Sansar डेली करंट अफेयर्स, 04 December 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 04 December 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : International Day of Persons with Disabilities

संदर्भ

3 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य विकलांगों के लिए अधिक समावेशी और सुलभ विश्व को बढ़ावा देना तथा उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है.

तथ्य एवं आँकड़े

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा विकलांगता पर पिछले वर्ष जारी की गयी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की लगभग 2.2% आबादी किसी न किसी प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक विकलांगता से ग्रसित है.

विकलांगों की पहचान किस प्रकार की जाती है?

वर्ष 2011 की जनगणना तक, प्रश्नावली में सात प्रकार की विकलांगता सम्बन्धी सवाल पूछे जाते थे. वर्ष 2016 में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम (Rights of People with Disabilities) को लागू किये जाने के बाद से सूची में 21 प्रकार की विकलांगताओं को सम्मिलित किया गया था.

  1. तदनुसार, वर्ष 2019 की रिपोर्ट में विकलांगता की पूर्व परिभाषा के अंतर्गत मानसिक मंदता तथा देखने, सुनने, बोलने और चलने संबंधी स्थाई अक्षमता के अलावा अस्थायी रूप से अक्षमता और न्यूरोलॉजिकल तथा रक्त विकारों से पीड़ित व्यक्तियों को विकलांगता की श्रेणी में शामिल किया गया था.
  2. ज्ञातव्य है, कि संशोधित परिभाषा में, एसिड अटैक पीडि़तों की विकृतियों और जख्मों को विकलांगता के रूप में शामिल किया गया है.

विकलांगों की स्थिति

  1. भारत में, महिलाओं की तुलना में विकलांग पुरुषों का अनुपात काफी अधिक है, और शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में विकलांगता अधिक व्यापक है.
  2. बिना किसी सहायता के चलने में अक्षमता, विकलांगता का सबसे सामान्य प्रकार है. चलने में अक्षम (locomotor disability) आबादी में, पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक है.

विकलांगों की सही संख्या ज्ञात होने का महत्त्व

भारत में विकलांग व्यक्तियों को रेलवे टिकट और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण जैसे कुछ लाभ प्रदान किये जाते हैं.

  1. इन लाभों को प्राप्त करने हेतु, उन्हें विकलांगता को साबित करने वाला प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है.
  2. वृहद स्तर पर, कल्याणकारी योजनाओं हेतु आवंटन करते समय विकलांगता के प्रकार और इसकी व्यापकता संबंधी आकड़े उपयोगी होते हैं.

भारत में विकलांगों के लिए संवैधानिक प्रावधान

  • राज्यनीति के निदेशक सिद्धांतों (DPSP) के अनुच्छेद 41 में कहा गया है कि राज्य, अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के, शिक्षा पाने के और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी और निःशक्तता की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को संरक्षित करने का प्रभावी उपबंध करेगा.
  • संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची के अंतर्गत विकलांगों और बेरोजगारों के लिए सहायता विषय को शामिल किया गया है.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : INTERPOL warns of organized crime threat to COVID-19 vaccines

संदर्भ

इंटरपोल ने नकली कोरोनावायरस वैक्सीन के प्रति अपने 194 सदस्य देशों को आगाह करने के लिए ऑरेंज नोटिस जारी किया है. यह एक प्रकार की वैश्विक चेतावनी है . इंटरपोल ने ऑरेंज नोटिस जारी करते हुए कहा है कि नकली कोरोनावायरस वैक्सीन की चोरी , जालसाजी , अवैधानिक विज्ञापन से जुड़ी संभावित आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उसके सभी 194 सदस्य देशों को सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए इंटरपोल ने देशों के विधि प्रवर्तनकारी निकायों को सभी आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करने के लिए सक्रिय होने का आवाहन किया है.

इंटरपोल क्या है?

  • इंटरपोल का पूरा नाम है – International Criminal Police Organisation.
  • यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय फ्रांस के ल्यों नगर में है.
  • इस संगठन में 194 देश सदस्य हैं.
  • इसकी स्थापना 1923 में हुई थी. उस समय इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (International Criminal Police Commission) था. इसका नाम इंटरपोल 1956 में पड़ा.
  • भारत इस संगठन में 1949 में ही सम्मिलित हो गया था और इस प्रकार वह इसके पुराने सदस्यों में से एक है.

इंटरपोल के लक्ष्य

  • आतंकवाद से लड़ना.
  • संकटापन्न समुदायों को सुरक्षा देना.
  • जनसामान्य और व्यवसायों के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस की व्यवस्था करना.
  • अवैध बाजारों पर लगाम लगाना.
  • पर्यावरण सुरक्षा में सहयोग करना.

इंटरपोल महासभा (INTERPOL GENERAL ASSEMBLY) क्या है?

  • इंटरपोल महासभा इंटरपोल का सर्वोच्च प्रशासी निकाय है जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि होते हैं.
  • अपनी गतिविधियों एवं नीतियों पर मतदान के लिए यह महासभा प्रत्येक वर्ष बैठती है. यह बैठक लगभग चार दिन चलती है.
  • महासभा में प्रत्येक देश के एक अथवा अधिक प्रतिनिधि होते हैं जो अपने-अपने देश के कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुख होते हैं.
  • इंटरपोल महासभा इंटरपोल कार्यकारिणी समिति का भी चुनाव करती है. इस समिति का काम उस समय मार्ग-निर्देश, दिशा-निर्देश उपलब्ध कराती है जब महासभा की बैठक नहीं हो रही होती है.

इंटरपोल सूचना क्या होती है?

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यदि कोई व्यक्ति अपने देश से अपराध कर के भागा हुआ हो तो उसको उसके देश में वापस बुलाने, आत्म-समर्पण करवाने अथवा इसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करने के लिए सम्बन्धित मूल देश इंटरपोल को नोटिस निर्गत करने का अनुरोध करता है.

ये सूचनाएँ आठ प्रकार की होती हैं  लाल सूचना, पीली सूचना, नीली सूचना,  काली सूचना, हरी सूचना, नारंगी सूचना, बैंगनी सूचना और इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष सूचना.

लाल सूचना

यह नोटिस वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी या उनके प्रत्यर्पण को हासिल करने के लिए किया जाता है. रेड कॉर्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध है जिसे आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है.

पीली सूचना

यह नोटिस लापता या अगवा हुए व्यक्तियों (अक्सर नाबालिगों और दिमागी रूप से कमजोर लोगों का पता लगाने) के लिए निर्गत किया जाता है. इस नोटिस की सहायता से लापता व्यक्तियों के मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इस नोटिस की प्रतियाँ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी चिपकायी जातीं हैं जिससे यदि कोई व्यक्ति खोये/अपहृत व्यक्ति के बारे में जानकारी देना चाहे तो सरलता से दे सके.

नीली सूचना

यह सूचना तब निर्गत होती है जब किसी अपराध के संदर्भ में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थिति अथवा गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त सूचना उपलब्ध करनी होती है.

काली सूचना

अज्ञात व्यक्तियों की जानकारी लेने के लिए इंटरपोल द्वारा ब्लैक नोटिस निर्गत किया जाता है. यहां अज्ञात व्यक्ति का अर्थ है एक ऐसी मृत व्यक्ति से है जिसकी पहचान पुलिस और चिकित्सा परीक्षकों द्वारा नहीं बताई जा सकी है.

हरी सूचना

ग्रीन नोटिस को ऐसे व्यक्तियों के बारे में चेतावनी और जानकारी प्रदान करने के लिए जारी की जाती है जिन्होंने जघन्य अपराध किए हैं और भविष्य में इन अपराधों को पुनः अंजाम दे सकते हैं. इस प्रकार के नोटिस बार-बार यौन अपराध करने वाले लोगों के विरुद्ध जारी की जाती है.

नारंगी सूचना

इस प्रकार की नोटिस एक ऐसे व्यक्ति, वस्तु, पार्सल बम, संदिग्ध हथियार और अन्य खतरनाक और विस्फोटक सामग्री के विषय में सतर्क करने के लिए निर्गत की जाती है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा हो.

बैंगनी सूचना

इस तरह की नोटिस पर्यवरण को क्षति पहुँचाने वाले लोगों के खिलाफ जारी की जाती है. यह नोटिस उन अपराधियों के लिए जारी की जाती है जो वन्य जीवों का शिकार करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनके शरीर के हिस्से बेचते हैं. भारत में एक सींग वाले गेंडे का शिकार (इसके सींग की चीन के बाजार में बहुत माँग है) और बंगाल टाइगर का शिकार (खाल और नाखून के लिए) करने वाले लोगों के विरुद्ध इस प्रकार का नोटिस निर्गत किया जाता है.

इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस

इस प्रकार की नोटिस, ऐसे समूहों और व्यक्तियों के लिए जारी की जाती है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समितियों (UN Security Council Sanctions Committees) के निशाने पर होते हैं. लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों को इसी तरह की नोटिस निर्गत की गई है.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Apex Committee for the Implementation of the Paris Agreement: AIPA

संदर्भ

हाल ही में सरकार ने पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के लिए शीर्ष समिति (Apex Committee for the Implementation of the Paris Agreement: AIPA) का गठन किया.

AIPA

AIPA एक 17 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी समिति है, जिसका गठन निम्नलिखित को सुनिश्चित करने के लिए हुआ है –

  1. देश के हितों की रक्षा करने वाले जलवायु परिवर्तन मामलों पर समन्वित अनुक्रिया.
  2. पेरिस समझौते के तहत कया भारत अपने जलवायु परिवर्तन दायित्वों को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है, जिसमें इसके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contribution: NDCs) भी शामिल हैं.
  3. IPA का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत किया गया है.
  4. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव IPA  के अध्यक्ष होंगे.

AIPA के कार्य

  • संचार का समन्वय करना और संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) को NDCs की रिपोर्टिंग करना.
  • पेरिस समझौते के तहत, देश समझौते के दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति सामूहिक प्रगति का आकलन करने के लिए प्रत्येक पांच वर्ष में ग्लोबल स्टॉकटेक (विकास कार्यों का आकलन) में शामिल होंगे.
  • भारत की घरेलू जलवायु कार्यवाहियों को अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप बनाने और संबंधित मंत्रालयों को जिम्मेदारियां सौंपने के लिए नीतियों तथा कार्यक्रमों का विकास करना.
  • वर्ष 2020 के पश्चात की अवधि में पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 के तहत भारत में कार्बन बाजारों को विनियमित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करना.
  • अनुच्छेद 6 कार्बन बाजार, गैर-बाजार और स्वैच्छिक उपागमों से संबंधित है.  जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निजी क्षेत्र के योगदान पर ध्यान देना.
  • प्रधान मंत्री- जलवायु परिवर्तन परिषद (Prime Minister’s Council on Climate Change) से मार्गदर्शन प्राप्त करना और इनपुट प्रदान करना.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices; Public Distribution System objectives, functioning, limitations, revamping; issues of buffer stocks and food security; Technology missions; economics of animal-rearing.

Topic : PM-Kusum Scheme

संदर्भ

हाल ही में सरकार ने पीएम-कुसुम योजना (PM-Kusum Scheme) के अंतर्गत फीडर स्तर के सौर संयंत्र (सोलराइजेशन) लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है.

प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के सी-घटक के कार्यान्वयन के विषय में

  • नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय (एमएनआरई) ने राज्य सरकारों के परामर्श के बाद, प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के घटक-सी के अंतर्गत फीडर स्तर सोलराइजेशन के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया है.
  • पीएम-कुसुम योजना का सी-घटकग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को फीडर स्तर के सौर संयंत्र (सोलराइजेशन) उपलब्ध कराता है.
  • राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद, फीडर स्तर पर सोलराइजेशन का भी निर्णय किया गया है, इसके अंतर्गत प्रत्येक कृषि पंप के लिये अलग पैनल के बजाए एक ही सौर बिजली संयंत्र स्थापित किया जाएगा.
  • ये सौर बिजली संयंत्र कृषि फीडर या कई फीडरों को बिजली आपूर्ति करने में सक्षम होंगे. फीडर स्तर के इस सोलराइजेशन से मितव्ययता और बेहतर दक्षता प्राप्त की जा सकेगी.
  • फीडर-स्तर के सौर बिजली संयंत्र लगाने के लिये, केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी/केंद्रशासित प्रदेशों के मामले के लिए 50 प्रतिशत तथा शेष राज्यों के लिए 30 प्रतिशत होगी.जबकि शेष वित्त की आपूर्ति नबार्ड/पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन/आरईसी से कर्ज के रूप में की जाएगी.
  • इसमें परियोजना लगाने वाली इकाई का चयन 25 साल के लिये निम्न शुल्क दर के आधार पर किया जाएगा.

कुसुम योजना

  • यह भारत सरकार की 4 लाख करोड़ की एक योजना है जिसके अंतर्गत किसानों की सहायता के लिए 28,250 MW तक सौर ऊर्जा के विकेंद्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • KUSUM योजना के अनुसार बंजर भूमियों पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली में से surplus अंश को किसान ग्रिडों को आपूर्ति कर सकेंगे जिससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा.
  • इसके लिए, बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को किसानों से पाँच वर्षों तक बिजली खरीदने के लिए 50 पैसे प्रति इकाई की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
  • सरकार किसानों को खेतों के लिएलाख ऑफ़-ग्रिड (ग्रिड रहित) सौर पम्प खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. केंद्र और राज्य प्रत्येक सौर पम्प पर 30% सब्सिडी प्रदान करेंगे. अन्य 30% ऋण के माध्यम से प्राप्त होगा, जबकि 10% लागत किसान द्वारा वहन की जायेगी.
  • 7,250 MW क्षमता के ग्रिड से सम्बद्ध (ग्रिड-कनेक्टेड) खेतों के पम्पों का सौरीकरण (Solarisation) किया जाएगा.
  • सरकारी विभागों के ग्रिड से सम्बद्ध जल पम्पों का सौरीकरण किया जाएगा.

KUSUM YOJANA के कुछ अन्य प्रावधान

  • ग्रामीण क्षेत्र में 500KW से लेकर 2MW तक के नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र लगाये जाएँगे जो ग्रिड से जुड़े हुए होंगे.
  • कुछ ऐसे सौर जलपम्प लगाये जाएँगे जो किसानों की सिंचाई की आवश्यकता को पूरी करेंगे परन्तु वे ग्रिड से सम्बद्ध नहीं होंगे.
  • वर्तमान में जो किसान ग्रिड से जुड़े सिंचाई पम्पों के स्वामी हैं उन्हें ग्रिड की आपूर्ति से मुक्त किया जाए और उन्हें अधिकाई सौर ऊर्जा को DISCOMs को देकर अतिरिक्त आय कमाने का अवसर दिया जाए.

अपेक्षित लाभ

  • यह कृषि क्षेत्र को डीजल-रहित बनाने में सहायता करेगा. यह क्षेत्रक लगभग 10 लाख डीजल चालित पम्पों का उपयोग करता है.
  • यह कृषि क्षेत्र में सब्सिडी का बोझ कम कर DISCOMs की वित्तीय स्थिति में सुधार करने में सहायता करेगी.
  • विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन.
  • ऑफ-ग्रिड और ग्रिड कनेक्टेड, दोनों प्रकार के सौर जल पम्पों द्वारा सुनिश्चित जल स्रोतों के प्रावधान के माध्यम से किसानों को जल-सुरक्षा.
  • नवीकरणीय खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राज्यों का समर्थन करना.
  • छतों के ऊपर और बड़े पार्कों के बीच इंटरमीडिइट रेंज में सौर ऊर्जा उत्पादन की रीक्तियों को भरना.
  • ऑफ-ग्रिड व्यवस्था के माध्यम से पारेषण क्षति (transmission loss) को कम करना.

KUSUM YOJANA को लेकर प्रतिवेदन में वर्णित चिंताएँ

  • प्रतिवेदन के अनुसार कुसुम योजना से भूजल के अत्यधिक शोषण का खतरा है.
  • विद्युत वितरण प्रणालियों पर सब्सिडी का जो बोझ है वह इस योजना से नहीं घटेगा क्योंकि पम्प लगाने को सब्सिडी युक्त कृषि ऊर्जा आपूर्ति में घटत के साथ नहीं जोड़ा गया है. सब्सिडी युक्त सौर पम्प लगाये तो जा रहे हैं परन्तु उनके साथ-साथ कृषि आपूर्ति अथवा सब्सिडी में कटौती नहीं की जा रही है. परिणामतः राज्यों के ऊपर आने वाले सब्सिडी का भार बढ़ सकता है.
  • यह ठीक है कि खेती के लिए फीडरों के सौरीकरण और ग्रिड से जुड़े सौर पम्पों को लगाना आर्थिक रूप से ग्रिड से नहीं जुड़े पम्पों को लगाने से अधिक अच्छे विकल्प हैं क्योंकि इनसे ग्रिड में अतिरिक्त बिजली आ सकती है. परन्तु योजना में पानी के प्रयोग को सीमित करने के उपाय नहीं बताये गये हैं.
  • खेतों में सौर संयंत्र लगाने की योजना धनी किसानों को ही लाभ पहुँचायेगा क्योंकि इसमें बहुत पैसा लगता है और लगाने वाले के पास भूमि को 25 वर्षों के लिए पट्टे पर देना सब के लिए संभव नहीं होता.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

किसी भी देश के मानव विकास सूचकांक एवं ऊर्जा उपभोग में पूरक संबंध होता है. वस्तुतः ऊर्जा ही किसी भी देश के आर्थिक सामाजिक विकास की धुरी है. ऊर्जा संसाधनों के आधार पर ही किसी राष्ट्र का आर्थिक विकास संभव है. अतः ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत होना अत्यधिक आवश्यक है. जनांकिकीय लाभांश को प्रतिफल में बदलने तथा वैश्विक महाशक्ति बनने हेतु भारत को ‘ऊर्जा सुरक्षा’ के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है. इसके अलावा बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऊर्जा सुरक्षा आवश्यक है. आधारभूत ढांचे की दृढ़ता के लिये भी ‘ऊर्जा सुरक्षा’ आवश्यक है. कौशल विकास सृजन एवं विनिर्माण क्षमता के विकास के लिये ऊर्जा सुरक्षा महत्त्वपूर्ण है.

नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से प्राप्त ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहते है. ज्ञातव्य है कि नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन कभी समाप्त न होने वाले संसाधान होते हैं, जिन्हें फिर से प्राप्त किया जा सकता है. वस्तुतः पृथ्वी इनका प्राकृतिक रूप से पुनर्भरण करती रहती है. इसमें सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जल ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा आदि शामिल है. ये पृथ्वी पर असीमित मात्र में उपलब्ध हैं तथा प्रदूषण रहित होने के कारण पर्यावरण हितैषी हैं. वस्तुतः पारंपरिक जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से अत्यधिक जल, वायु व मृदा प्रदूषण होता है जो भूमंडलीय ऊष्मन का कारण है. नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों की अपेक्षा सस्ते एवं अधिक वहनीय हैं. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत ही भविष्य के ऊर्जा संसाधन है जो किसी भी राष्ट्र के धारणीय विकास को सुनिश्चित करेंगे. यह धारणीय विकास लक्ष्य (SDG)-7 ‘स्वच्छ एवं वहनीय ऊर्जा’ के अनुकूल है. चूँकि भारत कर्क रेखा पर अवस्थित है अतः भारत के अधिकांश भागों में वर्षभर सौर प्रकाश उपलब्ध रहता है, जिससे अत्यधिक मात्रा में सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है. इसी प्रकार पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि की उपलब्धता भी भारत में है.

संभावित गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की खोज तथा उन्हें किफायती एवं सुलभ बनाने के लिये अनुसंधान की आवश्यकता है. ऊर्जा अवसंरचना का विकास करने के साथ-साथ स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम भंडारण को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयान मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2017-18 में प्रति व्यक्ति ऊर्जा उपलब्धता (भारत में) को 23355 मेगाजूल बढ़ाने की आवश्यकता है.


Prelims Vishesh

UNDP faces corruption allegations at climate projects: Report

  • रिपोर्ट ने विश्व भर में वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) के माध्यम से वित्तपोषित परियोजनाओं के UNDP के पोर्टफोलियो में लाखों डॉलर की वित्तीय अनियमितताओं को प्रकट किया है.
  • GEF की स्थापना वर्ष 1991 में विश्व बैंक, UNDP और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा वनों की कटाई, प्रजातियों के संरक्षण तथा प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में सहायता के लिए की गई थी.
  • UNDP निर्धनता उन्मूलन, विधषमता और अपवंचना को कम करने तथा प्रत्यास्थता निर्माण का कार्य करता है, ताकि राष्ट्र अपनी प्रगति को बनाए रख सकें.
  • संयुक्त राष्ट्र की विकास एजेंसी के रूप में, UNDP द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में देशों की सहायता करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है.

FATF joints experts meet

  • बैठक के दौरान, FATF ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञों को धन शोघन (money laundering) और आतंक के वित्तपोषण (terror funding) से संबंधित नवीनतम जोखिम निष्कर्षों से अवगत कराया.
  • FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है, जो वर्ष 1989 में घन शोघन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के समक्ष अन्य संबंधित खतरों का सामना करने हेतु स्थापित किया गया है.
  • भारत FATF का सदस्य है.

Fifth BRICS media forum meeting held :-

  • यह ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के मीडिया संगठनों के मध्य एक उच्च स्तरीय संवाद है जिसका उद्देश्य ब्रिक्स मीडिया और उन्‍नत नवाचार-संचालित मीडिया विकास के मध्य एक कुशल समन्वय तंत्र स्थापित करना है.
  • प्रतिनिधियों ने महामारी के इस दौर में संयुक्त रूप से मिथ्या समाचारों (fake news) का सामना करने के लिए पांच देशों से एक साथ कार्य करने का आग्रह किया है.
  • प्रस्तावित समाधान : i) पत्रकारों की भली भांति प्रशिक्षित टीमों द्वारा गहनता से तथ्य-जांच और अन्वेषण. ii) मिथ्या सूचनाओं के विरुद्ध संघर्ष (विशेष रूप से बड़े पैमाने पर होने वाले ऑनलाइन नुकसानों के मामलों) में कृत्रिम बुद्धिमता जैसी सकनीकों का प्रयोग.

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