Sansar डेली करंट अफेयर्स, 09 January 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 09 January 2020


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Telcos seek open court hearing on AGR

संदर्भ

भारतीय एयरटेल, वोडाफ़ोन आईडिया जैसी अनेक टेलिकॉम कंपनियों ने सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन उनकी समीक्षा याचिकाओं पर खुली सुनवाई का अनुरोध किया है.

मामला क्या है?

ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष अक्टूबर 24 को इन कम्पनियों से 1.47 लाख करोड़ रु. के बकाये की वसूली का आदेश बरकार रखा था और इन कम्पनियों द्वारा समंजित समग्र राजस्व (Adjusted Gross Revenue  – AGR) के निर्धारण पर की गई आपत्ति को निरस्त कर दिया था.

समंजित समग्र राजस्व क्या है?

समंजित समग्र राजस्व (AGR) वह लाइसेंस शुल्क है जो दूरसंचार संचालकों द्वारा दूरसंचार विभाग को जमा करना होता है. इसमें 3-5% स्पेक्ट्रम उपयोग का शुल्क होता है और 8% लाइसेंस का शुल्क होता है.

AGR की गणना कैसे होती है?

दूरसंचार विभाग AGR की गणना करते समय दूरसंचार कम्पनी द्वारा अर्जित पूर्ण राजस्व को आधार बनाता है. इसका तात्पर्य यह है कि इसमें दूरसंचार से पृथक स्रोतों, जैसे – जमा ब्याज और सम्पदा विक्रय, से प्राप्त आय को भी जोड़ा जाता है. दूसरी ओर, टेलिकॉम कंपनियों की माँग है कि AGR में केवल दूरसंचार सेवा से जनित राजस्व को ही आधार बनाया जाए.

न्यायालयीन आदेश का निहितार्थ

  • भारत का दूरसंचार उद्योग वित्तीय संकट से जूझ रहा है और इसमें मात्र चार ही संचालक बचे हुए हैं. ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गये आदेश के अनुसार 92, 642 करोड़ रु. देने से उद्योग और भी संकट में पड़ सकता है.
  • दूरसंचार कम्पनियों ने विश्वस्तरीय नेटवर्क बनाने में अनेक बिलियन डॉलर लगा दिए हैं. ऐसी स्थिति में न्यायालय के आदेश के अनुपालन से दो कम्पनियों को बहुत घाटा होगा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Northeast gas pipeline grid project

संदर्भ

भारत सरकार पूर्वोत्तर गैस पाइपलाइन ग्रिड परियोजना के लिए 5,559 करोड़ रु. की धनराशि मुहैया करने जा रही है.

पृष्ठभूमि

  • भारत देश की पाँच सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस कंपनियों ने एक संयुक्त उपक्रम समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में 5,559 करोड़ रुपयों की गैस पाइपलाइन ग्रिड परियोजना को क्रियान्वित करना है.
  • ये पाँच कंपनियाँ हैं – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), ओएनजीसी, गेल (GAIL), ऑयल इंडिया लिमिटेड और नुमालिगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL).
  • इस संयुक्त उपक्रम में इन सभी पाँच कम्पनियों का हिस्सा बराबर-बराबर का होगा.
  • इस परियोजना को चार वर्ष में पूरा किया जायेगा.
  • इस परियोजना के माध्यम से पूर्वोत्तर में एक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड बनाया जायेगा और संचालित किया जायेगा.

पूर्वोत्तर गैस पाइपलाइन ग्रिड परियोजना के मुख्य तत्त्व

  • यह परियोजना प्रधानमन्त्री उर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत क्रियान्वित की जा रही है.
  • प्रस्तावित ग्रिड गुवाहाटी को पूर्वोत्तर के मुख्य शहरों से जोड़ देगा. इसकी कुल लम्बाई 1,656 किलोमीटर होगी.
  • पूर्वोत्तर के सभी राज्य राजधानियों को जोड़ने के अतिरिक्त यह पाइपलाइनगेल द्वारा डाली जा रही बरौनी-गुवाहाटी गैस पाइपलाइन के माध्यम से  राष्ट्रीय गैस ग्रिड से भी जुड़ जाएगी.
  • गुवाहाटी से यह पाइपलाइन एक ओर नुमालिगढ़, दीमापुर, कोहिमा, इम्फाल से जुड़ेगी तो दूसरी ओर यह शिलोंग, शिलचर, ऐजवाल और अगरतला तक जाएगी.
  • एक अलग दिशा पकड़कर यह पाइपलाइन ईंटानगर भी जाएगी. बरौनी से गुवाहाटी जाने वाली GAIL की गैस पाइपलाइन से यह पाइपलाइन सिलीगुडी हुए गैंगटोक तक जाएगी.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.

Topic : World’s most efficient lithium sulphur battery developed in Australia

संदर्भ

ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक उच्च क्षमता वाली लिथियम-सल्फर बैटरी (super-capacity prototype by re-engineering a Lithium Sulphur (Li-S) battery) तैयार की है जिसमें ऐसी बैटरियों में होने वाली समस्याओं का निदान कर दिया गया है.

लिथियम-सल्फर बैटरियों (Li-S) के साथ समस्या

इस प्रकार की बैटरियाँ कोई नई नहीं हैं, पर इनमें एक मौलिक समस्या होती है कि बार-बार चार्ज करने पर इसका सल्फर एलेक्ट्रोड (electrodes) टूट जाया करता है. ऐसा इसके चार्ज के समय फैलने और सिकुड़ने के कारण होता है.

इस समस्या का समाधान कैसे हुआ?

शोधकर्ताओं ने एलेक्ट्रोडों को फैलने और सिकुड़ने के लिए अधिक स्थान दे दिया. ये एलेक्ट्रोड बैटरी के अन्दर पोलिमर (polymers) से चिपकाए होते हैं. शोध दल ने कम पोलिमरों का प्रयोग किया जिससे एलेक्ट्रोडों को फैलने-सिकुड़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल गई.

लिथियम-सल्फर बैटरी कैसे काम करता है?

लिथियम-सल्फर बैटरी ठीक उसी तरह काम करता है जैसे कोई साधारण लिथियम आयन बैटरी. इसमें लिथियम आयन एलेक्ट्रोदों के बीच प्रवाहित हो कर ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और रासायनिक रूप से अपरिवर्तित रह जाते हैं. बैटरी चार्ज करने पर ये आयन अपने आरम्भिक स्थान को लौट जाते हैं और उसके बाद यही प्रक्रिया नए सिरे से चालू हो जाती है.

Li-S बैटरी की विशेषता

Li-S बैटरी की शक्ति पारम्परिक लिथियम आयन बैटरी से पाँच गुनी होती है. 200 बार चार्ज करने के बाद भी इसमें 99% चार्ज बना रहता है. यह बैटरी तुलनात्मक दृष्टि से कई गुना सस्ता भी होता है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Inclusive growth and issues arising from it.

Topic : Small finance banks

संदर्भ

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सहारनपुर से काम करने वाले शिवालिक मेर्केंटाइल सहकारिता बैंक को लघु वित्त बैंक (Small finance bank) में परिवर्तित होने के विषय में अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है.

निहितार्थ

भारतीय रिज़र्व बैंक के सैद्धांतिक अनुमोदन का अर्थ है कि अब यह सहकारिता बैंक RBI से अंतिम लघु वित्त बैंक का लाइसेंस पाने के लिए सभी आवश्यक शर्तों को 18 महीने के भीतर पूरा कर सकता है. तत्पश्चात् RBI इस बैंक को बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 के अनुभाग 22(1) के तहत लघु वित्त बैंक के रूप में बैंक व्यवसाय आरम्भ करने का लाइसेंस दे देगा.

लघु वित्त बैंक क्या है?

ये वैसे बैंक हैं जिनका प्रमुख कार्य छोटे व्यवसायों, लघु एवं सीमान्त किसानों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों तथा असंगठित कारोबारों को सामान्य बैंकिंग सुविधाएँ देना है, जैसे – जमा लेना और ऋण देना.

ये क्या-क्या कर सकते हैं?

  1. ये बैंक छोटे-छोटे जमा ले सकते हैं और ऋण दे सकते हैं.
  2. लघु वित्त बैंक सभी बैंकों की तरह पैसा जमा करने और ऋण देने का कार्य करता है पर उसको मुख्य रूप से अपनी सेवाएँ छोटे व्यवसाइयों, छोटे एवं सीमांत किसानों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को देनी होती हैं.
  3. इन्हीं लोगों को यह अपना 75% ऋण देता है.
  4. इन बैंकों द्वारा दिए गए आधे ऋण 25 लाख रु. तक के ही होते हैं.
  5. यदि एक व्यक्ति को ऋण देना है तो ऐसे बैंक अपनी पूँजी का अधितम 10% ऋण के रूप में दे सकते हैं. यदि ऋण लेने वाला कोई समूह हो तो यह ऋण 15% तक हो सकता है.
  6. ऐसे बैंक म्यूच्यूअल फंड, बीमा उत्पाद और अन्य साधारण तृतीय पक्ष वाले वित्तीय उत्पादों का वितरण कर सकते हैं.

ये बैंक (Small Finance Banks) क्या नहीं कर सकते हैं ?

  • बड़े निगमों और समूहों को उधार नहीं दे सकते.
  • अपनी स्थापना के पहले पाँच वर्षों में आरबीआई के अनुमोदन के बिना ये अपनी शाखाएँ नहीं खोल सकते हैं.
  • यह बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए अलग से सहायक कार्यालय की स्थापना नहीं कर सकता है.
  • यह किसी भी बैंक के व्यवसायिक सहायक नहीं बनेंगे.

लघु वित्त बैंक के लिए दिशानिर्देश

  1. बैंक के संचालक को कम से कम 40% इक्विटी पूँजी देनी होगी और इस पूँजी को दस वर्षों में घटाकर 30% करना होगा.
  2. ऐसे बैंक के लिए न्यूनतम भुगतान की गई पूँजी 100 करोड़ रु. होनी चाहिए.
  3. जोखिम वाली संपत्तियों के लिए पूँजी पर्याप्तता अनुपात 15% होना चाहिए और टियर – 1 के लिए यह अनुपात 5% होना चाहिए.
  4. भुगतान की गई पूँजी के लिए विदेशी धारण अधिकतम 74% होना चाहिए और FPIs 24% से अधिक नहीं होना चाहिए.
  5. शुद्ध बैंक ऋण का 75% ऋण केवल प्राथमिकता प्रक्षेत्र को दिया जाएगा.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.

Topic : Scientific Social Responsibility (SSR) Policy

संदर्भ

केंद्र सरकार ने वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (Scientific Social Responsibility – SSR) से सम्बंधित नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है और उसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने निर्गत कर दिया है. ऐसी नीति बनाने वाला भारत संभवतः विश्व का पहला देश होगा. इस नीति को बनाने का कार्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कर रहा है. इसे नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility – CSR) की तर्ज पर तैयार किया गया है.

SSR के उद्देश्य

  • विज्ञान को समाज से जोड़ने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से सम्बंधित संस्थानों एवं वैज्ञानिकों को प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करना.
  • विज्ञान एवं समाज के बीच की कड़ी को सुदृढ़ करने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को जीवंत बनाने के लिए वैज्ञानिक समुदाय में छुपी संभावनाओं को आगे लाना.
  • समाज को उसकी आवश्यकता के अनुसार वैज्ञानिक जानकारी तक पहुँच हो तथा उसका लाभ मिले इसके लिए एक उपयुक्त तंत्र बनाना और इसमें आने आनी वाली समस्याओं को जानने एवं उनका समाधान निकालने के लिए सहयोग को बढ़ावा देना.

नीति-प्रारूप के मुख्य तथ्य

  • समाज को वैज्ञानिक जानकारियों से अवगत कराने के लिए प्रस्तावित नीति में यह व्यवस्था की जा रही है कि वैज्ञानिक प्रत्येक वर्ष अपना दस दिन इस काम में लगाएँगे.
  • इसके लिए जो गतिविधियाँ अपनाई जाएँगी उसके लिए उत्प्रेरणा हेतु आवश्यक बजटीय प्रावधान किया जाएगा.
  • वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (SSR) से सम्बंधित गतिविधियों के लिए प्रत्येक वैज्ञानिक को उसके वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन में क्रेडिट दी जायेगी.
  • किसी भी संस्थान को अपनी SSR गतिविधियों और परियोजनाओं को किसी और संस्था अथवा व्यक्ति से करवाने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
  • SSR नीति के प्रारूप में SSR को परिभाषित कर दिया गया है जिसके अनुसार इस प्रकार की गतिविधियाँ स्वैच्छिक होंगी और इनमें सेवा और आदान-प्रदान की भावना होनी चाहिए.
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में SSR को लागू करने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी गठित की जायेगी.
  • अन्य मंत्रालय को भी इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे SSR को लागू करने के लिए अपनी आवश्यक योजनाएँ भी बना सकें.

SSR की आवश्यकता

आज हमारे देश में अधिकांश शोध जनसाधारण के करों से हो रहा है. अतः वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों को यह नैतिक दायित्व बनता है कि वे समाज को भी अपना प्रतिदान दें. SSR जानकारी के आदान-प्रदान से सम्बंधित पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करेगा और समाज के लाभ के लिए विज्ञान के प्रयोग में दक्षता उत्पन्न करेगा.


Prelims Vishesh

CISF :-

  • पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को यह सुझाव दिया कि वह सभी न्यायालयों में सुरक्षा देने के लिए केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की एक विशेष शाखा के सृजन पर विचार करे.
  • उल्लेखनीय है कि CISF केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 के अधीन स्थापित किया गया था जिसका काम सरकारी और कुछ निजी प्रतिष्ठानों के परिसर और कर्मचारियों को सुरक्षा देना है.
  • आज की तिथि में यह Z प्लस, Z, X और Y श्रेणी की सुरक्षा वाले मनुष्यों को भी सुरक्षा प्रदान है.
  • यह एकमात्र ऐसा बल है जिसके पास अपनी अग्निशाखा भी है.

What is the habitable zone? :-

  • पिछले दिनों NASA ने TOI 700 d नामक पृथ्वी के आकार के एक ग्रह को खोज निकाला है जो अपने तारे की परिक्रमा निवासयोग्य जोन (habitable zone) में कर रहा है.
  • उल्लेखनीय निवासयोग्य जोन अथवा गोल्डीलॉक्स जोन (Goldilocks zone) किसी तारे से वह दूरी है जिसपर परिक्रमा करने वाले ग्रह पर तरल पानी की सम्भावना होती है.
  • यह दूरी उस तारे के आकार और तापमान पर निर्भर करती है.

What is Epiphany festival? :-

  • 6 जनवरी को गोवा और केरल में एपीफेनी उत्सव मनाया गया.
  • ज्ञातव्य है कि ईसाई लोग इस पर्व को शिशु ईषा से मागी अर्थात् तीन बुद्धिमान मनुष्यों अथवा राजाओं से मिलने की घटना की याद में मनाते हैं.
  • इस पर्व को गोवा में Festa dos Reis कहते हैं और केरल में Denha कहते हैं.

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