Sansar डेली करंट अफेयर्स, 08 July 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 08 July 2019


GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Henley Passport Index

संदर्भ

पिछले दिनों 2019 का हेलने पासपोर्ट सूचकांक प्रकाशित किया गया. यह सूचकांक अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन प्राधिकरण (IATA) के द्वारा उपलब्ध कराये गये आँकड़ों पर आधारित होता है और इसमें 199 पासपोर्टों और 227 पर्यटन गंतव्यों पर विचार किया जाता है.

हेलने पासपोर्ट सूचकांक क्या है?

  • हेलने पासपोर्ट सूचकांक (HPI) एक वैश्विक रैंकिंग व्यवस्था है जिसमें विभिन्न देशों को उनके नागरिकों को पर्यटन में मिलने वाली स्वतंत्रता के आधार पर रैंक दिया जाता है.
  • 2006 में आरम्भ होने वाले इस सूचकांक का नाम पहले हेलने एंड पार्टनर्स वीसा रिस्ट्रिकशंस इंडेक्स (HVRI) था जिसे जनवरी 2018 में हेलने पासपोर्ट इंडेक्स नाम दिया गया.
  • इस सूचकांक में पासपोर्टों की रैंकिंग इस आधार पर दी जाती है कि उनके माध्यम से कितने देशों की यात्रा “बिना वीजा” के की जा सकती है.

भारत का प्रदर्शन

  • हेलने पासपोर्ट सूचकांक, 2019 में भारत के पासपोर्ट को 86वाँ स्थान दिया या.
  • पिछली बार के इंडेक्स में भारतीय पासपोर्टों का सूचकांक 79वाँ था.
  • सूचकांक के अनुसार भारतीय पासपोर्ट धारक पहले से वीजा लिए बिना 58 देशों की यात्रा कर सकते हैं.
  • भारत के साथ-साथ मोरिटियाना और सोओ तोम-प्रिंसिप को भी 86वाँ स्थान मिला है.

वैश्विक का प्रदर्शन

  • सूचकांक की रैंकिंग में एशियाई देशों का दबदबा देखने को मिलता है क्योंकि 189 अंकों के साथ जापान और सिंगापुर पहले दो स्थान पर हैं. विदित हो कि 2018 में इस रैंकिंग में जर्मनी को पहला स्थान मिला था.
  • अफगानिस्तान का सूचकांक में अंतिम अर्थात् 109वाँ स्थान है और वीजा-मुक्त यात्रा से सम्बंधित उसके अंक मात्र 25 ही हैं.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Section 124

संदर्भ

पिछले दिनों भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने राज्यसभा को बतलाया कि देशद्रोह कानून से सम्बंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124A को हटाने की सरकार की कोई योजना नहीं है क्योंकि राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और आंतंकवादी तत्त्वों से कुशलतापूर्वक निबटने के लिए यह कानून आवश्यक है.

धारा 124-A क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 124(A)  यह प्रावधान करती है कि जो कोई व्यक्ति शब्दों से, कथित या लिखित शब्दों से अथवा संकेतों से अथवा दृश्य-चित्रण से अथवा अन्यथा घृणा अथवा अवमानना फैलाता है अथवा इसके लिए प्रयास करता है अथवा विधि के द्वारा गठित सरकार के प्रति विरोध उकसाता है अथवा इसके लिए प्रयास करता है, उसे जीवन-भर के लिए अथवा किसी लघुतर अवधि के लिए आर्थिक दंड सहित कारवास अथवा आर्थिक दंड के साथ तीन वर्षों का कारावास दिया जाएगा.

124-A को लेकर इसके विरोधियों द्वारा सुझाए गये बदलाव

  • अभिव्यक्ति से सम्बंधित सभी अपराधों को जमानती अपराध बना देना चाहिए. इससे यह होगा कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर कस्टडी में लेकर परेशान करना संभव नहीं हो पायेगा.
  • देशद्रोह के अपराध को असंज्ञेय बना देना चाहिए जिससे कि राजनीतिक कारणों से दी गई शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई पर न्यायालय की लगाम कसी जा सके.
  • घृणा फैलाने वाले भाषण के मामले में अपराध सिद्ध करने का भार उनपर थोप देना चाहिए जिनका दावा है कि इस भाषण से उनकी भावनाएं आहात हुई हैं.
  • यह भी आवश्यक है कि दो व्यक्ति किसी भाषण के विरुद्ध गलत मंशा से शिकायत दायर करता है तो उसके विरुद्ध न्यायालय कार्रवाई करे.

GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Surrogacy regulation bill

संदर्भ

भारत में सरोगेसी के वाणिज्यिक प्रचलन को रोकने के लिए केन्द्रीय मन्त्रिमंडल ने सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 लाने को मंजूरी दे दी है.

विधेयक के मुख्य तथ्य

  • विधेयक में प्रस्ताव है कि सरोगेसी को विनियमित करने के लिए केन्द्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्यों के स्तर पर राज्य सरोगेसी बोर्ड गठित किये जाएँ.
  • विधेयक का लक्ष्य सरोगेसी को प्रभावशाली ढंग से विनियमित करना, वाणिज्यिक सरोगेसी का प्रतिषेध करना और नैतिकतापूर्ण सरोगेसी की अनुमति देना. कहने का अभिप्राय है कि एक ओर जहाँ मानव भ्र्रूण और जननकोशों के क्रय-विक्रय को निषिद्ध किया जाएगा, वहीँ दूसरी ओर पहले से तय की गई शर्तों पर उन जोड़ों को सरोगेसी की अनुमति दी जाएगी जिनको इसकी आवश्यकता है.
  • विधेयक के अनुसार सरोगेट माताओं और सरोगेसी से उत्पन्न बच्चों को शोषण से बचाया जाएगा.
  • विधेयक के प्रस्ताव का कोई वित्तीय निहितार्थ नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय और राज्य सरोगेसी बोर्ड की बैठकों में होने वाले खर्च का वहन सम्बंधित विभागों के प्रशासनिक बजट से ही होगा.
  • विधेयक में यह प्रावधान भी है कि यदि किसी सामान्य यौन व्यवहार वाले (हेट्रोसेक्सुअल) विवाहित जोड़े को विवाह के पश्चात् पाँच वर्ष तक बच्चा नहीं हुआ है तो वह अपने किसी निकट के रिश्तेदार को सरोगेट बना सकता है.

विधेयक की आवश्यकता क्यों?

दूसरे देशों के जोड़ों के लिए भारत एक सरोगेसी बाजार के रूप में उभर रहा है. इस प्रसंग में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें अनैतिक प्रचलन अपनाए जा रहे हैं, सरोगेट माताओं का शोषण हो रहा है, सरोगेसी से उत्पन्न बच्चों को त्याग दिया जा रहा है तथा बिचौलिए मानव भ्रूणों और जननकोशों के आयात का धंधा चला रहे हैं. भारतीय विधि आयोग ने अपने 228वें प्रतिवेदन में यह सुझाव दिया है कि सरोगेसी के वाणिज्यिक प्रयोग पर रोक लगाया जाए और उपयुक्त कानून बनाकर नैतिकतापूर्ण सरोगेसी को अनुमति दी जाए.      


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Minimum Support Prices (MSPs)

संदर्भ

पिछले दिनों केन्द्रीय मन्त्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

MSP क्या है

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार के द्वारा तय किया गया वह मूल्य है जिसपर किसान अपनी फसल सरकार को बेच सकते हैं.
  • जब बाजार की कीमतें सरकार द्वारा तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ जाती हैं तो सरकार की खरीद-एजेंसियाँ किसानों के ​​फसल को खरीदने के लिए आगे आ जाती हैं.
  • जिन फसलों की आपूर्ति घट जाती है, उन फसलों को आगामी मौसम में लगाने के लिए किसानों को प्रेरित करने हेतु MSP का सहारा लिया जाता है.
  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति बुवाई के हर मौसम की शुरुआत में विभिन्न फसलों के लिए MSP की घोषणा करती है.
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य का फैसला कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices – CACP) की अनुशंसा पर लिया जाता है.
  • CACP अपनी अनुशंसा माँग और आपूर्ति, उत्पादन की लागत एवं कीमत की रुझान के आधार पर करता है.

MSP आवश्यक क्यों?

फसलों के दाम में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. इससे किसान कष्ट में पड़ जाते हैं. जब इन फसलों की आपूर्ति कम होती है उस समय उनके दाम बहुत ऊपर चले जाते हैं. परन्तु जिस वर्ष उनका भारी-भरकम उत्पादन होता है तो उनके दाम सीधे नीचे गिर जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्य यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिकूल बाजार में किसानों को अपने उत्पादन का एक न्यूनतम दाम अवश्य मिले. सरकार MSP का प्रयोग किसानों को उन फसलों को लगाने में प्रेरित करने के लिए करती है जिनकी आमद कम होती है.


GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : Launch-abort test

संदर्भ

पिछले दिनों अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी NASA ने अमेरिकी अन्तरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर पहुँचाने वाले अन्तरिक्षयान – ओरियन – के लिए एक ऐसी प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जिसके द्वारा संकट आने पर अन्तरिक्ष यात्रियों को बचाया जा सकता है. इस प्रणाली को विफल प्रक्षेपण प्रणाली (Launch Abort System – LAS) कहते हैं.

विफल प्रक्षेपण प्रणाली क्या है?

  • यह एक ऐसा तंत्र है जो उस समय काम करेगा जब कोई रॉकेट लांचपैड पर अथवा उड़ान के समय बिगड़ जाता है.
  • LAS में तीन अलग-अलग प्रकार के ठोस ईंधन वाले रॉकेट मोटर लगे हुए हैं जो एक-दूसरे के साथ ताल-मेल रखते हुए काम करेंगे.
  • यदि लांचपैड में अथवा उड़ान के समय रॉकेट में गड़बड़ी होती है तो LAS चार लाख पाउंड के बल के साथ अन्तरिक्ष यात्रियों के कैप्सूल को खींचकर रॉकेट से अलग कर देगा.

ओरियन अन्तरिक्षयान क्या है?

NASA ने 2024 तक चंद्रमा के तल पर अन्तरिक्षयात्रियों को भेजने के लिए एक योजना बनाई है जिसका नाम Artemis कार्यक्रम है. इसी कार्य्रकम के तहत ओरियन नामक अन्तरिक्षयान बनाया गया है जो अन्तरिक्षयात्रियों को चंद्रमा तक ले जाएगा.


Prelims Vishesh

UNRWA :-

  • भारत ने मध्य-पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए गठित UNRWA अर्थात् संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी के बजट में अपना योगदान 25 मिलियन डॉलर (2016) से बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर (2018) कर दिया है.
  • ज्ञातव्य है कि 8 दिसम्बर, 1949 को गठित UNRWA 1950 से जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, पश्चिमी तट और गाजा पट्टी में शरणार्थी फिलिस्तीनियों को मानवता के आधार पर स्वास्थ्य, शिक्षा, राहत और सामाजिक सेवाओं के लिए सहायता देता रहा है.

Garuda VI :-

  • भारतीय वायुसेना और फ्रांस की वायुसेना फ्रांस में द्विपक्षीय वायु अभ्यास – गरुड़ VI – का सञ्चालन कर रही है.
  • इसका उद्देश्य दोनों देशों के सैनिकों द्वारा वायुरक्षा और स्थल आक्रमण अभियानों के संचालन में शिद्धहस्तता बढ़ाना है.

Jagannath Rath Yatra :-

  • प्रत्येक वर्ष की भाँति ओडिशा के पुरी में विशाल रथ यात्रा समारोह मनाया गया.
  • इस समारोह में भगवान् जगन्नाथ, शुभद्रा और बलभद्र की मूर्तियों को पुरी के जगन्नाथ मंदिर से निकाल कर अलग-अलग रथों में दूसरे मंदिर तक पहुँचाया जाता है.
  • जगन्नाथजी के रथ को नंदीघोष, सुभद्रा के रथ को तालध्वज और बलभद्र के रथ को देवदलन कहा जाता है.
  • प्रत्येक वर्ष इन रथों को नए सिरे से लकड़ी से बनाया जाता है.

Aadhaar Seva Kendra’ (ASKs) :-

  • UIDAI ने दिल्ली और विजयवाड़ा में पहले आधार सेवा केंद्र चालू कर दिए हैं. UIDAI का पूरा नाम है – Unique Identification Authority of India.
  • इन केन्द्रों में लोगों को आधार पंजीकरण और उसमें सुधार की सेवाएँ दी जाएँगी.
  • विदित हो कि 2016 के आधार अधिनियम के तहत UIDAI को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्त्वाधान में एक वैधानिक प्राधिकार के रूप में गठित किया गया है. पहले यह योजना आयोग से सम्बद्ध कार्यालय मात्र के रूप में काम करता था.
  • इसका मुख्य कार्य आधार कार्ड और संधारण के सम्बन्ध में नियम बनाना है.

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