Sansar डेली करंट अफेयर्स, 08 August 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 08 August 2020


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : Fluorosis

संदर्भ

अगस्त 2020 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (Institute of Nano Science and Technology- INST) के वैज्ञानिकों ने पीने के पानी में फ्लोराइड आयन का पता लगाने की उपकरण मुक्त प्रौद्योगिकी विकसित की है.

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • इसे फ्लोरोसिस-आधारित विकारों से बचाने में घरेलू उपयोग के लिए विकसित किया गया है तथा इसके परिचालन के लिए किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं होगी.
  • इस तकनीक में 2,3-डिस्बस्टिट्यूटेड 1,1,4,4-टेट्रेसीनो-1,3-ब्यूटाडाइन्स (TCBD) पर आधारित एक पुश-पुल क्रोमोफोर (push-pull chromophore) शामिल है, जो फ्लोराइड आयन के संपर्क में आने पर रंग बदलता है.
  • क्रोमोफोर एक अणु का हिस्सा होता है, जो इसके रंग के लिए उत्तरदायी होता है.

फ्लोरोसिस 

  • फ्लोरोसिस (Fluorosis) एक गंभीर किस्म की बीमारी है, जो लंबे समय से पीने के पानी/खाद्य उत्पादों/ औद्योगिक प्रदूषण के माध्यम से फ्लोराइड के अधिक सेवन के कारण शरीर के कठोर और नरम ऊतकों में फ्लोराइड्स के जमाव से होती है.
  • इसके परिणामस्वरूप, डेंटल फ्लोरोसिस (dental fluorosis), अस्थि फ्लोरोसिस (skeletal fluorosis) और गैर-अस्थि फ्लोरोसिस (non-skeletal fluorosis) बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं.
  • विश्व स्वस्थ्य संगठन के अनुसार, पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  • नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (INST), मोहाली (पंजाब) को नैनो मिशन के अंतर्गत स्थापित किया गया है. भारत में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे 2013 में शुरू किया गया.

प्रीलिम्स बूस्टर

 

नैनो मिशन

  • भारत सरकार ने ‘मिशन क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ के रूप में वर्ष 2007 में नैनो मिशन की प्रारम्भ किया था. 
  • इसका कार्यान्वयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Science and Technology) के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) द्वारा किया जा रहा है. 
  • इस मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं- 
    • बुनियादी अनुसंधान को प्रोत्साहन देना.
    • बुनियादी ढाँचे का विकास करना.
    • नैनो अनुप्रयोगों एवं प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहन देना.
    • मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना.
    • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना.
    • नैनो मिशन के नेतृत्व में किये गए कोशिशों के परिणामस्वरूप वर्तमान में भारत नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रकाशनों के मामले में विश्व के शीर्ष पाँच देशों में सम्मिलित है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

नैनो प्रौद्योगिकी क्या है? इस तकनीक का प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?

What is nano-technology? Where is this technique applied?


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.

Topic : Government e-Marketplace -GeM

संदर्भ

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्‍लेस (GeM) द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry – CII) के सहयोग से आयोजित द्विदिवसीय राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीद सम्‍मेलन (एनपीपीसी) के चौथे संस्‍करण का केन्‍द्रीय वाणिज्‍य, उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ऑनलाइन उद्घाटन किया. यह सम्‍मेलन जीईएम स्‍थापना दिवस की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है. एनपीपीसी का विषय ‘प्रौद्योगिकी सक्षम सरकारी खरीद-दक्षता, पारदर्शिता और समावेश की ओर’ है. इस वर्ष के ऑनलाइन सम्‍मेलन की मुख्‍य विशेषताओं में जीईएम 4.0 के बड़े संस्‍करण का विस्‍तृत अवलोकन भी शामिल है.

इसके अतिरिक्त MSME स्टार्टअपों, महिला उद्यमियों, बुनकरों और कारीगरों, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा और सार्वजनिक खरीद में रेलवे की भूमिका पर आभासी पैनल (virtual panel) सत्र शामिल हैं. एनपीपीसी 2020 में कुछ अन्‍य विशेषताओं में सरकारी खरीदारों और विक्रेताओं के बीच आभासी बी2बी और बी2जी बैठकें, जीईएम विशेषेताओं और नए विकास पर प्रशिक्षण और तकनीकी सत्र,मौके पर प्रश्‍नों के समाधान के लिए एक आभासी जीईएम स्‍टॉल तथा क्रेताओं और विक्रेताओं के पंजीकरण में सहयोग प्रदान करना तथा सेवाओं के लिए विशेष सत्र सम्मिलित हैं.

GeM क्या है?

  1. सरकारी ई-बाजार एक ऑनलाइन बाजार है जिसके माध्यम से सरकार के विभिन्न मंत्रालय एवं एजेंसियाँ और सेवाओं का क्रय करती हैं.
  2. यह बाजार केन्द्र सरकार के विभागों, राज्य सरकार के विभागों, लोक उपक्रम प्रतिष्ठानों और सम्बद्ध निकायों के लिए है.
  3. यह एक सर्वसमावेशी अभियान है जिसमें सभी प्रकार के विक्रेताओं और सेवा-प्रदाताओं को सशक्त किया जाएगा, जैसे – MSMEs, स्टार्ट-अप, स्वदेशी निर्माता, महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह (SHGs).
  4. इस बाजार का उद्देश्य सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार दूर करना तथा उसमें पारदर्शिता, सक्षमता और गति लाना है.
  5. सरकारी ई-बाजार एक 100% सरकारी कम्पनी है जिसकी स्थापना केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन हुई है.

GEM से फायदे

  1. विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते उत्पाद की कीमतों में कमी (15-20% ↓)
  2. अवैध रूप से सरकारी खरीददारी पर रोक लगी

GEM पोर्टल में आने वाली दुविधाएँ

  1. GeM के माध्यम से खरीददारी कर रहे लोगों की सबसे बड़ी दुविधा यह है कि GeM किसी भी प्रकार की खरीद-बिक्री की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेता.
  2. इस पोर्टल पर उपलब्ध सामान की कीमत और उपलब्धता पर इसे चलाने वाले विभाग DGS&D का कोई नियंत्रण नहीं होता.
  3. उत्पादों की रेट एक समान नहीं है और हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है जिससे एक ही विभाग एक ही सामान के अलग-अलग समय पर अलग-अलग दाम चुकाता है.
  4. GeM के जरिये खरीददारी करते वक़्त कई अलग-अलग ID देनी पड़ती है. इसे लेकर अधिकृत अधिकारी एतराज जताते हैं.

GEM 3.0

GeM portal के pilot version को जिस तरह एक साल के भीतर अच्छा response मिला, उसे देखते हुए सरकार ने इसे अब advanced version में launch किया है. इस advanced version को GeM 3.0 के नाम से जाना जाता है. नए version में ज्यादा से ज्यादा sellers को जोड़ा जा रहा है ताकि सरकारी खरीददारी बिल्कुल सीधे तौर पर और अधिक से अधिक हो.

भारतीय उद्योग परिसंघ

  • भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) सलाहकार और परामर्श संबंधी प्रक्रियाओं के माध्यम से भारत के विकास, उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के बीच साझेदारी के लिये अनुकूल वातावरण बनाने का काम करता है.
  • CII एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग के नेतृत्व वाला और उद्योग-प्रबंधित संगठन है जो भारत की विकास प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.
  • 1895 में स्थापित भारत के प्रमुख व्यापार संघ के निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से SME और MNC सहित लगभग 9000 सदस्य हैं तथा लगभग 265 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय उद्योग निकायों के 300,000 से अधिक उद्यमों की अप्रत्यक्ष सदस्यता है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

सरकारी खरीद पर प्राय उंगलियाँ उठती रहती हैं और माना जाता है कि इस खरीदारी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर होता है. GeM इन खरीदों में पारदर्शिता लाने में कैसे सहायक हो सकता है?

Fingers are often raised at government procurement and it is believed that corruption takes place on a large scale in this procurement process. How can GeM help bring transparency in procurement?


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Related to Health.

Topic : eSanjeevani

संदर्भ

केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्री ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए टेली-मेडिसिन मंच ई-संजीवनी को लोकप्रिय बनाने में राज्‍यों के योगदान की सराहना की.

ई-संजीवनी क्या है?

  • ई-संजीवनी एक वेब-आधारित व्यापक टेली-मेडिसिन सेवा है.
  • ई-संजीवनी ग्रामीण क्षेत्रों और अलग-थलग पड़े समुदायों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को जन-जन तक पहुँचती है.
  • ई-संजीवनी का उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के अतिरिक्त, असमान वितरण और बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ मानव संसाधनों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए, डिजिटल विभाजन को कम करके स्वास्थ्य सेवाओं को न्यायसंगत बनाना है.
  • इस योजना को 16 जून, 2009 को प्रारम्भ किया गया था.
  • ई-संजीवनी मंच ने दो प्रकार की टेली-मेडिसिन सेवाओं को सक्षम बनाया है जैसे डॉक्टर-से-डॉक्टर (ई-संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई-संजीवनी ओपीडी) टेली-परामर्श.
  • ‘ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ द्वारा 23 राज्यों में टेली-परामर्श सेवा लागू की जा चुकी है और अन्य राज्य इसको आरम्भ करने की प्रक्रिया में हैं.

टेली-मेडिसिन सेवा क्या होती है?

  • टेली-मेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई शैली है, जो कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर को दूरसंचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जाँच एवं उपचार करने की अनुमति देता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, टेली-मेडिसिन का अर्थ पेशेवर स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) का प्रयोग करते हुए ऐसे स्थानों पर रोगों की जाँच, उपचार तथा रोकथाम, अनुसंधान और मूल्यांकन आदि की सेवा प्रदान करना है, जहाँ रोगी और डॉक्टर के मध्य दूरी एक महत्त्वपूर्ण कारक हो.
  • टेली-मेडिसिन का सबसे पहले प्रयोग एरिज़ोना प्रांत के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करने के लिये किया गया. ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) ने टेलीमेडिसिन के प्रारम्भिक विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
  • दूसरी ओर, भारत में इसरो द्वारा वर्ष 2001 में टेली-मेडिसिन सुविधा की शुरुआत पायलट परियोजना के तौर पर किया गया था जिसके अंतर्गत चेन्नई के अपोलो अस्पताल को चित्तूर ज़िले के अरगोंडा गाँव के अपोलो ग्रामीण अस्पताल से जोड़ा था.

ई-संजीवनी ओपीडी

  • इस सुविधा का प्रारम्भ COVID-19 महामारी के दौर में रोगियों को घर बैठे चिकित्सकों से परामर्श लेने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से किया गया था.
  • इसके जरिये नागरिक बिना अस्पताल गये व्यक्तिगत रूप से चिकित्सकों से परामर्श कर सकते हैं.
  • सबसे अच्छी बात यह है कि यह एंड्रॉइड मोबाइल एप्लीकेशन के रूप में सभी नागरिकों के लिये उपलब्ध है. 
  • आज की तिथि में करीब 2800 प्रशिक्षित डॉक्टर ई-संजीवनी ओपीडी (eSanjeevani OPD) पर उपलब्ध हैं, और दैनिक रूप से लगभग 250 चिकित्सक और विशेषज्ञ ई-स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं. इसके जरिये आम लोगों के लिये बिना यात्रा किये स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त करना बहुत ही सरल हो गया है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी जैसा तकनीक आधारित मंच ग्रामीण क्षेत्र के उन लोगों के लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण सिद्ध हो सकते हैं, जिनके पास इस प्रकार की सेवाओं तक सरल पहुँच उपलब्ध नहीं है. इन सुविधाओं का उपयोग करने से स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के समय और लागत दोनों में बहुत ही कमी आती है. साथ ही इस प्रकार के मंच भारत के ‘डिजिटल इंडिया’ दृष्टिकोण के भी अनुरूप हैं और वर्तमान COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को सही ढंग से संबंधित करने में भी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं. ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी को लेकर कई नई कोशिशें की गई हैं, उदाहरण के लिये केरल ने पलक्कड़ ज़िले की जेल में टेली-मेडिसिन सेवाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है. इस प्रकार  यह आवश्यक है कि राज्य द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं का विश्लेषण किया जाए और यथासंभव उन्हें देशव्यापी स्तर पर लागू किया जाए.

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

टेली-मेडिसिन से आप क्या समझते हैं? इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का वर्णन करें.

What do you understand by telemedicine? Describe the challenges faced in this field.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Population and associated issues, poverty and developmental issues, urbanization, their problems and their remedies.

Topic : Mauritius declares emergency over oil spill from grounded ship

संदर्भ

हिंद महासागर स्थित में भारत के पड़ोसी मॉरीशस (Mauritius) ने देश के दक्षिण-पूर्वी तट पर फंसे जापान के स्वामित्व वाले एक जहाज से तेल का रिसाव शुरू होने के बाद पर्यावरणीय आपातकाल’ (environmental emergency) की घोषणा कर दी है.

विदित हो कि समुद्री जल में तेल के रिसाव से समुद्री जल सतह पर तेल की पतली परत बन जाती है जिससे वातावरण की वायु जल सतह के सीधे सम्पर्क में नहीं आ पाती. परिणामस्वरूप जल में घुलित ऑक्सीजन की सांद्रता अल्प हो जाती है. इसके अतिरिक्त रिसे हुए तेल को हटाने के लिये उपयोग किए जाने वाले डिटर्जेंट भी समुद्र की जलीय जीवन को अत्यधिक प्रभावित करते हैं.

मुख्य तथ्य

  • एमवी वाकाशिवो नामक जापानी तेल टैंकर 25 जुलाई से मॉरीशस के दक्षिण-पूर्वी तट पर फँसा हुआ है. मॉरीशस सरकार का कहना है कि जहाज के निचले हिस्से में दरारें आ गई हैं और तेल का रिसाव तेजी से हो रहा है.
  • इस खतरे को देखते हुए मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने पर्यावरणीय आपातकाल की स्थिति घोषणा कर दी है.
  • फ्रांस ने अपने रीयूनियिन द्वीप (मॉरीशस के समीप फ़्रांस के स्वामित्व वाला द्वीप) से प्रदूषण नियंत्रण करने वाले उपकरणों के साथ सैन्य विमान, मॉरीशस की मदद के लिए भेजे हैं.

समुद्र में तेल रिसाव से संबंधित कानून

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल रिसाव से हुई क्षति के लिये पर्याप्त, शीघ्र तथा प्रभावी क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु ‘इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन सिविल लायबिलिटी ऑफ बेकर ऑयल पॉल्यूशन डैमेज, 2001’ है जिसका भारत ने भी अनुसमर्थन किया है.
  • भारत के अन्दर तटवर्ती और समुद्री क्षेत्रों को तेल रिसाव से होने वाली क्षति से रक्षा करने हेतु 1980 से तेल रिसाव प्रबंधन कार्यक्रम बना था.
  • भारत में तेल रिसाव आपदा के मामले में संकट प्रबंधन के लिए गृह मंत्रालय नोडल मंत्रालय है तथा तेल रिसाव होने की स्थिति में भारत के समुद्री क्षेत्र में तेल रिसाव प्रदूषण से निपटने के लिए तटरक्षक बल समन्वयकारी एजेंसी है.

तेल रिसाव होने के विभिन्न कारण

  • तेल रिसाव में कच्चे तेल, परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों, उनके उप-उत्पादों का रिसाव और बेड़े में प्रयोग किये जाने वाले भारी ईंधन, यथा – बंकर ईंधन का रिसाव अथवा किसी तैलीय अवशिष्ट का या अपशिष्ट तेल का रिसाव शामिल है.
  • तेल रिसाव टैंकर से, अपतटीय मंच से, खुदाई उपकरणों से तथा कुओं इत्यादि से भी संभव है.
  • प्राकृतिक तेल रिसाव से भी तेल समुद्री पर्यावरण में प्रवेश करता है. कच्चा तेल और गैस कभी-कभी समुद्र तल की दरारों से निकलकर ऊपर आता है. सच्चाई तो यह है कि समुद्र के पर्यावरण में प्रतिवर्ष जितना तेल रिसाव होता है वह उसका आधा इन्हीं दरारों से आता है.

तेल रिसाव से जीवजन्तुओं को खतरा

  1. मछलियां पानी के भीतर सांस नहीं ले सकतीं, तेल में लिपटी होने के कारण एक तरह से उनकी मूक मौत हो जाती है.
  2. यह तेल जलीय जीवों को प्रभावित करने के साथ ही, इससे संबंधित पक्षियों के पंखों की संरचना में प्रवेश कर, उनकी उत्प्लावकता और भोजन की तलाश में तथा शिकारियों से बचने के लिये उनकी उड़ान क्षमताओं को भी कम करता है. उदाहरण के लिये, जब पक्षी चोंच से अपने परों को खुजाते हैं तो परों पर लगा हुआ तेल निगल जाते हैं, जिसके कारण उनके अंगों में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होता है तथा पाचन तंत्र में जलन होती है.

मॉरीशस के बारे में

  • मॉरीशस गणराज्य, हिंद महासागर में अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिण-पूर्व और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है. मॉरीशस के दक्षिण-पश्चिम में स्थित फ्रांसीसी रीयूनियिन द्वीप स्थित है.
  • औपनिवेशिक युग में मॉरीशस पहले फ्रांस के आधीन था तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आ गया था.
  • मॉरीशस, हिंद महासागर आयोग (आईओसी) का सदस्य देश है तथा इस आयोग का मुख्यालय एबेने (मॉरीशस) में अवस्थित है.
  • विदित हो कि आईओसी, दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर में एक क्षेत्रीय मंच है जिसमें पांच राष्ट्र सम्मिलित हैं – कोमोरोस, फ्रांस (रीयूनियन), मेडागास्कर, मॉरीशस और सेशेल्स.
  • सन 2019 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने ब्रिटेन से कहा है कि वह चागोस द्वीप समूह को खाली कर उसे मॉरीशस को वापस लौटा दे. भारत ने चागोस द्वीपसमूह के मामले में मॉरीशस का समर्थन किया है.

प्रीलिम्स बूस्टर

 

Burhi Dihing river :-

  • पिछले दिनों पानी के अन्दर स्थित तेल पाइपलाइन में रिसाव के कारण पूर्वी असम की बूढ़ी दिहिंग नदी में दो दिन तक आग लगी रही.
  • दिहिंग अथवा बूढ़ी दिहिंग ऊपरी असम में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी की एक बड़ी सहायक नदी है जिसका उद्गम अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी हिमालय (पटकई पहाड़ियाँ) में है जहाँ से निकलकर यह असम के तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ जिलों के अन्दर बहती हुई दिहिंगमुख में ब्रह्मपुत्र से मिल जाती है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

समुद्री तेल रिसाव के विभिन्न कारणों और जंतुओं पर होने वाले इस रिसाव के खतरों की चर्चा करें.

Discuss the various causes of sea oil leakage and the threat therefrom to creatures.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices; Public Distribution System objectives, functioning, limitations, revamping; issues of buffer stocks and food security; Technology missions.

Topic : PM Kisan Yojana and Agriculture Infrastructure Fund

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि अवसंरचना निधि (Agriculture Infrastructure Fund – AIF) के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण सुविधा जारी किया और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए में 17,000 करोड़ रुपए की राशि भी निर्गत किया.

कृषि अवसंरचना निधि (AIF)

  • 8 जुलाई, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ स्वीकृति दी. इस नई योजना को ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ (कृषि अवसंरचना निधि) नाम दिया गया है.
  • एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में की थी. इस योजना के अंतर्गत, देश में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के जरिये कृषि क्षेत्र जैसे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्टार्टअप्स, प्राथमिक कृषि साख समितियों, कृषि-उद्यमियों को ऋण के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
  • योजना की अवधि वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक 10 वर्षों के लिए है.
  • एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के प्रबंधन और निगरानी के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा.
  • इस योजना के अंतर्गत 1 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत और आवंटित किए जाएंगे, जिनमें से चालू 2020-21 वित्तीय वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन आगामी वित्तीय वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये स्वीकृत और वितरित किए जाएंगे.
  • योजना के अंतर्गत निर्गत किए गए ऋणों पर सब्सिडाइज्ड ब्याज दर होगी. ब्याज की दर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी. 3 प्रतिशत की ब्याज दर 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए लागू होगी.
  • ऋण की अदायगी के लिए अधिस्थगन न्यूनतम 6 महीने से लेकर अधिकतम 2 वर्ष तक होगा.
  • माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) पात्र उधारकर्ताओं को क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा. क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए प्रदान की जायेगी.

पीएम किसान सम्मान निधि योजना

  • इस योजना को “पीएम किसान योजना” के नाम से भी जाना जाता है. इस योजना को 1 दिसंबर 2018 को लागू किया गया था. पीएम किसान भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है.
  • इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक कृषि भूमि रखने वाले किसान परिवारों को छ: हजार रुपये प्रतिवर्ष की दर से प्रत्यक्ष भुगतान किया जाएगा.
  • यह राशि लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 2-2 हजार की तीन समान किश्तों में प्रत्यक्ष रूप से डाल दी जायेगी.

महत्ता

इस योजना से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को लाभ पहुँचने की आशा है. ये परिवार सर्वाधिक संकटापन्न परिवार होते हैं. योजना से मिली हुई पूरक आय से वे खरीफ और रबी खेती के लिए आवश्यक सामग्रियों का क्रय कर पायेंगे. इस प्रकार उनके सामने का और अच्छे ढंग से जीने का मार्ग खुल जायेगा.

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

कृषि अवसंरचना कोष के महत्त्व को रेखांकित करते हुए सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाई गई दो योजनाओं की संक्षिप्त चर्चा करें.

Underline the importance of Agricultural Infrastructure Fund and briefly discuss two other schemes launched by the Government for farmers.


Prelims Vishesh

Gandagi Mukt Bharat :-

  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आगामी स्वतंत्रता दिवस तक चलने वाला एक साप्ताहिक स्वच्छता अभियान का अनावरण किया है जिसे गंदगी मुक्त भारत नाम दिया गया है.
  • इस सप्ताह के अन्दर स्वच्छता के लिए जन आन्दोलन को नए सिरे से बल देने हेतु देश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन स्वच्छता की विशेष पहलें की जाएँगी.

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