Sansar डेली करंट अफेयर्स, 07 October 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 07 October 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Appointment to various Constitutional posts, powers, functions and responsibilities of various Constitutional Bodies. Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies

Topic : National Commission for Scheduled Castes

संदर्भ

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes – NCSC) ने एक पूर्व रेसीडेंट डॉक्टर के आरोप पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को नोटिस निर्गत कर उससे कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.

पृष्ठभूमि

एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भट्टी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को पत्र लिखा था और उन्होंने एम्स में आरक्षित सीट पर सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में भेदभाव का आरोप लगाया था.

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

  • भारत में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय सदियों से उपेक्षित, वंचित एवं शोषित रहा है. अत: इन्हें उत्पीड़न एवं शोषण से बचाने के लिये भारतीय संविधान अन्य प्रावधानों (जैसे-आरक्षण आदि) के अलावा अनुच्छेद 338 के तहत अलग आयोग के गठन की व्यवस्था करता है.
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होते हैं.
  • इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है.
  • इनकी सेवाशर्तों और कार्यकाल का निर्धारण भी राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है.

कार्य

  • अनुसूचित जातियों के लिए इस संविधान या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या सरकार के किसी आदेश के अधीन उपबंधित सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण और अनुवीक्षण करना तथा ऐसे सुरक्षा उपायों के कार्यकरण का मूल्यांकन करना;
  • अनुसूचित जातियां को उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित करने से संबंधित विशिष्ट शिकायतों की जांच और सुनवाई करना;
  • अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना और सलाह देना तथा संघ और किसी राज्य के अधीन उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना;
  • अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित कार्यक्रमों/योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपेक्षित सुरक्षा उपायों के कार्यकरण के बारे में प्रतिवर्ष, और ऐसे अन्य समयों पर, जो आयोग ठीक समझे, राष्ट्रपति को प्रतिवेदन पेश करना;
  • अनुसूचित जातियों के संबंध में अन्य कार्यों का निपटान करना जो राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाए गए किसी विधि के उपबंधो के अधीन रहते हुए, नियम द्वारा विनिर्दिष्ट करें;
  • आयोग अनुसूचित जनजातियों के संरक्षण, कल्याण, विकास तथा उन्नयन के संबंध में ऐसे अन्य कृत्यों का निर्वहन करना जो उसे राष्ट्रपति के आदेश से सौपे गए हों.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : New Development Bank – NDB

संदर्भ

नवीन विकास बैंक (New Development Bank – NDB) ने भारत में 741 मिलियन डॉलर की अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

नवीन विकास बैंक (NEW DEVELOPMENT BANK)

  • इस बैंक की स्थापना 2014 में ब्रिक्स के सदस्य देशों रूस, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन द्वारा की गई थी.
  • यह बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाता है.
  • यह वैश्विक विकास को बढ़ाने के लिए, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों को पूरा करने के लिए काम करता है.
  • इसका उद्देश्य ब्रिक्स एवं अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिये व्यापक संसाधन जुटाना है.
  • नवीन विकास बैंकके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पहली वार्षिक बैठक वर्ष 2016 में  चीन के शंघाई शहर में आयोजित की गई थी.
  • यह सार्वजनिक और निजी दोनों परियोजनाओं का समर्थन करता है. इस बैंक की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी 100 बिलियन अमरीकी डालर थी.
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है. इस बैंक ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के साथ रणनीतिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

2018 में NDB ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और फलदायी सहयोग के लिए एक शक्तिशाली आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया.

मतदान

विश्व बैंक के विपरीत, जो पूंजी शेयर के आधार पर मत प्रदान करता है, नव विकास बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक मत सौंपा गया है एवं किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है.

भूमिकाएँ और कार्य

बैंक वैश्विक प्रगति एवं विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के मौजूदा प्रयासों के एक अनुपूरक के रूप में ब्रिक्स एवं अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और धारणीय विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाएगी.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Major crops, cropping patterns in various parts of the country, different types of irrigation & irrigation systems.

Topic : Bamboo Rice

संदर्भ

हाल ही में त्रिपुरा राज्य ने बाँस के पेड़ों में फूलों से प्राप्त चावल की विशेष किस्म ‘बाँस के चावल’ (Bamboo rice) का अनावरण किया है.

प्रमुख बिन्दु

  • त्रिपुरा (Tripura) में बाँस के चावल का (Bamboo rice) का उत्‍पादन किया गया है. इसे त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्‍लव देव (Biplab deb) ने अनावृत किया है. इसके साथ ही उन्‍होंने इस बाँस के चावल खाने से स्‍वास्‍थ्‍य को मिलने वाले लाभ भी बताए हैं.
  • त्रिपुरा में बाँस की प्रचुर मात्रा है और इसलिए यहाँ के लोग बाँस का उपयोग कर विभिन्न तरह से आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. अतीत में त्रिपुरा में बाँस के बिस्कुट, बांस की बोतलें आदि भी बनाई गयी हैं.

बाँस का चावल

  • त्रिपुरा के इस ‘बैम्बू राईस’ (Bamboo rice) को बाँस के फूलों को गलाकर बनाया जाता है. यह मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और वसा के खिलाफ बहुत मददगार है.
  • विदित हो कि ऐसा चावल पिछली बार 1979 में चंडक-दम्पाड़ा वन्यजीव आश्रयणी में उगाया गया था.
  • बाँस का चावल एक शताब्दी में दो-तीन ही बार फलता है.
  • जब कोई बाँस मरता है तो इसकी फुनगी से यह विरल चावल निकलता है.
  • आमतौर पर त्रिपुरा में मुली बाँस को उगाया जाता है, इससे प्राप्त होने वाला बैम्बू राईस मीठा एवं गेहूं के सामान स्वाद वाला होता है.
  • वर्तमान में, त्रिपुरा 3,246 वर्ग किलोमीटर के जंगलों और नियोजित वानिकी क्षेत्र में बाँस की 21 प्रजातियां उगाता है.

‘बैम्बू राईस’ के लाभ

  • त्रिपुरा के इस विशेष चावल में उच्च प्रोटीन, जोड़ों के दर्द और मधुमेह विरोधी लाभ होने का दावा किया जा रहा है. बैम्‍बू राइस में सामान्‍य चावल और गेहूं की तुलना में काफी अधिक प्रोटीन होता है.
  • यह चावल प्रतिरक्षा/इम्युनिटी बढ़ाने में भी फायदेमंद है .
  • त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा कि बाँस का यह फूल-चावल आर्थिक रूप से लाभदायक उत्पाद होगा और लोग इसके साथ आत्मनिर्भर बन सकते हैं. उन्होंने उद्यमियों से इस विशेष किस्म के चावल की मार्केटिंग में पहल करने की अपील की है.

बैंबू कुकीज

  • ‘बैम्बू राईस’ (Bamboo rice) के पूर्व त्रिपुरा बैंबू कुकीज को भी लॉन्च कर चुका है. ये कुकीज बाँस के पेड़ की शाखाओं को दरदरा करके और प्रोसेसिंग के पश्चात् बनाई जाती हैं.
  • बाँस से निर्मित कुकीज की माँग ज्यादातर पूर्वोत्तर भारत, नेपाल, थाईलैंड, म्यांमार, बंग्लादेश, जापान, चीन और ताइवान जैसे देशों में की जाती है.
  • बाँस से निर्मित कुकीज में कैलोरी की मात्रा अल्प होती है. यह डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में भी सहायता करती हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.

Topic : Greater Male Connectivity Project–GMCP

संदर्भ

हाल ही में भारत और मालदीव ने ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (Greater Male Connectivity Project–GMCP) के लिए 400 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (line of credit–LoC) हेतु समझौता किया है.

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (Greater Male Connectivity Project – GMCP)

  • इस परियोजना के अंतर्गत मालदीव में बुनियादी ढाँचा दृढ़ किया जाएगा. इसके जरिये मालदीव की राजधानी माले (Malé) को पड़ोस के तीन द्वीपों विलिंगिली (Villingili), गुल्हीफाहू (Gulhifalhu) और थिलाफूसी (Thilafushi) से जोड़ा जाएगा; अर्थात् मालदीव की राजधानी माले को उसके तीनों पड़ोसी द्वीपों से जोड़ने के लिये लगभग 6.7 किलोमीटर लंबे पुल/सेतु का निर्माण किया जाएगा. ताकि इन द्वीपों के मध्य कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके .
  • उपर्युक्त चारों द्वीपों के मध्य कनेक्टिविटी बढ़ने से इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, रोज़गार सृजन में सहायता मिलेगी और माले क्षेत्र में समग्र शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा.

महत्त्व

  • हिंद महासागर चालीस देशों को स्पर्श करता है, और इसके तटों पर विश्व की चालीस प्रतिशत जनसंख्या बसती है. विश्व के समस्त तेल व्यापार का दो तिहाई हिस्सा और सम्पूर्ण माल-वहन का एक तिहाई हिस्सा केवल हिन्द महासागर से गुजरता है. संक्षेप में कहें तो यह क्षेत्र सी लाइन कम्युनिकेशन का हृदय है. इसमें स्थित कई सारे देश भविष्य और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारत की ओर देखते हैं. भारत के लिए भी हिंद महासागर का बड़ा ही महत्व है क्योंकि एक तो यहां पर मिलने वाले समुद्री संसाधन और अनन्य आर्थिक से संसाधनों के दोहन की व्यापक संभावना है.
  • भारत के लिए मालदीव रणनीतिक रूप से अहम है. मालदीव, हिन्द महासागर में लगभग 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है.
  • मालदीव की जलसीमा से सबसे निकट स्थित भारतीय द्वीप मिनीकॉय की दूरी मात्र 100 किलोमीटर है. जो कि लक्षद्वीप की राजधानी कावरत्ती से लगभग 400 किलोमीटर दूर है.
  • हालांकि भारत की दूरगामी समुद्री दृष्टिकोण काफी संकुचित रहा है जिसके कारण भारत इस क्षेत्र में रणनीतिक रूप से काफी पिछड़ गया था. हिन्द महासागर चीन और अमेरिका की प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र बनता गया. चीन नेस्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स नीति के तहत भारत को घेरने की कार्य योजना पर बढ़ते हुएपाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर से लेकर श्रीलंका (हंबनटोटा पोर्ट), मालदीव(मराओ पोर्ट), बांग्लादेश (चटगांव पोर्ट), समेत म्यांमार तक अपने समुद्री प्रभाव का विस्तार किया.इसके साथ ही चीन ने अफ्रीकी देश जिबूती में अपनी पहली सैन्य चौकी बनाई.
  • हालांकि पिछले कुछ वर्षों से समुद्री कूटनीति को प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार के द्वारा कई नीतियां चलाई गई हैं. भारत सरकार के द्वारा 2015 में मिली अर्थव्यवस्था पर ध्यान देते हुएसागर (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) कार्यक्रम की शुरुआत की गई.सागर नीति के तहत भारत हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि भी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है.

लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC)

  • लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit-LOC) एक प्रकार का ‘सुलभ ऋण’ (Soft Loan) होता है जो एक देश की सरकार द्वारा किसी अन्य देश की सरकार को रियायती ब्याज दरों पर दिया जाता है.
  • आमतौर LOC इस प्रकार की शर्तों से जुड़ा हुआ होता है कि उधार लेने वाला देश उधार देने वाले देश से कुल LOC का निश्चित हिस्सा आयात करेगा. इस प्रकार दोनों देशों को अपने व्यापार और निवेश संबंधों को मज़बूत करने का मौका मिलता है.
  • भारत ने अब तक SAARC सदस्यों को लाइन ऑफ क्रेडिट दिया है, जिनमें बांग्लादेश को 8 बिलियन डॉलर, श्रीलंका को 2 बिलियन डॉलर और अफगानिस्तान को 1.2 बिलियन डॉलर का ऋण शामिल है, परंतु अभी तक भारत ने किसी विकसित अर्थव्यवस्था को लाइन ऑफ क्रेडिट नहीं दिया था.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Food processing and related industries in India- scope and significance, location, upstream and downstream requirements, supply chain management.

Topic : Codex Alimentarius Commission

संदर्भ

28 सितंबर से 2 अक्टूबर 2020 तक आयोजित होने वाली 27th कमेटी ऑन एग्रीकल्चर (Committee on Agriculture – COAG) आभासी रूप से आयोजित की गई. इसमें भाग लेने वाली सभी प्रतिनिधियों ने खाद्य सुरक्षा रणनीति की दिशा में खाद्य और कृषि संगठन द्वारा नए नियमों के विकास हेतु एक उत्तरदाई और कठोर कोडेक्स (Codex) का अनुसमर्थन किया है. सभी हितधारकों का का मानना है कि एक मजबूत कोडेक्स मानक ना केवल सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु खाद्य सुरक्षा के मुद्दों को हल करने में सक्षम होगा बल्कि इससे वैश्विक खाद्य प्रणालियों में भी सुधार होंगे.

क्या है कोडेक्स एलीमेंटेरिअस?

  • कोडेक्स एलीमेंटेरिअस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों, प्रथाओं, दिशानिर्देशों, तथा खाद्य पदार्थ एवं उनके उत्पादन और सुरक्षा से संबंधित अन्य सिफारिशों का एक संग्रह है.
  • इसमें उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराये जाने वाले सभी प्रमुख खाद्य पदार्थों के लिए मानक शामिल हैं, चाहे वह प्रसंस्कृत हो, अर्ध-प्रसंस्कृत हो या गैर-प्रसंस्कृत.
  • इसमें खाद्य योजकों, प्रदूषकों, कीटनाशकों के अवशेषों, लेबलिंग और प्रस्तुति, विश्लेषण के तरीकों और नमूने के संबंध में मानकीकृत प्रावधान भी सम्मिलित हैं.

कोडेक्स एलीमेंटेरिअस कमीशन

  • कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन, संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के संयुक्त खाद्य मानक कार्यक्रम का मुख्य भाग है. इसकी स्थापना 1962 में की गई थी.
  • यह एक अंतर-सरकारी संगठन है. वर्तमान में 188 देश (187 सदस्य देश+1 यूरोपीय संघ ) इसके सदस्य हैं.
  • भारत 1964 में इसका सदस्य बना था तथा भारत में कोडेक्स एलीमेंटेरिअस के मानकों को क्रियान्वित करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) अधिकृत किया गया है.
  • कोडेक्स एलीमेंटेरिअस कमीशन के उद्देश्यों में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा और खाद्य व्यापार में निष्पक्ष प्रथाओं का आश्वासन शामिल है.

कोडेक्स मानक के बारे में

  • कोडेक्स मानकों को डबल्यूटीओ समझौतों द्वारा संदर्भ मानकों के रूप में मान्यता प्राप्त हैं. कोडेक्स मानक बाध्यकारी नहीं होते हैं और ये मानक सामान्य या विशिष्ट हो सकते हैं.
  • सामान्य मानक, दिशानिर्देश और प्रथाओं के कोड: ये मुख्य कोडेक्स मानक होते है जो आमतौर पर स्वच्छ व्यवहार, लेबलिंग, संदूषण, योजक, निरीक्षण और प्रमाणीकरण, पशु दवाओं और कीटनाशकों के पोषण और अवशेषों से निपटान तथा उत्पादों और उत्पाद श्रेणियों के लिए क्षैतिज रूप से लागू होते हैं.
  • कमोडिटी मानक: कोडेक्स कमोडिटी मानक एक विशिष्ट उत्पाद को संदर्भित करते हैं, हालांकि अब खाद्य समूहों के लिए भी मानक विकसित किए जा रहे हैं.
  • क्षेत्रीय मानक: संबंधित क्षेत्रीय समन्वय समितियों द्वारा विकसित मानक, संबंधित क्षेत्रों के लिए लागू होते हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : Graded Response Action Plan (GRAP)

संदर्भ

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को 15 अक्टूबर से वर्गीकृत प्रतिक्रिया कार्य योजना की “बहुत खराब” एवं “गंभीर” श्रेणी वायु गुणवत्ता के अंतर्गत वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है.

क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना क्या है?

  • क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना को वर्ष 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकृति दी थी तथा यह 2017 में पहली बार लागू हुई थी.
  • यह केवल उस समय आपातकालीन उपाय के रूप में कार्य करती है जब वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है. इस प्रकार, इस योजना में औद्योगिक, वाहन और दहन उत्सर्जन से निपटने के लिये विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वर्ष भर की जाने वाली कार्रवाई शामिल नहीं है.
  • जब प्रदूषण “ठीक-ठाक” और “खराब” के बीच की श्रेणी में होता है तो पराली जलाने पर रोक लगा दी जाती है.
  • यदि वायु प्रदूषण “बहुत खराब” श्रेणी में पहुँच जाता है तो ये उपाय किये जाते हैं – डीजल जनरेटर बंद कराना, पार्किंग शुल्क को बढ़ाना और मेट्रो तथा बसों की पारियों में वृद्धि लाना.
  • जब वायु की गुणवत्ता “भीषण” हो जाति है तो ये कदम उठाने पड़ते हैं – मशीन से सड़कों को बार-बार साफ़ करना और पानी का छिड़काव करना, शहर में ट्रकों के आने पर रोक लगाना, निर्माण के कार्यों की रोकथाम करना और स्कूल बंद कराना आदि.

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण क्या है?

राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्राधिकृत एक संस्था है, जिसका नाम पर्वावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (Environment Pollution Control Authority – EPCA) है. यह प्राधिकरण प्रदूषण के विभिन्न स्तरों के लिए एक क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (Graded Response Action Plan – GRAP) पर काम करता है.

EPCA का स्वरूप

EPCA में एक अध्यक्ष और 14 सदस्य होते हैं. ये सदस्य हैं – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पर्यावरण सचिव, नई दिल्ली नगर परिषद् के अध्यक्ष, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के परिवहन आयुक्त, दिल्ली के विभिन्न नगर निगमों के आयुक्त तथा IIT दिल्ली और JNU के सदस्य.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Related to Science.

Topic : Nobel Prize in Physics

संदर्भ

वर्ष 2020 के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है. भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार, 2020 से 3 वैज्ञानिकों को कृष्ण विवर (Black Hole) पर किए गए उनके शोध के लिए सम्मानित किया जाएगा.

  • रोजर पेनरोज को इस खोज के लिए सम्मानित किया जाएगा कि सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के परिणामस्वरूप ही ब्लैक होल की खोज हुई है.
  • इन्होंने अपने प्रमाण में गणितीय पद्धति का प्रयोग किया था, जिसके माध्यम से यह सिद्ध किया गया था कि ब्लैक होल सापेक्षता के सिद्धांत का प्रत्यक्ष परिणाम है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिए गए सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत ने ब्लैक होल के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी.
  • ओ एंड्रिया गेज और रेनहार्ड गेंजेल को आकाशगंगा “मिल्की वे” के केंद्र में विशालकाय ब्लैक होल की खोज के लिए सम्मानित किया गया है, जिसे सैजिटेरियस ए* (Sagittarius A*) कहा गया है.
  • सैजिटेरियस ए* की तस्वीरें ईवेंट होराइजन टेलीस्कोप परियोजना के अंतर्गत ली गई हैं.
  • ईवेंट होराइजन- ब्लैक होल से परे अंतरिक्ष के क्षेत्र को ईवेंट होराइजन कहा जाता है. यह “पॉइंट ऑफ नो रिटर्न” है, जिसके आगे ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से बचना असंभव है.
  • ईवेंट होराइजन टेलीस्कोप परियोजना- यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व के विभिन्‍न भागों में स्थित 8 रेडियो टेलीस्कोप्स (अंतरिक्ष से रेडियो तरंगों का पता लगाने के लिए प्रयुक्त) का एक समूह है.

क्या हैं ब्लैक होल?

कृष्ण विवर अत्यधिक घनत्व तथा द्रव्यमान वाले ऐसें पिंड होते हैं, जो  आकार में बहुत छोटे होते हैं. इसके प्रबल गुरुत्वाकर्षण के चंगुल से  प्रकाश की किरणों का भी निकलना असम्भव होता है. चूँकि इससे प्रकाश की किरणें भी बाहर नहीं निकल पाती हैं, अत: यह हमारे लिए अदृश्य बना रहता है.

कैसे बनते हैं ब्लैक होल?

कृष्ण विवरों का निर्माण किस प्रकार से होता है, यह जानने से पहले, तारों के  विकासक्रम को समझना आवश्यक होगा. एक तारे का विकासक्रम आकाशगंगा (Galaxy) में उपस्थित धूल एवं गैसों के एक अत्यंत विशाल मेघ (Dust & Gas Cloud)  से आरंभ होता हैं. इसे ‘नीहारिका’ (Nebula) कहते हैं. नीहारिकाओं के अंदर हाइड्रोजन की मात्रा सर्वाधिक होती है और 23 से 28 प्रतिशत हीलियम तथा अल्प मात्रा में कुछ भारी तत्व होते हैं.

जब गैस और धूलों से भरे हुए मेघ के घनत्व में वृद्धि होती है. उस समय मेघ अपने ही गुरुत्व के कारण संकुचित होने लगता है. मेघ में संकुचन के साथ-साथ उसके केन्द्रभाग के ताप एवं  दाब में भी वृद्धि हो जाती है. अंततः ताप और दाब इतना अधिक हो जाता है कि हाइड्रोजन के नाभिक आपस में टकराने लगते हैं और हीलियम के नाभिक का निर्माण करनें लगतें हैं . तब तापनाभिकीय संलयन (Thermo-Nuclear Fusion) शुरू हो जाता है. तारों के अंदर यह अभिक्रिया एक नियंत्रित हाइड्रोजन बम विस्फोट जैसी होती है. इस प्रक्रम में प्रकाश तथा ऊष्मा  के रूप में ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस प्रकार वह मेघ ऊष्मा व प्रकाश से चमकता हुआ तारा बन जाता है. 

आकाशगंगा में ऐसे बहुत से तारे होते हैं जिनका द्रव्यमान सौर द्रव्यमान से तीन-चार गुना से भी अधिक होता है. ऐसे तारों पर गुरुत्वीय खिचांव अत्यधिक होने के कारण तारा संकुचित होने लगता है, और दिक्-काल (Space-Time) विकृत होने लगती है, परिणामत: जब तारा किसी निश्चित क्रांतिक सीमा (Critical limit) तक संकुचित हो जाता है, और अपनी ओर के दिक्-काल को इतना अधिक झुका लेता है कि अदृश्य हो जाता है. यही वे अदृश्य पिंड होते हैं जिसे अब हम ‘कृष्ण विवर’ या ‘ब्लैक होल’ कहतें है. अमेरिकी भौतिकविद् जॉन व्हीलर (John Wheeler) ने वर्ष 1967 में पहली बार इन पिंडो के लिए ‘ब्लैक होल’ (Black Hole) शब्द का उपयोग किया.


Prelims Vishesh

Wayanad-Kozhikode tunnel project launched :-

कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड 900 करोड़ रुपये का व्यय कर के सात किलोमीटर एक लम्बी सुरंग बनाने जा रहा है जो केरल के वायनाड और कोझिकोड जिलों को जोड़ देगी.

World Habitat Day :-

  • प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी अक्टूबर के पहले सोमवार को विश्व हैबिटेट दिवस मान्य गया.
  • ज्ञातव्य है कि 1985 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा के द्वारा पारित संकल्प संख्या 40/202 के अनुसार 1986 से लेकर आजतक प्रत्येक वर्ष केअक्टूबर महीने के पहले सोमवार को यह दिवस मनाया जाता है. 1986 की theme थी – “Shelter is My Right”.
  • 2020 theme:सब के लिए आवास – एक बेहतर शहरी भविष्य/ Housing For All — A Better Urban Future.

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