Sansar डेली करंट अफेयर्स, 10 June 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 10 June 2019


GS Paper  1 Source: The Hindu

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Topic : Pacific ring of fire

संदर्भ

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में स्थित सिनाबुंग नामक ज्वालामुखी पर्वत पिछले दिनों फट गया. विदित हो कि इसके पहले इस पर्वत में 2010 में लगभग 400 वर्षों के बाद विस्फोट हुआ था.

Mount Soputan, Pacific ring of fire map

पृष्ठभूमि

इंडोनेशिया उस क्षेत्र में पड़ता है जहाँ विश्व के अधिकांश ज्वालामुखीय विस्फोट होते हैं और जिसे रिंग ऑफ़ फायर (अग्निमुद्रा) क्षेत्र कहते हैं. हाल के दिनों में इस क्षेत्र में अनेक गतिविधियाँ हुईं हैं, परन्तु इंडोनेशिया को विस्फ़ोट से सबसे अधिक खतरा होता है क्योंकि यह टेक्टोनिक प्लेटों के एक विशाल ग्रिड पर स्थित है. यहाँ प्रशांतीय, यूरेशियाई और भारत-ऑस्ट्रेलियाई नामक तीन बड़े-बड़े महाद्वीपीय प्लेट आकर मिलते हैं और साथ ही यहाँ अत्यधिक छोटा फिलीपीन प्लेट भी आकर जुड़ता है. फलतः इंडोनेशिया के द्वीपों में स्थित अनेक ज्वालामुखियों के फटने का डर रहता है. इस देश में मोटे तौर पर 400 ज्वालामुखियाँ हैं जिनमें से 127 वर्तमान में सक्रिय हैं. वस्तुतः विश्व की सभी सक्रिय ज्वालामुखियों में एक तिहाई इसी देश में है.

अग्नि मुद्रिका (Ring of Fire) क्या है?

अग्नि मुद्रिका प्रशांत महासागर में एक क्षेत्र है जहाँ 450 ज्वालामुखी पर्वत हैं. विश्व के सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखी पर्वतों में से ये तीन इसी क्षेत्र से हैं –

  1. माउंट सेंट. हेलेंस (अमेरिका)
  2. माउंट फूजी (जापान)
  3. माउंट पिनाटुबो (फिलीपींस)

अग्निमुद्रिका को कभी-कभी प्रशांत-चतुर्दिक पट्टी (circum-Pacific belt) भी कहते हैं. विश्व में होने वाले 90% भूकंप अग्नि मुद्रिका में ही होते हैं. विश्व के सर्वाधिक बड़े भूकम्पों में 80% इसी क्षेत्र में होते हैं. अग्निमुद्रिका की

आकृति घोड़े के नाल के सदृश्य है. यह चार लाख किलोमीटर लम्बी है और यह न्यूज़ीलैण्ड से आरम्भ होकर एशिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के तटों को पार करते हुए चीली तक जा पहुँचती है.

अग्नि मुद्रिका कैसे बना?

अग्निमुद्रिका महासागरीय टेक्टोनिक प्लेटों के हल्के महाद्वीपीय प्लेटों के नीचे चले जाने के कारण बना है. जिस क्षेत्र में ये टेक्टोनिक प्लेट मिलते हैं, उसको सबडक्शन क्षेत्र (subduction zone) कहते हैं.

रिंग ऑफ़ फायर भूकम्प क्यों लाती है?

  • विश्व के सबसे गहरे भूकम्पसबडक्शन क्षत्र में ही होते हैं क्योंकि यहाँ टेक्टोनिक प्लेट एक-दूसरे से टकराते हैं और अग्नि-मुद्रिका वह स्थान है जहाँ विश्व के सबसे सबडक्शन क्षेत्र केन्द्रीय हैं.
  • जब पृथ्वी के पिघले हुए अंदरूनी भाग से ऊर्जा मुक्त होती है तो वह टेक्टोनिक प्लेटों को ऊपरढकेलती है और वे एक-दूसरे से टकराते हुए घर्षण उत्पन्न करते हैं. इस घर्षण के चलते ऊर्जा जमा होती है और जब यह ऊर्जा अंततः मुक्त होती है तो भूकम्प होता है. यह घटना जब समुद्र में होती है तो विनाशकारी सुनामी होते हैं.
  • टेक्टोनिकप्लेट सामान्यतः प्रत्येक वर्ष औसतन कुछ सेंटीमीटर आगे बढ़ते हैं, किन्तु जब भूकम्प आता है तो उनकी गति अत्यंत बढ़ जाती है और फलतः ये प्रति सेकंड कई मीटर बढ़ जाते हैं.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Leader of Opposition

संदर्भ

52 लोक सभा सांसदों वाले दल कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दावा नहीं करेगा.

ज्ञातव्य है कि यदि किसी दल के पास 55 सांसद हैं तो लोक सभा अध्यक्ष उस दल को नेता प्रतिपक्ष का पद दे सकता है.

नेता प्रतिपक्ष कौन होता है?

नेता प्रतिपक्ष उस सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता होता है जिसके पास सदन के कुल सदस्यों की संख्या का एक दहाई (1/10) से कम सदस्य नहीं होते हैं.

यह एक वैधानिक पद है जिसकी परिभाषा संसद में नेता प्रतिपक्ष का वेतन एवं भत्ते अधिनियम, 1977 में दी गई है.

नेता प्रतिपक्ष के पद का महत्त्व

  • नेता प्रतिपक्ष को “छाया प्रधानमन्त्री” (shadow Prime Minister) कहते हैं.
  • यदि सरकार गिरती है तो यह आशा की जाती है कि नेता प्रतिपक्ष सरकार संभालने के लिए तैयार होगा.
  • नीति और विधायी कार्यों से सम्बंधित विपक्ष के कार्यकलाप में समरसता एवं कार्यकुशलता लाने में नेता प्रतिपक्ष की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है.
  • देश के कई महत्त्वपूर्ण संस्थानों में नियुक्ति के समय निष्पक्षता एवं पारदर्शिता लाने में भी नेता प्रतिपक्ष की एक बड़ी भूमिका होती है. ये संस्थान हैं – केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), केन्द्रीय सूचना आयोग (CIC), लोकपाल आदि.

क्या नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार अपेक्षित है?

  • कई बार ऐसी स्थिति आती है कि विपक्ष का कोई भी दल सदन के कुल सीटों का 10% नहीं जीत पाता अर्थात् वर्तमान सन्दर्भ में 55 सीट नहीं जीत पाता है. ऐसी दशा में यह प्रावधान होना चाहिए कि लोकसभा अध्यक्ष सबसे बड़े विपक्षी दल के द्वारा चुने गये नेता को ही नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दे दे.
  • 1977 के लोकसभा अधिनियम में भी मात्र यह उल्लेख है कि नेता प्रतिपक्ष का पद उसी दल को मिलना चाहिए जो विपक्ष का सबसे बड़ा दल हो. इसलिए 10% का प्रावधान कानून के अनुरूप प्रतीत नहीं होता है.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Draft National Education Policy (NEP)

संदर्भ

पिछले दिनों भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का प्रारूप निर्गत कर दिया है.

प्रारूप के मुख्य तथ्य

  • यह शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE Act) के विस्तार का प्रस्ताव देता है. अब यह अधिनियम कक्षा 1 से पहले के तीन वर्ष की स्कूल-पूर्व पढ़ाई पर भी लागू होगा.
  • प्रारूप चाहता है कि बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा विद्यालय प्रणाली के एक अंग के रूप में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पर्यवेक्षण और विनियमन के अंतर्गत रहे.
  • यह प्रावधान निजी स्कूल-पूर्व कक्षाओं और आँगनवाड़ियों के अतिरिक्त होगा. विदित हो कि वर्तमान में ये ही 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग की पढ़ाई को देखते हैं.
  • प्रारूप में सुझाव है कि 3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए एक नया समेकित पाठ्यक्रम ढाँचा तैयार किया जाए जिसमें लचीलापन हो और खेलकूद गतिविधियों, आविष्कारों और तीन वर्ष के पश्चात् तीन भाषाओं को सीखने पर बल दिया जाए.
  • नई शिक्षा नीति को लागू करने पर आँगनवाड़ी प्रणाली में उथल-पुथल हो सकती है क्योंकि अभी तक पिछले चार दशकों से अधिक समय से आँगनवाड़ियों पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का नियंत्रण रहा है.

GS Paper  2 Source: PIB

pib_logo

Topic : Cabinet Secretary

संदर्भ

भारत सरकार ने 60 वर्ष पुराने नियम को संशोधित कर वर्तमान कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा को सेवा विस्तार दिया है. इस प्रकार वे देश के इतिहास में कैबिनेट सचिव पद पर सबसे लम्बे समय तक काम करने वाले नौकरशाह हो गये हैं.

इस विषय में नियम क्या हों?

  • कैबिनेट सचिव की नियुक्ति 2 वर्षों की एक नियत अवधि के लिए होती है.
  • अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह सेवा निवृत्ति लाभ), नियम, 1958 के अनुसार सरकार किसी कैबिनेट सचिव को सेवा विस्तार दे सकती है बशर्ते उसका कार्यकाल चार वर्षों से अधिक न हो जाए.
  • इन नियमों में सुधार करते हुए यह व्यवस्था की गई है कि केंद्र सरकार चाहे तो किसी कैबिनेट सचिव की सेवा को चार वर्षों के आगे भी अधिकतम तीन महीनों के लिए बढ़ा सकती है.

कैबिनेट सचिव की भूमिका

कैबिनेट सचिवालय प्रधानमन्त्री के प्रत्यक्ष प्रभार में होता है. इस सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख कैबिनेट सचिव होता है जो साथ ही साथ सिविल सेवा बोर्ड का पदेन अध्यक्ष भी होता है.

कैबिनेट सचिवालय के कार्य

  • कैबिनेट सचिवालय सरकार के निर्णय की प्रक्रिया में सहायता करता है. इसके लिए वह विभिन्न मंत्रालयों के बीच में समन्वयन का काम करता है तथा उनके बीच होने वाले मतान्तरों को सुलझाते हुए सर्वसम्मति सुनिश्चित करता है. इसके लिए वह सचिवों की स्थायी और तदर्थ समितियों का सहयोग लेता है.
  • देश में व्याप्त बड़े-बड़े संकटों के प्रबंधन में भी कैबिनेट सचिवालय की भूमिका होती है क्योंकि वह ऐसी दशा में विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों का समन्वयन करता है.
  • भारत सरकार (कार्य संचालन) नियम, 1961 और भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 को लागू करने का उत्तरदायित्व कैबिनेट सचिवालय का ही होता है.

Prelims Vishesh

Antarashtriya Yoga Diwas Media Samman (AYDMS) :-

21 जून को प्रतिवर्ष होने वाले योग दिवस के प्रति जागरूकता फैलाने में मीडिया के योगदान को मान्यता देने के लिए सूचना आयोग प्रसारण मंत्रालय ने पिछले दिनों एक नए पुरस्कार की घोषणा की है जिसका नाम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मीडिया सम्मान होगा.

G20 :-

पिछले दिनों जापान के नगर सुकूबा में पिछले दिनों G20 की एक मंत्रिस्तरीय बैठक हुई जिसका विषय था – “व्यापार एवं डिजिटल अर्थववस्था

  • G 20 1999 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसमें 20 बड़ी अर्थव्यस्थाओं की सरकारें और केन्द्रीय बैंक गवर्नर प्रतिभागिता करते हैं.
  • G 20 की अर्थव्यस्थाएँ सकल विश्व उत्पादन (Gross World Product – GWP) में 85% तथा वैश्विक व्यापार में 80% योगदान करती है.
  • G 20 सम्मेलन में विश्व के द्वारा सामना की जा रही समस्याओं पर विचार किया जाता है जिसमें इन सरकारों के प्रमुख शामिल होते हैं. साथ ही उन देशों के वित्त और विदेश मंत्री भी अलग से बैठक करते हैं.
  • G 20 के पासअपना कोई स्थायी कर्मचारी-वृन्द (permanent staff) नहीं होता और इसकी अध्यक्षता प्रतिवर्ष विभिन्न देशों के प्रमुख बदल-बदल करते हैं.
  • पहला G 20 सम्मेलन बर्लिन दिसम्बर 1999 को हुआ था जिसके आतिथेय जर्मनी और कनाडा के वित्त मंत्री थे.

सदस्य देश

  • G-20 के अन्दर ये देश आते हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका.
  • इसमें यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग तथा यूरोपीय केन्द्रीय बैंक प्रतिनिधित्व करते हैं.

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