिवहन क्षेत्र में प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाता है और सम्बन्धित R&D गतिविधियों के सम्पादन में सहयोग किया जाता है.

AMF TCP के सदस्यगण

भारत AMF TCP का 16वाँ सदस्य होगा. अन्य सदस्य देश हैं – संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, कनाडा, चिली, इज़राइल, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, स्पेन, कोरिया गणराज्य, स्विट्जरलैंड और थाईलैंड.

भारत को क्या लाभ है?

  • भारत के AMF TCP से जुड़ने से वैकल्पिक ईंधनों की पहचान और प्रयोग के इसके प्रयासों को बल मिलेगा और इस प्रकार अधिक कारगर ईंधनों के परिवहन क्षेत्र में प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा एवं साथ ही उत्सर्जन में कमी आएगी.
  • AMF TCP की सदस्यता के फलस्वरूप सार्वदेशिक तकनीकी संसाधनों और लागतों का भारत को लाभ मिल सकेगा.
  • भारत स्वयं अधिक सक्षम ईंधनों पर अनुसंधान करता आया है. AMF TCP का सदस्य बन जाने पर वह जान सकेगा कि इस विषय में अन्य देश क्या अनुसंधान कर रहे हैं. इससे इसके अपने ज्ञान में वृद्धि होगी ही, इसकी R&D क्षमता भी अधिक सुदृढ़ हो जायेगी.
  • अब भारत को बेहतर ईंधन के सम्बन्ध में उत्कृष्ट प्रथाओं की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही अन्य अनुसंधानकर्ताओं के अनुसंधानों और उनके व्यवहारिक प्रयोग के विषय में सूचना भी उपलब्ध हो पाएगी.
  • AMF TCP का सदस्य बनने के पश्चात् भारत उन्नत जैव ईंधनों और अन्य मोटर ईंधनों के विषय में R&D शुरू करेगा जिससे जीवाश्म ईंधनों पर देश की निर्भरता में कमी लाई जा सकेगी.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : Global Cooling Innovation Summit

संदर्भ

नई दिल्ली में द्वि-दिवसीय वैश्विक शीतकरण नवाचार शिखर सम्मेलन (Global Cooling Innovation Summit) आयोजित होने जा रहा है.

यह शिखर सम्मेलन क्या है?

  • इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट, अलायन्स फॉर एन एनर्जी एफ़ीसिएंट इकॉनमी (AEEE), कंजर्वेशन X लैब्स और CEPT यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है.
  • इस शिखर सम्मेलन में कमरों में लगाए जाने वाले वातानुकूलन मशीनों की बढ़ती माँग से उत्पन्न जलवायविक खतरे के समाधान के लिए ठोस उपायों पर चर्चा होगी.

ग्लोबल कूलिंग प्राइज

इस सम्मेलन में ग्लोबल कूलिंग प्राइज नामक पुरस्कार का अनावरण होगा. यह पुरस्कार उसे दिया जाएगा जो आवासों में ऐसे वातानुकूलन मशीनों का आविष्कार करेंगे जो आजकल की ऐसी मशीनों की तुलना में जलवायु पर कम-से-कम 5 गुना कम दुष्प्रभाव डालते हों.

महत्त्व

  • इस पुरस्कार से विश्व का ध्यान आवासीय वाताकुलन से होने वाले दुष्प्रभाव की ओर जाएगा तथा इसके समाधान के लिए नए-नए आविष्कारों को प्रोत्साहन मिलेगा.
  • इस पुरस्कार से अनुसंधानकर्ताओं को इस बात का प्रोत्साहन मिलेगा कि वे समाज और अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर नवाचार की ओर प्रवृत्त हों.

Prelims Vishesh

SIMBEX 18 – marks Silver Jubilee this Year :-

  • अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के निकट SIMBEX नामक नौसैनिक अभ्यास का 25वाँ संस्करण आयोजित होने जा रहा है.
  • इस अभ्यास में सिंगापुर और भारत की नौसेनाएँ सम्मिलित होंगी.
  • इस बार का अभ्यास पैमाने और जटिलता के हिसाब से 1994 के बाद का अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास होगा.
  • SIMBEX का full form है – “Singapore-India Maritime Bilateral Exercise”.

World’s first AI news anchor debuts in China :-

  • चीन के पूर्वी प्रांत Zhejiang में चल रहे पाँचवे विश्व इन्टरनेट सम्मेलन में चीन ने विश्व का पहला कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence – AI) वाले समाचार प्रस्तुतकर्ता का अनावरण किया.
  • यह समाचार प्रस्तुतकर्ता को एक पुरुष का रूप दिया गया जिसकी आवाज़ और चेहरे की भंगिमाएँ और अन्य गतिविधियाँ एक वास्तविक व्यक्ति के समान हैं.
  • आजकल कंप्यूटर सिस्टम की प्रोग्रामिंग इस प्रकार की जाती है कि वे ऐसे काम कर सकते हैं जो अन्यथा मानवीय बुद्धि से ही संभव होते हैं. इसी को कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence) कहा जाता है.
  • दिन-प्रतिदिन नए-नए app और software आते जा रहे हैं जो कृत्रिम बुद्धि पर आधारित हैं और जिनके कारण हमारे रोजमर्रा के काम पहले से सरल हो गये हैं.

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