Sansar डेली करंट अफेयर्स, 09 February 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 09 February 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Drugs Technical Advisory Board

संदर्भ

भारत सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना निकालकर कुछ चिकित्सा उपकरणों, यथा – प्रत्यारोपण उपकरण, सी.टी. स्कैन, PET मशीन, MRI मशीन, डिफाइबरीलेटर, डायलिसिस यंत्र और अस्थि मज्जा विस्थापक यंत्र को 1 अप्रैल, 2020 के प्रभाव से मानव चिकित्सा के लिए से औषधि घोषित किया है. यह निर्णय औषधि तकनीकी परामर्शी निकाय (Drug Technical Advisory Body – DTAB) की सलाह पर लिया गया है.

इसकी आवश्यकता क्यों?

  • ऐसा करने से अब सरकार को इन उपकरणों की गुणवत्ता एवं काम को सुनिश्चित करने की सुविधा हो जायेगी.
  • ऊपर बताये गये उपकरणों को औषधि घोषित करने से यह लाभ होगा कि जनवरी 1, 2020 से भारतीय औषधि महानिदेशालय (DCGI) इनके आयात, निर्माण एवं विक्रय को विनियमित कर सकेगा.
  • अब इन उपकरणों को चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 में विहित मानकों एवं भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के द्वारा स्थापित अन्य मानकों के अंतर्गतपंजीकृत करना होगा. 
  • इन उपकरणों के निर्माण एवं आयात में लगी हुई कंपनियों कोभारतीय महा-औषधि नियंत्रक से आवश्यक अनुमति अथवा लाइसेंस लेना होगा.

DTAB क्या है?

  • DTAB तकनीकी मामलों के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का सार्वोच्च निर्णायक निकाय है.
  • स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (Director General of Health Services – DGHS) इस वैधानिक निकाय के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
  • इसका गठन औषधि एवं प्रासधन अधिनियम के अनुभाग 5 के तहत किया गया है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : The Constitution (125th Amendment) Bill

संदर्भ

भारत सरकार ने राज्य सभा में 125वाँ संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया है जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर भाग के छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों में कार्यरत 10 स्वायत्त परिषदों की वित्तीय और कार्यकारी शक्तियां बढ़ाना है. इस संशोधन का प्रभाव असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम में रहने वाले एक करोड़ जनजातीय लोगों पर पड़ेगा.

विधेयक के मुख्य तत्त्व

  • विधेयक में चुनाव द्वारा गठित ग्रामीण परिषदों का प्रावधान किया गया है जिससे कि प्रजातंत्र निचले से निचले स्तर तक लागू हो सके.
  • ग्रामीण परिषदें अब आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय के लिए इन विषयों से सम्बंधित योजनाएँ बना सकती हैं – कृषि, भूमि का उत्क्रमण, भूमि-सुधार का कार्यान्वयन, लघु-सिंचाई, जल प्रबंधन, पशुपालन, ग्रामीण विद्युतीकरण, लघु उद्योग एवं सामाजिक वानिकी.
  • संशोधन के अनुसार वित्त आयोग इन ग्रामीण परिषदों के लिए वित्तीय आवंटन की अनुशंसा करेगा.
  • ग्रामीण एवं शहरी परिषदों में कम-से-कम एक-तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किये जाएँगे.

संविधान की छठी अनुसूची क्या है?

  • असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्तशासी जिलों का गठन किया गया है, लेकिन ये स्वायत्तशासी क्षेत्र राज्य के कार्यकारी प्राधिकार से बाहर नहीं है.
  • राज्यपाल को स्वशासी जिलों को स्थापित या पुनर्स्थापित करने का अधिकार है. राज्यपाल स्वशासी क्षेत्रों की सीमा घटा या बढ़ा सकता है तथा नाम भी परिवर्तित कर सकता है.
  • यदि स्वशासी जिले में विभिन्न जनजातियां हैं, तो राज्यपाल जिले को विभिन्न स्वशासी क्षेत्रों में विभाजित कर सकता है.
  • प्रत्येक स्वशासी जिले के लिये एक जिला परिषद होगी, जिसमें तीस सदस्य होंगे. 26 सदस्यों का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर किया जायेगा. शेष 4 सदस्य राज्यपाल द्वारा नामित किये जायेंगे. नामित सदस्य राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त बने रहेंगे, जबकि निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा.
  • जिला व प्रादेशिक परिषदें अपने अधीन क्षेत्रों में जनजातियों के आपसी मामलों के निपटारे के लिये ग्राम परिषद या न्यायालयों का गठन कर सकती हैं. वे अपील सुन सकती हैं. इन मामलों में उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का निर्धारण राज्यपाल द्वारा किया जाता है.
  • जिला परिषद अपने जिले में प्राथमिक विद्यालयों, औषधालय, बाजारों, फेरी, मत्स्य क्षेत्रों, सड़कों आदि को स्थापित कर सकती है या निर्माण कर सकती है. जिला परिषद साहूकारों पर नियन्त्रण और गैर-जनजातीय समुदायों के व्यापार पर विनियम बना सकती है, लेकिन ऐसे नियम के लिये राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है.
  • जिला व प्रादेशिक परिषद को भू-राजस्व का आकलन व संग्रहण करने का अधिकार है. वह कुछ विनिर्दिष्ट कर भी लगा सकता है.
  • संसद या राज्य विधानमण्डल द्वारा निर्मित नियम को स्वशासी क्षेत्रों में लागू करने के लिये आवश्यक बदलाव किया जा सकता है.
  • राज्यपाल, स्वशासी जिलों तथा परिषदों के प्रशासन की जांच और रिपोर्ट देने के लिये आयोग गठित कर सकता है. राज्यपाल, आयोग की सिफारिश पर जिला या परिषदों को विघटित कर सकता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Arundhati scheme

संदर्भ

असम सरकार ने हाल ही में अरुंधती नामक एक नई योजना घोषित की गई जिसका उद्देश्य विवाहित होने वाली कन्याओं को बिना मूल्य के सोना दिया जाएगा.

योजना के मुख्य तत्त्व

  • इस योजना का नाम प्रसिद्ध ऋषि वसिष्ठ की पत्नी अरुंधती पर रखा गया है.
  • इस योजना के अंतर्गत असम के उन सभी समुदायों की बेटियों को विवाह के अवसर पर एक तोला सोना दिया जायेगा जिनमें सोना देने की परिपाटी है.
  • इस योजना के लिए सरकार ने 300 करोड़ रु. आवंटित कर दिए हैं.
  • इस योजना का लाभ पाने वाली कन्या को विशेष विवाह (असम) नियम, 1954 के तहत विवाह का औपचारिक पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
  • इस योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर उन परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 5 लाख रु. से कम है.

योजना का माहात्म्य

भारत में विवाह के समय सोने की बड़ी महत्ता होती है. अरुंधती योजना के माध्यम से सरकार उन पिताओं को सहायता पहुँचाना चाहती है जो अपनी बेटियों को स्वर्ण-आभूषण देने में असमर्थ हैं और जो ऐसे अवसरों पर ऋण लेकर उसके दुष्चक्र में फंस जाते हैं.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : National Deworming Day (NDD)

संदर्भ

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज से अपने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का 8वां चरण शुरू किया. विदित हो कि कृमि मुक्ति दिवस वर्ष में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को सभी राज्यों और संघशासित प्रदेशों में मनाया जाता है.

उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी के संक्रमण से होने वाले एसटीएच रोग अर्थात् आंतों में परजीवी कृमि को खत्म करना है.

पृष्ठभूमि

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 14 वर्ष से कम आयु वाले 64% आबादी को कृमि संक्रमण का खतरा है. कृमि मुक्ति अभियान 2015 में शुरू किया गया था.

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान

  • कृमि मुक्ति अभियान कम लागत वाला एक ऐसा अभियान है, जिसके अंतर्गत करोड़ों बच्चों को कृमि से बचाव की सुरक्षित दवा अलबेंडेजौल दी जाती है. यह दवा वैश्विक स्तर पर कृमि निरोधक प्रभावी दवा मानी गई है.
  • इस कार्यक्रम के 8वें चरण में 30 राज्यों और संघशासित प्रदेशों में एक से 19 आयु वर्ग के 44 करोड़ बच्चों और किशोरों को लक्षित किया गया है.
  • यह अभियान महिला और बाल विकास तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से चलाया गया है.
  • विदित हो कि फरवरी 2015 में जहां 9 करोड़ कृमि की दवा दी गई, वहीं अगस्त 2018 में यह संख्या बढ़कर 22.69 करोड़ हो चुकी है.
  • इस अभियान के तहत आम लोगों को खुले में शौच करने से कृमि संक्रमण के खतरों तथा उनमें साफ-सफाई की आदतों के प्रति जागरूक बनाया जाता है.

लाभ

इस दवा से बच्चों के स्वास्थ्य में अच्छा-ख़ासा सुधार देखा गया है, जिससे स्कूल में उनकी अनुपस्थिति कम हुई है तथा उनमें पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ी है. बच्चे अब पढ़ाई पर बेहतर ध्यान दे पा रहे हैं.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Generalised System of Preferences (GSP)

संदर्भ

विश्व की बड़ी अर्थव्यस्थाओं के साथ अमरीकी व्यापार घाटे को कम करने के लिए वचनबद्ध अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत से सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) वापस लेने की योजना बनाई है. विदित हो कि 1970 के दशक से भारत इस योजना का सर्वाधिक लाभ उठाने वाला देश रहा है.

भूमिका

अमेरिका का यह निर्णय तीन घटनाओं से जुड़ा हुआ है –

  • हाल ही में भारत ने ई-वाणिज्य के बारे में नए नियम बनाए हैं जिनके कारण अमेज़न और वॉलमार्ट (फ्लिपकार्ट) को भारत में ऑनलाइन बाजार में असुविधा हो गई है. ज्ञातव्य है कि भारत में ऑनलाइन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और 2027 तक इसके 200 बिलियन डॉलर का हो जाने की संभावना है.
  • दूसरी घटना यह है कि भारत वैश्विक कार्ड भुगतान कंपनियों, जैसे – मास्टर कार्ड और वीजा पर यह दबाव डाल रहा है कि वे अपना डाटा भारत में रखें.
  • तीसरी घटना यह कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और स्मार्ट फोनों पर कर बढ़ा दिए गये हैं.

सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली क्या है?

सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) अमेरिका का एक व्यापार कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत 129 विकासशील देशों से अमेरिका के अंदर आने वाले 4,800 उत्पादों पर कोई कर नहीं लगता है. यह प्रणाली विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी.

निहितार्थ

सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली के हट जाने से भारत को आर्थिक धक्का पहुँच सकता है क्योंकि इस प्रणाली के अंतर्गत मिली छूट के कारण उसे अमेरिका को भेजे गये 5.6 बिलियन डॉलर के ऊपर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता था. विदित हो कि इस प्रणाली के तहत भारत कुल मिलाकर 1,937 उत्पाद अमेरिका को भेजा करता है. भारत अमेरिका के साथ व्यापार में 11वाँ सबसे बड़ा व्यापार-अधिशेष (2017-18 में 21 बिलियन डॉलर) वाला देश है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : International IP Index 2019

संदर्भ

अमेरिका के वाणिज्य चैम्बर के अधीनस्थ वैश्विक नवाचार नीति केंद्र (GIPC) ने 2019 का अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक (IIP Index) प्रकाशित कर दिया है.

IIP सूचकांक क्या है?

  • यह सूचकांक प्रत्येक अर्थव्यस्था की बौद्धिक सम्पदा से सम्बंधित अवसंरचना का मूल्यांकन करता है. इसके लिए यह ऐसे 45 संकेतकों का अध्ययन करता है जो कारगर बौद्धिक संपदा प्रणाली के विकास के लिए अत्यावश्यक हैं.
  • इन संकेतकों को 8 वर्गों में बाँटा जाता है, जैसे – पेटेंट, स्वत्वाधिकार, ट्रेडमार्क, व्यापार रहस्य, बौद्धिक सम्पदा का व्यवासायीकरण, प्रवर्तन, प्रणाली की कार्यकुशलता तथा अंतर्राष्ट्रीय संधियों की सदस्यता.
  • 2019 का सूचकांक यह दिखलाता है कि कारगर बौद्धिक सम्पदा सुरक्षा और आर्थिक विकास में सीधा सम्बन्ध है. इससे विश्व-स्तर पर प्रतिस्पर्धा और 21वीं शताब्दी में ज्ञान पर आधारित अर्थव्यस्थाओं के सृजन में सहायता मिलेगी.

सूचकांक में भारत का प्रदर्शन

  • इस सूचकांक में भारत को इस वर्ष 36वाँ स्थान मिला है. पिछले वर्ष यह 50 देशों में 44वें स्थान पर था. विदित हो कि 2014 में इस सूचकांक के पहले प्रकाशन में 25 देशों में भारत का स्थान सबसे अंत में था.
  • इस प्रकार यदि केवल बड़ी वैश्विक अर्थव्यस्थाओं की बात की जाए तो सबसे ज्यादा प्रगति भारत ने की है. इसने आठ स्थानों की छलांग लगाई है जो लगभग 20% बैठता है.
  • भारत के स्थान में सुधार के पीछे उसके द्वारा अपनाए गये कुछ विशिष्ट सुधार हैं, जैसे – बौद्धिक संपदा वातावरण को अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक सम्पदा प्रणाली से जोड़ना, WIPO इन्टरनेट संधियों को अंगीकृत करना, जापान के साथ एक पेटेंट प्रोसेक्यूशन हाईवे शुरू करना, छोटे व्यवसायों के लिए बौद्धिक संपदा उत्प्रेरण देना और लंबित पेटेंटों के निपटारे के लिए प्रशासनिक सुधार करना.

WIPO के बारे में

  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) संयुक्त राष्ट्र की 17 विशेष एजेंसियों में से एक है.
  • इसकी स्थापना 1967 में रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी ताकि दुनिया भर में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सके.
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है.
  • वर्तमान में 188 देश इस संगठन के सदस्य हैं.
  • इसके अन्दर 26 अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ आती हैं.
  • इससे कुछ ऐसे देश जुड़े हैं जो संगठन के सदस्य नहीं हैं – मार्शल द्वीप समूह, माइक्रोनेशिया के संघिकृत राज्य, नौरू, पलाऊ, सोलोमन द्वीप समूह, दक्षिण सूडान और तिमोर-लेस्ते.
  • फिलिस्तीन इसका पर्यवेक्षक सदस्य है.
  • भारत इस संगठन का एक सदस्य है और इस संगठन द्वारा बनाई गई कई संधियों में इसकी भागीदारी है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Asiatic Lion Conservation Project

संदर्भ

भारत सरकार और गुजरात सरकार ने मिलकर एशियाई सिंह संरक्षण परियोजना घोषित की है जिसमें 97.85 करोड़ रु. का व्यय संभावित है. इस परियोजना के माध्यम से निम्नलिखित संरक्षण कार्य किये जाएँगे –

  • सिंहों के निवास-स्थल को सुधारना
  • वहाँ और अधिक जल-स्रोतों की व्यवस्था करना
  • वन्य जीव अपराध कोषांग बनाना.
  • वृहत्तर गिर क्षेत्र के लिए कार्यदल का गठन करना. विदित हो कि वृहत्तर गिर क्षेत्र में गिरनार के राष्ट्रीय उद्यान के अतिरिक्त गिरनार, पनिया और मिटियाला की आश्रयणियाँ भी आती हैं.
  • GPS पर आधारित अन्वेषण प्रणाली तैयार करना जिससे पशुओं, वाहनों और सर्वेक्षण पर नजर रखी जा सके.
  • एक स्वाचालित सेंसर ग्रिड बनाया जाएगा जिसमें चुम्बकीय मूवमेंट सेंसर के अतिरिक्त एक इन्फ्रारेड ताप सेंसर भी उपयोग में लाया जाएगा.
  • एक ऐसा पशु विज्ञान संस्थान बनाया जाएगा जो केवल सिंहों के लिए ही होगा.
  • सिंहों के लिए एम्बुलेंस और दवाओं के एक भंडार का भी संधारण किया जाएगा.

एशियाई सिंह

  • एशियाई सिंह को IUCN लाल सूची में संकटग्रस्त बताया गया है.
  • इसकी संख्या भारत के गुजरात राज्य तक ही सीमित है.
  • संरक्षण कार्यों के चलते इनकी संख्या 500 से अधिक हो गई है जबकि 1890 में यह संख्या मात्र 50 थी.
  • 2015 की पशु गणना के अनुसार गिर सुरक्षित क्षेत्र में 523 एशियाई सिंह निवास करते हैं.

Prelims Vishesh

Govt. grants divisional status to Ladakh :

  • हाल ही में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने लद्दाख को एक प्रभाग का दर्जा दे दिया है. इस प्रभाग में दो जिले होंगे – लेह और करगिल.
  • इसका मुख्यालय लेह में होगा.
  • विदित हो कि लद्दाख पहले कश्मीर प्रभाग में पड़ता था.

Exercise Cutlass Express :

  • भारतीय नौसेना के एक फ्रंट-लाइन युद्धपोत, आईएनएस त्रिकंद ने हाल ही में आयोजित एक बहुराष्ट्रीय प्रशिक्षण अभ्यास कटलास एक्सप्रेस – 19′ में भाग लिया.
  • अभ्यास का उद्देश्य कानूनों को लागू करने की क्षमता में सुधार करना, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना और पश्चिमी हिंद महासागर में अवैध समुद्री गतिविधि को रोकने के उद्देश्य से भाग लेने वाले देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन क्षमता का प्रसार करना है.
  • यह अभ्यास अमेरिकी अफ्रीका कमान (AFRICOM) द्वारा प्रायोजित और यू.एस. नेवल फोर्सेज अफ्रीका द्वारा संचालित किया गया.

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