Sansar डेली करंट अफेयर्स, 03 July 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 03 July 2019

महत्त्वपूर्ण सूचना
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GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Rashtriya Vayoshri Yojana (RVY)

संदर्भ

पिछले दिनों राष्ट्रीय वयोश्री योजना का संचालन चर्चा में रहा. सरकार इसे गंभीरता से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

राष्ट्रीय वयोश्री योजना क्या है?

  • राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अन्दर गरीबी-रेखा के नीचे उन वयोवृद्धों को जीवन-यापन में सहायक उपकरण दिए जाते हैं जो बुढ़ापे से जुड़ी असमर्थताओं के कारण सामान्य जीवन बिताने में कष्ट अनुभव करते हैं, जैसे – कम दिखाई देना, सुनने में कष्ट होना, दाँत झड़ना और चलने-फिरने में कठिनाई होना आदि.
  • यह एक केन्द्रीय योजना है जिसके लिए केंद्र ही शत-प्रतिशत राशि मुहैया करता है. इसमें होने वाला खर्च “वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष / Senior Citizens’ Welfare Fund“ से किया जाता है.
  • इस योजना के अन्दर सहायक उपकरण वितरित किये जाते हैं.
  • यदि किसी वयोवृद्ध को कोई शारीरिक कष्ट एक साथ हैं तो भी उन्हें प्रत्येक विकलांगता के लिए अलग-अलग उपकरण निःशुल्क दिए जाते हैं.
  • इस योजना का लाभ किन्हें मिलेगा इसका निर्धारण राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश अलग-अलग जिलों में जिला उपायुक्त/ समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से करते हैं.
  • यह यथासंभव चेष्टा की जाति है की लाभार्थियों में से 30% महिलाएँ हों.

आगे की राह

2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 10.38 करोड़ है. इनमें 70% से अधिक गाँवों में रहते हैं. 5.2% वयोवृद्ध को बुढ़ापे से जुड़ी कोई-न-कोई असमर्थता होती है. अनुमान लगाया गया है की 2050 तक वयोवृद्धों की संख्या बढ़कर 300 मिलियन हो जायेगी. इस प्रकार वरिष्ठ नागरिकों की संख्या जनसंख्या का पाँचवा भाग हो जाएगा.


GS Paper  2 Source: Indian Express

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Topic : Indo-Pacific Regional Dialogue

संदर्भ

विगत कुछ वर्षों से भारतीय नीति के सन्दर्भ में भारत-प्रशांत क्षेत्र शब्दावली की चर्चा प्रमुख रूप से होती रही है और 2018 के जून में सांगरी-ला संवाद (Shangri-La Dialogue) के अवसर पर भारत के प्रधानमन्त्री द्वारा इस विषय में भारतीय विज़न को स्पष्ट रूप से समक्ष रखा गया.

Indo-Pacific-division

भारत के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र का महत्त्व

भारत IORA पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहता क्योंकि उसकी भारत-प्रशांत नीति की जड़ हिन्द महासागर में ही है. यह नीति भारतीय अर्थव्यवस्था को ब्लू इकॉनमी और सुरक्षा दृष्टिकोण दोनों को एक-दूसरे से जोड़ती है. अपनी भारत प्रशांत कूटनीति के अंतर्गत भारत ने बार-बार आसियान को अपनी नीति के केंद्र में रखा है. उल्लेखनीय है कि आसियान चीन के प्रति सहज नहीं है और साथ ही अमेरिका एवं उसके मित्र देशों से भी चिंतित रहता है और चाहता है कि आसियान क्षेत्र महाशक्तियों की वर्चस्व की राजनीति से बाहर रहे. ऐसी परिस्थिति में भारत की भूमिका बढ़ जाती है. भारत चाहता है कि वह इस क्षेत्र में सिंगापुर, वियेतनाम और इंडोनेशिया के साथ सम्पर्क में रहे. वह यह भी चाहता है कि इस क्षेत्र के नए उभरते समूह में क्वाड को भी सम्मिलित किया जाए.

भारत-प्रशांत क्षेत्र और इस क्षेत्र में आपसी सहयोग का महत्त्व

विशाल हिन्द और प्रशांत महासागर में स्थित देशों को भारत-प्रशांत देश कहा जाता है. पहले अमेरिका इस क्षेत्र को यू.एस. प्रशांत कमांड कहा करता था, परन्तु उसने इस कमांड का नाम बदलकर यू.एस. भारत-प्रशांत कमांड कर दिया है. इससे पता चलता है कि वह देश इस क्षेत्र की गतिविधियों के साथ अपने-आप को गम्भीरता से जोड़ना चाहता है.

यहाँ हर स्तर के देश हैं. कई देश विकासशील हैं तो कई देश सबसे कम विकसित देश हैं. इसी क्षेत्र में जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्त्वपूर्ण विकसित देश भी आते हैं. इस क्षेत्र में अनेक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय वाणिज्य गुट भी हैं जिनमें कई ने वस्तु और सेवा से सम्बंधित मुक्त व्यापार समझौते लागू किए हैं तथा इनमें से कुछ समझौते सीमा शुल्क संघ का आकार ले चुके हैं. भारत प्रशांत क्षेत्र में 38 देश हैं जिनका भूभाग विश्व के भूभाग का 44% ठहरता है. विश्व की जनसंख्या का 65% यहीं रहती है. साथ ही वैश्विक GDP का 62% और वैश्विक व्यापार का 46% इसी क्षेत्र में होता है.

चुनौतियाँ

भारत-प्रशांत क्षेत्र ऐसा क्षेत्र है जहाँ क्षेत्रीय वाणिज्य और निवेश के अवसर प्रचुर मात्रा में हैं. परन्तु जैसा कि पूर्व में बताया जा चुका है कि यहाँ की अर्थव्यवस्थाएं विकास के अलग-अलग चरणों में हैं और सुरक्षा और संसाधन की दृष्टि से उनमें व्यापक अंतर देखने को मिलता है.

क्या करना अच्छा होगा?

भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों को चाहिए कि वे निम्नलिखित विषयों में कार्रवाई करने पर ध्यान दें –

  • समुद्र में शान्ति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना.
  • निर्बाध वैध वाणिज्य की सुविधा देना.
  • वैध कार्यों के लिए सभी देशों को समुद्र और वायुमंडल में आवाजाही के लिए स्वतंत्रता देना.
  • सामुद्रिक संसाधनों की रक्षा और संरक्षण करना.
  • मछली मारने के तरीके को टिकाऊ और उत्तरदायी बनाना.

शांगरी-ला-संवाद क्या है?

शांगरी-ला-संवाद का एक दूसरा नाम IISS एशिया सुरक्षा शिखर सम्मलेन भी है. इसका अनावरण 2002 में ब्रिटेन की विचारक संस्था International Institute for Strategic Studies तथा सिंगापुर सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. यह एक वार्षिक संवाद है जिसके लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 28 देशों के रक्षा मंत्री और सैन्य प्रमुख जमा होते हैं. यह बैठक सिंगापुर में स्थित शांगरी-ला होटल में होती है, अतः इसे शांगरी-ला-संवाद नाम दिया गया है.

IORA क्या है?

  • IORA का full form है – Indian Ocean Rim Association अर्थात् हिन्द महासागर के तटों पर स्थित देशों का संगठन.
  • यह हिन्द महासागर के तटीय भागों में अवस्थित देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है.
  • यह एक क्षेत्रीय मंच है जिसमें सरकारों, व्यवसायियों और विद्वानों के सहयोग से सम्बंधित देशों के मध्य सहयोग एवं विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाता है.
  • इस संगठन में 21 देश तथा 7 संवादी भागीदार (dialogue partners) हैं.
  • IORA औषधीय पौधों समेत सहयोग के छह क्षेत्रों में काम करता है.
  • IORA का सचिवालय मॉरिशस के एबेन शहर में है.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : UN resolution on torture

संदर्भ

फाँसी देने और उत्पीड़ित करने में प्रयोग आने वाली वस्तुओं का व्यापार समाप्त करने से सम्बंधित विकल्पों के परीक्षण से सम्बद्ध संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक संकल्प पर पिछले दिनों मतदान हुआ. यह संकल्प रोमानिया द्वारा लाया गया था. इस मतदान से रूस और 42 अन्य देशों के साथ-साथ भारत भी अलग रहा.  अंततः यह संकल्प 81-20 की बहुमत से पारित हो गया.

भारत का तर्क

  • भारत को डर था कि फाँसी को विचाराधीन संकल्प के अन्दर लाया जाता है तो इसका अर्थ यह होगा कि फाँसी को उत्पीड़न के समतुल्य दर्जा देने का प्रयास हो रहा है.
  • वैसे भी भारत में फाँसी बिरले मामलों में ही दी जाती है जब अपराध इतना जघन्य होता है कि उससे समाज विचलित हो जाता है.
  • भारतीय कानून अपराध करने वाले को पर्याप्त आवश्यक प्रक्रियात्मक सुरक्षा देता है. एक स्वतंत्र न्यायालय द्वारा उसकी निष्पक्ष सुनवाई होती है और यह मानकर चला जाता है कि वह निर्दोष होगा. उसे अपने बचाव के लिए पूरा अवसर दिया जाता है और साथ ही यदि उसके प्रतिकूल कोई सजा होती तो वह उसकी समीक्षा के लिए उच्चतर न्यायालय में जा सकता है.

मृत्यु दंड के पक्ष में तर्क

  • मृत्यु दंड मनमाने ढंग से नहीं दिया जाता है, अपितु इस प्रकार की सजा एक लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के उपरान्त ही दी जाती है.
  • मृत्यु दंड जघन्यतम मामलों में ही दिया जाता है. वस्तुतः पिछले 13 वर्षों में भारत में 4 लोगों को ही फाँसी दी गई.
  • मृत्यु दंड की व्यवस्था असभ्य समाज का लक्षण नहीं है. अमेरिका के जैसे उदार लोकतंत्र में इसकी संवैधानिकता स्वीकार की गई है.
  • भारत कोई स्कैन्डनेविया नहीं है जहाँ चारों तरफ शान्ति ही शान्ति है. इस देश के पड़ोसी देश भारत के लिए समस्या बने हुए हैं. उनके कारण कई देशी-विदेशी लोग ऐसे कार्य करते हुए पाए जाते हैं जिनके लिए फाँसी प्रथम-दृष्टया उचित प्रतीत होता है. इसलिए फाँसी की सजा को हटा देना उचित नहीं है.
  • जीवन की पवित्रता की सुरक्षा होनी तो अवश्य चाहिए, परन्तु उसी अनुपात में जीवन को नष्ट करने वाले लोगों का खात्मा भी आवश्यक हो जाता है.

आगे की राह

विश्व के दो-तिहाई देशों ने मृत्यु दंड को समाप्त कर दिया है. परन्तु भारत की जो स्थिति है उसके अन्दर इस सजा को बंद करना बुद्धिमत्ता नहीं होगी.


GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : PUNCH mission

संदर्भ

सूर्य का छायाचित्र खींचने के लिए अमेरिका ने जो PUNCH मिशन तैयार किया है उसके लिए नासा ने एक भारतवंशी शोधकर्ता को चुना है.

PUNCH मिशन क्या है?

  • PUNCH का पूरा नाम है – Polarimeter to Unify the Corona and Heliosphere.
  • इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के बाहरी कोरोना से अंतर-ग्रहीय अन्तरिक्ष को भरने वाले सौर पवन तक जाने वाले कणों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करना है.
  • PUNCH में चार सूक्ष्म उपग्रह लगे हुए हैं जो 3-D गहन क्षेत्र छायांकन के माध्यम से कोरोना पर लगातार नजर रखे हुए हैं.
  • यह मिशन 2022 में आरम्भ किया जाएगा.

GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : One nation-one ration card

संदर्भ

भारत सरकार ने निर्णय किया है कि वह 30 जून, 2020 तक पूरे भारत में एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना लागू करेगी.

एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना की विशेषता

एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना यह सुनिश्चित करेगी कि जन-वितरण प्रणाली से लाभ लेने वाले सभी व्यक्ति, विशेषकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले, देश के अन्दर किसी भी अपनी पसंद की PDS दुकान से अनाज आदि प्राप्त कर सकें.

लाभ

इस योजना का लाभ यह होगा कि खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत सब्सिडी युक्त अनाज पाने से कोई निर्धन व्यक्ति इसलिए वंचित न हो जाए कि वह एक स्थान से दूसरे स्थान चला गया है. इस योजना से एक अतिरिक्त लाभ यह होगा कि कोई व्यक्ति अलग-अलग राज्यों में जन-वितरण प्रणाली का लाभ लेने के लिए एक से अधिक राशन कार्ड नहीं बनवा पायेगा.

माहात्म्य

इस योजना से के फ़लस्वरूप लाभार्थी किसी एक PDS दुकान से बंधा नहीं रह जाएगा और ऐसी दुकान चलाने वालों पर उसकी निर्भरता घट जायेगी और साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी कटौती होगी.

चुनौतियाँ

  • प्रत्येक राज्य के पास जन-वितरण प्रणाली के विषय में अपने नियम होते हैं. यदि एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना लागू की गई तो संभावना है कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिले. वैसे भी सभी जानते हैं कि इस प्रणाली में भ्रष्टाचार होता रहता है.
  • इस योजना से जन-सामान्य का कष्ट बढ़ जाएगा और बिचौलिए तथा भ्रष्ट PDS दुकान के मालिक उसका शोषण करेंगे.
  • इन्हीं कारणों से तमिलनाडु ने इस योजना का विरोध किया है और कहा है कि इसको लागू करने से अवांछित परिणाम होंगे. साथ ही उसका कहना है कि यह योजना संघवाद पर कुठाराघात करती है.

GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : Statistics Day

संदर्भ

सांख्यिकी, सांख्यिक प्रणाली और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर प्रशांत चन्द्र महालनोबिस के उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए 2007 में 29 जून को सांख्यिकी दिवस/ “Statistics Day” के रूप मनाने का निर्णय लिया गया था. विदित हो कि 29 जून महालनोबिस की जयंती तिथि है.

पी.सी. महालनोबिस के सांख्यिकी क्षेत्र में दिए गये योगदान को देखते हुए इस दिवस को मनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि लोग योजना निर्माण एवं नीति निर्माण में सांख्यिकी का महत्त्व समझ सके.

इस साल की थीम है – “सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत की प्रतिबद्धता” / Sustainable Development Goals (SDGs) keeping in view India’s commitment towards achieving these goals.

प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस का योगदान

पी.सी. महालनोबिस भारत के ऐसे पहले सांख्यिकीविद् थे जिन्हें वैश्विक मान्यता मिली. उन्हें भारतीय सांख्यिकी का पिता भी कहा जाता है. उन्होंने ही 1931 में कलकत्ता में भारतीय सांख्यिक संस्थान (ISI) की स्थापना की थी. आगे चलकर 1959 में संसद के एक अधिनियम के द्वारा इस संस्थान को स्वायत्त एवं राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया.

यह संस्थान 29 जून प्रतिवर्ष कामगार दिवस के रूप में मनाता है.

1936 में महालनोबिस ने एक सांख्यिक माप का उद्घाटन किया था जो संकुल विश्लेषण और वर्गीकरण तकनीक में व्यापकता से प्रयोग में लाया जाता है. इस माप को महालनोबिस दूरी (Mahalanobis distance) की संज्ञा दी गई है.


Prelims Vishesh

“TrackChild” and “Khoya-Paya” web portals :-

  • खोये हुए और पाए हुए बच्चों का पता लगाने के लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ट्रैक चाइल्ड और खोया-पाया नाम के दो वेब पोर्टल बनाए हैं.
  • ट्रैक चाइल्ड के कार्यान्वयन में इन संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा – गृह मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, राज्य/संघीय सरकारें, बाल कल्याण समितियाँ, किशोर न्याय बोर्ड और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण.
  • खोया-पाया पोर्टल ट्रैक चाइल्ड पोर्टल के ही अन्दर एक नागरिक कार्नर के रूप में समेकित किया गया है.

Centre for Inland and Coastal Maritime Technology (CICMT) :-

  • भारत सरकार IIT खड़गपुर में अंतरदेशीय एवं तटीय सामुद्रिक प्रौद्योगिकी केंद्र खोलने जा रही है.
  • यह केंद्र सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित किया जा रहा है.
  • इसका मुख्य उद्देश्य तटीय तथा अंतरदेशीय जलमार्गों के लिए जहाज़ों का रूपांकन करना है.

NCPCR :-

  • राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) की स्थापना मार्च, 2007 में बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत हुई थी.
  • इसका प्रशासी मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय है.
  • इस आयोग का काम यह देखना है कि सरकार के द्वारा बनाए गये सभी कानून, नीतियाँ, कार्यक्रम एवं प्रशासनिक तंत्र बाल अधिकारों के अनुकूल हों.
  • विदित हो कि 18 वर्ष तक के व्यक्तियों को “बच्चे” के रूप में परिभाषित किया जाता है.

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