Sansar डेली करंट अफेयर्स, 03 January 2019

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बता कर हो कर हर्ष हो रहा है कि कई छात्रों ने Sansar DCA के हार्ड-कॉपी के लिए अप्लाई किया है. अब हम 1,000 की सीमा के बहुत ही नजदीक हैं और मात्र 1,000 छात्रों को हार्डकॉपी उनके घर तक भेजा जाएगा. जैसा पहले सूचित किया गया था कि हम लोग जनवरी, 2019 से Sansar DCA की हार्डकॉपी निकालने की सोच रहे हैं. केवल फॉर्म भरने वालों को ही संसार DCA मिलेगा. फॉर्म भरने की अंतिम तारीख को बढ़ाकार 30 जनवरी, 2018 कर दिया गया है. Submit Form Here

Sansar Daily Current Affairs, 03 January 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Parivesh (Pro-Active and Responsive facilitation by Interactive, Virtuous and Environmental Single-window Hub)

संदर्भ

जनवरी 15, 2019 तक राज्यों के स्तर पर भी परिवेश नामक महत्त्वाकांक्षी वेब-आधारित एकल-खिड़की प्रणाली आरम्भ कर दी जायेगी. इस प्रकार उद्यमियों को क्लीयरेंस पाने में होने वाले महान् कष्ट का निवारण हो जायेगा. यह एक स्वचालित प्रणाली है जिसके माध्यम से क्लीयरेंस के लिए आवेदन, क्लीयरेंस की प्राप्ति और निगरानी होती है. यह प्रणाली केंद्र के स्तर पर पहले ही लागू हो चुकी है.

यह प्रणाली प्रधानमंत्री के द्वारा सूत्रपात किये गये डिजिटल इंडिया की भावना के अनुरूप है और न्यूनतम सरकार और अधिकतम प्रशासन के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक भी है.

मुख्य तत्त्व

  • परिवेश एक कार्यप्रवाह पर आधारित ऐप है जो वेब आर्किटेक्चर (web architecture) की अवधारणा से जुड़ा हुआ है. इसके माध्यम से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEFCC) एवं राज्य स्तरीय पर्यावरणिक प्रभाव आकलन प्राधिकरणों (SEIAA) को भेजी जाने वाली परियोजनाओं को ऑनलाइन जमा किया जा सकता है और उनकी ऑनलाइन निगरानी एवं उनका प्रबन्धन किया जा सकता है.
  • इस ऐप के माध्यम से केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं जिला-स्तरीय प्राधिकरणों से विभिन्न प्रकार की अनुमतियाँ प्राप्त की जा सकती हैं, जैसे – पर्यावरण, वन, वन्यजीव एवं तटीय नियामक जोन से सम्बंधित अनुमतियाँ.
  • यह ऐप पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय राष्ट्रीय इन्फोर्मेटिक (NIC) के तकनीकी सहयोग से रूपांकित, विकसित एवं होस्ट किया है.

इस ऐप के लाभ

  • परिवेश एक ऐसा ढाँचा है जो आर्थिक वृद्धि उत्पन्न करेगा और साथ ही ई-गवर्नेंस के माध्यम से सतत विकास को सुदृढ़ भी करेगा. इस प्रणाली से परियोजना के अनुपालन में आई कमी को स्वतः सूचित कर दिया जाएगा और इस प्रकार उसकी सटीक निगरानी होती रहेगी.
  • इसमें केंद्र, राज्यों एवं जिलों के स्तर पर क्लीयरेंस के लिए एक एकल-खिड़की होती है. इसलिए इस प्रणाली से प्रस्तावों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारीयों को सहायता मिलेगी.
  • परियोजनाओं से सम्बंधित मूल्यांकन समिति को भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) के माध्यम से प्रस्ताव का विश्लेषण करने में सुविधा होगी. इसके द्वारा परियोजना की प्रगति के महत्त्वपूर्ण चरणों में स्वचालित अलर्ट (SMS एवं Email द्वारा) प्राप्त होंगे जिससे समिति के सदस्य एवं उच्चतर अधिकारी देर होने के कारण की समीक्षा कर सकेंगे.
  • इस ऐप के जरिये परियोजना के प्रस्तावक और सामान्य नागरिक परियोजना की प्रगति को देख सकेंगे और इस विषय में सम्बंधित अधिकारी से सम्पर्क कर सकेंगे. यह ऐप अनुमति के पात्र ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Cabinet approves ‘The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Amendment) Bill, 2018’ for revision in list of Scheduled Tribes of Arunachal Pradesh

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संसद  में एक नया विधेयक लाने की मंजूरी दी है. इस विधेयक का नाम संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधयेक, 2018 / The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Amendment) Bill, 2018 है.

इस विधयेक में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में कतिपय संशोधनों का सुझाव दिया गया है जिससे कि अरुणाचल प्रदेश के अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन किया जा सके.

प्रस्तावित बदलाव

प्रस्तावित बदलाव निम्नलिखित हैं –

  • क्रम संख्या 1 से “अबोर” को विलोपित करना क्योंकि क्रम संख्या 16 पर अंकित “आदि” और “अबोर” एक ही जनजाति हैं.
  • क्रम संख्या 6 पर अंकित “खम्पटी” के स्थान पर “ताई खम्पटी” प्रविष्ट किया जाए.
  • क्रम संख्या 8 में “मिश्मी कमान” (मिजू मिश्मी), इदू (मिश्मी), तराँव (दिगरू मिश्मी) जोड़ा जाए.
  • क्रम संख्या 9 पर अंकित “मोम्बा” के स्थान पर मोनपा, मेम्बा, सरतांग, साजोलौंग (मिजी)” जोड़ा जाए.
  • क्रम संख्या 10 पर अंकित “एनी नागा ट्राइब्स” के स्थान पर “नोक्टे, तंग्स, तुत्सा, वान्चो” जोड़ा जाए.

यदि यह विधयेक कानून का रूप ले लेता है तो सूची में जिन समुदायों का नाम नया-नया जुड़ा है उनके लोग सरकार द्वारा जनजातियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ले सकेंगे.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities

हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने आणविक प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान किया है. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच पूर्व में हुए एक समझौते के आलोक  में हुआ है जिसमें दोनों देशों ने यह वचन दिया था कि वे एक-दूसरे के आणविक प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर आक्रमण नहीं करेंगे.

इस समझौते को गैर-आणविक आक्रमण समझौता (Non-Nuclear Aggression Agreement) भी कहते हैं. इसके तहत प्रत्येक वर्ष जनवरी 1 को दोनों देश अपने-अपने आणविक  प्रतिष्ठानों की सूचना साझा करते हैं.

पृष्ठभूमि

इस समझौते पर दिसम्बर 31, 1988 में हस्ताक्षर किये गये थे और यह जनवरी 27, 1991 से लागू हुआ था.

माहात्म्य

  • इस समझौते का इतिहास यह है कि 1981 में इजराइल ने इराक की राजधानी बग़दाद के निकट स्थित ओसिरक नामक परमाणु रिएक्टर पर बमबारी की थी. यह बमबारी इजराइल ने लड़ाकू जेटों के माध्यम से शत्रु के हवाई क्षेत्र में घुस कर की थी. इससे इराक का आणविक हथियार कार्यक्रम ध्वस्त हो गया था. इस घटना को देखते हुए भारत और पाकिस्तान को इस समझौते की आवश्यकता का अनुभव हुआ था.
  • समझौता होने के पहले पाकिस्तान इस बात को लेकर अत्यंत चिंतित था कि 1972 में भारत ने बांग्लादेश को सहायता पहुंचकर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे, साथ ही भारतीय सेना ने 1987 में ऑपरेशन ब्रासटैक्स भी चलाया था जिसमें आक्रामक क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए सैन्य अभ्यास किया गया था. उस समय पाकिस्तान घबरा गया था और अपने आणविक प्रतिष्ठानों और संपदाओं को हाई-अलर्ट पर डाल दिया था.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Asia Reassurance Initiative Act of 2018

संदर्भ

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एशिया रिऐस्यूरेन्स इनिशिएटिव एक्ट (ARIA) पर हस्ताक्षर करके उसे एक कानून का रूप दे दिया है. यह पहले ही अमेरिका के सेनेट द्वारा पारित हो चुका है.

ARIA क्या है?

  • ARIA एक अधिनियम है जिसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की गतिविधियों को बढ़ाने तथा वहाँ स्थित अमेरिका के मित्रों को हथियार समेत अन्य सहयोग प्रदान का आह्वान किया गया है.
  • यह अधिनियम भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की व्यापक, बहु-पक्षीय और सैद्धांतिक नीति और उसकी दीर्घकालिक रणनीति को प्रतिबिम्बित करता है.’

अधिनियम के मुख्य तत्त्व (सुरक्षा विषयक)

  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए अगले पाँच वर्षों तक प्रत्येक वर्ष 5 बिलियन डॉलर के व्यय की अनुमति दी गई है.
  • यह अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र के अपने मित्रों की सुरक्षा के लिए दिए गये वचनों की पुष्टि करता है और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ अमेरिका की सुरक्षा भागीदारी का निर्माण भी करता है.
  • अधिनियम यह नीतिगत लक्ष्य निर्धारित करता है जिसके अनुसार अधिकतम दबाव और सक्रियता का अभियान चलाकर उत्तरी कोरिया को शांतिपूर्वक ढंग से परमाणु-अस्त्र विहीन करना है.
  • ARIA भारत के साथ अमेरिका के कूटनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा-विषयक सम्बन्धों को सबल बनाता है.
  • यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के नौ-परिवहन तथा हवाई मार्ग के प्रयोग के अधिकार को सशक्त करता है.
  • इसमें ताइवान को नियमित रूप से हथियार बेचने की अमेरिकी नीति का समर्थन किया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि ताइवान और अमेरिका मिल-जुलकर अपने आर्थिक, राजनैतिक और सुरक्षा संबंधों को सुदृढ़ करें.
  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के मित्रों के साथ साइबर सुरक्षा में सहयोग को इस अधिनियम में बढ़ावा दिया गया है.
  • ARIA भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की शस्त्र-नियंत्रण और परमाणु अप्रसार से सम्बंधित नीति को परिभाषित किया गया है.

अधिनियम के मुख्य तत्त्व (अर्थ विषयक)

  • ARIA के अनुसार अमेरिका की अर्थव्यवस्था के विकास और अमेरिकी व्यवसाय की सफलता के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ अमेरिका का आर्थिक सहयोग होना आवश्यक है.
  • यह अधिनियम भारत-प्रशांत के देशों के साथ अमेरिका को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौते करने के लिए अधिकृत करता है.
  • इस अधिनियम में भारत-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की सुदृढ़ वाणिज्यिक उपस्थिति का प्रावधान किया गया है जिससे कि अमेरिका के निर्यात और अतिरिक्त व्यापार सुविधाओं के लिए किये गये प्रयासों को बढ़ावा मिल सके.
  • ARIA अमेरिका को इस बात के लिए अधिकृत करता है कि वह अमेरिका की बौद्धिक सम्पदा की चोरी में संग्लन सरकारों और प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगा सके.
  • इस अधिनियम में ऊर्जा निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एक नई और व्यापक अमेरिकी नीति के निर्माण की अपेक्षा व्यक्त की है.

अधिनियम के मुख्य तत्त्व (मानवधिकार विषयक)

  • ARIA में यह प्रावधान है कि लोकतंत्र, कानून के शासन और सिविल सोसाइटी के समर्थन के लिए पाँच वर्ष तक प्रत्येक वर्ष 150 मिलियन डॉलर खर्च होगा. इसमें प्रत्येक वर्ष उत्तरी कोरिया में सूचना की स्वतंत्रता के लिए किया जाने वाला प्रस्तावित व्यय भी शामिल है जो 10 मिलियन डॉलर के समतुल्य है.
  • ARIA में अमेरिका को मानव तस्करी और दासता के विरुद्ध अपने प्रयासों को बढ़ाने का आह्वान किया गया है तथा अमेरिका को मानवाधिकार का उल्लंघन करने वालों पर प्रतिबन्ध लगाने का अधिकार भी दिया गया है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : A paper sensor that can detect freshness of milk

संदर्भ

गुवाहाटी-स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक सरल कागजी उपकरण तैयार किया है जिससे न केवल दूध की ताजगी की जाँच हो सकेगी अपितु यह भी पता चल जायेगा कि यह कितने अच्छे ढंग से पाशच्यूरीकृत (pasteurized) हुआ है. एक स्मार्ट-फ़ोन ऐप से जुड़ जाने पर यह उपकरण आपको बता सकता है कि दूध कब फटेगा जिससे कि आप उसके पहले ही उसका सेवन कर सकें.

पृष्ठभूमि

दूध का प्रयोग देश में धड़ल्ले से किया जाता है. पर यह शीघ्र नष्ट हो जाने वाली वस्तु है जिसमें इसके अंदर स्थित एंजाइम और सूक्ष्म जीवाणु इसे बिगाड़ देते हैं. दूध खराब न हो, इसके लिए पाशच्यूरीकरण का सहारा लिया जाता है अथवा इसे फ्रिज में रखा जाता है या फिर इसके संरक्षण के लिए इसमें कुछ ऊपर से मिलाया जाता है. फिर भी दूध का बिगड़ना सदैव चिंता का एक विषय रहा करता है.

यह नई पद्धति कैसे काम करती है?

  • पाशच्यूरीकरण के पश्चात् भी दूध में अल्कलाइन फोसफटास (ALP) नामक एंजाइम बचा रह जाता है.
  • आविष्कार किया गया उपकरण इसी सच्चाई को लेकर आगे बढ़ा है.
  • अनुसंधानकर्ताओं ने साधारण छलनी कागज़ का प्रयोग करते हुए यह परीक्षण प्रणाली बनायी है. पहले इस कागज़ को गोलाई में कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया गया और उनमें ऐसे रासायनिक तत्त्व डाल दिए गये जो ALP के साथ प्रतिक्रिया करते हैं. ये रासायनिक तत्त्व प्रतिरक्षक तत्त्व होते हैं जो ALP के साथ विशेष-रूप से जुड़ जाते हैं. जब ALP इनके सम्पर्क में आता है तो छलनी का सफ़ेद कागज़ रंगीन हो जाता है.
  • इसके बाद रंग बदलने की इस प्रक्रिया का फोटो एक स्मार्ट-फ़ोन कैमरे से खींच लिया जाता है और छायाचित्रों के आधार पर इन रंगों का निहितार्थ पता लगाया जाता है.
  • इस प्रकार इस नए उपकरण से न केवल ALP का ही पता चलता है अपितु दूध में इसकी मात्रा का भी ज्ञान हो जाता है.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : Organizations Banned Under UAPA

पिछले तीन वर्षों में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 – UAPA) के अनुभाग 3 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत सरकार ने कुछ संगठनों का गैर-कानूनी घोषित कर दिया है.

ये संगठन हैं –

  • इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF)
  • नेशनल लिबरेशन फ्रंट, त्रिपुरा (NLFT)
  • ऑल त्रिपुरा टाइगर फोरम (ATTF)

इसके अतिरिक्त UAPA के अनुभाग 35 में दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए पिछले तीन वर्षों में भारत सरकार ने इन तीन संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है –

  • भारतीय उपमहाद्वीप में अल-क़ायदा (AQIS) और इसके विभिन्न रूप
  • इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रोविंस (ISKP)/ISIS विलायत खुरासान/इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक और शाम-खुरासान (ISIS-K) और इनके अन्य सभी प्रतिरूप.
  • खालिस्तान लिबरेशन फ़ोर्स (KLF) और इसके अन्य सभी प्रतिरूप.

वर्तमान परिदृश्य

राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (National Investigation Agency – NIA) ने पिछले तीन वर्षों  में UAPA के अन्दर कार्रवाई करके 418 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, परन्तु इस प्रकार की गिरफ्तारी राज्यों की पुलिस ने कितनी की हैं, उसका ब्यौरा केंद्र सरकार संधारित नहीं करती.

पिछले तीन वर्षों में भारत सरकार ने किसी भी प्रतिबंधित संगठन को प्रतिबंधित से मुक्त नहीं किया है. इसी प्रकार UAPA के अन्दर गिरफ्तार कोई व्यक्ति मुक्त नहीं गया है.

राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA)

  • राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी भारत में आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संघीय जाँच एजेंसी है.
  • यह केन्द्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य करती है.
  • एजेंसी राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंक संबंधी अपराधों से निपटने के लिए सशक्त है.
  • एजेंसी 31 दिसम्बर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय जाँच एजेंसी विधेयक 2008 के लागू होने के साथ अस्तित्व में आई थी.
  • राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को 2008 के मुंबई हमले के बाद स्थापित किया गया, क्योंकि इस घटना के बाद आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी की जरूरत महसूस की गई.
  • इसके संस्थापक महानिदेशक राधा विनोद राजू थे जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 2010 को समाप्त हुआ.
  • आतंकी हमलों की घटनाओं, आतंकवाद को धन उपलब्ध कराने एवं अन्य आतंक संबंधित अपराधों का अन्वेषण के लिए NIA का गठन किया गया जबकि CBI आतंकवाद को छोड़ भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों एवं गंभीर तथा संगठित अपराधों का अन्वेषण करती है.

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