Sansar डेली करंट अफेयर्स, 04 January 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 04 January 2020


GS Paper 1 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Important Geophysical phenomena

Topic : Northeast monsoon

संदर्भ

पूर्वोत्तर मानसून अर्थात् शीतकालीन मानसून पिछले दिनों समाप्त हुआ. इस बार कुल मिलाकर इस समय औसत से अधिक वृष्टिपात हुआ.

एक बड़ी विरल घटना यह हुई कि जिस दिन दक्षिण-पश्चिम का मानसून समाप्त हुआ, उसी दिन शीतकालीन मानसून चालू हुआ.

पूर्वोत्तर (शीतकालीन) मानसून क्या है?

उत्तर भारत के लोग इस मानसून के बारे में कम जानते हैं. परन्तु यह मानसून भारतीय उपमहाद्वीप की जलवायु प्रणाली का उतना ही स्थायी अंग है जितना कि ग्रीष्मकालीन अर्थात् दक्षिण-पश्चिम मानसून. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department – IMD) के अनुसार पूर्वोत्तर मानसून अक्टूबर से दिसम्बर तक चलता है. इस अवधि में तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ भागों में वृष्टिपात होता है.

पूर्वोत्तर और दक्षिण-पश्चिम मानसून में अंतर

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि पूर्वोत्तर मानसून की दिशा पूर्वोत्तर से दक्षिण-पश्चिम होती है. उसी प्रकार दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा इसके ठीक उल्टी अर्थात् दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर होती है.

पूर्वोत्तर मानसून कब आता है?

  • सामान्यतः यह मानसून 20 अक्टूबर के आस-पास प्रवेश करता है. यह सत्य है कि इस तिथि के पहले भी अक्टूबर के पूर्वार्द्ध में दक्षिणप्रा यद्वीपीय क्षेत्र में कुछ वर्षा होती है परन्तु यह वर्षा वापस लौट रहे ग्रीष्मकालीन मानसून के चलते होती है.
  • ग्रीष्मकालीन मानसून सितम्बर 30 को समाप्त हो जाता है, परन्तु यह समापन रातों-रात नहीं होता. इसमें 3 से 4 सप्ताह लग जाते हैं. वापसी में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक इस मानसून से कुछ न कुछ वर्षा होती रहती है.

पूर्वोत्तर मानसून से वर्षा कहाँ होती है?

पूर्वोत्तर मानसून से देश के देश के 36 मौसम वैज्ञानिक विभागों में से मात्र पाँच में ही वर्षा होती है. इन पाँच विभागों में ये क्षेत्र आते हैं – पुडुचेरी सहित तमिलनाडु, केरल, तटवर्ती आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक.

इस प्रकार पूर्वोत्तर मानसून भारत की सम्पूर्ण वार्षिक वर्षा (1,187 mm) में मात्र 11% का योगदान करती है.  दूसरी ओर, ग्रीष्मकालीन मानसून से सम्पूर्ण वृष्टिपात का 75% होता है. शेष 14% वर्षा अन्य मानसून-विहीन महीनों में होती है.

उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा

नवम्बर-दिसम्बर में उत्तर भारत के गंगा के मैदानों में और उत्तर के राज्यों में कुछ वर्षा होती है. किन्तु यह वर्षा पूर्वोत्तर शीतकालीन मानसून के कारण नहीं होती. इस वर्षा का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) होता है.

पश्चिमी विक्षोभ उस वायु प्रणाली को कहते हैं जो अफगानिस्तान और ईरान के भी आगे भूमध्य सागर और यहाँ तक कि अटलांटिक महासागर से भी आर्द्रता लेती हुई और पूर्व की ओर बढ़ती हुई भारत में प्रवेश करती है.

इससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ऊँचे प्रदेशों में कभी-कभी हिमपात भी हो जाया करता है.


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.

Topic : Zonal Councils

संदर्भ

पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् की 25वीं बैठक जनवरी, 2020 में होने जा रही है जिसके लिए महाराष्ट्र को समन्वयक राज्य (lead coordinator) बनाया गया है.

क्षेत्रीय परिषद् (ZONAL COUNCIL) क्या है?

  • क्षेत्रीय परिषदों को संसद द्वारा स्थापित किया गया है.
  • इनका उद्देश्य अंतर्राज्यीय सहयोग एवं समन्वय स्थापित करना है.
  • ये परिषदें राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत राज्यादेश द्वारा स्थापित की गई हैं. इसका तात्पर्य यह हुआ कि ये परिषदें सांवैधानिक निकाय नहीं हैं.
  • अतः ये क्षेत्रीय परिषदें मात्र विचार-विमर्श एवं परामर्श के लिए हैं.
  • भारत में ऐसी 5 परिषदें गठित हैं – उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी एवं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषदें.
  • उत्तरी क्षेत्रीय परिषद्– जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़.
  • मध्य क्षेत्रीय परिषद्– उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़,
  • पूर्वी क्षेत्रीय परिषद्– बिहार, झारखंड, उड़ीसा, और पश्चिम बंगाल.
  • पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद्– गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और दमन-दीव और दादर और नगर हवेली के संघ शासित प्रदेश.
  • दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् – आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और संघ शासित क्षेत्र पुडुचेरी.
  • क्षेत्रीय परिषदों का अध्यक्ष देश का गृह मंत्री होता है.
  • परिषद् के उपाध्यक्ष सम्बंधित राज्यों के मुख्यमंत्री बारी-बारी से हर वर्ष बनते हैं.
  • इस परिषद् में मुख्यमंत्री के अलावे हर राज्य के दो-दो मंत्री भी होते हैं (जिनका मनोनयन सम्बंधित राज्य के राज्यपाल करते हैं). जिन क्षेत्रों में संघीय शासित क्षेत्र हैं वहाँ से भी दो मंत्री परिषद् के रूप में नामित होते हैं.
  • प्रत्येक परिषद् में सलाहकार होते हैं – एक नीति-आयोग द्वारा नामित, प्रत्येक राज्य के मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त.

ज्ञातव्य है कि पूर्वोत्तर के राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड) के लिए अलग से कोई क्षेत्रीय परिषद् नहीं है. इन राज्यों की विशेष समस्याओं को देखने के लिए पूर्वोत्तर परिषद् अधिनियम, 1972 के द्वारा एक पूर्वोत्तर परिषद् (North Eastern Council) गठित की गई है.

क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना के मुख्य उद्देश्य

  • राष्ट्रीय एकता सुदृढ़ करना.
  • कट्टर राज्य भावना, क्षेत्रीयता, भाषावाद एवं एकांगी प्रवृत्तियों पर लगाम लगाना.
  • केंद्र और राज्यों को आपस में सहयोग करने तथा विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने हेतु समर्थ बनाना
  • राज्यों के बीच में सहयोग का वातावरण बनाना जिससे विकास की परियोजनाओं का सफल एवं त्वरित कार्यान्वयन हो सके.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : UNESCO creative cities network (UCCN)

संदर्भ

पिछले दिनों वियेतनाम की सरकार ने एक समारोह आयोजित कर के यह घोषणा की कि वहाँ की राजधानी हनोई UNESCO के रचनाधर्मी नगरों के नेटवर्क (UNESCO Creative Cities Network – UCCN) में शामिल होने जा रहा है. ज्ञातव्य है कि इस नेटवर्क में अभी तक विश्व के 246 नगर शामिल हो चुके हैं.

रचनाधर्मी नगरों का नेटवर्क (UCCN) क्या है?

  • यह UNESCO द्वारा 2004 में निर्मित एक पहल है जिसका उद्देश्य ऐसे नगरों के बीच सहकारिता को बढ़ावा देना है जिन्होंने सतत शहरी विकास के लिए रचनाधर्मिता को एक रणनीतिक उपकरण के रूप में अपनाया है.
  • UCCN इस बात पर बल देता है कि स्थानीय स्तर पर बनने वाले विकास के कार्यक्रमों में रचनाधर्मिता और संस्कृति से जुड़े उद्योगों को प्रधानता दी जाए और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय पारस्परिक सहयोग हो.
  • UCCN के अन्दर आने वाले सात रचनाधर्मी क्षेत्र हैं – शिल्प एवं लोक कलाएँ, मीडिया कलाएँ, फिल्म, रूपांकन, खान-पान, साहित्य एवं संगीत.

जो नगर इस नेटवर्क में आते हैं उनको यह वचन देना होता है कि वे अपने-अपने यहाँ प्रचलित सर्वोत्तम प्रथाओं के विषय में एक-दूसरे को जानकारी देंगे और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी से जुड़ी भागीदारियाँ विकसित करते हुए निम्नलिखित लक्ष्य सिद्ध करेंगे –

  1. सांस्कृतिक गतिविधियों, वस्तुओं और सेवाओं का सृजन, उत्पादन, वितरण और प्रचार-प्रसार करना.
  2. रचनाधर्मिता एवं नवाचार के ऐसे गढ़ निर्मित करना जहाँ सांस्कृतिक रचनाधर्मियों और पेशेवरों को अधिक-से-अधिक अवसर मिल सके.
  3. सांस्कृतिक जीवन में प्रतिभागिता करने का अवसर सब को प्रदान करना, विशेषकर वंचित एवं कमजोर समूहों और व्यक्तियों को.
  4. सतत विकास योजनाओं के साथ संस्कृति और रचनाधर्मिता को पूर्णतः एकात्म करना.

नवम्बर 2019 तक, भारत में UCCN में आने वाले पाँच नगर हैं. ये नगर और उनकी प्रमुख रचनाधर्मिता (प्रवेश तिथि के साथ) निम्न प्रकार से हैं –

  1. जयपुर – शिल्प एवं लोक कलाएँ (2015)
  2. वाराणसी – संगीत (2015)
  3. चेन्नई – संगीत (2017)
  4. मुंबई – सिनेमा (2019)
  5. हैदराबाद – खान-पान (2019)

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure

Topic : FAME-II Scheme

संदर्भ

सड़क परिवहन प्रक्षेत्र में स्वच्छ आवागमन को और भी बढ़ावा देने के लिए भारी उद्योग विभाग ने 24 राज्यों/संघीय क्षेत्रों के 62 नगरों में 2,636 चर्चिंग स्टेशन स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. यह स्वीकृति फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण (FAME 2) के लिए दी गई है.

FAME 2 योजना के मुख्य तत्त्व

  • FAME का पूरा नाम है – Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India.
  • यह योजना FAME India I (1 अप्रैल, 2015 में अनावृत) का विस्तारित संस्करण है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन में बिजली से चलने वाली गाड़ियों का अधिक से अधिक प्रयोग सुनिश्चित करना है.
  • इसका एक अन्य उद्देश्य बिजली वाले वाहनों की ग्राह्यता को प्रोत्साहित करने के लिए इनके लिए बाजार बनाना और माँग में वृद्धि करना है.
  • सरकार वाणिज्यिक उद्देश्य से चलाई जाने वाली बिजली की बसों, तिपहियों और चौपहियों के लिए उत्प्रेरण प्रदान करेगी.
  • इस योजना में ऐसे वाहनों को भी शामिल किया जा रहा है जो संकर ऊर्जा से एवं एक बड़ी लिथियम-आयन बैटरी तथा बिजली मोटर से चलते हैं. ऐसे वाहनों के लिए उनकी बैटरी के आकार के अनुसार वित्तीय सहायता देने का भी प्रस्ताव है.
  • FAME 2 योजना के लिए 2022 तक तीन वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रु. का बजटीय प्रावधान किया गया है.

FAME 2 योजना में चार्जिंग से सम्बंधित प्रावधान

  • भारत सरकार लोक क्षेत्र की इकाइयों और निजी प्रतिष्ठानों की सक्रिय भागीदारी से चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए पैसा लगाएगी.
  • प्रत्येक बिजली की बस के लिए धीमी गति से चार्ज होने वाला एक और बिजली से चलने वाली दस बसों के लिए तेजी से चार्ज देने वाला एक चार्जिंग केंद्र दिया जाएगा.
  • चार्जिंग केंद्र के साथ-साथ ऐसी अवसरंचनाएं भी बनाई जाएँगी जो वाहनों के विद्युतीकरण के लिए आवश्यक हैं, जैसे – पेंटोग्राफ चार्जिंग (pantograph charging) और फ्लैश चार्जिंग (flash charging).
  • FAME 2 योजना के अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को चार्जिंग केंद्र को जोड़ने को बढ़ावा दिया जाएगा.

पृष्ठभूमि

यह राष्ट्रीय बिजली गतिशीलता मिशन योजना का अंग है. पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने 2015 में भारत में (FAME – INDIA) योजना की शुरुआत की थी. फेम इंडिया योजना का लक्ष्य है कि दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया यात्री वाहन, हल्के वाणिज्यिक वाहन और बसों सहित सभी वाहन क्षेत्रों में बिजली के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाए. इसके लिए यह योजना सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है. इस योजना के तहत संकर एवं इलेक्ट्रिक तकनीकों, जैसे – सशक्त संकर तकनीक (strong hybrid), प्लग-इन शंकर तकनीक (plug-in hybrid) और बैटरी/बिजली तकनीक को प्रोत्साहित किया जाता है. इस योजना को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा चालाया जा रहा है. FAME योजना इन चार क्षेत्रों पर अपना ध्यान केन्द्रित करती है – तकनीकी विकास, माँग का सृजन, प्रायोगिक परियोजनाएँ एवं चार्ज करने की सुविधा.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Cyber security related issues.

Topic : New and Emerging Strategic Technologies (NEST)

संदर्भ

भारत के विदेश विभाग ने नई और उभरती हुई रणनीतिक प्रौद्योगिकी (New and Emerging Strategic Technologies – NEST) के लिए एक नए डेस्क को स्थापित करने की घोषणा की है.

NEST क्या है?

  • विदेश मंत्रालय का यह डेस्क ऐसे सभी विषयों के लिए नाभिक कार्यालय के रूप में कार्य करेगा जो नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों से जुड़े हों.
  • यह डेस्क विदेशी सरकारों के साथ विचारों के आदान-प्रदान के साथ-साथ देश के मंत्रालयों एवं विभागों के बीच समन्वयन का काम भी देखेगा.
  • यह उभरती हुई प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी पर आधारित संसाधनों से सम्बंधित विदेश नीति एवं अंतर्राष्ट्रीय कानूनी निहितार्थों का आकलन करने में सहायता पहुँचायेगा.
  • यह डेस्क संयुक्त राष्ट्र अथवा G20 जैसे उन बहु-पक्षीय मंचों में भारत के हितों की रक्षा करने के लिए होने वाली वार्ता से जुड़ा होगा जहाँ उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के उपयोग और उपलभ्यता को लेकर नियम गढ़े जाते हैं.

Prelims Vishesh

What is Extraocular Vision? :-

  • पिछले दिनों शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि स्टार फिश परिवार की मछली रेड ब्रिटल स्टार की आँखें नहीं होती हैं, पर वह मछली देख सकती है.
  • केरीबियाई समुद्र की प्रवाल भित्तियों में रहने वाली यह मछली बिना आँखों के देखने वाली विश्व की दूसरी प्रजाति है. इस प्रकार की पहली प्रजाति एक समुद्री अर्चिन (urchin) प्रजाति थी.
  • शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इन प्रजातियों को उनके शरीर पर स्थित प्रकाशग्राही कोषांगों (photoreceptor cells) से देखने में सहायता मिलती है.

First-of-its kind turtle rehab centre comes up in Bihar :

  • जनवरी, 2020 में बिहार के भागलपुर वनमंडल में मीठे जल के कछुओं का एक पुनर्वास केंद्र अनावृत होने जा रहा है.
  • आधे हेक्टेयर में फैला और एक समय में 500 कछुओं को आश्रय देने में समर्थ यह पुनर्वास केंद्र अपने प्रकार का पहला पुनर्वास केंद्र होगा.
  • ज्ञातव्य है कि कई बार रक्षक दलों ने तस्करों से कछुओं को बचाया था और पाया था कि ये कछुए या तो घायल हैं अथवा रोग से ग्रस्त हैं. यही सब देखकर पुनर्वास केंद्र की आवश्यकता का अनुभव किया गया.

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