Sansar Daily Current Affairs, 06 June 2022
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय.
Topic: Public Financial Management System – PFMS
संदर्भ
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा ‘सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली’ (Public Financial Management System – PFMS) का “एकल नोडल एजेंसी” (Single Nodal Agency – SNA) डैशबोर्ड लॉन्च किया गया.
SNA मॉडल एवं डैशबोर्ड के बारे में
- SNA मॉडल के तहत हर एक राज्य को प्रत्येक केंद्र प्रायोजित योजना के लिए एक ‘सिंगल नोडल एजेंसी’ (SNA) की पहचान करना और उसे नामित करना आवश्यक होता है.
- एक राज्य के लिए किसी योजना से संबंधित पूरी धनराशि एक निश्चित बैंक खाते में जमा की जाती है और अन्य सभी कार्यान्वयन एजेंसियों की ओर से किए जाने वाले सभी खर्च इसी खाते से होते हैं.
- यह मॉडल निधियों का समय पर आवंटन सुनिश्चित करता है, तथा इसके कारण निधियों की निगरानी आसान हो गई है.
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के बारे में
- सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) एक वेब-आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है, जिसे नियंत्रक महालेखाकार (सीजीए), व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित और कार्यान्वित किया गया है.
- इसकी शुरुआत 2009 में भारत सरकार की सभी योजनाओं के तहत जारी निधियों पर नज़र रखने और कार्यक्रम कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर व्यय की रियल टाइम रिपोर्टिंग के उद्देश्य से हुई थी.
- वर्तमान में PFMS कबरेज के दायरे में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के साथ-साथ वित्त आयोग अनुदान सहित अन्य व्यय शामिल हैं.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन.
Topic: Stockholm Conference
संदर्भ
स्टॉकहोम सम्मेलन (Stockholm Conference) की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.
‘स्टॉकहोम सम्मेलन’ के बारे में
- ‘संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन’ (United Nations Conference on the Human Environment) 5 जून से 16 जून 1972 के बीच स्वीडन के ‘स्टॉकहोम’ में आयोजित किया गया था.
- यह पृथ्वी के पर्यावरण पर इस तरह का पहला विश्वव्यापी सम्मलेन था, और इसका विषय (थीम) ‘केवल एक पृथ्वी’ (Only One Earth) था.
- इस सम्मेलन की परिणति ‘स्टॉकहोम घोषणा’ (Stockholm Declaration) के रूप में हुई, जिसमें पर्यावरण संबंधी सिद्धांत और पर्यावरण नीति के लिए सिफारिशों सहित एक कार्य योजना शामिल थी.
इस सम्मेलन के तीन आयाम थे:
- प्रतिभागी देशों द्वारा “एक दूसरे के पर्यावरण अथवा अपने राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों को क्षति नहीं पहुचाने” पर सहमति व्यक्त की गयी.
- पृथ्वी के पर्यावरण के लिए ‘खतरे का अध्ययन करने के लिए एक कार्य योजना’ तैयार की की गयी.
- देशों के बीच सहयोग स्थापित करने हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (UN Environment programme – UNEP) नामक एक अंतरराष्ट्रीय निकाय की स्थापना की गयी.
स्टॉकहोम सम्मेलन का महत्व और परिणाम:
- वर्ष 1972 तक दुनिया के किसी भी देश में ‘पर्यावरण मंत्रालय’ नहीं था.
- ‘नार्वे’ के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन से लौटकर ‘पर्यावरण के लिए एक मंत्रालय स्थापित’ किया.
- भारत ने, 1985 में अपने ‘पर्यावरण और वन मंत्रालय’ की स्थापना की.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास.
Topic: Bar code and RFID difference
संदर्भ
शीघ्र ही, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (RFID) युक्त ‘बैगेज टैग’ (Baggage tags) उपलब्ध होंगे. यह देश में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी.
RFID के बारे में
‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (RFID), एक ‘टैग’ और ‘रीडर’ से बना एक ‘वायरलेस ट्रैकिंग सिस्टम’ है.
- इस ‘ट्रैकिंग सिस्टम’ में वस्तुओं या लोगों की जानकारी/पहचान को संप्रेषित करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है.
- इसमें प्रयुक्त ‘टैग’ में एन्क्रिप्टेड जानकारी, सीरियल नंबर और संक्षिप्त विवरण दर्ज किए जा सकते हैं.
प्रकार – निष्क्रिय और सक्रिय RFID टैग
- सक्रिय आरएफआईडी (Active RFIDs) अपने स्वयं के उर्जा स्रोत, ज्यादातर बैटरी का उपयोग करते हैं.
- निष्क्रिय आरएफआईडी (Passive RFIDs) को, पाठक के माध्यम से ‘विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा’ प्रसारण का उपयोग करके सक्रिय किया जाता है.
कार्यविधि
- आरएफआईडी टैग कई अलग-अलग आवृत्तियों – निम्न आवृत्ति (low frequency), उच्च आवृत्ति (High Frequency – HF) और अल्ट्रा-उच्च आवृत्ति (ultra-high frequency – UHF) – पर रेडियो तरंगों का उपयोग करके ‘रीडर’ (पाठक) के साथ संवाद करने के लिए एक एकीकृत सर्किट और एंटीना का उपयोग करते हैं.
- ‘टैग’ द्वारा ‘रेडियो तरंगों’ के रूप में वापस भेजे गए संदेश को डेटा में अनुवादित किया जाता है और इसका होस्ट कंप्यूटर सिस्टम द्वारा विश्लेषण किया जाता है.
- बारकोड के विपरीत, RFID को वस्तुओं की पहचान करने के लिए ‘सीधी दृष्टि’ की आवश्यकता नहीं होती है.
‘बारकोड’ क्या होते हैं?
‘बारकोड’ (Barcode), कंप्यूटर सिस्टम में डेटा दर्ज करने के लिए उपयोग की जाने वाली ‘समानांतर पट्टियों अथवा भिन्न-भिन्न चौड़ाई वाली रेखाओं की एक मुद्रित अनुक्रम (सीरीज) होते हैं.
- ‘बारकोड’ की पट्टियाँ सफेद पृष्ठभूमि पर काले रंग की होती हैं और अनुप्रयोग के आधार पर इनकी चौड़ाई और संख्या में भिन्नता होती है.
- ये पट्टियाँ / शलाकाएँ (BARS), बाइनरी अंकों- शून्य और एक – का प्रतिनिधित्व करते हैं. बाइनरी संख्याएं एक डिजिटल कंप्यूटर द्वारा संसाधित ‘शून्य’ से ‘नौ अंकों’ का प्रतिनिधित्व करती हैं.
- इन बारकोड को विशेष ‘ऑप्टिकल स्कैनर’ से स्कैन किया जाता है जिसे ‘बारकोड रीडर’ कहा जाता है.
- इनमें से अधिकांश कोड्स में केवल दो अलग-अलग चौड़ाई के ‘बार’ का उपयोग किया जाता है, हालांकि कुछ कोड्स में ‘भिन्न प्रकार की चार चौड़ाईयों’ का उपयोग होता है.
- ‘क्यूआर कोड’ (QR code), बारकोड के सबसे प्रमुख उदाहरणों में से एक है.
RFID और बारकोड के बीच अंतर
- ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (RFID) में ‘संचार’ के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है, और इस तकनीक में डेटा प्राप्त करने के लिए सीधी नजर या दृष्टि की आवश्यकता नहीं होती है; जबकि, बारकोड में ‘स्टिकी टैग’ पर मुद्रित श्वेत-श्याम पैटर्न को पढ़ने के लिए प्रकाश का उपयोग किया जाता है.
- RFID टैग, भले ही टैग क्रियाशील न हो, फिर भी एक क्रियाशील या चालू रीडर के साथ ‘संचार’ कर सकता है.
- कागज या स्टिकी लेबल पर मुद्रित होने पर, ‘बारकोड’ के घिस जाने या फट जाने का खतरा रहता है, जोकि इनकी पठनीयता को प्रभावित कर सकता है. RFID टैग, बारकोड की तुलना में अधिक टिकाऊ होते हैं.
- ‘बारकोड स्कैनर’ के विपरीत, RFID स्कैनर एक सेकंड में दर्जनों टैग को प्रोसेस कर सकता है.
- ‘बारकोड’ सरल और नकल करने में आसान होते है और नकली बारकोड्स को आसानी से बनाया जा सकता है, जबकि RFID अधिक जटिल होते है और इनकी नक़ल करना कठिन होता है.
- बारकोड की तुलना में RFID टैग महंगे होते हैं.
डीएनए बारकोडिंग (DNA Barcoding) ‘इंटरनेशनल बारकोड ऑफ लाइफ’ (International Barcode of Life- iBOL) GS Paper 3 Source : Indian Express UPSC Syllabus: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास. संदर्भ हाल ही में, “वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग” (Commission for Air Quality Management – CAQM) द्वारा 1 जनवरी 2023 से पूरे दिल्ली-NCR क्षेत्र में औद्योगिक, घरेलू और अन्य विविध अनुप्रयोगों में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश निर्गत किये गये हैं. राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्राधिकृत एक संस्था है, जिसका नाम पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (Environment Pollution Control Authority – EPCA) है. यह प्राधिकरण प्रदूषण के विभिन्न स्तरों के लिए एक क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (Graded Response Action Plan – GRAP) पर काम करता है. GS Paper 1 Source : The Hindu UPSC Syllabus: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे. संदर्भ हाल ही में, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा ‘मगहर’ (उत्तर प्रदेश) में ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत ‘संत कबीर अकादमी एवं अनुसंधान केंद्र’ का उद्घाटन किया गया. GS Paper 3 Source : The Hindu UPSC Syllabus: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन. संदर्भ हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, देश भर में प्रत्येक संरक्षित वन, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में, उनकी निर्धारित सीमाओं से न्यूनतम एक किमी भीतर तक अनिवार्य ‘पारिस्थितिक-संवेदनशील क्षेत्र’ (Eco-Sensitive Zone- ESZ) होना चाहिए. संबंधित प्रकरण: शीर्ष अदालत के निर्देश इको-सेंसिटिव जोन में किन गतिविधियों की अनुमति है और क्या प्रतिबंधित है? इको-सेंसिटिव जोन में प्रतिबंधित गतिविधियाँ- इको-सेंसिटिव जोन में विनियमित गतिविधियाँ अनुमत गतिविधियाँ Wayanad Wildlife Sanctuary :- GS Paper 3 Source : The Hindu UPSC Syllabus: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन. संदर्भ संबंधित प्रकरण मसाला बॉन्ड क्या है? Etalin Hydroelectric Project :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindiइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic: Commission for Air Quality Management – CAQM
CAQM के बारे में
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण क्या है?
Sansar Daily Current Affairs, 07 June 2022
Topic: Sant Kabirdas
संत कबीर दास
Topic: Eco-Sensitive Zone- ESZ
इको-सेंसिटिव जोन क्या हैं?
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic: Green Bond
‘ग्रीन बॉन्ड’ के बारे में
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Prelims Vishesh
Buffalopox :-
3 Comments on “SANSAR डेली करंट अफेयर्स, 06-07 June 2022”
Thanx 🙏🙏
WOW, SIR PLZ ROJ CURENT AFFAIR DIYA KIJIYE
Hi , I like this content for information its very good